चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 21 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 21

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

21

कीनोट कम्पनी को छोड़ना मेरे लिए तकलीफदेह था क्योंकि मैं वहाँ पर सेनेट और दूसरे सभी लोगों का प्रिय व्यक्ति बन चुका था। मैंने किसी से भी विदा के दो शब्द नहीं कहे; मैं कह ही नहीं सका। ये सब शुष्क, आसान तरीके से हो गया। मैंने शनिवार की रात को अपनी फिल्म का संपादन पूरा किया और अगले सोमवार मिस्टर एंडरसन के साथ सेन फ्रांसिस्को के लिए रवाना हो गया जहाँ पर हमें उनकी हरे रंग की नयी मर्सडीज़ कार के दर्शन हुए। हम सेंट फ्रांसिस होटल में सिर्फ लंच के लिए ही रुके उसके बाद में नाइल्स चले गए। वहाँ पर एंडरसन का अपना एक छोटा सा स्टूडियो था और उसमें उन्होंने एसेने कम्पनी के लिए ब्रांको बिली वेस्टर्न्स बनायी थी (एसेने स्पूअर और एंडरसन के पहले अक्षरों को मिलाकर बनाया गया नाम था)।

नाइल्स सैन फ्रांसिस्को से बाहर की ओर एक घंटे की ड्राइव की दूरी पर था और रेल की पटरियों के पास बसा हुआ था। एक छोटा सा शहर था और वहाँ की आबादी चार सौ की थी और वहाँ का काम धंधा लसुन घास तथा पशुपालन था। स्टूडियो लगभग चार मील बाहर की ओर एक खेत के बीचों-बीच बना हुआ था। जब मैंने इसे देखा तो मेरा दिल डूबने लगा क्योंकि इससे कम प्रेरणादायक कुछ और हो ही नहीं सकता था। इसकी काँच की छत थी, जहाँ पर गर्मियों में काम करना बेहद मुश्किल हो जाता था। एंडरसन के कहा कि वे मेरे लिए मेरी पसंद का और कॉमेडी बनाने के लिए बेहतर तरीके से सुसज्जित स्टूडियो शिकागो के आसपास ढूंढेंगे। मैं नाइल्स में सिर्फ एक ही घंटा रहा और एंडरसन अपने स्टाफ के साथ कुछ कामकाज़ निपटाते रहे। तब हम दोनों फिर से सैन फ्रांसिस्को के लिए चल पड़े। वहाँ से हमने शिकागो के लिए यात्रा शुरू की।

मुझे एंडरसन अच्छे लगे थे। उनमें एक खास तरह का आकर्षण था। रेल यात्रा में उन्होंने मेरी एक भाई की तरह देख भाल की और अलग-अलग स्टेशनों पर कैन्डी और पत्रिकाएं ले आते। वे लगभग 40 बरस के शर्मीले और चुप्पे व्यक्ति थे और जब कारोबार की चर्चा की जाती वे बड़े इत्मीनान के साथ कह देते,"इसके बारे में चिंता मत करो। सब ठीक हो जाएगा।" वे बहुत कम बात करते थे और हमेशा ख्यालों से घिरे रहते। इसके बावजूद मैंने महसूस किया कि वे भीतर ही भीतर काइयाँ थे।

यात्रा रोचक थी। ट्रेन में तीन व्यक्ति थे जिन्हें हमनें पहली बार डाइनिंग कार में देखा। उनमें से दो तो संपन्न लग रहे थे, लेकिन तीसरा बेतरतीब-सा लगने वाला साधारण सा आदमी था। उन तीनों को एक साथ खाना खाते देख हमें हैरानी हुई। हमने अंदाज़ा लगाया कि दो व्यक्ति तो इंजीनियर हो सकते हैं और तीसरा सड़क छाप आदमी छोटे-मोटे काम करने के लिए मज़दूर रहा होगा। जब हम डाइनिंग कार से चले तो उनमें से एक हमारे कूपे में आया, अपना परिचय दिया। उसने बताया कि वह सेंट लुईस का शेरिफ है और उसने ब्रांको बिली को पहचान लिया है। वे फाँसी दिए जाने के लिए एक कैदी को सैन क्विंटन जेल से वापिस सेंट लोइस लिए जा रहे हैं और चूंकि वे कैदी को अकेला नहीं छोड़ सकते हैं, क्या हम उनके कूपे में आकर ज़िला एटॉर्नी से मिलना पसंद करेंगे?

शेरिफ ने विश्वास के साथ कहा,"हमने सोचा कि आपको परिस्थितियों के बारे में जानना अच्छा लगेगा। ये जो कैदी है, इसका अच्छा-खासा आपराधिक रिकार्ड है। जब अधिकारी ने इसे सेंट लोइस में गिरफ्तार किया तो इस बंदे ने कहा कि उसे अपने कमरे में जाकर अपने ट्रंक में से कुछ कपड़े-लत्ते लाने की इजाज़त दी जाए और जिस वक्त वह अपने ट्रंक में सामान तलाश रहा था, तो अचानक ही वह अपनी बंदूक के साथ घूमा और अफसर को गोली मार दी और तब भाग कर कैलिफोर्निया चला गया। वहाँ पर उसे सेंधमारी करते हुए पकड़ा गया और तीन बरस की सज़ा दी गयी और जब वह बाहर निकला तो जिला एटॉर्नी और मैं उसका इंतज़ार कर रहे थे। यह एकदम साफ मामला है - हम उसे फाँसी देंगे।" उसने जोश के साथ कहा।

एंडरसन और मैं उनके कूपे में गए। शेरिफ हँसोड़ मोटा-सा आदमी था, जिसके चेहरे पर सदाबहार मुस्कुराहट और आँखों में चमक बसी हुई थी। जिला एटॉर्नी कुछ ज्यादा-ही गंभीर आदमी था।

अपने मित्र से हमारा परिचय कराने के बाद शेरिफ ने कहा,"बैठ जाइए।" तब वह कैदी की तरफ मुड़ा,"और ये हैंक है।" कहा उसने, "हम इसे सेंट लोइस वापस ले जा रहे हैं, जहाँ पर वह फंसेगा अपनी किस्‍मत के घेरे में।"

हैंक विद्रूपता से हँसा लेकिन कुछ कहा नहीं। वह लगभग 45-46 बरस का छ: फुटा आदमी था। उसने यह कहते हुए एंडरसन से हाथ मिलाया, "ब्रांको बिली, मैंने आपको कई बार देखा है और हे भगवान! आप कैसे उन्हें बंदूकें थमाते हैं और उन्हें धराशायी कर देते हैं, मैंने आज तक नहीं देखा।" हैंक मेरे बारे में बहुत कम जानता था। उसने बताया: वह तीन बरस तक सैन क्विंटन में रहा था, "और बाहरी दुनिया में ऐसा बहुत कुछ चलता रहता है, जिसके बारे में आपको पता ही नहीं चलता।"

हालांकि हम सब बहुत सहज़ता से बात कर रहे थे लेकिन एक भीतरी तनाव था, जिससे उबर पाना मुश्किल लग रहा था। मैं सकते में था कि क्या कहूँ इसलिए मैं शेरिफ के जुमले पर खींसे निपोरने लगा।

"ये एक बहुत मुश्किल दुनिया है।" ब्रांको बिली ने कहा।

"हाँ, सो तो है।" शेरिफ ने कहा,"हम इसे कम मुश्किल बनाना चाहते हैं। हैंक इस बात को जानता है।"

"बेशक!" हैंक ने उपहास करते हुए कहा।

शेरिफ ने उपदेश देना शुरू कर दिया,"यही बात मैंने हैंक से कही थी जब वह सैन क्विंटन से बाहर आया था। मैंने उससे कहा कि अगर वह हमारे साथ ज्यादा सयानापन दिखाएगा तो हम भी उसके साथ वैसे ही पेश आएँगे। हम हथकड़ियों का इस्तेमाल करना या ताम झाम फैलाना नहीं चाहते; हमने उसके पैर में सिर्फ बेड़ी डाल रखी हैं।"

"बेड़ी! वो क्या होती है?" मैंने पूछा।

"आपने कभी बेड़ी नहीं देखी है?" शेरिफ ने पूछा

"अपने पैंट ऊपर करो, हैंक।"

हैंक ने अपना पाइँचा ऊपर किया और वहाँ पर लगभग पाँच इंच लंबी और तीन इंच मोटी निकल प्लेटेड बेड़ी उसके टखने के चारों ओर जकड़ी हुई थी और उसका वज़न 40 पौंड रहा होगा। इससे बातचीत बेड़ियों की नयी नयी किस्मों की तरफ मुड़ गयी। शेरिफ ने बताया कि इस खास बेड़ी में अंदर की तरफ रबर की परत चढ़ी हुई है, जिससे कैदी को आसानी हो जाती है।

"क्या ये इसके साथ ही सोता है?" मैंने पूछा।

"ये तो भई, निर्भर करता है।" शेरिफ ने हैंक की तरफ सकुचाते हुए देखते हुए कहा।

हैंक की मुस्कुराहट उदास और रहस्यमय थी।

हम उनके साथ डिनर के समय तक बैठे रहे और जैसे-जैसे दिन ढलता गया, बातचीत उस तरीके की ओर मुड़ गयी जिसमें हैंक को फिर से गिरफ्तार किया गया था। शेरिफ ने बताया था कि जेल-सूचना के आदान-प्रदान से उन्हें फोटो और उँगलियों के निशान मिले थे और उन्हें यकीन हो गया कि हैंक ही वह आदमी है जिसकी उन्हें तलाश है। इसलिए जिस दिन हैंक को रिहा किया जाना था, वे सैन क्विंटन की जेल के दरवाज़े पर पहुँच गए थे।

"हाँ!" अपनी छोटी-छोटी आँखें टिमटिमाते हुए और शेरिफ और हैंक की तरफ देखते हुए शेरिफ बोले,"हम सड़क के दूसरी तरफ इसका इंतज़ार करने लगे। बहुत जल्द ही जेल के गेट के एक तरफ वाले दरवाज़े से हैंक बाहर आया।" शेरिफ अपनी अनामिका उँगली अपनी नाक के पास ले गए और धीरे से व्यंगपूर्ण हँसी के साथ हैंक की दिशा में इशारा करते हुए बोले,"मेरा ख्याल है, यही वह व्यक्ति है, जिसकी हमें तलाश है।"

एंडरसन और मैं मंत्रमुग्ध उसे सुनते रहे,"इसलिए हमने उसके साथ सौदा किया" शेरिफ ने कहा,"अगर वह हमारे साथ चालबाज़ी करेगा तो हम उसे सीधा कर देंगे।" हम इसे नाश्ते के लिए ले गए और उसे गरमा गरम केक और अंडे खिलाए और देखिए इसे फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहा है। हथकड़ी और बेड़ी में मुश्किल से ले जाए जाने से तो यह बेहतर ही है।"

हैंक मुस्कुराया और भुनभुनाया,"अगर मैं चाहता तो मैं आपके साथ प्रत्यार्पण के मामले पर लड़ सकता था।"

शेरिफ ने उसे ठंडेपन से देखा,"उससे तुम्हारा कोई खास भला न हुआ होता, हैंक।" उन्होंने धीरे से कहा,"इससे बस मामूली सी देर ही होती। क्या आराम से फर्स्ट क्लास में जाना बेहतर नहीं हैं?

"मेरा ख्याल है, बेहतर ही है।" हैंक ने कंधे उचकाए।

जैसे जैसे हम हैंक की मंज़िल के नज़दीक आ रहे थे, उसने लगभग प्यार भरे स्वर में सेंट लोईस में जेल के बारे में बातें करनी शुरू कर दीं। उसने दूसरे कैदियों द्वारा अपना मुकदमा लड़े जाने की प्रत्याशा से ही खुशी हो रही थी,"मैं तो बस सोच रहा हूँ कि जब मैं कंगारू कोर्ट के सामने पहुंचूंगा तो वे गोरिल्ला मेरे साथ क्या करेंगे। जरा सोचो तो। वे मेरा तंबाखू और मेरी सिगरेटें मुझसे ले लेंगे।"

शेरिफ और एटॉर्नी का हैंक के साथ संबंध ठीक वैसा ही था जैसी उस सांड के साथ मैटाडोर का दुलार होता है, जिसे वो मारने वाला है। जब वे ट्रेन से उतरे तो ये दिसंबर का आखिरी दिन था और जब हम अलग हुए तो शेरिफ और एटॉर्नी ने हमें नववर्ष की शुभकामनाएँ दीं। हैंक ने भी उदासी से यह कहते हुए हाथ मिलाए कि सारी अच्छी चीज़ों का अंत होता ही है। यह तय कर पाना मुश्किल था कि उसे विदा कैसे दी जाए। उसका अपराध क्रूरतापूर्ण और कायरपने का था। इसके बावजूद मैंने पाया कि मैं उसे शुभकामना के दो शब्द कह रहा हूँ जिस वक्त वह अपनी भारी बेड़ी के साथ ट्रेन से लंगड़ाता हुआ उतर रहा था। बाद में हमें पता चला था कि उसे फाँसी दे दी गयी थी।

जब हम शिकागो पहुँचे तो हमारा स्वागत मिस्टर स्पूअर के बजाय स्टूडियो मैनेजर ने किया। उसने बताया कि मिस्टर स्पूअर कारोबार के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं और नए वर्ष की छुट्टियों तक वापस नहीं आएंगे। मुझे नहीं लगा कि मिस्टर स्पूअर की गैर हाज़िरी से इस वज़ह से कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है कि नए वर्ष की शुरुआत से पहले स्टूडियो में कुछ भी नहीं होने वाला। इस बीच मैंने नव वर्ष की पूर्व संध्या एंंडरसन, उनकी पत्नी और परिवार के साथ बितायी। नव वर्ष के दिन एंडरसन यह आश्वासन देते हुए कैलिफोर्निया के लिए रवाना हो गए कि जैसे ही स्पूअर लौटेंगे वे सारे चीजों, जिनमें दस हजार डॉलर का बोनस शामिल है, को देख लेंगे। स्टूडियो औद्योगिक जिले में था और ज़रूर कभी गोदाम रहा होगा। सुबह के वक्त मैं वहाँ पहुँचा, न तो स्पूअर आए थे और न ही मेरे कारोबार की व्यवस्थाओं के बारे में कोई हिदायतें छोड़ गए थे। तुरंत ही लगा कि ज़रूर कुछ न कुछ गड़बड़ है और ऑफिस वाले जितना बताने को तैयार थे, उससे ज्यादा जानते थे। लेकिन उससे मैं परेशानी में नहीं पड़ा; मुझे यकीन था कि एक अच्छी फिल्म मेरी सारी समस्याओं को हल कर देगी, इसलिए मैंने प्रबंधक से पूछा कि क्या वह जानता है कि मुझे स्टूडियो स्टाफ के पूरा सहयोग मिलना है और उनकी सारी सुविधाओं को इस्तेमाल करने की पूरी छूट है।

"बेशक!" उसने ज़वाब दिया,"मिस्टर एंडरसन इस बारे में हिदायतें दे गए हैं।"

"तब तो मैं तुरंत काम करना चाहूँगा।" मैंने कहा।

"बेहतर है।" उसने जवाब दिया,"पहली मंजिल पर आपको सिनेरियो विभाग की मिस लॉयला पार्सन्स मिलेंगी, वे आपको पटकथा देंगी।"

"मैं दूसरे लोगों की पटकथाओं को इस्तेमाल नहीं करता। अपनी खुद की पटकथा लिखता हूँ।" मैंने पलटकर जवाब दिया।

मैं लड़ने भिड़ने के मूड में था क्योंकि वे सारी चीजों के बारे में और स्पूअर की अनुपस्थिति के बारे में बहुत हल्के तरीके से पेश आ रहे थे; स्टूडियो का स्टाफ अकड़ू था और बैंक क्लर्कों की तरह हाथ में सामान की मांग पर्ची लिये इधर उधर डोलता रहता था मानो वे गारंटी ट्रस्ट कम्पनी के सदस्य हों। उनका कारोबारी तरीके से पेश आना बहुत आकर्षक था लेकिन उनकी फिल्में नहीं। ऊपर वाली मंज़िल पर अलग अलग विभागों के बीच इस तरह के पार्टीशन डाले गये थे मानो बैंक के टेलरों के दड़बे हों। ये सब कुछ था लेकिन सृजनात्मक काम के लिए अनुकूल नहीं था। छ: बजते ही, इस बात की परवाह किये बिना कि दृश्य आधा हुआ है या नहीं, निर्देशक सब कुछ छोड़ छाड़ कर चल देता और बत्तियां बंद कर दी जातीं और सब लोग अपने अपने घर चले जाते।

अगली सुबह मैं कलाकारों का चयन करने वाले कास्टिंग के दफ्तर में गया। "मैं कुछ कलाकार चुनना चाहूंगा," मैंने शुष्कता से कहा,"इसलिए क्या आप अपनी कम्पनी के ऐसे लोगों के मेरे पास भेजने का कष्ट करेंगे जो फिलहाल काम में लगे हुए नहीं हैं?"

उन्होंने मेरे सामने ऐसे लोग हाज़िर कर दिये जो उनके ख्याल से मेरे काम के हो सकते थे। वहां पर भेंगी आंखों वाला एक आदमी था जिसका नाम बेन टर्पिन था जो रस्सी वगैरह का काम जानता था और उसके पास उन दिनों ऐसेने में कोई खास काम नहीं था। मैंने उसे हाथों-हाथ पसंद कर लिया, सो उसे चुन लिया। लेकिन कोई प्रमुख महिला पात्र नहीं थी। कई कई साक्षात्कार लेने के बाद एक आवेदक में कुछ संभावनाएं नज़र आयीं। वह एक खूबसूरत सी युवा लड़की थी जिसे कम्पनी ने हाल ही में करार पर रखा था। लेकिन, हे भगवान! मैं उसके चेहरे पर हाव भाव ला ही न सका। वह इतनी गयी गुज़री थी कि मैंने हार मान ली और उसे दफा कर दिया। कई बरसों के बाद ग्लोरिया स्वैनसन ने मुझे बताया था कि वही वह लड़की थी और कि ड्रामे में कुछ करने की महत्त्वाकांक्षा के चलते और स्वांग वाली चीजें पसंद न करने के कारण ही उस दिन उसने जान बूझ कर सहयोग नहीं दिया था।

फ्रांसिस एक्स बुशमैन, उस वक्त के ऐसेने के महान कलाकार ने उस जगह के प्रति मेरी नापसंदगी को ताड़ लिया, "आप स्टूडियो के बारे में जो कुछ भी सोचें," कहा उसने,"ये तो बस, विपरीत ध्रुवों वाला मामला है।" लेकिन ऐसा नहीं था। न तो मुझे स्टूडियो नापसंद था और न ही मुझे विपरीत धुव शब्द ही पसंद आया। परिस्थितियां बद से बदतर होती चली गयीं। जब मैं अपनी फिल्म के रशेज़ देखना चाहता तो वे पॉजिटिव पिंट का खर्चा बचाने के लिए मूल नेगेटिव फिल्म ही चला देते। इस बात ने मुझे डरा दिया। और जब मैंने इस बात की मांग की कि वे एक पॉजिटिव प्रिंट बनायें तो उन्होंने इस तरह के हाव भाव दिखाये मानो मैं उन्हें दिवालिया करने आ गया हूं। वे लोग संकीर्ण और आत्म तुष्ट थे। चूंकि वे फिल्म कारोबार में सबसे पहले आये थे, और उन्हें पेटेंट अधिकारों से सुरक्षा मिली हुई थी और इस तरह से वे फिल्म निर्माण में एकाधिकार रखते थे, अच्छी फिल्म बनाना उनका अंतिम उद्देश्‍य था। और हालांकि दूसरी कम्पनियां उनके पेटेंट अधिकार को चुनौती दे रही थीं और बेहतर फिल्में बना रही थीं, ऐसेने अभी भी अपने तौर तरीके बदलने को तैयार नहीं थे और हर सोमवार की सुबह ताश के पत्तों की तरह सिनेरियो का धंधा कर रहे थे।

मैंने अपनी पहली फिल्म लगभग पूरी कर ली थी। इसका नाम था हिज़ न्यू जॉब। दो हफ्ते बीत गये थे और अब तक मिस्टर स्पूअर के दर्शन नहीं हुए थे। न तो मुझे वेतन मिला था और न ही बोनस ही, इसलिए मैं तिरस्कार से भरा हुआ था।

"मिस्टर स्पूअर कहां पर हैं?" मैंने फ्रंट ऑफिस में जा कर जानना चाहा। वे परेशानी में पड़ गये और कोई संतोषजनक उत्तर न दे सके। मैंने अपनी नाराज़गी छुपाने की कोई कोशिश नहीं की और पूछा कि क्या हर बार वे अपना कारोबार इसी तरीके से करते हैं।

कई बरस बाद मैंने खुद मिस्टर स्पूअर से सुना था कि हुआ क्या था। ऐसा लगता है कि जब स्पूअर, जिन्होंने कभी मेरा नाम भी नहीं सुना था, को जब पता चला कि एंडरसन ने मुझे बारह सौ डॉलर प्रति सप्ताह और दस हज़ार डॉलर के बोनस पर एक बरस के लिए साइन कर लिया है तो उन्होंने हड़बड़ाते हुए एंडरसन को यह जानने के लिए एक तार भेजा कि कहीं वे पागल तो नहीं हो गये हैं और जब स्पूअर को पता चला कि एंडरसन ने मुझे जैस्स रॉबिन्स की सिफारिश पर सिर्फ एक जूए के तौर पर साइन किया है, उनकी चिंता दुगुनी हो गयी। उनके पास ऐसे ऐसे हँसोड़ थे जिनमें से सबसे अच्छे कलाकार सिर्फ पिचहत्तर डॉलर प्रति सप्ताह पर काम कर रहे थे और जो वे जो कॉमेडी बनाते थे, मुश्किल से उनका खर्चा ही निकल पाता था। इसलिए स्पूअर शिकागो से गायब ही हो गये थे।

अलबत्ता, जब वे लौटे तो अपने कई दोस्तों के साथ शिकागो के बड़े होटलों में से एक में खाना खा रहे थे तो उनकी हैरानी का ठिकाना न रहा जब दोस्तों ने उन्हें इस बात पर बधाई दी कि मैं उनकी कम्पनी में शामिल हो गया हूं। इसके अलावा चार्ली चैप्लिन के बारे में स्टूडियो कार्यालय में पहले से ज्यादा प्रचार होने लगा था। इसलिए उन्होंने सोचा कि एक आजमाइश करके देखी जाये। उन्होंने होटल के एक छोकरे को बुलवाया, उसे चौथाई डॉलर दिया और कहा कि वह पूरे होटल में घूम घूम कर चार्ली की तलाश के लिए आवाज़ लगाये। लड़का जैसे जैसे लॉबी में ये चिल्लाता घूमने लगा कि "चार्ली चैप्लिन के लिए फोन!!", लोग उसके आस पास जुटने लगे और आलम ये हो गया कि चारों तरफ उत्तेजना और हलचल मच गयी। मेरी लोकप्रियता से ये उनका पहला साबका था। दूसरी घटना फिल्म एक्सचेंज के दफ्तर में तब हुई थी जब वे वहां पर मौजूद नहीं थे; उन्होंने पाया कि मेरे फिल्म शुरू करने से पहले ही फिल्म की पैंसठ प्रतियों की अग्रिम बिक्री हो जाती थी। ऐसा आज तक नहीं हुआ था और जब तक मैं फिल्म पूरी करता, एक सौ तीस प्रिंट बिक चुके होते और अभी भी ऑर्डर आ रहे होते। उन्होंने तुरंत ही कीमत तेरह सेंट से बढ़ा कर पच्चीस सेंट प्रति फुट कर दी।

आखिरकार जब स्पूअर आये तो मैंने उनसे छूटते ही अपने वेतन और बोनस की बात की। वे तरह तरह से क्षमा मांग रहे थे और बता रहे थे कि वे अपने फ्रंट ऑफिस को मेरे सारे कारोबारी इंतज़ाम करने के लिए कह कर गये थे। उन्होंने करार नहीं देखा था लेकिन ये मान कर चल रहे थे कि उनके फ्रंट ऑफिस को इसके बारे में सब कुछ मालूम होगा।

स्पूअर ऊंचे कद के, थोड़े भारी शरीर वाले मृदुभाषी व्यक्ति थे। वे आकर्षक भी होते अगर उनके चेहरे पर मांस की पीली परत न चढ़ी होती और उनका मोटा सा ऊपरी होंठ नीचे वाले होंठ के ऊपर टिका न होता।

"मुझे अफ़सोस है कि आप इस तरह से सोचते हैं," कहा उन्होंने, "लेकिन आप को पता होना चाहिये चार्ली कि हमारी फर्म एक इज़्ज़तदार फर्म है और हम अपने करार हमेशा पूरे करते हैं।"

"ठीक है, लेकिन इस करार को आप पूरा नहीं कर रहे हैं," मैंने टोका।

"कोई बात नहीं, हम अभी सारे मामले सुलझा लेते हैं।" उन्होंने कहा।

"मुझे कोई जल्दी नहीं है।" मैंने कटाक्ष के साथ जवाब दिया।

शिकागो में मेरे संक्षिप्त प्रवास के दौरान स्पूअर ने मुझे तुष्ट करने की हर तरह से कोशिश की। लेकिन मैं कभी भी उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप खरा नहीं उतर सका। मैंने उन्हें बताया कि मैं शिकागो में काम करने में खुश नहीं हूं और कि अगर वे नतीजे चाहते हैं तो मेरे लिए कैलिफोर्निया में काम करने की व्यवस्था करा दें।

"हम ऐसा कुछ भी करेंगे जिससे आपको खुशी मिले," उन्होंने कहा,"नाइल्स जाने के बारे में क्या ख्याल है?"

मैं इस प्रस्ताव पर बहुत खुश नहीं था, लेकिन मैं स्पूअर की तुलना में एंडरसन को ज्यादा पसंद करता था, इसलिए हिज़ न्यू जॉब पूरी कर लेने के बाद मैं नाइल्स चला गया।

ब्रोंको बिली अपनी वेस्टर्न फिल्में वहीं पर बनाया करते थे। ये एक-एक रील की फिल्में हुआ करती थीं जिन्हें बनाने में उन्हें एक ही दिन लगता था। उनके पास सात ही कहानियों के प्लॉट थे जिन्हें वे घुमा-फिरा कर बार-बार दोहराते रहते थे और इन्हीं से उन्होंने कई लाख डॉलर कमाये थे। वे कभी कभार काम करते थे। कभी-कभी वे एक-एक रील की सात फिल्में एक ही हफ्ते में बना कर धर देते। और फिर छ: सप्ताह के लिए छुट्टी मनाने चले जाते।