मनकी अभी भी थिरक रही थी.
योका का बाण धनुष से निकले उससे पहले ही जंजीर में बंधा युवक चीख उठा-"न..हीं..."
यह आवाज ही योका को विचलित करने के लिए काफी थी.उसने धनुष एक ओर फेंक दिया. वह चीख उठा -"मैं हत्या नहीं करूंगा.... मैं हत्या नहीं करुंगा."
इसके साथ ही जंगली युवतियां योका पर कोड़े लेकर टूट पड़ी. योका जमीन पर गिर पड़ा. मनकी के थिरकते पांव रूक गये. उसकी आँखें आँसुओं से भीग गईं.
जंजीर से बंधा युवक आश्चर्य से यह दृश्य देख रहा था.
सरदार और तन्वी के चेहरे बेबसी से मुरझाए हुए थे.
नूपुर कुछ हक्की-बक्की सी खड़ी थी .लेकिन जायदा देर वह योका को मार खाते नहीं देख सकी.वह दौड़कर योका के पास पहुंची और योका को ढ़क लिया.
"नुप्पू ,तुम हट जाओ ."योका कराहकर नूपुर को अलग करने की कोशिश करने लगा.
"मुझे मार लो.लेकिन योका भाई को मत मारों."नूपुर चीख रही थी.
युवतियों के हाथ रूक गए.
"बस करो.पाहुने ने योका को अपनी शरण में ले लिया है."देवता भाई हाथ ऊपर उठाकर बोला.
सरदार और तन्वी ने राहत की सांस ली.मनकी की बरसती आँखें रुक गईं.
मौत को टलते देखकर नूपर योका से अलग हो गई. उसने योका को उठाकर एक ओर बैठा दिया-
"यह लोग बहुत जालिम हैं. बापू ने भी तुम्हें नहीं बचाया."नूपर के स्वर में आक्रोश था.
"बापू मजबूर था.जो शिकार नहीं करता वह कायर होता है. उसके साथ यही सलूक होता है. यह देवता भाई का हुक्म है."योका कराह रहा था.
"लेकिन बापू तो सरदार..."
"देवता भाई की बात कोई नहीं टाल सकता."योका अपने पैर फैलाते हुए बोला.
नूपर की आँखें योका से हटकर जंजीर से बने युवक पर टिक गई. मनकी फिर से युवक के आगे थिरकने लगी.जंगली युवक बाण से निशाना लगा रहे थे.
"क्या ,यह बाण से युवक को मार देंगे."नूपर ने योका से पूँछा.
"हां."
"बाण मनकी को लग गया तो?"
"मनकी को बचाकर ही बाण मारा जाता है."
नूपर की नजरें निशाना साधते युवक पर टिक गई.एक युवक एक ही बार निशाना लगा रहा था. युवकों के बाण शरीर में लगते ही युवक चीख उठता.
"एक युवक एक ही बार निशाना लगाता है?"नूपर ने पूँछा.
"हां,एक ही निशाने से सिर अलग करना है. ऐसा करने वाला अपनी पंसद की लड़की से शादी कर लेगा."योका दर्द पीते हुए बोला.
तभी बातावरण मेंएक हृदय विदारक चीख गूँजी.जंजीर से बंधे युवक का सिर धड़ से अलग हो गया. बाण उसकी गर्दन में गहरे तक घुस गया था.
अब युवतियां बाण मारने वाले युवक के चारों ओर नाच रही थीं. युवक युवतियों का निरीक्षण कर रहा था.
मनकी भागती हुई देवता की मूर्ति के आगे गिर पड़ी.
"अरे,मनकी गिर गई."नूपर घबरा कर एकदम उठ खडी़ हुई.
"उसे वहीं पड़ा रहने दो.अगर मनकी देवता के आगे से उठ गई तो यह युवक उससे शादी कर लेगा."योका का स्वर दर्द भरा था.
"क्या मतलब?"
"जो युवती देवता के चरणों में पहुंच जाती है, उससे शिकार करनेवाला शादी नहीं कर सकता. मनकी मुझसे ही शादी करना चाहती है."योका ने स्पष्ट किया.
"अब मरे हुए युवक का क्या होगा?"नूपर को आगे की कार्यवाही जानने की इच्छा थी.
"शिकार का सिर देवता के कटोरे में रख दिया जायेगा. जिसे बाद में शिकार करने वाला युवक अपनी छाँव में लगा लेगा."
"औरधड़?"
"देवता भाई की छाँव में पहुंच जायेगा."
"देवता भाई धड़ का क्या करेगा?"
"पता नहीं."
"मनकी देवता भाई की बेटी है .उसे पता होगा."
"हो सकता है."
"हमें पता लगाना होगा."नूपर कुछ सोचते हुए बोली.
"मैं तुम्हारा साथ दूंगा .मैं ऐसे बेगुनाह लोगों को मरते नहीं देख सकता."योका के चेहरे पर नफरत उभर आयी थी.
'वापस छाँव चले?"नूपर को यहां रूकना मुश्किल लग रहा था.
"चलो."योका नूपर का सहारा लेकर उठ खड़ा हुआ उसका शरीर बहुत दर्द कर रहा था.उससे भी यहां नहीं बैठा जा रहा था.
नूपर योका को सहारा देकर बस्ती की ओर चल दी.
क्रमशः