चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 20 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 20

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

20

ये सब इतना खुला-खुला और सहज रहा...कोई साहित्य नहीं, कोई लेखक नहीं, हम सब मिल कर एक विचार का ताना बाना बुनते, उसके आस-पास हँसी ठिठोली की बातें बांधते और जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते, कहानी आकार लेने लगती।

उदाहरण के लिए, हिज प्रीहिस्टारिक पास्ट में मैंने हँसी की एक ही बात से शुरू किया और वह मेरी पहली एंट्री से थी। मैं खाल लपेट के एक प्रागैतिहासिक आदमी के रूप में एंट्री लेता हूँ और जैसे-जैसे मैं लैंडस्केप को देखता परखता हूँ, मैं अपना पाइप भरने के लिए ओढ़ी हुई भालू की खाल में से बाल नोचने लगता हूँ। ये आइडिया अपने आपमें काफी था प्रागैतिहासिक काल की कथा बुनने में। इसमें प्यार था, दुश्मनी थी, मारा मारी थी और पीछा करो के दृश्य थे। यही तरीका था जिसे कीस्टोन में हम सब अपनाया करते थे।

मैं अपनी फिल्मों में कॉमेडी के अलावा और नये आयाम जोड़ने की अपनी ललक के शुरुआती प्रेरक पलों को याद कर सकता हूँ। मैं द' न्यू जेनिटर नाम की एक फ़िल्म में काम कर रहा था। इसमें एक दृश्य था जिसमें कार्यालय का मैनेजर मुझे नौकरी से निकाल देता है। उसके सामने गिड़गिड़ाते हुए कि वह मुझ पर रहम खाये और मुझे नौकरी में रहने दे, मैंने इस बात का मूक अभिनय शुरू कर दिया कि मेरे ढेर सारे छोटे छोटे बच्चे हैं। तभी मैंने पाया कि डोरोथी डेवेनपोर्ट नाम की एक वृद्ध नायिका एक तरफ रिहर्सल देख रही थी। अचानक उस पर मेरी निगाह पड़ी तो मैं ये देख कर हैरान रह गया कि वह रो रही थी। उसने बताया,"मुझे पता है कि आप यहाँ हँसाना चाहते हैं। लेकिन आपने तो मुझे रुला ही दिया।" उसने एक ऐसी बात की पुष्टि की जिसे मैं पहले से ही महसूस कर रहा था। मुझमें यह काबलियत थी कि मैं हँसाने के साथ-साथ रुला भी सकूँ।

अगर सौंदर्य का असर नहीं होता तो स्टूडियो का मर्दाना माहौल सहन करना मुश्किल हो जाता। सचमुच माबेल नोमार्ड की मौजूदगी स्टूडियो को गरिमा प्रदान करती थी। वह बेहद खूबसूरत थी, उसकी भरी-भरी आँखें, भरे भरे होंठ जो उसके मुँह के कानों से मुलायम तरीके से मुड़ जाते थे जो हास्य को और हर तरह की भावना, अदा को अभिव्यक्त करते थे। वह दिल की बहुत अच्छी थी, हल्के फुल्के मूड में और खुश रहती थी, उसके दिल में दया थी और वह उदारमना थी; हर कोई उसे चाहता था।

वार्डरूम की महिला के बच्चे के प्रति माबेल की उदारता के किस्से सुनने में आते थे, कैमरामैन के साथ उसके मज़ाक की बातें सुनायी देतीं। माबेल मुझसे भाई बहन के जैसा प्यार करती थी, और इसकी एक वजह यह थी कि उस समय वह मैक के प्यार में बुरी तरह से पागल थी। मैक के कारण ही मुझे माबेल को इतना अधिक जानने का मौका मिला। हम तीनों अक्सर एक साथ बाहर खाना खाते, उसके बाद मैक होटल की लॉबी में सो जाता। हम ये एकाध घंटा फिल्म देख कर कैफे में ही गुज़ार देते। तब वापिस आकर हम मैक को जगाते, कोई सोच सकता है कि इस तरह की निकटता किसी तरह के रोमांस में बदल जाती, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। दुर्भाग्य से हम दोनों अच्छे मित्र बने रहे।

हाँ, एक बार ऐसा ज़रूर हुआ कि मैं, माबेल, रोस्को ऑरबक्कल सैन फ्रांस्सिको में एक थियेटर में एक चैरिटी के लिए एक साथ मंच पर आये तो मैं और माबेल एक दूसरे के काफी निकट आ गये और भावनात्मक रूप से जुड़ गये। ये एक बहुत ही शानदार शाम थी और हम तीनों ने मंच पर बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था, माबेल अपना कोट ड्रेसिंग रूम में ही छोड़ आयी थी। उसने मुझसे कहा कि मैं उसे वहाँ ले जाऊं ताकि वह कोट ला सके। ऑरबक्कल और बाकी लोग नीचे कार में इंतज़ार कर रहे थे। एक पल के लिए हम दोनों अकेले थे। वह उस समय अलौकिक सौन्दर्य की देवी लग रही थी और जब मैंने उसका कोट उसके कंधे पर डाला तो मैंने उसे चूम लिया। बदले में उसने भी मुझे चूमा। हम और भी आगे बढ़ गये होते, लेकिन लोग नीचे इंतज़ार कर रहे थे। बाद में मैंने मामले को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी नतीजा सामने नहीं आया। "नहीं चार्ली," उसने बहुत अच्छे मूड में हँसते हुए कहा,"मैं तुम्हारी तरह की नहीं हूँ और न ही तुम मेरी ही तरह के हो।"

लगभग उसी समय के दौरान डायमंड जिम ब्राडी लॉस एंजेल्स आये। उस समय हॉलीवुड का जन्म अभी होना था। वे डॉली बहनों और उसके पतियों के साथ पहुँचे और दिल खोल कर खर्च किया। उन्होंने एलेक्जेंड्रिया होटल में जो डिनर दिया उसमें डॉली बहनें, उनके पति, कारलोटा मोन्टेरी, लोउ टेलेगेन, साराह बर्नहार्ट के प्रमुख नायक, मैक सेनेट, माबेल नोर्माड, ब्लांशे स्वीट, नैट गुडविन और कई दूसरे लोग शामिल हुए। डॉली बहनें गज़ब की खूबसूरत लग रही थीं। दोनों बहनें और उन दोनों के पति और उनके साथ डायमंड जिम ब्रैडी, इन सबके बीच दांत काटी रोटी वाला मामला था। हमेशा इन सबका एक साथ रहना उलझन में डालता था।

डायमंड जिम ब्रैडी एक अद्भुत अमेरिकी चरित्र थे। वे विनम्र जॉन बुल सरीखे दिखते थे। पहली रात तो मैं अपनी आंखों पर ही विश्वास नहीं कर सका क्योंकि उन्होंने हीरे के कफ लिंक और शर्ट फ्रंट पर स्टड पहने हुए थे और हरेक हीरा शिलिंग के आकार से भी बड़ा था। कुछ ही रातों के बाद हमने तट पर नाट गुडविन कैफे में एक साथ खाना खाया तो इस बार डायमंड जिम ब्रैडी अपने पन्ने के सेट के साथ नज़र आये। इस बार तो हरेक पन्ना छोटी माचिस की डिबिया से भी बड़ा था। पहले तो मैंने यही समझा कि उन्होंने ये सब मज़ाक के तौर पर पहने हुए हैं और भोलेपन में उनसे पूछ भी लिया कि क्या ये असली हैं। उन्होंने बताया,"ये असली ही हैं।"

"लेकिन हैं ये शानदार," मैंने हैरान होते हुए कहा। "अगर तुम सचमुच खूबसूरत पन्ने देखना चाहते हो तो ये देखो," और उन्हेंने अपना ड्रग्स वेस्टकोट ऊपर उठा दिया और मुझे अपनी बेल्ट दिखायी। ये क्वींसबेरी चैम्पियनशिप की बेल्ट जितनी बड़ी थी और पूरी की पूरी पन्नों से भरी हुई थी। मैंने आज तक इतने बड़े पन्ने नहीं देखे थे। वे मुझे बहुत गर्व से बता रहे थे कि उनके पास बेशकीमती हीरों वगैरह के पूरे दस सेट हैं और वे हर रात उन्हें बदल बदल कर पहनते हैं।

1914 चल रहा था और मैं पच्चीस बरस का होने को आया था। मुझमें जवानी पैठ रही थी और मैं अपने काम में मसरूफ था। मैं उससे काम की सफलता के लिए नहीं जुड़ा हुआ था बल्कि इसके मौज मजे के लिए ही नहीं बल्कि इससे मुझे हर तरह के फिल्मी अभिनेताओं से भी मिलने का मौका मिलता रहा था। कभी न कभी मैं उन सबका फैन रहा था। मैरी पिकफोर्ड, ब्लांशे स्वीट, मिरियम कूपर, क्लारा किमबैल यंग, गिश बहनें तथा दूसरे लोग, वे सब की सब खूबसूरत थीं और उनसे रू ब रू मिलना सुख देता था।

थॉमस इन्स अपने स्टूडियो में सींक कवाब की पार्टियों और नृत्य के कार्यक्रम रखते। ये स्टूडियो नार्दर्न सांता मोनिका के जंगलों में था और प्रशांत महासागर के सामने पड़ता था। क्या तो मदमस्त रात हुआ करती थी - जवानी और खूबसूरती; मुक्ताकाश मंच पर मादक संगीत पर झूम झूम कर थिरकना और पास ही समुद्र तट पर से टकराती लहरों की मंद मंद स्वर लहरियां बज रही होतीं।

पेगी पियर्स बेइंतहा खूबसूरत लड़की थी। उसका नरम जिस्म जैसे बारीकी से तराशा गया हो, खूबसूरत गोरी गर्दन, और सम्मोहक देहयष्टि। मेरे दिल में हलचल मचा देने वाली वह पहली औरत थी। कीस्टोन में मेरे आने के तीसरे हफ्ते तक उसके दर्शन नहीं हुए थे क्योंकि उन दिनों वह फ्लू से पीड़ित थी। लेकिन जिस पल हम मिले, उसी पल से एक दूजे के दिल मिल गये, चिंगारी भड़की और हम एक दूसरे के हो गये। मेरा दिल गा उठा। वे सुबहें कितनी रूमानी हुआ करती थीं। हर सुबह इस उम्मीद के साथ काम पर आना कि उस मोहतरमा के दीदार होंगे। रविवार के दिन मैं उसके माता पिता के अपार्टमेंट में उससे मिलने चला जाता। हर रात हमारा मिलन प्यार पर स्वीकृति की मुहर लगाता, हर रात संघर्ष में बीतती। हां, पेगी मुझसे प्यार करती थी, लेकिन ये एक खोये हुए प्यार का मामला था। वह बार बार अपने आपको रोकती। यहां तक कि मैंने निराश हो कर कोशिश ही छोड़ दी। उस वक्त मेरी यह हालत थी कि किसी से भी शादी करने में मेरी दिलचस्पी नहीं थी। मेरे लिए आज़ादी बहुत बड़ा रोमांच था। कोई भी औरत उस धुंधली छवि पर खरी नहीं उतरती थी जो मैंने अपने मन में बसा रखी थी।

हरेक स्टूडियो एक परिवार की तरह था। सप्ताह भर में फिल्म पूरी हो जाया करती थी और फीचर की लम्बाई वाली फिल्म को पूरा करने में दो या तीन सप्ताह से अधिक का समय नहीं लगता था। हम सूरज की रौशनी में काम करते थे इसीलिए हम कैलिफोर्निया में काम करते थे; यह कहा जाता था कि वहां पर हर बरस नौ महीने तक धूप चमकती रहती है।

क्लीग लाइटों का आविष्कार 1915 के आस पास हुआ था; लेकिन कीस्टोन कम्पनी ने उन्हें कभी भी इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि वे लहरदार होती थीं, सूर्य की रौशनी की तरह साफ नहीं होती थीं और लैम्पों को सेट करने में बहुत वक्त ज़ाया होता था। कीस्टोन की कॉमेडी को बनाने में मुश्किल से एक सप्ताह का समय लगता था। दरअसल, मैंने ट्वेंटी मिनटस् ऑफ लव नाम की एक फिल्म तो दोपहर में ही पूरी कर डाली थी और मज़े की बात यह कि इसमें शुरू से ले कर आखिर तक ठहाके ही ठहाके थे। डाव एंड डायनामिक नाम की एक बेहद सफल फिल्म को बनाने में नौ दिन लगे थे और इसकी लागत आयी थी अट्ठारह सौ डॉलर। अब चूंकि मैं एक हज़ार डॉलर के बजट को पार कर गया था, जो कि कीस्टोन कॉमेडी की अधिकतम सीमा हुआ करती थी, मुझे पच्चीस डॉलर के बोनस का नुक्सान उठाना पड़ा। सेनेट का कहना था कि फिल्में अपनी लागत निकाल सकें इसका एक ही तरीका है कि दो दो रील की फिल्में बनायी जायें और वे करते भी यही थे। इनसे पहले ही बरस में एक सौ तीस हजार डॉलर की कमाई हुई।

अब मैं इस बात का दावा कर सकता था कि मैं कई सफल फिल्में बना चुका हूं। इनमें ट्वेंटी मिनटस् ऑफ लव, डाव एंड डायनामिक, लाफिंग गैस तथा द स्टेज आदि शामिल थीं। इसी अरसे के दौरान मैं और माबेल नोर्माड मैरी ड्रेसलर नाम की एक फीचर फिल्म में एक साथ आये। मैरी के साथ काम करना सुखद अनुभव था। लेकिन मुझे नहीं लगता कि फिल्म कोई बहुत ऊंची चीज़ बन पायी थी। मैं एक बार फिर से फिल्मों का निर्देशन करने में जुट गया।

मैंने सेनेट साहब से सिडनी की सिफारिश की। अब चूंकि चैप्लिन नाम जा ही रहा था, हमारे ही परिवार के एक और सदस्य के नाम को शामिल करने में उन्हें खुशी ही होनी थी। सेनेट साहब ने उसे एक बरस के लिए दो सौ डॉलर प्रति सप्ताह के वेतन पर करार कर लिया। ये वेतन मेरे वेतन से पच्चीस डॉलर प्रति सप्ताह अधिक था। सिडनी और उसकी पत्नी ताज़े ताज़े इंगलैंड से आये हुए उस वक्त स्टूडियो पहुंचे जिस वक्त मैं लोकेशन के लिए निकलने वाला था। बाद में शाम के वक्त हमने एक साथ खाना खाया। मैंने पूछा कि इंगलैंड में मेरी फिल्मों का क्या हाल है।

उसने बताया कि मेरा नाम आने से पहले ही कई म्यूजिक हॉलों के कलाकारों ने उसे अमेरिकी सिनेमा के एक नये कामेडियन के बारे में उत्साह पूर्वक बताना शुरू कर दिया था जिसे उन्होंने अभी अभी देखा था।

सिडनी ने मुझे ये भी बताया कि उस वक्त जब उसने मेरी कोई भी कॉमेडी फिल्म देखी नहीं थी, वह फिल्म एक्सचेंज के दफ्तर में यह पूछने गया था कि ये फिल्में कब रिलीज होंगी और जब उसने बताया कि वह कौन है तो उन्होंने उसे तीनों फिल्में देखने के लिए आमंत्रित किया। उसने प्रोजेक्शन रूम में अकेले बैठ कर ये फिल्में देखीं और लगातार पागलों की तरह हंसता ही रहा।

"इन सब के बारे में तुम्हारी क्या प्रतिक्रिया है?"

सिडनी ने जो कुछ कहा उसमें कुछ भी हैरान होने वाली बात नहीं थी, "ओह, मैं जानता था कि तुम बेहतरीन ही करोगे।" उसने विश्वासपूर्वक कहा।

मैक सेनेट लॉस एंजेल्स एथलेटिक क्लब के सदस्य होने के नाते इस बात के अधिकारी थे कि वे अपने किसी दोस्त को एक अस्थायी सदस्यता कार्ड दे सकें और इस तरह से उन्होंने मुझे एक कार्ड दे दिया। यह शहर में सभी छड़े लोगों और कारोबारियों का अड्डा हुआ करता था - एक बहुत बड़ा क्लब जिसमें पहली म़ंजिल पर एक बड़ा सा डाइनिंग रूम और एक लाउंज थे। ये शाम के वक्त महिलाओं के लिए भी खुल जाते थे और इनके अलावा एक कॉकटेल बार था।

मुझे सबसे ऊपरी मंज़िल पर एक कोने वाला कमरा मिला हुआ था जिसमें एक पियानो रखा हुआ था और थी छोटी सी लाइबेरी। ये कमरा मोज़ हैम्बर्गर के कमरे के बगल में था। वे मे डिपार्टमेंटल सेंटर के मालिक थे। ये स्टोर शहर का सबसे बड़ा स्टोर हुआ करता था। क्लब में रहने का खर्च उन दिनों बहुत ही मामूली हुआ करता करता था। मैं अपने कमरे के लिए प्रति सप्ताह बारह डॉलर अदा किया करता था और इसमें क्लब की सारी सुविधाएं मसलन, बड़ा सा जिम्नाशियम, तरण ताल, और बेहतरीन सेवाएं शामिल थीं। सारी बातें होने के बावजूद मैं पिचहत्तर डॉलर प्रति सप्ताह खर्च करते हुए आलीशान ढंग से रहा करता था। इन्हीं डॉलरों में से मैं ड्रिंक के एकाध राउंड और कभी कभार के डिनर के पैसे भी रखता।

क्लब के लोगों के बीच एक तरह का भाईचारा था जिसे पहले विश्व युद्ध की घोषणा भी भंग नहीं कर पायी थी। हर कोई यही सोच रहा था कि लड़ाई तो छ: महीने में निपट जायेगी या जैसा कि लॉर्ड किचनर ने अनुमान लगाया था कि ये चार बरस तक चलेगी, लोग बाग बेकार में सोचते थे। कई लोग तो इस बात से ही खुश थे कि युद्ध की घोषणा हो गयी है क्योंकि अब हम जर्मन लोगों को दिखा देंगे। नतीजे निकलने का कोई सवाल ही नहीं था, अंग्रेज और फ्रेंच उन्हें छ: महीने में ही धूल चटा देंगे। युद्ध अभी तक अपने चरम तक नहीं पहुंचा था और कैलिफोर्निया असली युद्ध की ज़मीन से खासा दूर था।

लगभग यही समय था जब सेनेट मेरा करार फिर ने नया करने की बात कर रहे थे और मेरी शर्तें जानना चाह रहे थे। मैं कुछ हद तक तो अपनी लोकप्रियता के बारे में जानता ही था, लेकिन मैं अपनी सफलता की क्षण भंगुरता के बारे में भी जानता था, और ये भी जानता था कि अगर मैं इसी गति से चलता रहा तो एक ही बरस में चुक जाऊंगा। इसलिए मुझे, जितना भी हो सके, बटोर लेना होगा। मत चूके चौहान वाली स्थिति थी।

"मैं एक हज़ार पाउंड डॉलर प्रति सप्ताह चाहता हूं," मैंने जान बूझ कर कहा।

सेनेट बिगड़ उठे,"लेकिन इतना तो मैं भी नहीं कमाता।"

"मैं जानता हूं।" मैंने जवाब दिया, "लेकिन थियेटरों के बाहर जो लाइनें लगती हैं वे आपके नाम के लिए नहीं बल्कि मेरे नाम के लिए लगती हैं।"

"हो सकता है," सेनेट बोले,"लेकिन हमारी संस्था की मदद के बिना तुम खो जाओगे।" उन्होंने चेताया, "देखा नहीं, फोर्ड स्टर्लिंग का क्या हाल हो रहा है?"

ये सच था। फोर्ड स्टर्लिंग कीस्टोन कम्पनी छोड़ देने के बाद बहुत अच्छा नहीं कर पा रहे थे। लेकिन मैंने सेनेट साहब से कहा,"मुझे कॉमेडी बनाने के लिए सिर्फ एक पार्क, एक पुलिसवाले और एक खूबसूरत लड़की की ज़रूरत होती है।" और सच तो ये था कि मैंने सिर्फ इसी तामझाम के साथ कई अत्यंत सफल फिल्में बनाकर दिखा दी थीं।

इस बीच सेनेट ने अपने भागीदारों, कैसेल एंड बाउमैन को तार दे कर मेरे करार और मेरी मांग के बारे में उनकी सलाह मांगी थी। बाद में सेनेट मेरे पास एक प्रस्ताव ले कर आये,"सुनो, अभी तुम्हारे चार महीने बाकी हैं। हम तुम्हारा करार फाड़ देंगे और अभी से पांच सौ डालर हफ्ते के देंगे। अगले बरस सात सौ डॉलर और उसके बाद एक बरस में पन्द्रह सौ डॉलर देंगे। इस तरह से तुम्हें हजार डॉलर प्रति सप्ताह मिल जाया करेंगे।"

"मैक," मैंने जवाब दिया, "अगर आप इस शर्त को ठीक उलटा कर दें तो आप पहले बरस में मुझे पन्द्रह सौ डॉलर, दूसरे बरस में सात सौ डॉलर और तीसरे बरस में पांच सौ दें तो मैं ले लूंगा।"

"लेकिन से तो पागलपन से भरा विचार है।"

इस तरह से इसके बाद करार को नया करने की कोई बात ही नहीं हुई।

अभी कीस्टोन में मेरा एक महीना बाकी था और अब तक किसी और कम्पनी ने मेरे सामने कोई प्रस्ताव नहीं रखा था। मैं नर्वस हो रहा था और मैं कल्पना कर रहा था कि सेनेट इस बात का जानते हैं और किसी तरह अपना समय पूरा करने के चक्कर में थे। आम तौर पर फिल्म खत्म होने पर वे मेरे पास आते थे और मुझे मज़ाक में जल्दी से दूसरी फिल्म शुरू करने के बारे में उकसाते थे। और अब हालांकि मैंने पिछले दो सप्ताह से कोई काम नहीं किया था, वे मुझसे दूर दूर ही रहे थे। वे विनम्र लेकिन अलग थलग बने रहे।

इस सबके बावजूद मेरे आत्म विश्वास ने कभी भी मेरा साथ नहीं छोड़ा। अगर किसी ने भी मेरे सामने प्रस्ताव न रखा तो मैं अपने आप ही धंधा शुरू कर दूंगा। क्यों नहीं। मैं आत्म विश्वास से भरा हुआ था और अपने आप में निर्भर भी था। मैं जानता था कि ठीक किस वक्त इस भावना ने जन्म लिया था। मैं स्टूडियो की दीवार का सहारा ले कर एक मांग पर्ची भर रहा था।

सिडनी ने कीस्टोन कम्पनी में आने के बाद कई सफल फिल्में बनायीं। एक फिल्म जिसने पूरी दुनिया में रिकार्ड ही तोड़ डाले वह थी - द सबमैरीन पाइलट। इसमें सिडनी ने हर तरह की कैमरा ट्रिक का सहारा लिया। चूंकि वह इतना अधिक सफल था, मैंने उससे सम्पर्क किया और उससे मेरे साथ मिल कर अपनी खुद की कम्पनी बनाने के बारे में राय मांगी।

"हमें सिर्फ एक कैमरा और एक ट्रैक लाइट चाहिये।" मैंने उसे बताया। लेकिन सिडनी दकियानूसी था। उसे लगा, ये सब कुछ ज्यादा ही जोखिम लेने वाला मामला होगा। इसके अलावा, उसने कहा, "मैं इतनी अच्छी पगार, जितनी मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं कमायी है, कैसे छोड़ दूं।" इस तरह से वह एक और बरस के लिए कीस्टोन कम्पनी के साथ ही बना रहा।

एक दिन मुझे युनिवर्सल कम्पनी के कार्ल लईम्ले की तरफ से एक टेलिफोन संदेश मिला। वे मुझे एक फुट के बारह सेंट देने और मेरी फिल्मों के लिए वित्त जुटाने के लिए तैयार थे। लेकिन वे मुझे हफ्ते के एक हजार डॉलर का वेतन नहीं देंगे। इसे देखते हुए मामला आगे नहीं बढ़ा।

जेस्स रॉबिंस नाम के एक युवा, जो ऐसेने कम्पनी का प्रतिनिधि था, ने कहा कि उसने सुना है कि मैं कोई भी करार पर हस्ताक्षर करने से पहले दस हज़ार डालर का बोनस और साढ़े बारह सौ डॉलर प्रति सप्ताह का वेतन चाहता हूं। ये मेरे लिए खबर थी। जब तक उसने ज़िक्र नहीं किया था, मैंने दस हज़ार डालर के बोनस की कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन उस सुखद पल के बाद से ये विचार मेरे दिमाग में टंक गया।

उस रात मैंने रॉबिंस को डिनर पर आमंत्रित किया और उसे ही सारी बातें करने दीं। उसने बताया कि वह सीधे ही ऐसेने कम्पनी के जी एम एंडरसन के पास से चला आ रहा है। लोग उन्हें ब्रांको बिली के नाम से भी जानते हैं। एंडरसन मिस्टर जार्ज के स्पूअर के भागीदार हैं और उनका प्रस्ताव है कि वे बारह सौ पचास डॉलर प्रति सप्ताह देने के लिए तैयार हैं लेकिन वह बोनस के बारे में कुछ नहीं कह सकता। मैंने कंधे उचकाये,"यही अड़चन कई लोगों के साथ है।" मैंने बात आगे बढ़ायी,"उनके पास बड़े बड़े प्रस्ताव तो हैं लेकिन वे नकद नारायण की बात ही नहीं करना चाहते।" बाद में उसने सैन फ्रांसिस्को में एंडरसन को फोन किया और उसे बताया कि डील हो गयी है लेकिन मैं दस हजार नकद बोनस के रूप में तत्काल चाहता हूं। वह मेज पर चहकता हुआ वापिस आया, "डील पक्की समझें। और कल आपको दस हज़ार डॉलर नकद मिल जायेंगे।"

मैं सातवें आसमान पर था। प्रस्ताव इतना शानदार था कि सच नहीं लगता था। लेकिन ये सच था क्योंकि अगले ही दिन रॉबिन्सन ने मेरे हाथ में केवल छ: सौ डॉलर का चेक थमा दिया और बताया कि मिस्टर एंडरसन अगले दिन खुद ही लॉस एंजेल्स आ रहे हैं और बाकी सब वे खुद ही निपट लेंगे। एंडरसन उत्साह से भरे हुए आये और डील के बारे में आश्वस्त किया लेकिन दस हज़ार डॉलर का कोई जिक्र नहीं,"मेरे पार्टनर मिस्टर स्पूअर शिकागो पहुंच कर इस मामले को देख लेंगे।"

हालांकि मेरे शक ने सिर उठाना शुरू कर दिया था लेकिन मैंने आशावाद के चलते अपने शक को दफनाने का ही फैसला किया। अभी भी कीस्टान कम्पने के साथ मेरे दो सप्ताह बाकी थे। अपनी अंतिम फिल्म हिज़ प्रिहिस्टारिक पास्ट का पूरा कर पाना मेरे लिए खासा तनाव था, क्योंकि इतने अधिक काराबारी प्रस्तावों के साथ उस पर ध्यान केन्द्रित कर पाना मेरे लिए मुश्किल था, इसके बावजूद मैंने आखिर फिल्म पूरी कर ही दी।