तस्वीर का सच - ६ - अंतिम भाग Saroj Verma द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तस्वीर का सच - ६ - अंतिम भाग

अब समीर को समझ में आया कि वहां आत्माएं पहले से थी लेकिन अच्छी वाली, हमारे साथ बुरा उस तस्वीर के आने के बाद शुरू हुआ शायद।।
समृद्धि .....कल ही चलते हैं उस जगह जहां से तुमने तस्वीर खरीदी है।।
गुरु जी बोले, हां सब पता करो और आज रात सावधान रहना उन्हें सब पता चल गया है और वो तुम लोगों को उनकी सच्चाई पता लगाने से जरूर रोकेगी।।
ये लो मंत्रो वाली रूद्राक्ष की मालाएं, चारों लोग पहन लो,ये ज्यादा तो नहीं लेकिन थोड़ी बहुत सुरक्षा तो करेंगी तुम लोगों की,
मोहित बोला,यार ऐसी बात है तो तू मेरे घर चल,मैं तो वैसे भी अकेला हूं,बच्चे और तेरी भाभी मायके गई हुई है,एक रात की ही तो बात है कल सब पता कर लेंगे तो तू अपने घर सबको लेकर फिर से वापस आ जाना।।
समीर बोला,तू ठीक कह रहा है,यार!!हम सब चलते हैं तेरे घर।।
और सब कार में बैठे, गुरु जी को उनके आश्रम छोड़कर सब मोहित के घर पहुंचे।।
सारा परिवार एक ही बेडरूम में सोने गया और मोहित अलग बेडरूम में।।
करीब आधी रात को मोहित ने समीर के बेडरूम के दरवाज़े पर दस्तक दी,समीर ने दरवाजा खोला__
हां, बोल मोहित क्या बात है?समीर ने पूछा।।
कुछ नहीं यार,डर लग रहा था अकेले नींद नहीं आ रही थी तो सोचा , तुझसे बातें कर लूं, मोहित बोला।।
हां,बोल लेकिन तेरी आंखें इतनी लाल क्यो है? समीर ने मोहित से पूछा।।
बहुत भगाया तूने,अब तो आज नहीं बचेगा, मोहित बोला।‌
ये कैसा मज़ाक है यार, समीर डरकर बोला।।
और समीर ने देखा कि मोहित थोड़ी देर में बिल्कुल सफेद हो गया और उसके हाथ पैर अकड़ रहे हैं,उसके मुंह से खून गिर रहा है और उसने बहुत जोर से समीर की गर्दन दबोचनी चाही लेकिन रूद्राक्ष की माला ने उसका हाथ जला दिया और वो अचानक ही गायब हो गया,अब समीर को लगा कि ये तो कोई और था , मोहित के कमरे मे जाकर देखना चाहिए कि वो कैसा है?और वो मोहित के कमरे में पहुंचा देखा तो मोहित पीठ के बल लेटा है उसे लगा कि मोहित ठीक है और इसका मतलब वो सब छलावा था।।
और समीर जैसे ही अपने कमरे की ओर जाने को मुड़ा, तो मोहित ने कहा,जा रहे हो समीर!! मुझे अकेले छोड़कर मत जाओ, मुझे डर लग रहा है और एक भयानक सा चेहरा जैसे कोई मांस का लोथड़ा हो और लाल लाल बिना पुतलियों की आंखें,समीर डरकर बाथरूम की ओर भागा तो वहां देखता है कि मोहित की लाश पड़ी है,अध खाई हुई जैसे कि उसका मांस किसी ने नोचकर खाया हो।
अब तो समीर बाथरूम से भी भागा और अपने बेडरूम की ओर गया, वहां भी खतरा मुंह फाड़े बैठा था और समृद्धि डरी हुई सी दोनों बच्चों के साथ बेड में बैठी थी,समीर ने देखा कि वो बड़े बड़े बालों वाली औरत आज खिड़की पर फिर से मेंढ़क की तरह उकडू बैठी है और उसका भयानक सा पंजा धीरे धीरे कृतु की ओर बढ़ रहा है, उसने कृतु को पकड़ना चाहा, तभी पता नहीं कहां से वो सफ़ेद कपड़ों वाली बच्ची की मां अचानक से आई कृतु का हाथ छुड़ाया और उस औरत को अपने साथ लेकर खिड़की से कूद गई, बहुत ही डरावनी चीख थी ,सब बहुत ही डर गये ।।
समीर ने कहा समृद्धि इन लोगों ने मोहित को भी मार दिया,अब पता नहीं हम कैसे बच पाएंगे।।
पहले चलो, यहां से निकलने की कोशिश करते हैं और तुम पुलिस को फोन करो, हमें ये सब पुलिस को बताना होगा,समृद्धि बोली।।
समीर ने फोन लगाना चाहा लेकिन फोन नहीं लगा, समृद्धि ने भी फोन लगाने की कोशिश की लेकिन फोन लगा ही नहीं।।
समीर बोला,अब ऐसा करते हैं,इस जगह से भाग जाने में ही भलाई है,चलो दोनों बच्चों को बीच में करो और सब एक-दूसरे का हाथ पकड़ लो और ध्यान रखना किसी के गले से माला नहीं उतरनी चाहिए।।
सबने ऐसा ही किया और दरवाजे तक जैसे ही पहुंचे एक अंजान शक्ति ने समीर को इतनी जोर से उछाला कि समीर उछल कर कमरे की छत से टकरा गया, समृद्धि और बच्चें ये सब देखकर चीख पड़े, समृद्धि ने जल्दी से समीर को सम्भाला और फिर सबने एक साथ हाथ पकड़कर दरवाजे तक जाने की कोशिश की लेकिन इस बार वो तस्वीर वाली फैमिली एक साथ चारों थे।।
अब अचानक समीर को पता नहीं क्या होने लगा वो धीरे धीरे अकड़ रहा था उसकी गरदन टेढ़ी होती जा रही थी और उसके हाथ खुद बखुद पीछे की ओर मुड़ने लगे, उसके पैर भी पीछे की ओर मुड़ने लगे,अब समीर का उसके शरीर पर कोई काबू नहीं था,वो फर्श पर गिर पड़ा और उसका रंग सफेद पड़ने लगा, समृद्धि ये देखा घबरा गई क्योंकि समीर के गले में उसकी माला नहीं थी,जब उस शक्ति ने उसे उछाला था तो उसकी माला गले से उतर चुकी थी।।
समृद्धि ने जल्दी से वो माला उठाई और समीर के गले में डाल दी फिर सबका हाथ पकड़कर जोर जोर से हनुमान चालीसा जपने लगी अब शक्तियां उसके सामने नहीं टिक पाई थी।।
बुरे समय में समृद्धि ने अपना आपा नहीं खोया और दीमाग से काम लेकर सब ठीक कर दिया।।
सुबह जब तक सूरज नहीं निकला वो सब वैसे ही उसी जगह बैठे रहे,अब सुबह हो चुकी थी,सब बाहर आकर पहले पुलिस स्टेशन गये, पुलिस को सारी बात बताई और गुरु जी के बारे में भी बताया, पुलिस ने समीर की बात पर भरोसा कर लिया और उसकी मदद के लिए तैयार हो गई।।
समीर ,समृद्धी और बच्चे रात भर सोए थे,वो घर गए फ्रेश हुए और नाश्ता कर के सो गए दोपहर करीब एक बजे पुलिस का फ़ोन आया,सब पुलिस स्टेशन पहुंचे, पुलिस ने उस तस्वीर वाले दुकानदार को बुलाया था, उसने बताया कि मुझे भी ये तस्वीर किसी ने जल्द बाजी में ही बेची थी लेकिन वो अपना पता लिख गया था फाइल में,वो फाइल मैं लेकर आया हूं।।
इंस्पेक्टर करन ने वो फाइल देखी और बोले चलिए समीर जी हम इस पते पर होकर आते हैं शायद कुछ जानकारी हाथ लगे,समीर और करन उस पते पर पहुंचे,उस घर के मालिक से मिले,
उस घर के मालिक ने बताया कि ये मेरे चचेरे बड़े भाई और उसके परिवार की तस्वीर थी, मेरा चचेरा भाई मुझसे बीस साल बड़ा था,तब मैं अपने मां-बाप के साथ विदेश में रहता था,मैं बहुत सालों बाद यहां लौटा हूं अपने परिवार के साथ, फिर यहां आकर मैंने ये घर खरीदा।।
चचेरा बड़ा भाई और मैं, हम अपने अपने मां-बाप की इकलौती संतान थे, यहां आकर मुझे पता चला कि बड़े भाई का घर वर्षो से खाली पड़ा है क्योंकि किसी ने वर्षो पहले उसी घर में पूरे परिवार की हत्या कर दी थी और मैं उस घर को देखने चला गया, वहां मुझे वो तस्वीर मिली, मैं तस्वीर बड़े भाई की निशानी समझ कर उठा लाया।।
उस तस्वीर को घर में लाने के बाद तरह तरह के हादसे होने लगे मेरे साथ फिर मैंने पता लगाया कि उस घर में कोई रहने लगा था उसने जबरन कब्जा कर लिया था उस घर पर और सबसे कहा कि ये घर मेरा है लेकिन कुछ दिनों बाद उसने भी वो घर छोड़ दिया, मैं उससे मिला और सारी बात बताई।
उसने कहा कि हां इस घर में तुम्हारे बड़े भाई और परिवार की हत्या हुई थी तो वो लोग मुझे दिखते थे, बहुत सी अनचाही बातें हुई तब मैंने एक तांत्रिक को बताया , उस तांत्रिक ने अपनी शक्तियों द्वारा उन आत्माओं को कैद कर दिया और कहा कि ये तस्वीर ज्यो ज्यो पुरानी होती जाएगी इन आत्माओं की शक्तियां बढ़ती जाएगी लेकिन ये तस्वीर इसी घर में रहनी चाहिए ये अगर किसी और घर में गई तो इन शक्तियों को फिर बड़ी मुश्किल में काबू में किया जा सकता है, मैं तस्वीर अपने घर ले आया यही पर मुझसे गलती हो गई, तभी सारी बात पता चलते ही वो तस्वीर मैं ने बेच दी।।
अब समीर और करन को सच्चाई पता चल चुकी थी,वो दोनों आश्रम पहुंचे और गुरु जी को सब सच बताया कि मोहित अब नहीं रहा उन बुरी शक्तियों ने उसे मार दिया।।
गुरु जी बोले तब तो उसी घर में जाना होगा क्योंकि वो बुरी शक्तियां अच्छी शक्तियों पर काबू पाना चाहती है,उस तस्वीर को नष्ट करना होगा, उसे पंचतत्व में मिलाना होगा, वो शक्तियां किसी भी तरह खुद को बचाने की कोशिश करेंगी।।
आज की रात बहुत ही भारी है कुछ भी हो सकता है और पूजा भी हमें वहीं करनी पड़ेगी।।
अब सब शाम तक उस घर में पहुंच गए__
इंस्पेक्टर करन भी दो और पुलिस वालों के साथ वहां पहुंच गया,रात होते ही गुरु जी ने पूजा शुरू कर दी अब उन बुरी शक्तियों ने अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया, पूजा में बांधा डालने लगी लेकिन उन अच्छी शक्तियों ने भी बहुत कोशिश की उन्हें रोकने की, साथ में आए दोनों हवलदारों को हवा में उछाल दिया, हवलदारों को बहुत चोट आई ,ये सब गुरु जी का ध्यान बंटाने के लिए हो रहा था लेकिन गुरु जी ने अपनी पूजा जारी रखी।
उन लोगों के गले में माला थी इसलिए शक्तियां उन चारों का कुछ नहीं बिगाड़ पा रही थी, तभी करन के साथ भी कुछ अजीब सा होने लगा,वो हवा में उड़कर छत पर अटक गया और फिर अचानक ऊपर से गिर पड़ा वो भी बहुत घायल हो चुका था।।
कुछ देर की पूजा के बाद उस तस्वीर में खुद बखुद आग लग गई और सारी बुरी आत्माएं उसमें जलती हुई, चीखती चिल्लाती नजर आ रही थी, गुरु जी ने उस राख को एक कलश में रख लिया बोले इन्हें गंगा में बहा देंगे।।
तभी उस बच्ची की आत्मा आई बोली हमें भी मुक्ति चाहिए, हमारे कंकाल रसोई के फर्श में दफ्न हैं, इतना कहकर वो गायब हो गई।।
करन ने उन कंकालो को फर्श से निकलवा कर उनका अंतिम संस्कार करवा दिया।।
अब सबको राहत थी,उस दिन के बाद किसी को भी कोई नहीं दिखा।।

समाप्त___
सरोज वर्मा___