The Author Sonu Kasana फॉलो Current Read कैसा हक ? By Sonu Kasana हिंदी मनोविज्ञान Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ऑफ्टर लव - 27 विवेक अपने ऑफिस में बैठे हुए होता है, तभी टीवी में चल रहे न्... जिंदगी के रंग हजार - 14 आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160... गृहलक्ष्मी 1. गृहलक्ष्मी एक बार मुझे दोस्त के बेटे के विवाह के रिसे... बुजुर्गो का आशिष - 11 पटारा मैं अभी तो पूरी एक नोट बुक निकली जिसमे क्रमांनुसार कहा... नफ़रत-ए-इश्क - 5 विराट अपने आंखों को तपस्या की आंखों से हटाकर उसके कांप ते ह... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे कैसा हक ? (3) 1.6k 7.1k बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन बीरबल की पत्नी बीमार हो गई उसे तपेदिक हो गया उसकी हालत दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई बीरबल के पास इतनी जमा पूंजी नहीं थी कि उसका अच्छे वैद्य से इलाज करा लेता परंतु उसने फिर भी अपने सामर्थ्य के अनुसार काफी प्रयत्न किए लेकिन फिर भी वह अपनी पत्नी के प्राण बचाने में समर्थ ना हो सका और एक दिन उसकी पत्नी स्वर्ग को सुधार गई। दो छोटे लड़के घर पर किसके साथ अपना समय व्यतीत करते बीरबल को काम पर भी जाना होता था। जब बीरबल काम पर जाता तो घर पर लड़कों को किसके सहारे छोड़ कर जाता तथा घर पर खाना बनाने वाला भी कोई नहीं था। इसी कारण बीरबल ने दूसरा विवाह करने का निर्णय लिया देखभाल करने के पश्चात बीरबल ने दूसरा विवाह कर लिया। बीरबल की दूसरी पत्नी काफी समझदार वह अकलमंद थी वह छोटे लड़कों् का बड़ा ध्यान रखती समय पर खिलाती पिलाती और नहलाती।वह काफी दूरदर्शी थी। वह कुछ रकम भविष्य केेेेेे लिए भी बचा कर के रखती थी जीवन बहुत सही चल रहा था। धीरे धीरे बीरबल को दूसरी पत्नी से 4 पुत्र हो गए तथाा बीरबल काफी वृद्ध हो चुका था हालांकि बीरबल की दूसरी पत्नी बीरबल के बड़े पुत्रों का काफी पर ध्यान रखती थी फिर भी बड़े पुत्रों के मन में हमेशा सौतेला व्यवहार बना रहता उन्हें लगता कि उनकी माता अपने पुत्रों को ज्यादा प्रेम करती है तथा उनसे कम रही सही कसर आस-पड़ोस के रहने वाले पूरी कर देते थे वे बीरबल के बड़े पुत्रों से अक्सर खान पान रहन सहन इत्यादि के बारे में इस तरह प्रश्न पूछते जैसे उन्हें कुछ भी नहीं मिलता हो इससे बीरबल के बड़े पुत्रों के मन में और भी कड़वाहट बढ़ जातीएक दिन अचानक बीरबल की हृदय गति रुक जाने के कारण बीरबल की मृत्यु हो गई अब सारा जीविका चलाने का भार बड़े पुत्रों तथा बीरबल की दूसरी पत्नी पर आ गया क्योंकि बीरबल के अन्य पुत्र काफी छोटे थे बीरबल की पत्नी की दूरदर्शिता के कारण कुछ समय तक तो घर खर्च चलता रहा लेकिन कुछ समय बाद जैसे ही खर्च के लिए तंगी होने लगी तो बीरबल की पत्नी ने अपने चारों पुत्रों को कहा कि अब अब हम सबको अपनी जीविका कमाने होगी तो बीरबल के बड़ों पुत्रों को लगा की जैसे यह आदेश केवल उनके लिए है और उनमें से सबसे बड़े वाला अपने को अलग करने की बात कहने लगा और अपना सामान लेकर वह अलग हो गया तथा दूसरा हमेशा अपनी मां के साथ झगड़ते रहता वह सदैव कहता कि उसके साथ अन्याय हो रहा है तथा जो अलग हो गया था वह भी कभी किसी वस्तु पर तो कभी किसी वस्तु पर अपना स्वामित्व जताता रहता ऐसी स्थिति में बीरबल की पत्नी को कोई उपाय न सूझा वह अगर अपने बड़े लड़कों से भी काम करने का आग्रह करती तो सौतेले लड़कों को हमेशा ऐसा लगता कि वह उन्हें आदेश दे रही है अंतत है बीरबल की पत्नी ने परेशान होकर दूसरे सौतले लड़के को भी अलग कर दिया तथा अपने बड़े लड़कों से के साथ अपने आप जीविका कमाने लगी वहीं दूसरी ओर दोनों सोतेले लड़के भूखों मरने लगे वे हर समय अपनी मां तथा अपने छोटे भाइयों के सामानों पर नजरे गड़ाए रहते थे उन्हें इसी तरह से अपना जीवन यापन करना भला लगा।सोतेले होने के बावजूद भी बीरबल की पत्नी ने उन्हें उनके मनमाफिक उनका हिस्सा दे दिया था लेकिन फिर भी उन्हें हमेशा यही लगता था कि उन दोनों के साथ अन्याय हुआ है क्योंकि बीरबल के दूसरी पत्नी के 4 पुत्र थे इसलिए पूरी संपत्ति के 6 हिस्से होने थे जिसमें 4 हिस्से बीरबल की दूसरी पत्नी को मिलने दे तथा दो हिस्से उन दोनों को मिलने थे लेकिन फिर भी उन दोनों ने संपत्ति के मात्र 5 हिस्से कर दो हिस्से सम रखें तथा तीन हिस्से बीरबल की पत्नी को दिए अर्थात अपनी सौतेली मां को दिए लेकिन उन्हें लगता था की वह दोनों आधी संपत्ति के अधिकारी हैं किसी कारण से उस समय तो वह मान गए थे लेकिन अब उन्हें संपत्ति में आधे का हिस्सा चाहिए था जिसके लिए उन्होंने कई बार पंचायत बैठाई लेकिन पंच सदैवबीरबल की पत्नी का ही साथ देते थे क्योंकि उसे पहले ही हिस्सा कम मिला हुआ था इन सब बातों से दोनों के मन में घृणा बढ़ती चली गई और एक दिन उन्होंने सोचा कि क्यों नहीं इन चारों में से दो कम कर दें फिर तो सब हिस्सा बराबर बराबर हो जाएगा किसी ने सच ही कहा है कि मनुष्य लालच और क्रोध के आवेश में अपना अच्छा और बुरा भी भूल जाता है उसे मात्र अपना स्वार्थ सिद्ध होता हुआ दिखाई देता है आसपास की अन्य वस्तुओं को अन्य क्रियाकलापों को वह नगर यही समझ लेता है इसी कारण दोनों को यह रास्ता उचित जान पड़ा कि दोनों छोटे छोटे बच्चों को रास्ते से हटा देंगे इसी कुंठित मानसिकता के साथ दोनों एक दिन दोनों छोटे बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने घर ले कर के आ गए तथा किसी तरह से उन दोनों की हत्या कर दी तथा दोनों बच्चों के शवों को घर ही के अंदर जमीन में गाड़ दिया जब शाम को बीरबल की पत्नी ने अपने छोटे बच्चों को खोजा तथा उन्हें कहीं नहीं पाया तो वह बहुत ही परेशान हो गई तथा आसपास के लोगों से पूछताछ करने लगी काफी पूछने के बाद गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि मैंने उन दोनों बच्चों को आप के सबसे बड़े बड़े बेटों के साथ जाते हुए देखा था तब बीरबल की पत्नी उन दोनों के घर जा पहुंची उसे देख कर दोनों हड़बड़ा गए और कुछ कुछ बकने लगी एक कहता कि हमारे साथ आया था दूसरा कहता कि दोनों हमारे साथ आए थे पहला कहता कि वह तो वापस चले गए थे दूसरा कहता कि मैं खुद छोड़ कर आया था यह सब देखते हुए बीरबल की पत्नी को समझते देर न लगी की दाल में कुछ काला है उसने पुलिस को बुला लिया पुलिस ने छानबीन की तथा दोनों को पकड़कर साथ ले गई जज ने उन दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जो उनके पास था भी वह भी ऐसे ही पड़ा रहा। Download Our App