Munna ka parivar aur corona ki maar books and stories free download online pdf in Hindi

मुन्ना का परिवार और कॉरॉना की मार

मुन्ना (9 साल का लड़का)- मा, भूख लगी है , क्या बना रही हो जल्दी बनाओ ना।
मा - रुको जरा , अभी देती ही।
कुछ देर में मां चावल दाल सब्जी से एक थाली में सजा के लाती है।
मुन्ना - मा मुझे मैगी खाना है में ये नहीं खाऊंगा,
मा - आज ये खा लों में कल तुम्हारे लिए मैगी लेके आऊंगा।
मुन्ना - आज क्यों नहीं लाई मुझे मैगी ही खाना है।
मा - बेटा सब दुकान बंद है । कारोना के वजह से सारा दुकान बंद है । पापा गए है लेकर आएंगे।
तुम अभी ये खा लो।
मुन्ना ( जिद पकड़ लिया) - नहीं नहीं नहीं , मुझे मैगी ही खाना है।
मा बहुत चिंतित है कि इसके पापा को मजदूरी का काम नहीं मिल रहा , वह खुद 2 घर में काम करती थी उन सब से अभी छुट्टी दे दिया है, अब वह लोग भी कितना पैसा देंगे , आगे काम पर रखेंगे कि नहीं , किसी और को तो काम पर नहीं रख लिया मुझे हटाकर। बहुत सारी चीज़े दिमाग में चल रही है । बस इस उम्मीद में है कि मुन्ना के पापा अपने बकाया 15 दिन मजदूरी का पैसा मालिक से लेकर आएंगे तो कल अगले 3 दिन के लिए चावल दाल सब्जी तेल और जरूरी सामान के साथ मैगी भी ले आएंगे ।
इतनी देर में मुन्ना के पापा साइकिल पर जोर जोर से हाफ ते हुए घर आए।
पापा - मुन्ना के मा , पानी दो जल्दी।
मा ने जैसे ही पानी का मग लेके बाहर आया , उनके पापा को देख कर सहम गई।
मा - क्या हुआ मुन्ना के पापा , आपको कैसे चोट लगा। आप ठीक तो है। एक्सिडेंट हो गया क्या।
आप कुछ बोलते क्यों नहीं। हाथ से तो खून निकल रहा है। में दबाई लाता हूं।
इतने में मुन्ना धीरे धीरे आंगन के दरवाजे पर दस्तक दिया ।और जो कुछ देर पहले तक चिल्ला कर बात कर रहा था वह अभी एक टूक पापा को दूर से देख रहा था। वह भी सहम गया।

पापा - मालिक बस 2 दिन का पैसा दे रहे थे । बाकी का पैसा देने से मना कर दिया था। हम 7-8 मजदूर इसीलिए एक साथ पैसा मांगने गए थे ताकि हमलोगो को माना नहीं कर पाए।

किन्तु मालिक ने हमारी एक ना सुनी । हमारे मिस्त्री जिद करने लगे की हम वर्कर को पूरा पैसा देना ही होगा। तब मालिक ने दरवाजा बंद कर दिया ।

इतने में पुलिस की गाड़ी पार हो रहे थे । उन्होंने गाड़ी से उतर कर लाठियां बरसाईं। हमलोग उनको समझने की कोशिश की पर कुछ ना बोला ना सुने की कोशिश की । फिर जैसे तैसे हमलोग इधर उधर भागे। फिर साइकिल लेकर आ ही रहे थे कि पुलिया पार करके भी एक पुलिस डंडा लेकर खड़ा था उसको देखकर मेरा बेलेंस नहीं रहा और साइकिल लेकर में रोड से नीचे खेत में उतर कर गिर गया। फिर ये चोट आए।

इतना सब देख सुनके मुन्ना फिर दबे पाव घर के अंदर गया । और चुप चाप से वह थाली में रखा खाना अपने आखो में आसू लिए प्रेम से खाने लगा।
ये सब देख कर एक मा का दर्द बस आप ही समझ सकते हो। 😭😭😭😭😭😭😭😭

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