19 साल का वो हैकर और कंप्यूटर प्रोग्रामर Mrityunjay Singh द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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19 साल का वो हैकर और कंप्यूटर प्रोग्रामर

यूपी के चंदौली जिले के औरैया गांव में 21 साल पहले किसान योगेंद्र सिंह के घर पैदा हुए बेटे मृत्युंजय सिंह के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि वो एक दिन दुनियाभर की सुर्खियों में रहेगा। वजह यह है कि छोटी सी उम्र (Youngest CEO) में मृत्युंजय ने अपनी प्रतिभा के बूते गूगल और सिंगापूर हैकथॉन तक में अपनी छाप छोड़ी है।

वाराणसी आई आई टी बीएचयू में इन्क्यूबेटी है मृत्युंजय,
अमेरिका की गूगल में काम करने का हर कोई ख्वाब देखता है, मगर यूपी के इस युवा कंप्यूटर प्रोग्रामर मृत्युंजय सिंह ने गूगल का ऑफर तीन बार चीन के wechat का ऑफर एक बार सिर्फ इसलिए ठुकरा दिया कि भारत में ही रहकर देश के लिए कुछ करना है। फिलहाल मृत्युंजय वाराणसी आई आई टी बीएचयू में इन्क्यूबेटी है

जब बाढ़ ने मचाई तबाही
वाराणसी से 30 किलोमीटर दूर स्थित गांव औरैया के मृत्युंजय सिंह की कामयाबी का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है, मगर विपरित हालात में भी मृत्युंजय ने हार नहीं मानी। वर्ष 2008 में मृत्युंजय का गांव भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया था। सब कुछ बर्बाद हो चुका था, लेकिन मृत्युंजय ने पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 2013 में दसवीं उत्तीर्ण की। उस दौरान मोबाइल गेम बनाकर मृत्युंजय ने सबको चौंका दिया था। उस खोज के लिए मृत्युंजय को उनके स्कूल में इंस्पायर्ड अवार्ड भी मिला था।

सबसे बड़े टेक्नोलॉजी हैकेथोन से बुलावा
30 जनवरी से 8 फरवरी 2017 तक सिंगापूर में विश्व का सबसे बड़ा टेक्नोलॉजी हैकेथोन हो रहा है। इसमें मृत्युंजय सिंह को बतौर मुख्य वक्ता आमंत्रित किया गया है। सिंगापूर टेक्नोलॉजी हैकेथोन 2017 में दुनिया से करीब छह हजार से ज्यादा हैकर, कंप्यूटर प्रोग्रामर , टेक एक्सपर्ट शामिल थे । छोटे से गांव के मृत्युंजय सिंह की प्रतिभा के दम पर उसे सिंगापूर टेक्नोलॉजी हैकेथोन 2017 में बुलाया जाना हर किसी के लिए गौरवशाली है।

पीएम मोदी ने भेजा सिंगापूर टेक्नोलॉजी हैकेथोन 2017
बचपन से मेधावी रहे मृत्युंजय सिंह को अपने आविष्कारों के चलते वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का मौका मिला। पीएम मोदी ने उसे अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए राष्ट्रीय नवप्रर्वतन प्रतिष्ठान अहमदाबाद (एनआईएफ) भेज दिया।

वाराणसी में विकसित करना चाहते हैं स्टार्टअप हब
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मृत्युंजय सिंह की गिनती दुनिया के 30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में भी होती है। मृत्युंजय सिंह विदेश जाकर नासा या कोई अन्य संस्था ज्वाइन करने की बजाय हिन्दुस्तान में ही रहकर स्टार्टअप करना चाहते हैं। मृत्युंजय का सपना वाराणसी में स्टार्टअप हब विकसित करने का है। ये हर साल सौ बच्चों की मदद करना चाहते हैं। अब तक 8 बच्चों के आविष्कारों का पेटेंट भी करा चुके हैं।

यूपी के मृत्युंजय सिंह के आविष्कार…

1 - VGMSecurity एंटी थेफ़्ट एंड वीमेन सेफ्टी के नाम से एक ऐसा एप्प बनाया जिससे महिला सुरक्षा की जा सकती है और चोरी हुवे फ़ोन को लोकेट किया जा सकता है ।
2 - VGMTrack के नाम ऐसा एप्प और डिवाइस बनाया जिससे कार और बाइक चोरी को रोका जा सकता है

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