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आई एम नोट वेल

आई एम नोट वेल ( भाग 1)



एक हर शाम हमेशा नई होती है l आज शाम को घर लौटते वक्त बस में भरी सवारी के साथ मैं एक नन्हीं सी बिटिया को खड़ा देख उसे सीट दी l वह अपनी माता के साथ सीट पर बैठ कर एक चॉकलेट निकालती हुई मेरी ओर इशारा करके कहा - अंकल थैंक्यू, आपने हमें सीट दी l ये लो चॉकलेट खाओ l ओह ! बिटिया रहने दो, तुम ही खाओ, पूछने के लिए थैंक्यू l क्या नाम है आपका ? मैंने पूछा l मीनू, मीनू है मेरा नाम l मेरे प्रश्न का उत्तर देते हुए चॉकलेट खाने लगी l अगले स्टेंड पर उतरने के बाद घर की ओर चलते कदमों ने मीनू की यादों को आँखों के सामने ले आया l घर के एकांत ने भूख मिटा दी, मन की तृष्णा मीनू ने पूरी कर दी, जो कभी कहीं मिली थी मुझे l वही मीनू जिसकी हँसी को सबने देखा पर उस हँसी के पीछे छुपे हुए दर्द को किसी ने नहीं देखा l आज की रात उसी हँसी की ओट में दर्द भरी मीनू को ही याद करते हुए सो गया l

सुबह उठते ही देखा कि मोबाइल चमक रहा है एक परिचित का मैसेज था l ....................'' आई एम नोट वेल l'' नयी दुनिया में आज मोबाइल ही सबके हाव-भाव का परिचय उदासी भरे चित्रों से करवा देता है l मीनू से मैं अक्सर सालों में एक दो बार कहीं सेमिनार में ही मिला था, दस माह पहले मुझे एक छोटी सी मुलाकात में पता चला कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है l जो आज उसके संदेश ने यथावत बता दिया l

यह मेरे लिए चिंता का विषय है, क्योंकि मीनू मेरी एक अच्छी मित्र हैं l मैं रोज उसके स्वास्थ्य की कामना करता हूँ l पर आज…… आई एम नोट वेल, लिव मि अलोन l मीनू मुझे महीने में कम से कम दस बार यह मेसेज भेज चुकी थी l आज प्रभात में परमात्मा का स्मरण में मीनू ही थी, क्योंकि गुरु ग्रंथ साहिब में कहा गया है कि साजना मैं तेरे चरण की धूल यानि परमात्मा, सखा व सहोदर की हम चरण की धूल बनकर रहे तो हम विकार रहित रहते हैं हमें अपनेपन के साथ परमात्मा के साक्षात दर्शन का अवसर भी प्राप्त होता है l मीनू मेरे लिए दैव्य शारदे का रूप है, उसने मेरे साहित्य कर्म को नई दिशा दी है l पर आज मन भर आया l

मैं हर तरफ से मीनू - मीनू हो गया हर तरफ़ एक ही वाक्य घूम रहा था "आई एम नोट वेल l आई एम नोट वेल l" कितना दर्द था इस छोटे से शब्द में, मीनू से बिन मिले बिन जाने उसके सारे दर्द आज मेरे थे l मैंने जबाव दिया कि देवी आपको शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिलेगा आप व्यर्थ चिंता न करें l अंत में एक असत्य भी लिखते हुए आँखे भर आई कि "मैं ठीक हूँ l पर मुझे अकेला छोड़ दो l मीनू से कम से कम साल बाद आज छोटी सी इतनी ही बात सन्देश से ही हुई हुई, पर मीनू का दर्द मेरा दर्द हो गया, मैं और मेरा साया मीनू मीनू हो गया l ओर मैं वास्तव में आई एम नोट वेल, आई एम नोट वेल, सो लिव मि अलोन l

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