रात को मैने उस से पूछा तो कैसा लगा आज?
वो बड़ा खुश था,मानो जैसे जो चाहता हो वो उसे मिल गया हो,इस मुलाकात के बाद हमारे रिश्ते में रवानी आ गई थी,दोनों के दिलो में एक दूसरे के लिए फिकरे बढ़ गयी थी,वो रोज़ मुझे अच्छे से कुछ न कुछ समझाता,उसकी एक बात जो मुझे सबसे ज़्यादा प्यारी लगी वो था उसका एक सवाल..
एक दिन कहने लगा लायबा मान लो मेरे घर में किसी दिन बस दो ही रोटी हो और खाने वाले हम तीन,में तुम और मेरी माँ, तो तुम क्या करोगी?उसका सवाल सुन कर मेने झट से कहा एक रोटी अम्मी को खिलाऊंगी और एक आपको।
उसने कहा खुद क्या खाओगी फिर ? मेने कहा आप दोनों खा लोगे यही काफी है,मेरी ज़िम्मेदारी भी यही है कि में आप दोनों का ख्याल रखूं।
इसपर उसने कहा नही,में होता तुम्हारी जगह तो एक रोटी माँ को देता और एक मे से दो टुकड़े कर आधी तुम्हे खिलाता ओर आधी खुद खाता,ये वो रोटी है जो हमे ज़िन्दगी भर खानी है,चाहे ये रोटी सुख की हो चाहे ये रोटी दुख की हो,हम ज़िन्दगी में हर चीज़ बाटेंगे।
उसकी इस बात पर मेरा बस नही चल रहा था कि उसे टाइट कर के हग कर लू ओर खुद में समा लूं,लेकिन इतनी दूर से बस उसे किस इमोजी देकर ही रह गयी।
खुशग्वार वक़्त धीरे धीरे बीतता रहा।
एक दिन वो अचानक से गायब हो गया,जब पूरे दिन मेसज न आया तो मैने जुनैद भाई को पूछा कि कहाँ है,तो उन्होंने बताया कि उसका आज एक्सीडेंट हो गया है,मैने घबरा कर पूछा कैसे हुआ क्या हुआ ? तो उन्होंने बताया जनाब मोबाइल में चैटिंग करते हुए गाड़ी चला रहे थे,स्कूटी भी टूटी मोबाइल भी टूटा ओर खुद भी फूट गए,अभी शायद कुछ दिन मोबाइल न चलायें,जिस दिन मुझे ये खबर मिली अगले ही दिन मेरा बर्थडे था,न जाने कैसे उसने मुझे किसी और के मोबाइल से विश कर दिया।
अगले दिन किसी अननोन नo से कॉल आयी,कहने लगा टांग की हड्डी टूट गयी है,कुछ महीने लगेंगे ठीक होने में,पता नही तब तक बात हो पायेगी या नहीं,इसलिए परेशान मत होना।
में फिर भी एक उम्मीद में रोज़ उसके कॉल का इंतज़ार करती,और ये इंतेज़ार का एक एक दिन मेरे ऊपर सदियों सा गुज़रता,जुनैद भाई से बस इतनी खबर मिलती रहती के ठीक है, में सारा दिन तो रोती ही, साथ साथ तहज्जुद में भी उसके जल्द ठीक होने की दुआ मांग के रोती, खेर 22 दिन बाद उसकी कॉल आयी,नया मोबाइल मिल गया था उसे,धीरे धीरे फिर बात चीत होनी शुरू हो गयी,
थोड़े दिन बाद कहता है यार में रिलेशनशिप नही रख सकता,अभी मुझसे बड़े दो भाई और हैं,साथ ही एक बहन भी है,पहले उनकी होगी फिर कही मेरा नo आएगा,मैंने उसे समझाया कि जल्दी क्या है,अभी में भी छोटी हुं,आराम से कर लेंगे,वो कहने लगा मेरी टांग में फ़र्क़ आ गया है,अब में ज़िन्दगी में नॉर्मल नही चल पाऊंगा कभी भी, मैने कहा तुम एसा क्यो सोचते हो,हादसा तो किसी के भी साथ हो सकता है,मुझे तुमसे प्यार है और तुम मुझे हर हाल में क़ुबूल हो।
उसने कहा ठीक है,लेकिन फिर बाद में मुझसे मत कहना कुछ उल्टा सीधा हो जाये तो,मैने राहत की सांस ली और कहा हां नही कहूंगी,बस तुम कभी भी खत्म करने को मत कहना,
धीरे धीरे 2 महीने ओर बीत गए,दानिश की सालगिरह भी आ गयी थी,मैंने दानिश को मुबारकबाद देने के लिए इंस्टा व्हाट्सएप्प दानिश के फोटोज़ से भर दिए,और दानिश को सब जगह मेंशन कर दिया,दानिश स्टेटस देख कर बड़ा खुश हुआ,मैंने कहा अभी तुम्हारा गिफ्ट रह गया है, बताओ क्या चाहिए तुम्हे ?
उसने कहा वक़्त आने पर मांग लूंगा,मेंने कहा ठीक है।
उसी रात इलमा नाम की लड़की का मेसज मेरे पास आया,के ये दानिश तुम्हारा कौन है और तुम दोनों का क्या रिलेशन है ?
दानिश ने मुझे समझाया हुआ था कि में कभी भी किसी को न बताऊ उसके ओर मेरे बारे में,इसी लिए मैंने उसे कहा कि हम दोनों बस दोस्त हैं।
फिर मेने दानिश से कहा के एक लड़की जिसका नाम इलमा है हम दोनों के रिलेशन के बारे में पूछ रही थी,ये कोन है और क्यो पूछ रही है,दानिश ने कहा ये मेरी स्कूल फ़्रेंड है और पूरी पागल है, हर टाइम दूसरों की ज़िंदगी में ताक झांक करती रहती है,और कोई बात पता लग जाये तो उसे पूरे स्कूल में फैला देती है,तुम अब उस से बात मत करना में उसे समझा दूंगा।
मेंने कहा ठीक है दानिश जैसा आपको बेहतर लगे,
कुछ दिन बीते मेरा 11th क्लियर हो गया था और वो 12th में फैल हो गया था,जिसकी वजह से उसके भाई ने उसे दिल्ली बुला लिया,और कहा कि जब पढ़ाई नही कर रहा तो यही शॉप पर बैठ कर काम देख,
वो दिल्ली चला गया,वहाँ जाकर उसने बात बहोत कम कर दी,में सारा दिन इंतेज़ार करती रहती,मेसज करती रहती लेकिन वो ऑनलाइन रहने के बाद भी रिप्लाई न करता तो में रोने लगती,शिकायत करती तो कहता भाई आजाते है तो में ऑन मोबाइल ही टेबल पर रख देता हूं,जब तक वो नही जाते तब तक यूज़ नही करता हूं।
खेर एक दिन इंस्टा स्क्रॉल करते करते इलमा कि आई डी मुझे दिख गयी,उत्सुकतावश मेने उसे खोल कर देखा तो एक पोस्ट जिस पर लिखा था "आई लव डी" ओर कैप्शन में एक बहोत लम्बा सैड ओर डीप पोस्ट लगा हुआ था।
मेंने इलमा को मेसज करा ओर पूछा कि ये डी कोन है ? कहने लगी तुम्हें क्या मतलब,मेरे ज़्यादा पूछने पर कहने लगी ये वही है,जिसे तुमने मुझसे छीन लिया है,मेरा दानिश,मेरी ज़िंदगी,में उसी दिन समझ गयी थी जब तुमने पोस्ट डाला था,कि अब तुम दानिश की गर्ल फ्रेंड हो,मेंने उस से उसी दिन ब्रेकअप कर लिया था।
मुझे यकीन नही हुआ,होता भी कैसे दानिश मुझे चाहतों की हद तक चाहता था,लेकिन जब इलमा ने दानिश के बारे में सब डिटेल में बताना शुरू किया तो मुझे भी शक होने लगा,उसे उसकी बर्थडे से लेकर उसकी पसन्द न पसन्द सब याद थी,दानिश की सारी फीमेल फ़्रेंड्स के नाम,उसके मेल फ़्रेंड्स के नाम,उसकी हर छोटी बड़ी आदत सब उसे मुँह ज़बानी याद थी।
इस सब को देखते हुए मेने दानिश को पूछा कि ये सब क्या है ?वो सब कैसे जानती है तुम्हारे बारे में ?
दानिश ने कहा जितनी बातें उसने बताई ये तो मेरा हर इंस्टा फॉलोवर जानता है,मेंने कहा ठीक है अगर ऐसा है तो तुम अपनी अम्मी की कसम खा लो।
लेकिन दानिश एक घण्टे की बहस के बावजूद भी नही माना और कहने लगा तूने मेरी माँ का नाम लिया कैसे,मुझे तुझसे रिश्ता रखना ही नही,और सब खत्म कर के चला गया।
अब बस एक मात्र रास्ता जुनैद भाई ही बचे थे,मेंने उनसे कहा कि दानिश ने मुझसे ब्रेकअप कर लिया है।