प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।। अभी सिंह राजपूत द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।।

प्रेम पाना नहीं है बल्कि एक जीवन दृष्टि है।ऐसी दृष्टि जो हमें रागात्मक और उदात्त बनाती है ।जहाँ हम अपने आत्मा का विस्तार करते हैं।।

जबकोइ आपको इग्नोर करता है ना तो दर्द होता है बहुत दर्द मैं समझ सकता हु क्योंकि अभी मैं भी उसी हाल से गुजर रहा हु, बस उस दर्द को कम होने मत दो ये आग जला रहने दो जरूरी है ये आग इसका उपयोग करना सीखो डॉ सम्भूनाथ का नाम तो सुने ही होंगे सब हिंदी के बहुत बड़े आलोचक है हिंदी ज्ञान कोष के संपादक एक दिन एक इवेंट में मेरी मुलाकात उनसे हुई उन्होंने मुझसे कहा कुछ बड़ा करना है हमने कहा जी सर तो उन्होंने पूछा किस चीझ को लेकर पागल हो फिर पूछा प्रेम किया है कभी हम ना कर दिए शर्म के मारे उन्होंने कहा प्रेम करो, खुले रखो दरवाजे और उस जुनून की दिशा मोड़ दो तब सफलता मिलेगी मतलब जो जुनून इश्क़ के लिए है उसको करीअर पर फ़ोकस करो इश्क़ करो बिना किसी रिटर्न के (मैं भी यही कर रहा हु) इतना सुनने के बाद मैं भावुक ही गया और मैं कह दिया सर अब तो जुनून इश्क़ में लगाने से कोई फायदा नही फिर वो मुझे बोले अरे जितने अच्छे पल मिले उसे लेकर खुश रहो मेरी भी यही कहानी है और वो मेरे लिए काम कर रही है तुम प्यार करते थे बहुत से अच्छे वाखिये रहे होंगे उनको जियो और मौज में रहो जैसे कोई जोक पसन्द आता है तो बार बार देख लेते हो तो जो अबतक जिये हो उसे बार बार जिओ अकेले जिओ बिना किसी रोक के अब मेरे आँखों मे आँशु था उन्होंने मेरा आँशु पोछते हुए कहा इसे निकलने मत दो यही तो हिम्मत है तुम्हारी और है ये मनाओ की वो खुश रहे जिसने कभी तुम्हे थोड़ी या बहुत खुशी दी और मूव ऑन करो एक तरफा प्यार और ह ऐसा नही की किसी और को अब वो जगह मत देना अगर कभी लगे कि कोई नही है उस लायक तो परख के उसे अपना बना लेना जीवन रुकने का नाम है ही नही आओ तुमको हम भक्तिकाल में लेकर चलते है श्री कृष्ण ने लीला इसीलिए ही रची हम जैसो के लिए वरना भगवान को राधा जी से विवाह कौन सी बड़ी बात है क्या क्या नही किया उन्हीने प्रेम किया विवाह नही हो पाया फिर एक विवाह तो भाग कर किया जिस प्रेम को पूरे विश्व मे हम सनातनी पूजते है जब वो विवाह से दूर रहा तो हम क्यों विवाह के लिए परेशान है राधा रानी किसी और से विवाह की श्री कृष्ण किसी और से तो हम तो भक्त( एक इंसान) ही है जय श्री करो और जिंदगी मजे से जियो और ह दारू पीते हो तो रेगुलर की तरह ही पीना ये नही की दर्द को ग्लास में छलकना क्योंकि कुछ लोग एक्टिंग में आगे निकल जाते है इसीलिए भक्ति काल से ही सारा किस्सा बताये है छोटे भाई हो ना इसीलिए और जाते जाते उन्होंने ये कहा वैसे मेरी बातें 10% ही सुनी होगी तुमने क्योंकि ये कस्ट पता है मुझे सुनने मन ही नही करता इस वक्त और प्रेम में बहुत ताकत होती है मेरा लिखना भी प्रेम से ही शुरू हुआ था आज देखो बहुत इजी कांसेप्ट है मेरा मैं हिंदी का छात्र नही रहा हु नाही मैंने उपन्यास या और बहुत सी कविताये पढ़ रखी है ह एक चीझ खाश है मुझमे फील करना सॉफ्ट हर्ट के जब ही जाओगे तो सब फील कर सकोगे माँ बन जाओगे तो ममता लिख पाओगे,बेटा बन जाओगे तो मात्र भक्ति पित्र भक्ति लिख पाओगे,प्रेमी बनकर प्रेम,पीड़ित बनकर हुकूमत के खिलाफ और नेता राजनिति शब्द मेरे बहुत सरल होते है बस वही फील करो और लिखो तुम भी करो बहुत आसानी से लिख पाओगे हाँ छोटी छोटी बातों से शुरू करो देखना कब वो कविता बन आएगी पता नही चलेगा अभी और कुछ कहते तब तक सुबह 6 बजकर 50 मिनट का अलार्म बजने लगा और मेरी नींद खुल गयी और मेरे चेहरे पर एक काफी कंफ्यूजिंग मुस्कान थी।।

हमारे आत्मा के विस्तार में ही हमारा प्रेम घुला रहता है इसलिए वह खोता नहीं है बल्कि हमें हर जगह उसकी उपस्थिति का अहसास होता है।।