तस्वीर का सच - ५ Saroj Verma द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तस्वीर का सच - ५

समृद्धि ने कहा, अच्छा कृतु अब तुम अपने बेडरूम में जाओ..
यस मम्मा!!कृतज्ञता इतना कहकर , अपने कमरे में जाने लगी लेकिन वो बार बार किसी को देखकर मुस्कुरा रही थी और बार बार पीछे मुड़कर देख रही थी।।
समृद्धि ने देखा कि वहां तो कोई नहीं फिर कृतु किसे देखकर मुस्कुरा रही है,ये सब देखकर उसका दीमाग चकरा रहा था कि ये सब क्या हो रहा है।।
वो कुछ समझ ही नहीं पा रही थीं और यही सोचते सोचते वो अपने बेडरूम में चली गई,एक बार को उसने सोचा कि समीर को सब बता दें लेकिन समीर भी परेशान हो उठता इस बात से।।
दूसरे दिन सुबह हुई सब ठीक-ठाक चल रहा था, समृद्धि ने सबके लिए नाश्ता बनाया, फिर वाशिंग मशीन में धुलने के लिए कपड़े डाले फिर किचन में आकर और भी काम निपटाने लगी,तब तक मशीन की रिंग बजी, समृद्धि ने धुले कपड़े जैसे ही मशीन का ढक्कन खोलकर निकालने चाहे, वैसे ही उसके हाथ को मशीन के अंदर किसी ने पकड़ लिया,समृद्धि बहुत जोर से चीखी और हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी,तब तक समीर भी आ गया,अब तक समृद्धि अपना हाथ छुड़ा चुकी थी।
समीर ने समृद्धि पूछा कि क्या हुआ?
समृद्धि बोली,मशीन के अंदर से किसी ने मेरा हाथ पकड़ रखा था और तुम अब किसी से बात करो, कोई तो है जो उस घर से पीछा करते करते हमारे इस घर तक आ चुका है।।
समीर बोला,घबराओ मत, मैं आज ही किसी को ढूंढ कर लाता हूं, कुछ अनजानी सी शक्ति तो है।।
समीर ने अपने कुछ जान पहचान वालों से इस विषय पर बात की,तब बहुत ही करीबी दोस्त मोहित ने बताया कि हैं मेरी नज़र में जो तेरी समस्या हल कर सकते हैं,वो है मेरे गुरुजी !! वो बस यही काम करते हैं ना जाने कितने ही लोगों की मुसीबतों को दूर किया है उन्होंने, बहुत ही छोटा सा आश्रम है उनका सिर्फ दो चार लोग ही रहते हैं उसमें,तू ऐसा कर मेरे घर आजा फिर हम गुरु जी के आश्रम चलते,समीर बोला ठीक है यार थैंक्स!!
समीर और उसका दोस्त मोहित गुरु जी के आश्रम गए,सच में आश्रम बहुत ही छोटा था दो ही कमरे थे,अगल बगल खूब फुलवारी लगी थी, दोनों अंदर पहुंचे, लेकिन पता चला कि गुरु जी किसी की समस्या का समाधान करने दूसरे शहर गए हैं कल सुबह तक आएंगे।।
मोहित बोला, कोई बात नहीं यार कल तक और सब्र कर लें और आज सावधान रहना।।
समीर बोला, ठीक है यार,कल मिलते हैं और समीर वापस घर आ गया।।
दिनभर तो कुछ नहीं हुआ फिर रात हुई,
समृद्धि बोली आज रात सब एक साथ एक ही बेडरूम में सोते हैं,समीर बोला हां सही कहा।।
सब एक ही बेडरूम में सोए,रात को करीब बारह बजे के बाद समीर को लगा कि किसी ने उसका हाथ पकड़ा है लगा कि किसी बच्चे का कोमल हाथ है फिर सोचा शायद कृतु होगी,उसने साइड टेबल पर लगे लैंप का स्विच ऑन किया,हल्की सी रोशनी थी,देखा तो फिर से वही सफेद कपड़ों वाली बच्ची जिसके बड़े बड़े लम्बे बालों ने उसके आधे चेहरे को ढ़क रखा था,उसका हाथ पकड़ रखा था और वो उसकी लाल लाल आंखों से आंसू बह रहे थे, ऐसा लग रहा था कि जैसे वो कुछ बताना चाह रही है, कुछ मदद चाहती है,समीर ने अपना हाथ नहीं छुड़ाया और वो उसका हाथ पकड़ कर बच्चों के कमरे में ले गई और समीर ने देखा कि ये तो वहीं गुड़िया है जिसे हम ने घर में छोड़ आए थे, इससे पहले कि समीर कुछ और बोलता वो बच्ची बुरी तरह चीखी और गायब हो गई,समीर फिर डर गया उसे लगा कि फिर से तो कोई उसके बेडरूम में समृद्धि और बच्चों के पास ना आ गया हो।।
वो दौड़कर अपने बेडरूम की ओर भागा, उसने देखा कि सब सुरक्षित है और आराम से हो रहे हैं।।
समीर रात भर नहीं हो पाया, उसे लग रहा था आखिर वो बच्ची कुछ तो कहना चाह रही थी और बहुत पहले से लेकिन क्या?
सुबह हुई,समीर ने रात वाली बात समृद्धि को बताई,अब तो समृद्धि भी डर गई और बोली हां समीर उस लड़की को मैंने भी देखा था उस दिन कृतु के साथ बैठे हुए तालाब के किनारे, मैं पास में जाने लगी तो मेरे पैर में कुछ चुभा,मेरा ध्यान पैर में चला गया तब तक वो गायब हो गई।।
तुम ऐसा करो, जल्दी से कुछ नाश्ता बना लो मैं तैयार होकर मोहित के साथ गुरु जी के आश्रम जाता हूं और उन्हें साथ लेकर ही आऊंगा,समीर ने कहा।।
समृद्धि बोली , ठीक है, मैं नाश्ता तैयार करती हूं।।
समीर तैयार होकर मोहित के साथ गुरु जी के आश्रम फिर से पहुंचा और मोहित ने गुरूजी के पैर छुए,समीर ने भी गुरु जी के पैर छू लिए ।।
बहुत ही प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले इंसान थे गुरु जी,गेरूए वस्त्र,गले में बड़े बड़े दानो वाली रूद्राक्ष की माला, लम्बी सफेद दाढ़ी और चौड़े माथे पर बहुत सा चंदन।।
मोहित ने गुरूजी से कहा,ये मेरा दोस्त है,इसी के साथ बहुत कुछ घटित हो रहा है,आप ही कोई उपाय कर सकते हैं,इसकी समस्याओं का समाधान कर दीजिए, गुरु जी, बहुत परेशान हैं बेचारा।।
गुरु जी ने समीर से कहा,लाओ पहले अपना हाथ दिखाओ,
जैसे ही गुरु जी ने समीर का हाथ पकड़ा,वो बोले बहुत ही विकट समस्या है,तुम बहुत बुरी तरह से कुछ बुरी और कुछ अच्छी आत्माओं के जाल में फंसे हुए हो,इसका समाधान करने के लिए मुझे तुम्हारे घर ही आना पड़ेगा और रात आठ बजे मैं अपनी पूजा शुरू करूंगा,तुम अभी जाओ और ये सामग्री ख़रीद कर रखो, मैं शाम को मोहित के साथ तुम्हारे घर आता हूं।
समीर बोला, ठीक है गुरु जी।।
और शाम होने तक समीर ने गुरु जी के कहे अनुसार सारी सामग्री ख़रीद कर सारी तैयारियां कर ली।।
गुरु जी पहुंचे उन्होंने अपनी पूजा शुरू की, उन्होंने कुछ मंत्र पढ़कर हवन कुंड में डालने शुरू किए, तभी एकाएक वो सफ़ेद कपड़ों वाली बच्ची प्रकट हुई, उससे गुरु जी ने पूछना शुरू किया, उसने लड़की ने कहा, मैं तो कबसे इन लोगों से बात करना चाह रही थी,कल रात भी आई थी लेकिन कुछ बुरी आत्माओं ने मुझे बस में कर रखा है लेकिन दिन में उन लोगों का असर मुझ पर नहीं होता,
गुरु जी ने कहा,वो कैसे सारी बात खुलकर बताओ।।
उस लड़की ने कहना शुरू किया___
बहुत समय पहले की बात है,मै, मेरी मां और मेरे नाना जी उस घर में रहा करते थे, मेरे पापा के एक दोस्त थे जो मेरी मां को पसंद करते थे तो जब मैं बहुत छोटी थी तो उन्होंने मेरे पापा को मार दिया था ये बात मेरे नाना जी और मेरी मां नहीं जानते थे, मेरे नाना जी बहुत अमीर आदमी थे, मेरे पापा के मरने के बाद मेरी मां और मैं नाना जी के ही पास रहने लगे,ये बात मेरे पापा के दोस्त को पता चली कि नाना जी के बाद मेरी मां ही नाना जी की सारी जायदाद की मालकिन होगी तो वो कभी कभी हमारे पास आने लगे मैं भी धीरे धीरे बड़ी हो रही थी फिर पापा के दोस्त ने मां को अपने प्यार के जाल में फंसाना शुरू कर दिया, मां ने भी समझा कि वो उनसे प्यार करते हैं फिर पापा के दोस्त ने नाना जी के सामने मां से शादी का प्रस्ताव रखा, नाना जी भी मान गये कि जवान विधवा बेटी का भला हो जाएगा।
फिर उन दोनों की शादी हो गई, शादी के बाद पापा के दोस्त की हरकतें धीरे धीरे हम सबको समझ में आने लगी,वो बहुत ही शराब पीते थे, मां बहुत मना करती थी फिर वहीं लड़ाई झगडे, नाना जी ने भी समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने।।
फिर एक रात उन्होंने सोचा कि हम सबको मार देते है तो सारी जायदाद उनकी हो जाएगी उन्होंने हम सब के खाने में जहर मिला कर हमें मारकर किचन के फर्श में दफना दिया, कुछ दिन तक वो उस घर में रहे फिर एक दिन तालाब किनारे उनकी लाश मिली, शायद मेरी मां की आत्मा ने उसे मार दिया था।।
मेरी मां उस दिन कपड़े रखते समय शीशे में दिखी थी,वो आपका हाथ और मुंह बंद कर के कुछ बताना चाहती थी फिर आपका पैर भी पकड़ना चाहा फिर आप भाग गई उसने समृद्धि से कहा।
फिर उस दिन मेरे नाना जी ने कपबोर्ड में आपका हाथ पकड़कर कुछ बताना चाहा लेकिन आप वहां से भाग आए, उसने समीर से कहा।।
और मैंने तो बहुत बार कुछ कहना चाहा,मैं कल रात भी आई थी आपका हाथ पकड़कर रोते हुए बताना चाहा लेकिन वो बुरी आत्माओं ने मुझको जकड़ रखा था,वो नहीं चाह रही कि आपको सच्चाई पता लगे।।
गुरु जी ने पूछा और कौन सी बुरी आत्माएं है?जरा खुलकर बताओं।।
वो लड़की बोली,वो तस्वीर पहले आप उसके बारे में पता कीजिए कि वो तस्वीर आपलोगो ने कहां से खरीदी उस दुकानदार को जरूर कुछ ना कुछ पता होगा और उस तस्वीर में वे कौन लोग हैं तभी पता चल सकता है उन बुरी आत्माओं को खत्म करने का तरीका और इस गुड़िया में ही मेरी आत्मा है , लड़की इतना बता कर गायब हो गई।।

क्रमशः___
सरोज वर्मा___