डर - भाग-3 सीमा कपूर द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • प्रेम और युद्ध - 5

    अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत...

  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क...

  • Devil I Hate You - 21

    जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन...

  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो...

  • मंजिले - भाग 14

     ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।...

श्रेणी
शेयर करे

डर - भाग-3

तीसरा पृष्ठ

भाग रहा हैं 'वक्त' या भाग रहे हैं 'हम'

दोस्तों जैसे कि "पहले" और "दूसरे" पृष्ठ में आप (डर) कहानी के भाग पढ़ चुके हैं और अब मैं आपके सामने (डर भाग तीसरा )लेकर उपस्थित हूं।


(शा़मा),वह लड़की जो डर से भागती तो हैं पर डर उससे दूर नहीं...... (शा़मा)की मदद कौन करता मैं वह चीखती चिल्लाती या फिर यह कह लो कि कोई मदद ही नहीं करना चाहता था उसकी।
कुछ भी कह सकते हैं उधर (शा़मा) के लिए इस घर की पहली रात मानो मौत की आहट सी हो अचानक से मकान की सारी लाइटें जलने और बुझने लगी...

(शा़मा)जब मेन स्विच की ओर तब लाइट अपने आप जलने लगी और जैसे ही वे मैन स्विच की ओर पीठ कर कर वापस की ओर जाने लगी तो लाइट ए फिर से बंद हो गई-
जैसे किस घर की सभी लाइटें उससे आंख में चोली खेलने लगी (शा़मा) ने मेन स्विच ही बंद कर दिया।।
उसे बार-बार यही लग रहा था कि मानो कि जैसे उसका यह वहम हो परंतु वह में क्या सच और क्या झूठ है,

सब कुछ (शा़मा) की समझ से परे ही था,थक कर शा़मा जब बाथरूम में मुंह धोने के लिए गई वास वेशन का नल खोल कर जैसे ही मुंह धोने लगी नल में पानी की जगह खून आने लगा।
उसने आंखें बंद कर रखी थी और मुंह पर पानी समझकर खून डाल दिया जैसे ही उसने अपनी आंखें खोली खोली चीखने लगी और तौलिए से मुंह साफ करने लगी नल बंद करना चाहा पर कर ना पाई/ उसके हाथ और उसका पूरा शरीर कांप रहा था और नल में से खून की जगह कालापानी अचानक से आने लगा,
जब वह बाथरुम से बाहर आने लगी पर दरवाजा ही नहीं खुल रहा था और वह जोर-जोर से रोने लगी उधर नल बंद नहीं हो रहा था/ इधर दरवाजा नहीं खुल रहा था/

फिर अचानक से ही अपने आप दरवाजा़ खुल गया।
जैसे ही वह डरते डरते बाहर आई मकान के सारे दरवाजे अपने आप खुलने और बंद होने लगे__ अचानक से मकान की सभी लाइटें फिर से चलने और बुझने लगी (शामा़) मन ही मन में सोचने लगी कि मैं तो मेन स्विच ही बंद फिर यह कैसे हो रहा है पसीने से भरी पड़ी घबराई हुई (शामा़) को कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि वह अब करें भी तो क्या करें जैसे-जैसे लाइट बंद होती उसे दीवार पर जमीन पर पलंग पर छत पर हर जगह अजीब और भयानक से कोई चीज रेंगती हुई दिखाई देती।।

जैसे ही लाइट आती सब गायब हो जाता है जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो अब (शामा़)के लिए यह रात क्या-क्या लाने वाली और क्या-क्या दिखाने वाली थी. जो की वह खुद भी नहीं कुछ जानती-- डर के मारे अब (शामा़) बाथरूम आ गया वह जैसे तैसे बाथरूम तक गई फ़्लैश पर बैठकर जब मैं फ्री होने लगी तो पोट में खून वह भी काला और गहरे लाल रंग का वह जैसे ही वहां से उठी उसके शरीर के उसी हिस्से से खून बहे जा रहा था।..?

भाग चार का इंतजार जरुर करे दोस्तों बहुत जल्द आपके सामने लेकर उपस्थित होंगी,,धन्यवाद