प्रेम दो दिलो का - 8 VANDANA VANI SINGH द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम दो दिलो का - 8

वो क्या है?
निर्मल - क्या कहते है?
नीरू - किसी को प्रेम पत्र लिखते हो? तुम मुझसे फिर झूठ का ये नाटक रच रहे हो
निर्मल हस्ते हुए तुम्हारे कान किसने भर दिये । वे पत्र मेरे नही राजु के है वो जो मेरे पड़ोस में रहता है । वो मेरा अच्छा दोस्त है पगली मैं किसी और से प्रेम नही करता मुझे सिर्फ तुम अच्छी लगती हो।
नीरू अच्छी बात है । निर्मल कहता है (गाड़ी रोक कर ) मुझें जवाब दो मुझसे आगे चला नही जायेगा ऐसे जब तक तुम जवाब नही दे देती ।
नीरू नीचे सिर झुकाये मै क्या जवाब दू तुम्हे नही पता मेरे दिल का हाल, मुझे भी प्रेम है आप से
निर्मल तेज से गाड़ी आगे बढाता है और नीरू उसकी कमर पकड़ कर आज जान ले लोगे गाड़ी ठीक से चलाओ अब क्या अब तो पंछी हो गये दोनो प्रेमी अपने पंखो के साथ नीले आसमान मे उड़ जाना चाहते थे ।
सब कुछ जैसे बदल गया हो उनकी जिन्दगी मे, निर्मल अच्छा गाना गाता था। वह उस समय के गाने लिखता और नीरू को देता ।कभी स्कूल छोड़ने का मौका मिल जाता तो मानो जन्नत मिल गयी हो ।
जब उन दोनो को घर मे एक दुसरे को देखने का मौका नही मिलता तो वह दोनो रमा के घर जाने का समय निस्चीत कर थोडा आगे पीछे पहुच जाते।
रमा के यहा आम और कुछ अलग-अलग तरह के पेड़ो के बाग थी । वहा रमा ,नीरू ,निर्मल और पड़ोस के एक दो और लड़किया बैठे रहते ।
निर्मल नीरू कीसी के सामने बात नही करते थे।बस वो दोनो एक दिसरे को लोगो की नजरो से बचाते हुए बिच में एक दुसरे को देख लेते ।उसी में उन दोनो को खुसी होती।निर्मल को गाना गाने का सौक था।नीरू की तारीफ में एक दो गाने गाता ।रमा को लगता वह उसके लिये गाता है ।
एक दिन रमा के बाग मे नीरू पहले पहुच गयी और रमा भी अकेले थी।रमा ने नीरू को बताया की वह निर्मल को प्रेम करती है लेकिन उसे यह नही पता है की निर्मल उससे प्रेम करता है या नही नीरू उसकी बात चुपचाप सुनती है ।रमा पूछती हैं की वह क्या करे ?निर्मल की माँ से सादी की बात करना ठीक होगा? नीरू कहती है पहले निर्मल से बात करना अच्छा होगा,रमा कहती है निर्मल भी मुझे पसंद करता है नही तो मेरे लिये यहा क्यो आता।नीरू को अब समझ मे नही आ रहा की वह रमा को क्या कहे वह क्या बताये उसको और कैसे बताये ।बड़ी हिम्मत करके कहती है रमा निर्मल को आने दो आज बात कर लेना ।ये बात पूछना निर्मल से ही अच्छा ही रहेगा । दोनो अपने दिलो में इक बोझ लिए दोनो की एक से ही प्रेम है । नीरू को ये लगता है कि निर्मल प्यार करता होगा तबी तो रमा भी करती है ।।
निर्मल का इन्तजार कर लो नीरू, रमा से कहती है।रमा नीरू से कहती है नीरू मेरे लिये निर्मल से बात करके देख ना एकबार वो तुम्हे पढाता है तुम उससे बात कर तो सकती हो ना।नीरू कहती है हा कर सकती हूँ ।