दो बाल्टी पानी - 28 Sarvesh Saxena द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

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दो बाल्टी पानी - 28

“ बम बम भोले......बम बम भोले .....
करता हूं विनाश शैतानों का....
भूत चुडैल, प्रेत डायन....
कोई नही टिकता मेरे आगे,
कर दे सबका चंग़ा हाल....
नाम है मेरा बाबा बेताल......” |

गांव मे जब ये आवाज गूंजी तो सब देखने लगे कि आखिर बाबा बेताल भला गांव मे क्यों आये, पर जब बाबा के साथ सरला को लोगों ने देखा तो पूछने की हिम्मत भी नही हुई पर सब समझ गये थे कि कुछ तो गडबड है |
लम्बा मजबूत कद, साँवला शरीर, लम्बे और कठोर बालों का ज़ूडा, एक हाँथ मे कमंडल और दूसरे मे त्रिशूल और कन्धे पर लटका एक केसरिया रंग का झोला, आँखों मे क्रोध और माथे पर भस्म, बाबा बेताल को कोई अंजान व्यक्ति पहली बार देखता तो डर ही जाता और यही हाल सुनील का हुआ |
“ आइये बाबा.....आइये .....ये देखिये, ये है हमारा लल्ला, इसी को चुडैल ने धर लिया है” ये कहते हुये सरला ने बाबा बेताल को कमरे के अन्दर बुलाया |
बाबा बेताल बम भोले कहते हुये कमरे मे जैसे ही घुसे तो उनकी भारी आवाज से सुनील चौंक कर उठा और बाबा को देखते ही बोला “ अरे अम्मा ये कौन है .....अरे....अरे हम ठीक हैं ससुर के .....ये हमारी अम्मा हमे मरवा के रहेगी, अरे अम्मा काहे सनीचरी बन के हमारी कुंडली मे बईठी हो, अरे जाओ बाबा...हम बिल्कुल ठीक हैं अरे चुडैल से जादा तो हमे आपसे डर लग रहा है, हम बताये दे रहे हैं बस एक बार खोल दो हमें” ये कहकर सुनील अपने पैर की बन्धी रस्सी मे लगा ताला पटकने लगा |

बाबा बेताल ने सुनील को घूर कर देखा और कहा “ दिख रहा है....दिख रहा है” |

सुनील गुस्से में बोला “ अरे बाबा का दिख रहा है ससुर के ....हमने तो सब कुछ पहना है” |
बाबा गुस्से मे बोले “ मूर्ख बाबा को वो नही, जो तुझे नही दिख रहा ...वो दिख रहा है....बम भोले ....बम भोले...... कर दे सबका चंग़ा हाल....
नाम है मेरा बाबा बेताल......” |
बाबा की ये बातें सुनकर सरला उनके पैर पकडने लगी और बोली “ बाबा ...बाबा हमारे लल्ला को बचा लो....अब तुम्हारी ही आस है, अरे एक ही तो लल्ला है हमारा....उस मुई चुडैल को पकड लो बाबा ....” |

बाबा ने सरला को दिलासा दिया और सरला को आग जलाने के लिये कहा, सरला चूल्हे मे लकडियां रखकर आग जलाने लगी |

बाबा ने अपने झोले से एक मुंडी का कंकाल निकाला और सुनील के आगे रख कर और सामान निकालने लगे जिसे देखकर सुनील मारे डर के खटिया सहित कमरे मे भागने लगा” |

बाबा ने क्रोध मे कहा “ बैठ जा चुडैल .....मैं आज ही तेरा अंत कर दूंगा, मेरे आगे आज तक कोई भूत प्रेत जादू टोना टिक नही पाया, ....बोल ....कितनों का खून पिया तूने .....बता ......” बाबा सुनील से कुछ और पूछ्ते कि तभी सरला चिमटे से पकड कर एक दहकती हुई लकडी ले आई और बाबा के आगे रख दी जिस पर बाबा ने कुछ हवन सामग्री डाली और देखते ही देखते कमरे मे धुआं भर गया |

सुनील अभी भी बिन जल मछ्ली की तरह तडप रहा था कि तभी बाबा ने सुनील की मुंडी पकडी और उसके मुंह के आगे धुआं करते हुये कहा “ सूंघ...इसे.....सूंघ इसे चुडैल वर्ना आज और अभी भस्म कर दूंगा” |

सुनील का उस धुयें से दम घुट रहा था कि तभी सरला बोली “ अरे लल्ला सूंघ ले अच्छे से और जैसा बाबा जी कह रहे हैं वैसा कर.....सूंघ धुंये को....” ये कहकर सरला ने सुनील को जबर्दस्ती वो धुआं सुंघाया, सुनील चिल्लाता रह गया |