" एक मर्द और औरत को अपने बीच सही अंतर बनाएं रखना चाहिए। मेरा आपको पकड़ना गलत होगा।" उसके शब्द स्पष्ट थे।
" अरे तुम बोहोत ज्यादा सोच रहे हो। यहां हम दोनों के अलावा कोई नहीं है। मेरी मदद कर दो।" उसने सब्र बनाएं रखा।
राजकुमार ने फिर उसे घुरा वो उसकी प्यारी सि मुस्कान के पीछे का राज जानने कि कोशिश कर रहे थे। उस लड़के को अब भी विश्वास नहीं हो रहा यही सोच राजकुमारी ने नया तरीका अपनाया।
" ठीक है मे तुम्हें सब सच बताती हू। यहां अंदर एक पागल बूढ़ा है, जो मेरी जबरदस्ती किसी ओर बूढ़े से शादी करवाना चाहते है। में आज अगर यहां से नहीं भागी, तो तुम्हारी इस बहन की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। मेरी मदद कर दो।" उसने डबडबाई आंखों से उसे देखा।
" अगर ऐसी बात है। तो मे खुद उनसे बात कर के आपकी मदद करूंगा। इंतेज़ार कीजिए।" वो अंदर आने के इरादे से घूमा।
" यूं स्टुपिड सिसी। तुम्हे समझ नहीं आता कब से कह रही हूं मुझे यहां से नीचे उतरना है।" अब उसका सब्र टूट गया था।
तभी पीछे से सैनिकों की आवाज आती है। " राजकुमारी फिर भागने की कोशिश कर रही है। सब यहां आ जाओ।"
"अब मेरी बात ठीक से सुनो मे नीचे आ रही हूं मुझे पकड़ लेना।" ये बात कह कर वो दीवार से नीचे कूद गई। उसके कूदते है राजकुमार अपनी जगह से हिल गए और राजकुमारी कीचड़ मे जा गिरी। तभी उनकी दासी मौली सिपाहियो के साथ वहा पुहोच जाती है। " राजकुमारी जल्दी उठये।" वो उसे उठने मे मदद करती है।
" मौली हम यहां क्या कर रहे है? वो भी इस हालत में?" आवाज में नरमी और बातो में मिजाज वापस लौट आए थे।
" मुझे माफ कर दीजीए राजकुमारी।" मौली ने उनके सामने देखने की हिम्मत नहीं की।
" मुझे माफ़ कर दीजिए जनाब। आप को हमे इस हालत में देखना पड़ा। हमे यकीन है आप इस नादान राजकुमारी को माफ कर पाएंगे।" इतने समय में पहली बार उसने बीना आंखे मिलाए राजकुमारियों वाले तौर तरीके को के साथ बात की थी।
वो अपनी दासी और सिपायोके साथ वहा से चली गई।
"राजकुमार क्या आप अंदर जाना चाहेंगे। आपके छोटे भाई पोहोंच चुके है।" रिहान राजकुमार के वफादार सेनापति कुछ समय मे वहा पोहोच गए।
" हा। अब तो अंदर जाने मे और भी मज़ा आएगा।" राजकुमार ने कुछ सोचते हुए जवाब दिया। " चलो चलते है।"
जगह : राजकुमारी शायरा का कमरा
राजकुमारी तैयार हो रही थी।
मौली " मुझे माफ कर दीजीए राजकुमारी। इस दासी से गलती हो गई।"
"मौली क्या हमने कभी तुमसे दासी वाला बर्ताव किया? हमने हमेशा तुम्हे छोटी बहन समझा पर तुम अपनी इस बहन को लोगो के सामने लज्जीत होने से भी बचा नहीं पाई?" राजकुमारी ने गुस्से में पूछा।
" मौली आपसे वादा करती हैं। आज के बाद कभी भी जब आप अपने आपे मे नहीं होगी मे मौली कभी भी आपको लज्जित नहीं होने दूंगी। मुझे माफ़ कर दीजिए।" मौली ने रोते रोते माफी मांगी।
" हमे अभी भी तुम पर यकीन है मौली। तुम जानती हो हमारे साथ कुछ गलत हो रहा है। हम सिर्फ तुम पर भरोसा करते है।"
" मौली आपका भरोसा कभी टूटने नहीं देंगी राजकुमारी। मौली मर जाएगी पर अपनी राजकुमारी से दगा बाजी कभी नहीं करेगी।" मौली ने राजकुमारी के बाल सेहलाते हुए कहा । " हमे जल्दी करना चाहिए राजकुमार को इंतेज़ार कराना अच्छा नहीं होगा।"
राजकुमारी की हा के साथ उसने उनके बाल बनाना शुरु किया।
जगह : वजीर की हवेली का दरबार
ऊची जगह आठवें राजकुमार बैठे है। उनके दाई ओर वजीर अपनी पहली बीवी के साथ बैठे है। दाई और राजकुमार के भाई विरप्रताप बैठे होते है। तभी चारो तरफ से पर्दा किए राजकुमारी शायरा और मौली दरबार में आते है।
" राजकुमारी शायरा का प्रणाम स्वीकार करे। राजकुमार । मां- बाबा। छोटे राजकुमार।" उनकी नजरे अभी भी झुकी हुई थी।
" बेटी अपनी नजरे उठाओं राजकुमार तुम्हे देखना चाहते है।" वजीर ने फ़रमान दिया।
" माफ कर दीजिए राजकुमार। बाबा ये नादान राजकुमारी इतने महान राजकुमार के आगे अपनी नजरे नहीं उठा सकती। राजकुमारी मे इतनी हिम्मत नहीं है।" उसने अपने राजसी अंदाज में जवाब दिया।
" पर बेटी...." वजीर आगे कुछ बोल पाए उसके पहले ही राजकुमार ने हाथ उठा उन्हे रोक दिया।
" इस राजकुमार ने आप के बुद्धिमता के किस्से सुने है। राजकुमार अपनी जानकारी भी बढ़ाना चाहेंगे। क्या आप हमे बता सकती है स्टुपिड सिसी का क्या मतलब होता है?" राजकुमार ने सवाल किया।
" राजकुमार यकीनन इस नादान राजकुमारी का मजाक बना रहे है। राजकुमारी ने ये शब्द आज पहली बार सुने है। क्या राजकुमारी इनका मतलब जान सकती है? " शायराने जवाब दिया।
" दिलचस्प। यकीनन दिलचस्प। अगले सप्ताह का एक दिन चुन लीजिए वजीर जी। हम राजकुमारी को विदा कर अपने महल ले जाएंगे।" राजकुमार ने अपना फ़रमान सुनाया।