Raah se bhatki jindagi books and stories free download online pdf in Hindi

राह से भटकी जिंदगी

जब बचपना होता है | तो बच्चा क्या-क्या ख्वाब नहीं देखता है | राजू भी उन मेसे एक था वो भी अपने दोस्तों केे जैसे पैसे वाला बनना चाहता था |
तो वोभी उन्ही के साथ घूमता फिरता रहता था | एक दिन जब वो खेल रहे थे तभी विजय ख़ुशी केे मरे भागते हुए आया आया और सबको बुलाया और बोला सुनो दोस्तों सुनो आज विदेश से मेरे भईया आने वाले हैं .. हु हु..

सभी ने बोला अरे वा मोहन भईया आने वाले हैं |
विकास- हा मोहन भईया
और पता है ईश बार भी वो मेरे लिए मेरे लिए कुछ गिफ्ट लेके आये हैं |

राजू - कहता की हाँ यार विजय पिछली बार भी जब मोहन
भईया आये थे तो तेर लिये कितने सारे गिफ्ट लाये थे जिश्मे सबसे खास वो वीडियो गेम थाना |

विजय -कहता हा लेकिन वोह मुजसे टूट गया इसलिए
उन्होंने बोला हे की में तुम्हारे लिये ईससे भी अच्छा गिफ्ट लाऊंगा |

दोस्त- अच्छा तो फिर तुम हमको भी बताओगे ना
विजय- हाँ हाँ सबको बताऊंगा |

दोस्तों - ने बोला की नहीं यार नहीं पिछली बार भी तुमने ऐसा
ही बोला था केे तुमको खेलने दूंगा |
लेकिन तुमने हमको खेलने नहीं दिया ईश बार भी तुम ऐसा ही करेंगे |

विजय- अरे दोस्तों ऐसी बात नही हे वो घर वालो ने मना
बोला था इसलिए मेने नही दिया l लेकिन ईशबार जरूर दिखाऊंगा |
दोस्त - पक्का
विजय - पक्का

विकास- इतना कहके वहाँ से भागता हुआ घर गया और
दरवाजे के सामने ही कुर्शी लागा के बैठ गया |
वो बस यही सोच रहा था केे उसके लिए क्या लायेंगे |

दूसरे दिन - आज वो इतना खुश था की जल्दी से
जल्दी स्कूल के लिये तैयार होगया भागते हुए अपने दोस्तों केे पास गया जो उसका इंतज़ार नुक्कड पे ही खड़े होके पहले से उसका इंतज़ार कर रहे थे| जैसे ही वो वहा पहुचा तो सभी ने उसे एक ही सवाल पूछा
की मोहन भईया
क्या गिफ्ट लाया - क्या गिफ्ट लाया

विकास - रुको रुको दिखाता हूँ |
और एक box बाहर निकाला उसमें था एक टच स्क्रीन मोबाइल
उसे देख सभी ने उसकी तारीफ की लेकिन राजू उसकी और कुछ ज्यादा अक्रशीत हुआ था | क्युकी उसने मोबाइल को पेहली बार देखा था | फिर विकास ने मोबाइल केे सारे फ़िचर दिखाए
देखो इसमे कितने सारे पिचर हैं वीडियो गेम , विडियो , facebook whataap कैमरा ,यूट्यूब,गूगल , संगित संगीत सुनने के लिए एयरफोन और इंटेंरन भी हे जिश्मे हम कही सारे नई जानकारी भी पा सकते हैं |

राजू - अरे विकास इसमे इतना सबकुछ हैं तुझे कैसे पता

विकास- कल रात को ही मुझे मेरे भईया ने सिखाया है

फिर वो सब स्कूल के लिए रवना होगये
राजू और विकास दोनों का ही ध्यान बस उस मोबाइल को चलाने मे ही था

धीरे - धीरे दोनों मोबाईल केे internet चलाने में ही अपना समय बिताने लगे

एक दिन विकास को वहाँ कुछ ऐसा दृश्य दिखा जिससे केे मन में हालच सी मच गई
वो दृश्य उसने राजू को भी दिखाया तो उसने मुँह फेरते हुए बोला
क्या हैं ये सब मुझे ना दिखा

विकास -देखना मजा आएगा मैंने भी कल रात को देखा था तो मुझे भी कुछ ऐसा ही लगा था
देख ना देख एक बार तो देख
थोड़ी देर बाद राजू अपनी आँखों को फेरते हुए वो भी देखने लागा

ऐसा अब वो हर रोज देखने लगे थे!

एक दिन राजू ने विकास से वो सब देखने के लिए उसका मोबाइल माँग के बोला कि ये सब कैसे चलता हैं मुझे भी सिखा
विकास ने उसे भी सिखा दिया और वो उस रात घर में सबसे चुप कर वो सब कुछ देखा तो
उसके मन में एक उफान सा जग गया था आँखों में अलग ही नसा था सरीर ने भी हरकत करना सुरु करदिया था दिल की धड़कन तेज और खून का प्रभाव तेज चलने लगा था उसमे से आने वाली आवाज को सुनकर वो अपने आप का काबू खो रहा था |
अब वो

जैसे दृश्य देख रहा था वैसा ही वह करने की इच्छा भी मन ही मन में कर रहा था |

अब राजू अपने खवाबो से पूरी तरह भटक गया था
जो उसने सपने देखे थे जिसे पूरा करने केे लिए वो मेहनत भी खूब करता था ऐसा कर वो अपने परिवार का जीवन खुशहाल बनाना चाहता था | जिसे पूरा करने का उसमें एक अलग ही जुनून था लेकिन अबतक वह सब कुछ भूल चुका था |





.........................…........... Monty khandelwal ??‍?‍?‍?

ध्यान रखने की बात है | की जब भी हम अपने बच्चों को कुछ दिलवा ते है तो बच्चा उस चीज का
इस्तेमाल कैसा करता है
किसी केे साथ घूमता हैं वो क्या करता है |
कोई लत में तो नहीं पढ़ा

ये सब ध्यान रखना बढ़ो की जीममे दरी है

मोबाइल में आप किड्स मोड़ को ऑन करे ताकि ऐसी गन्दी advertise वीडियो और photo सामने नहीं आये

इससे बच्चों की मानसिकता, शरीर और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है


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