चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 23 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 23

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

23

ये बहुत ही शानदार बातें होतीं। कभी कभी उदास कर देने वाली। हम उजाड़ समुद्र तट पर पतझड़ के दिनों में गोधूलि की वेला में चलते बातें करते रहते। नाट अपने कैरियर की अंतिम पायदान पर थे और मैं अपना कैरियर शुरू कर रहा था।

जब मैंने कारमैन का संपादन पूरा कर लिया तो मैंने फटाफट अपना थोड़ा बहुत सामान समेटा और अपने ड्रेसिंग रूम से सीधे ही स्टेशन की तरफ लपका ताकि न्यू यार्क के लिए छ: बजे की ट्रेन पकड़ सकूं। मैंने सिडनी को एक तार भेज दिया कि मैं कब चलूंगा और कब पहुंचूंगा।

ये धीमी गति वाली गाड़ी थी और न्यू यार्क पहुंचने में पांच दिन लगाती थी। मैं एक खुले कम्पार्टमेंट में अकेला बैठा हुआ था। उन दिनों मेरे कॉमेडी मेक अप के बिना मुझे पहचाना नहीं जा सकता था। हम अमारिलो, टैक्सास, होते हुए दक्षिणी रूट से जा रहे थे। गाड़ी वहां शाम को सात बजे पहुंचती थी। मैंने दाढ़ी बनाने का फैसला किया लेकिन मुझसे पहले ही वाशरूम में दूसरे मुसाफिर चले गये थे, इसलिए मैं इंतज़ार कर रहा था। नतीजा ये हुआ कि गाड़ी जब अमारिलो पहुंचने को थी, मैं अभी भी अपना अंडरवियर ही पहने था। जैसे-जैसे गाड़ी ने स्टेशन में प्रवेश किया, हमें अचानक शोर शराबे भरी उत्तेजना ने घेर लिया। वाशरूम की खिड़की से झांकते हुए मैंने देखा कि स्टेशन पर बेइंतहा भीड़ जुटी हुई है। चारों तरफ, एक खंबे से दूसरे खम्बे तक झंडियां और पताकाएं लहरा रही थीं। प्लेटफार्म पर कई लम्बी मेजें लगी हुई थीं जिन पर नाश्ता सजा हुआ था। मैंने सोचा, किसी स्थानीय राजा के स्वागत या विदाई के लिए ये सारा ताम-झाम हो रहा होगा। मैंने अपने चेहरे पर क्रीम लगानी शुरू की। लेकिन उत्तेजना थी कि बढ़ती ही जा रही थी। और फिर स्पष्ट आवाज़ें आनी लगीं,"कहां हैं वे?", तभी डिब्बे में भगदड़ मच गयी। गलियारे में लोग-बाग शोर मचाते हुए आगे से पीछे और पीछे से आगे भागे जा रहे थे।

"कहां है वे?, चार्ली चैप्लिन कहां हैं?"

"जी कहिये!," मैंने कहा।

"अमारिलो, टैक्सास के मेयर की ओर से तथा आपके सभी प्रशंसकों की ओर से हम आपको आमंत्रित करते हैं कि आप हमारे साथ एक कोल्ड ड्रिंक और नाश्ता लें।"

मुझे अचानक हड़बड़ाहट की भावना ने घेर लिया।

"मैं इस हालत में कैसे जा सकता हूं?" मैंने शेविंग क्रीम के पीछे से कहा।

"ओह, आप किसी भी बात की परवाह न करें। चार्ली, बस ड्रेसिंग गाउन डाल लें और जनता से मिल लें।"
जल्दी जल्दी में मैंने अपना चेहरा धोया और अध शेव की हालत में कमीज और टाई डाली और अपने कोट के बटन बंद करता हुआ ट्रेन से बाहर आया।

तालियों की गड़गड़ाहट से मेरा स्वागत किया गया। मेयर साहब ने कहने की कोशिश की: "मिस्टर चैप्लिन, अमारिलो के आपके प्रशंसकों की ओर से ...", लेकिन लगातार तालियों और हो-हल्ले के बीच उनकी आवाज़ डूब गयी। उन्होंने एक बार फिर से बोलना शुरू किया, "मिस्टर चैप्लिन, अमारिलो के आपके प्रशंसकों की ओर से मैं ..." तब भीड़ ने आगे की तरफ धक्का लगाया और मेयर मेरे ऊपर आ गिरे, और हम दोनों ही ट्रेन से जा टकराये। और एक पल के लिए हालत ये हो गयी कि स्वागत भाषण गया तेल लेने, पहले खुद की जान बचायी जाये।

"पीछे हटो," भीड़ को पीछे धकेलते हुए और हमारे लिए रास्ता बनाते हुए पुलिस वाले चिल्लाये।

पूरे समारोह के लिए ही मेयर साहब के उत्साह पर पानी फिर चुका था और पुलिस तथा मेरे प्रति थोड़ी चिड़चिड़ाहट के साथ वे बोले, "ठीक है चार्ली, पहले हम ये सब खाना पीना ही निपटा लें, फिर आप अपनी ट्रेन में सवार हो जाना।"

मेजों पर धक्का-मुक्की के बाद चीजें थोड़ी शांत हुईं और आखिरकार मेयर साहब अपना भाषण देने में सफल हुए। उन्होंने मेज पर चम्मच ठकठकायी और बोले,"मिस्टर चैप्लिन, अमारिलो, टैक्सास के आपके मित्र उस खुशी के लिए आपके प्रति अपना आभार प्रकट करना चाहते हैं जो आपने उन्हें उनकी तरफ से सैंडविच और कोला कोला की ये दावत स्वीकार करके उन्हें दी है।"

अपना प्रशस्ति गान पूरा कर लेने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं कुछ कहना चाहूंगा। उन्होंने मुझसे आग्रह किया कि मैं मेज पर ही चढ़ जाऊं। मेज पर चढ़ कर मैं इस आशय के कुछ शब्द बुदबुदाया कि मैं अमारिलो में आ कर बेहद खुश हूं और इस आश्चर्यजनक, रोमांचक स्वागत पा कर बहुत हैरान हूं और मैं इसे अपनी बाकी की ज़िदगी के लिए याद रखूंगा। वगैरह वगैरह। तब मैं बैठ गया और मेयर से बात करने की कोशिश करने लगा।

मैंने उनसे पूछा कि आखिर उन्हें मेरे आगमन का पता ही कैसे चला।

"टैलिग्राफ ऑपरेटर के जरिये," उन्होंने बताया, उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने जो तार सिडनी को भेजा था, वह अमारिलो से रिले हो कर गया था इसके बाद कैन्सास सिटी, शिकागो और न्यू यार्क गया था वह तार। और ऑपरेटरों ने ये खबर प्रेस को दे दी थी।

जब मैं ट्रेन में लौटा तो अपनी सीट पर जा कर विनम्रता की मूर्ति बन कर बैठ गया। एक पल के लिए मेरा दिमाग एकदम सुन्न हो गया था। तभी पूरा का पूरा डिब्बा ही लोगों की आवा-जाही से गुलज़ार हो उठा। लोग गलियारे से गुज़रते, मेरी तरफ घूर कर देखते और खींसे निपोरते। जो कुछ अमारिलो में हो गया था उसे न तो मैं मानसिक रूप से पचा ही पा रहा था और न ही ढंग से उसका आनंद ही ले पाया था। मैं बेहद उत्तेजित था। मैं तनाव में बैठा रहा। एक ही वक्त में अपने आप को ऊपर और हताश महसूस करते हुए।

ट्रेन के छूटने से पहले मुझे कई तार थमा दिये गये थे। एक में लिखा था,"स्वागत चार्ली, हम कन्सास सिटी में आपकी राह देख रहे हैं।" दूसरा था: "जब आप शिकागो पहुंचेंगे तो एक लिमोजिन आपकी सेवा में हाज़िर होगी ताकि आप एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर जा सकें।" तीसरे तार में लिखा था: "क्या आप रात भर के लिए ठहरेंगे और ब्लैकस्टोन होटल के मेहमान बनेंगे!!" जैसे जैसे हम कैन्सास सिटी के निकट पहुंचते गये, रेल की पटरियों के दोनों तरफ लोग खड़े थे और शोर मचाते हुए अपने हैट हिला रहे थे।

कैन्सास सिटी का बड़ा-सा रेलवे स्टेशन लोगों के हुजूम से अटा पड़ा था। बाहर जमा हो रही और भीड़ को काबू में पाने में पुलिस को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा थ। ट्रेन के सहारे एक नसैनी लगा दी गयी थी ताकि मैं ट्रेन की छत पर चढ़ सकूं और सबको अपना चेहरा दिखा सकूं। मैंने अपने आपको वही शब्द दोहराते हुए सुना जो मैं अमारिलो में बोल कर आया था। मेरे लिए और तार इंतज़ार कर रहे थे: "क्या मैं स्कूलों और संस्थाओं में जाऊंगा!!" मैंने सारे तार अपने सूटकेस में ठूंस लिये ताकि न्यू यार्क में उनका जवाब दिया जा सके। कन्सास सिटी से ले कर शिकागो के रास्ते में भी लोग वैसे ही रेल जंक्शनों पर और खेतों में खड़े थे और जब उनके सामने से ट्रेन गुज़रती तो हाथ हिलाते। मैं बिना किसी पूर्वाग्रह के इस सबका आनंद लेना चाहता था लेकिन मैं यही सोचता रहा कि दुनिया जो है पागल हो गयी है। अगर कुछ स्वांग भरी कॉमेडी फिल्में इस तरह की उत्तेजना जगा सकती हैं तो क्या सारी ख्याति के बारे में कुछ ऐसा नहीं था जो नकली था। मैंने हमेशा सोचा था कि जनता मेरी तरफ ध्यान दे तो मुझे अच्छा लगेगा और अब जब जनता मुझे सिर आंखों पर बिठा रही थी तो मुझे अकेलेपन की हताश करने वाली भावना का साथ मुझे अलग-थलग करती जा रही थी।

शिकागो में जहां पर ट्रेन और स्टेशन बदलना ज़रूरी था, बाहर जाने के रास्ते पर भीड़ जुटी हुई थी और मुझे धकेल कर एक लिमोजिन में बिठा दिया गया। मुझे ब्लैकस्टोन स्टेशन ले जाया गया और न्यू यार्क के लिए अगली ट्रेन पकड़ने तक आराम करने के लिए एक सुइट दे दिया गया।

ब्लैकस्टोन होटल में न्यू यार्क के पुलिस प्रमुख की तरफ से एक तार आया जिसमें मुझसे अनुरोध किया गया था कि मैं उन पर ये अहसान करूं कि तय शुदा कार्यक्रम के अनुसार ग्रैंड सेन्ट्रल स्टेशन पर उतरने के बजाये 125वीं स्ट्रीट पर ही उतर जाऊं क्योंकि वहां आपके आने की उम्मीद में अभी से भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है।

125वीं स्ट्रीट पर सिडनी एक लिमोजिन ले कर मुझे लेने आया था। वह तनाव और उत्तेजना में था। वह फुसफुसाया,"क्या ख्याल है इस सबके बारे में। स्टेशन पर सुबह से लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गयी है। और जब से तुम लॉस एंजेल्स से चले हो, प्रेस रोज़ाना बुलेटिन जारी कर रही है।" उसने मुझे एक अखबार दिखाया जिसमें बड़े बड़े फांट में लिखा था, "वो यहां है!!"

दूसरी हैड लाइन थी: "चार्ली छुपते फिर रहे हैं।"

होटल जाते समय रास्ते में उसने बताया कि उसने म्युचूअल फिल्म कार्पोरेशन के साथ एक सौदा किया है जिसमें मुझे छ: लाख सत्तर हज़ार डॉलर मिलेंगे और ये मुझे दस हज़ार डॉलर प्रति सप्ताह के हिसाब से दिये जायेंगे और बीमे का टेस्ट पास कर लेने के बाद मुझे करार के लिए साइनिंग राशि के रूप में पन्द्रह लाख डॉलर दिये जायेंगे।

वकील के साथ उसकी एक लंच मीटिंग थी जिसमें उसे बाकी सारा दिन लग जाने वाला था। इसलिए वह मुझे प्लाज़ा में, जहां उसने मेरे लिए एक कमरा बुक करवा रखा था, छोड़ने के बाद चला जायेगा और मुझसे अगली सुबह मिलेगा।

जैसा कि हेमलेट कहता है: "अब मैं अकेला हूं!!" उस दोपहर मैं गलियों में भटकता रहा और दुकानों की खिड़कियों में देखता रहा, और बेवजह गलियों के नुक्कड़ों पर रुकता रहा। अब मेरा क्या होगा। यहां मैं था अपने कैरियर के शिखर पर। एकदम चुस्त दुरुस्त कपड़ों में, और मेरे पास कोई जगह नहीं थी जहां मैं जाता। लोगों से, रोचक लोगों से कोई कैसे मिलता है!!

मुझे ऐसा लगा कि हर कोई मुझे जानता है लेकिन मैं किसी को भी नहीं जानता था। मैं अंतर्मुखी हो गया। अपने आप पर दया आने लगी और मुझ पर उदासी तारी होने लगी।

मुझे याद है एक बार कीस्टोन के एक सफल कॉमेडियन ने कहा था,"और अब चूंकि हम पहुंच चुके हैं, चार्ली, ये सब क्या है।"

"कहां पहुंचे हैं?" मैंने पूछा था।

मुझे नाट गुडविन की सलाह याद आयी,"ब्रॉडवे से दूर ही रहना।" जहां तक मेरा सवाल है, ब्रॉडवे मेरे लिए रेगिस्तान है। मैंने उन पुराने दोस्तों के बारे में सोचा जिन्हें मैं सफलता के इस भव्य शिखर पर मिलना चाहूंगा। क्या मेरे पुराने दोस्त थे न्यू यार्क में या लंदन में या कहीं भी। मैं किसी खास दोस्त से मिलना चाहता था। शायद केली हैट्टी से। मैं जब से फिल्मों में आया था, मैंने उसके बारे में नहीं सुना था। उसकी प्रतिक्रिया मज़ेदार होती।

उस वक्त वह न्यू यार्क में अपनी बहन के पास रह रही थी। मिसेज फ्रैंक गॉल्ड। मैं फिफ्थ एवेन्यू तक चल कर गया। उसकी बहन का पता था - 834। मैं घर के बाहर एक पल के लिए ठिठका। हैरान हो कर सोचता रहा कि वह वहां होगी या नहीं लेकिन मैं दरवाजा खटखटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। शायद वह खुद बाहर आ जाये और मैं अचानक ही उसे मिल जाऊं। मैं वहां पर लगभग आधा घंटे तक इंतज़ार करता रहा, गली के चक्कर काटता रहा लेकिन कोई बाहर नहीं आया और न ही कोई अंदर ही गया।

मैं कोलम्बस सर्कल पर चाइल्ड्स रेस्तरां में चला गया और आटे के केक और कॉफी का आर्डर दिया। मुझे लापरवाही भरे अंदाज में सर्व किया गया। तब मैंने वेटर को मक्खन के एक और के लिए आर्डर दे दिया। तभी उसने मुझे पहचान लिया। उसके बाद तो बस चेन रिएक्शन शुरू हो गया और भीतर तथा बाहर खूब भीड़ जुट आयी। भीड़ में से किसी तरह से अपने लिए रास्ता बनाना पड़ा और वहां से जाती एक टैक्सी ले कर गायब हो जाना पड़ा।

दो दिन तक मैं बिना किसी से परिचित से मिले न्यू यार्क में भटकता रहा। मैं खुशगवार उत्तेजना और हताशा के बीच डूब उतरा रहा था। इस बीच बीमा डॉक्टर ने मेरी जांच कर ली थी। कुछ दिन बाद सिडनी होटल में आया। वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था,"सब कुछ तय हो गया है। तुमने बीमा टेस्ट पास कर लिया है।"

इसके बाद शुरू हुईं करार पर हस्ताक्षर करने की औपचारिकताएं। डेढ़ लाख का चेक लेते हुए मेरे फोटो लिये गये। उस शाम मैं टाइम्स स्क्वायर में भीड़ के बीच खड़ा था जब टाइम्स बिल्डिंग पर इलैक्ट्रिक साइन पर खबर आ रही थी - "चैप्लिन ने म्युचूअल के साथ 670000 डॉलर सालाना पर करार किया।"

मैं खड़ा देखता रहा और इसे वस्तुपरक हो कर पढ़ता रहा मानो ये सब किसी और के लिए हो। मुझ पर इतना कुछ बीत चुका था कि मेरी संवेदनाएं चुक गयी थीं।