दरार Monty Khandelwal द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

दरार

नरेंद्र के पिता ने नरेंद्र के फ्रेंड मोहित को बोलते हुए कहा आज तो नरेंद्र की शादी की बात करने के लिए लड़की वाले आ रहे हैं | मोहित इस बात को सुनकर बहुत ही खुश हुआ क्योंकि कुछ दिनों बाद उसके शादी तो होने वाली थी | और वह भी लॉकडाउन के अंदर तो वह इस बार पहली शादी में जाने की तैयारी और मेहमानों के स्वागत में वह जुट गया क्योंकि नरेंद्र उसका बेस्ट फ्रेंड जो है |
आज से ठीक 13 दिन बाद शादी की डेट पक्की भी हो गई |
शादी के लिए कपड़े मम्मी पापा और भाई ने खरीद लिए थे |अब बाकी की बची कुछ चीजों को लेने के लिए नरेंद्र और मोहित दोनों ही मार्केट गए वहां से दोनों ने मिलकर उसके लिए बाकी की बची कुछ वस्तुओं को खरीदने के लिए वह गए सारी वस्तुएं मिल चुकी थी | फिर वे दोनों घर आ गए |
फिर कुछ देर बाद घर से फिर बाहर निकले तो रास्ते में उनको नरेंद्र के जीतू गाड़ी लेकर आते दिखे उनका भी स्वागत किया गया |
काफी देर तक बैठने के बाद जब जीजू को बोर होते हुए नरेंद्र ने किया मां ने देखा तो हम दोनों को कहां कि उनको कई घुमाकर लेकर आओ वहां बैठे बैठे बोर हो रहे हैं |तब हम पास ही के बहुत ही सुंदर महादेव जी के मंदिर जो गांव से 4 किलोमीटर दूर पहाड़ी के पास में था |
कुछ देर बाद पर घूमने के बाद में हम सब फिर घर की ओर आ गए |
कल सुबह 5:00 बजे बारात लेकर रवाना होना था | तो सोचा की गाड़ी को सजा लिया जाए उसके लिए नरेंद्र मोहित और कार का ड्राइवर तीनों पहले कार वॉश करने के लिए गये कार वॉश करवाकर फिर मार्केट में कार को सजाने का सामान खरीदने के लिए निकले वहां से सामान खरीदने के बाद वह तीनों घर आ गए |
शाम के 8:00 बज चुके थे |मोहित अपने घर खाना खाने के लिए आ गया खाना खाते ही मोहित एक बार फिर से नरेंद्र के घर गया तब तक उनके सारे दोस्त जीत , पिंटू , रमेश भी आ गए थे |
थोड़ी देर वह समय बिताने के बाद जीत और मोहित ने सोचा कि क्यों ना गाड़ी को अभी ही सजा लिया जाए क्योंकि कल सुबह सुबह फिर गाड़ी को सजाया नहीं जा पाएगा |

गाड़ी को सजाते सजाते रात के 12:00 बज चुके थे |
उन दोनों ने गाड़ी को इतना शानदार सजाया कि सारे घर वाले उनकी तारीफ करने लगे |
नरेंद्र हम दोनों को कहा अब तुम घर चले जाओ और सुबह जल्दी से आ जाना समय पर |
एक दूजे को बाय करते हुए अपने अपने घर चले गए |
सुबह के 4:00 बज चुके थे और वे घर पर एक बार फिर से पहुंच गए वह भी समय से पहले और रवाना होने की तैयारी में जुट गए |
5:00 बजे बारात रवाना हो गई |सजी हुई गाड़ी में नरेंद्र रवाना हुआ|
हम दूसरी वाली गाड़ी में बैठे हुए थे | पूरे रास्ते में गाना बजा कर पूरा इंजॉय कर रहे थे बीच-बीच में नाश्ता और चाय के लिए गाड़ी को खड़ा भी रखा गया सभी बहुत ही ज्यादा खुश है | क्योंकि यह उन ने की अपने दोस्त की लॉकडाउन की शादी जो अटेंड की थी |

3 घंटे के सफ़र को तय करने के बाद में आखिरकार गुजरात के__,,, पहुंच गए थे | वहां पर तैयार होने के बाद में बारात लेकर सीधे लड़की वालों के घर पहुंच गए |

1:00 बजे का मुहूर्त था | तो वे सारे दोस्त मार्केट की ओर घूमने के लिए चले गए थोड़ी देर घूमने के बाद में और पिंटू के लिए नए जूते खरीद रहे थे | तब नरेंद्र के बड़े भाई कैलाश का फोन आया कि तुम सब लोग कहां पर गए हो जल्दी वापस आओ एक बार फिर से वहां हम पहुंच गए |

कुछ देर बाद आकर उन्होंने खाना खाया तब कैलाश ने कहा कि चलो थोड़ी देर घूम कर आते हैं | ताकि खाना पच जाए
तो जीत मोहित और कैलाश तीनों एक बार फिर से घूमने के लिए बाजार की और चले गए |

रास्ते में कैलाश को याद आया कि मंगलसूत्र तो मेरे पास है |
तो एक बार फिर से रास्ते में ही मुड़ कर वापस वहां पहुंच गए |
नरेंद्र मंडप की ओर रवाना हो गया हम सारे दोस्त वही पर खड़े थे और शूटिंग कर रहे थे फोटो ले रहे थे लेकिन पिंटू तो कुछ अलग ही सोच रहा था क्योंकि सामने की ओर बहुत ही खूबसूरत लड़कियां जो दिख गई थी | वह उन्हीं को देख रहा था |
हम सब ने वहां पर खूब इंजॉय किया खूब हंसी मजाक की डायलॉग बाजी की |
लेकिन पिंटू भाई तो सामने वाली लड़की को नजरों ही नजरों में बातें कर रहे थे |

जैसे ही नरेंद्र ने मंगलसूत्र पहनाया मांग भारी तो पीछे से जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आ गई कोई दारू पीकर आ गया था | झगड़ा करने के लिए जिसकी वजह से पूरी शादी में खुशी की जगह सारे के सारे चेहरे मुरझा गए क्योंकि उसमें बहुत ही बड़ा झगड़ा हो गया था | इसीलिए
नरेंद्र के पिता और उस के सबसे बड़े भाई विक्की ने कहां कि चलो जल्दी से जल्दी अब हम सब यहां से रवाना हो जाते हैं |अगर मैटर ज्यादा हो गया तो हम सब मुसीबत में पड़ सकते हैं | क्योंकि लॉक डाउन चल रहा है |

सारी रस्मों को पूरा कर लिया गया तब तक पिंटू अपनी सेटिंग करने में लग गया था | उसने अपना नंबर एक पेपर पर लिख कर उस लड़की के सामने फेंक दिया लेकिन क्या पता उसने नंबर लिया या नहीं यह किसी को नहीं पता था | लेकिन पिंटू को मालूम था कि उसने नंबर वहां से उठा लिया है |क्योंकि जहां पर उसने पेपर रखा था | वहां पर पेपर मौजूद नहीं था |

घर के बाहर सारी सालियां डांस कर रही थी | पिंटू अपनी नजरें उस लड़की पर गड़ाए हुए बैठा था | लेकिन वह लड़की भी पिंटू की ओर देख रही थी तो उसको पूरी तरह से लग चुका था | कि उसने उसका नंबर ले लिया है |लेकिन उसका कॉल अभी तक नहीं आया था| वो तो ये ही सोच रहा था| की कब उसका कॉल आए और वह उससे बातें करें |

आखिर तक उस लड़की का कॉल और ना ही कोई मैसेज आया लेकिन बारात वहां से रवाना हो चुकी थी | लेकिन एक बार फिर से पिंटू और मोहित ने मिलकर गानों की मदद से गाड़ी में पूरा धमाल मचा दिया साथ साथ में नरेंद्र के मामा पापा और उसके बड़े भाई भी खूब इंजॉय कर रहे थे पहली बार उन सबको इतना इंजॉय करते हुए | उन सब को देखा था|

खासकर करेंगे दारू पार्टी सॉन्ग को बजा कर खूब धमाल मचाया गया पूरे रास्ते में गाड़ी के अंदर ही नाच रहे थे चिल्ला चिल्लाकर गाना गा रहे थे |

8:00 बजे तक हम एक बार फिर से अपने गांव राजस्थान आ गए थे थकावट के कारण सारे दोस्त अपने घर चले गए |

उसके 2 दिन बाद नरेंद्र का दोस्त जीत अपनी डिग्री लेने के लिए हैदराबाद जाने वाला था |
2 दिन बाद जब शाम को नरेंद्र और मोहित दोनों ही घर के पास में बने हनुमान जी के मंदिर के वहां खड़े थे | जहां पर पानी पुरी की लारी वाला सुरेंद्र जो उसके नए वाले घर के बाजू में ही रहता था जो वह मिलकर 6 घड़ी ( एक ताश का गेम है) वह खेलते हैं हर रात को |

तभी जीत का कॉल आता है | और कहता है | कि नरेंद्र को भी साथ में लेकर आना मुझे छोड़ने के लिए |
यह बात मोहित ने नरेंद्र को जब बोली तो नरेंद्र ने कहा कि मेरा तो सर दर्द कर रहा है मैं तो नहीं आ पाऊंगा तू ही चला जा तब मोहित ने कहा ओके ठीक है कोई बात नहीं तेरा सर दर्द कर रहा है तो तू यहीं पर रुक मैं उसे छोड़ने जाता हो |

उसी समय सुरेंद्र ने नरेंद्र से पार्टी करने के लिए बोल दिया कि भाई शादी की पार्टी तो देनी ही पड़ेगी और वह भी आज ही उसी बात के लिए दोनों आपस में बातें कर रहे थे |

सुरेंद्र ने अपने कुछ दोस्तों को भी पार्टी देने के लिए बोला और मोहित बाजू में ही बैठा था तो नरेंद्र राय ने कहा कि इस को भी साथ में लेकर चलते हैं |
तब नरेंद्र ने कहा कि मेरा तो सर दर्द कर रहा है आज नहीं कल चलेंगे या फिर और कभी
लेकिन सुरेंद्र के force करने पर नरेंद्र ने हां बोल दी सुरेंद्र ने पार्टी में टोटल 7 लोगों को बुलाने के लिए कहा जिसमें मोहित भी था तब सुरेंद्र ने मोहित से कंफर्म करने के लिए एक बार पूछा कि क्या तू आएगा |

मोहित ने जवाब दिया कि अगर नरेंद्र लेकर जाएगा तो वह जरूर आएगा और अगर नहीं ले जाना चाहे तो वह तो पानी पूरी खा कर भी खुश हो जाएगा |
इस बात पर सुरेंद्र नहीं बीच में बोल कर कहा कि वह भाई तेरी मर्जी तू आना चाहता है तो आ वरना कोई बात नहीं
तब नरेंद्र ने पूछा कि तू आएगा उसका जवाब में मोहित ने हां बोल दिया और कहा कि मैं जीत को छोड़कर आ जाऊंगा उसके बाद चलेंगे

इस बात पर सुरेंद्र कहाँ इतने में तो हम लेट हो जाएंगे मोहित ने पूछा कि कितने बजे जाना है सुरेंद्र ने कहा 7:00 बजे
जाना है |
हां इतने में तो मैं जीत को छोड़ कर आ जाऊंगा ओके मैं घर पर खाना नहीं बनाने के लिए मम्मी को बोल देता हूं और वह वहां से रवाना हो गया |

मोहित जीत के घर गया कुछ देर बाद वे दोनों वहां से रवाना हो गए मार्केट में जाकर सेनीटाइजर और एक्स्ट्रा मास्क ले लिया ताकि वहां कोई प्रॉब्लम ना हो |
तभी रमेश का कॉल आता है | और वह कहता है | कि तुझे पार्टी में आने के लिए बोला है क्या ? उसका जवाब हां था |
फिर रमेश कहता है | अभी तू कहां है तब मोहित ने जवाब दिया कि वह तो मार्केट में है और अभी जीत को छोड़ने के लिए जा रहा है |
तब मोहित ने रमेश को बोला कि क्या तू आ रहा है | तब उसका जवाब आया कि नहीं अभी तो मैं खेत पर हूं |

तो रमेश कहता है | कि क्या तुझे आने के लिए उसने बोला है ? तब मोहित कहता है हां मुझे बोला है | लेकिन मैं जीत को छोड़कर आने के बाद में आऊंगा 7:00 बजे हम सब रवाना होने वाले हैं | अगर खेत पर तेरा काम खत्म हो जाए तो तू भी वहां से आ जाना | ओके ठीक है |

इस बारे में जीत को कुछ नहीं मालूम था | कि हम किस बारे में बात कर रहे थे |
मोहित ने जीत को रवाना किया और वह भी वहां से रवाना होकर घर की ओर आ गया घर आते-आते घड़ी में 7:10 हो गए थे |

आते ही मोहित ने सोचा कि वह उसका इंतजार कर रहे होंगे तो उसने नरेंद्र को घर के बाहर से ही आवाज लगाई लेकिन नरेंद्र ने उसकी आवाज को नहीं सुना शायद वह घर में नहीं था इसलिए |
इसलिए मोहित बाइक लेकर सीधा अपने घर गया बाइक की चाबी रखते ही मोहित ने पहला कॉल नरेंद्र को किया कि कहां पर हो तुम तो उसका जवाब सुनते ही मोहित को बहुत बड़ा झटका लगा |

नरेंद्र का जवाब था कि वह तो सब लोग होटल में वहां पर खाना खा रहे हैं |
मोहित को बिना बोले ही वे सारे पार्टी करने के लिए चले गए थे |इस बात से मोहित को बहुत बड़ा दुख हुआ कि नरेंद्र उसका जिगरी दोस्त होते हुए भी उसने एक बार भी उसे कॉल नहीं किया कि वह वहां से से रवाना हो रहे हैं और तू अभी कहां पर है |

उस बात से मोहित को इतना ठेस पहुंचा जितना कि उसे आज तक कभी ठेस नहीं पहुंची थी | वह खाने का भूखा नहीं था | लेकिन एक जिगरी दोस्त ने जब धोखा दिया हो तो कोई भी व्यक्ति गुस्सा तो करेगा ही और यह सारी बात उसने उसके बड़े भाई कैलाश को जाकर बोल दी उसने भी कहा कि हां नरेंद्र ने यह तो तेरे साथ गलत ही किया उसके बाद जब वे पार्टी करके आए तो रमेश ने कहा कि तू क्यों नहीं आया
मोहित ने जवाब देते हुए कहा कि जब नरेंद्र को मुझे लेकर ही नहीं जाना था तो मैं कैसे आ सकता हूं |
शायद मैं इसका दोस्त नहीं और अब वही खास हो गए हैं |चल कोई बात नहीं इसे उनकी दोस्ती मुबारक हो |

लेकिन नरेंद्र ने एक भी बार ऐसा नहीं बोला जिससे कि मोहित मान जाए और बिना कुछ बोले ही नरेंद्र वहां से चला गया |
तब से लेकर आज तक मोहित ने नरेंद्र से बात नहीं की
और ना ही नरेंद्र ने उससे बात करने की कोशिश की या उसे मनाने की शायद उसके मन में उसके लिए कड़वाहट आ चुकी थी |

नरेंद्र ने दूसरों के लिए अपने एक बहुत ही अच्छे दोस्त को गवा दिया था जो उसके लिए जान तक देने के लिए तैयार हो जाता था |
तब से लेकर अभी तक इन दोनों में दरार है |

एक दोस्ती सिर्फ खाने पीने की मोहताज नहीं होती वह तो सिर्फ और सिर्फ प्रेम की और मित्रता को अच्छे से निभाने की होती है| जिसमें एक दूजे के लिए जीवन पर साथ देते हैं | और अपनी दोस्ती को निभाते हैं लेकिन अगर वही सच्चा दोस्त ऐसा हरकत करें तो दूसरे दोस्त के दिल में तो दरार आने है |क्यों किया यह तो धोखा का कहलाता है|

मोहित ने यही सोचकर उससे बातें करना बंद कर दिया कि ऐसा दोस्त क्या काम का जो आपको धोखा दे इससे अच्छा तो ना हो


आप लोगों को मोहित का यह फैसला कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद
Monty khandelwal