न्यूड ग़ज़ल - 2 Junaid Chaudhary द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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न्यूड ग़ज़ल - 2


रात को फिर दानिश से बात करने की बेचैनी हुई तो इंस्टा खोल लिया,उसका (गुड मॉर्निंग) के मेसज के साथ दोपहर में (कहाँ हो ) भी पड़ा हुआ था,मेंने बस हेलो लिख के भेज दिया।

पूछने लगा कहाँ थी सुबह से ऑन भी नही आई,

मेंने कहा बस घर के काम मे लगी हुई थी,

उसने कहा में तुम्हे सुबह से मिस कर रहा था,यार रात तुमने एकदम से प्रपोज़ कर दिया तो में घबरा गया था,लेकिन फिर पूरी रात नही सो पाया,सुबह उठते ही तुम्हे मेसज किया,दोपहर तक फिर इंतेज़ार किया,मेरे अंदर की ये बेचैनी बताती है कि मुझे भी तुमसे प्यार है,

आई लव यू लायबा

अब मेंने उसकी इस बात का कोई जवाब नही दिया,में सोचने लगी के एक ही रात में इतनी जल्दी प्यार कैसे हो गया,उसने जब देखा कि मैने कुछ नही कहा तो उसने अपनी आई डी से एक रोमांटिक पोस्ट डाला और उसमें मुझे टैग कर दिया,मेंने टैग करने का रीज़न पूछा तो कहने लगा में अब बस तुम्हारा साथ चाहता हूं,

लेकिन में घबराई हुई थी,मैंने कशफ़ना को पूरी बात बताई ,कशफ़ना ने कहा आजकल का ज़माना बड़ा खराब है,फिर लड़का अल्ट्रा सेक्सी है,इस तरह के लड़कों के पास ऑप्शन ज़्यादा होते हैं इसलिए इन जैसों का भरोसा मुश्किल है,पर एक रास्ता है,तू उसको बोल सच्चा प्यार करता है तो रिश्ता भेजे,कशफ़ना की बात में दम था।

मेंने दानिश को बोला कि दानिश मुझे भी तुमसे प्यार है,और में सारी उम्र तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूं,लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि तुम मेरे घर रिश्ता भेजो।

दानिश अपने नाम की तरह था बिलकुल,दानिश के मायने होते हैं समझदार,और वो समझाता भी इतने ही प्यार से है,उसने कहा देखो लायबा अभी तुम छोटी हो,में भी नाबालिग़ हूं,में अभी 12th में ही हूं,और इतनी जल्दी बिना नोकरी के न तुम्हारे घर वाले अपनाएंगे ओर न मेरे घर वाले रिश्ता लेकर जायँगे,हमें थोड़ा सा सब्र करना होगा,जब में किसी लायक़ हो जाऊंगा तो रिश्ता भिजवा दूंगा।

मैंने कहा आप अभी बात तो कर के रख लो मम्मी से,बाद में वो नही मानी तो मेरे लिए सम्भलना मुश्किल हो जायेगा,

उसने कहा मेरे पास तुरुप का इक्का है,मेरा दोस्त जुनैद चौधरी,मेरी मम्मी मुझ से ज़्यादा उसकी सुनती हैं,आजतक ऐसा कभी नही हुआ कि उसने कुछ कहा हो और मेरी मम्मी ने उसकी बात टाल दी हो।

मेंने कहा अच्छा ठीक है ऐसा है तो,मैने दानिश की आई डी में से ही जुनैद को रिक्वेस्ट भेज दी,और उन्होंने एक्सेप्ट भी कर ली,फिर मैंने दानिश का अपना और जुनैद का ग्रुप बना दिया।

दानिश ने हम दोनों का एक दूसरे से तार्रुफ़ (इंट्रो) करा दिया,में अब सुकून से थी कि चलो कोई तो ऐसा है दानिश की तरफ जो हम दोनों को जानता है,और मुझे उम्मीद थी कि कभी दानिश में ओर मुझमे कुछ लड़ाई हुई तो जुनैद ज़रूर काम आयंगे।


खैर मेरी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत सफर शुरू हो चुका था,हर चीज़ अच्छी लग रही थी,यहाँ तक के घर के काम करने में भी मज़ा आ रहा था,कहते है न जब आपका दिल खुश हो तो आपको जंग का मंजर भी गुलिस्तां नज़र आता है।

दानिश बड़ा दिलकश इंसान है,उसकी ख्वाहिशें भी ऐसी ही दिलकश होती है,कहता है हाथ पर मेहंदी लगाओ और उस मेहंदी में मेरा नाम छुपाओ,और में उसे ढूंढूंगा,खेर मेहंदी इतनी अच्छी तो नही आती थी,लेकिन उसकी खुशी के लिए जाकर आपी से सीख कर आई,क्योंकि उनसे तो नाम लिखवा नही सकती थी,खेर मेहंदी लगाई उसमे नाम छुपाया लेकिन दानिश ने कहा तुमसे मिल के ढूंढना है तुम्हारे हाथ में।

बहुत न नुकर करने के बाद मेने आखिर कार उसे हां बोल दी,मेरे हां कहते ही उसकी खुशी का ठिकाना नही था।

मैंने उसको पूछा हम मिलेंगे कहाँ? तो उसने कहा वेव मॉल मिलेंगे,और परसों सैटरडे स्कूल के बाद वही मिलना तय हुआ,जुनैद भाई भी साथ में आने वाले थे,इसलिए मैंने स्कूल से ही कशफ़ना को साथ में ले लिया,में डरी हुई भी थी कि पता नही पसन्द आऊंगी भी या नही,क्योंकि फ़ोटो में ओर रियल में बड़ा फ़र्क़ होता है,फिर इंस्टा से फ़ोटो इतने अच्छे हो जाते हैं कि बदसूरत भी खूबसूरत लगने लगता है,में इसी उधेड़बुन में स्कूल से वेव पहुंच गई,रास्ते मे कशफ़ना न जाने क्या क्या बक बक कर रही थी,पर किसी के ख्यालो की वजह से सब मेरे सिर के ऊपर से उड़ता जा रहा था,आखिरकार जब दानिश ने एंट्री की तो वो क्या लग रहा था,ब्लू जीन्स व्हाइट शर्ट व्हाइट शूज़ ओर ब्लैक गोगल,पूरा क़यामत लग रहा था,उसकी इधर उधर हिलती हुई गर्दन बता रही थी कि वो मेरी तलाश में है,जब उसने काँच के पीछे मुझे रेस्तरॉ में बैठे देखा तो बड़ी लम्बी सी स्माइल उसके चेहरे पर आ गयी,कशफ़ना ने पेट मे कोहनी मारते हुए कहा लो बेटा आ गया तुम्हारा तोता,अब देखना कैसे मीठी मीठी बातें बनायेगा,मेंने कहा चुप जा कमीन,वो अंदर आ रहा है।

वो हंसता हुआ आकर मेरे सामने बेठ गया,मेंने और कशफ़ना ने सलाम करा,उसने कहा तुम तो फ़ोटो से भी ज़्यादा खूबसूरत दिखती हो।




कशफ़ना नज़रें बचा कर मुस्कुराने लगी,तो उसने झट से कहा अरे मोहतरमा आप भी खूबसूरत लगती है,कशफ़ना ने शुक्रया कहा और फिर जीन्स से मोबाइल निकाल कर इंस्टा चलाने लगी,उसे बोर होता देख मेने पूछा जुनैद भाई नही आये ? तो दानिश ने बताया कि उनकी ज़रा तबीयत खराब है,इसलिए वो नही आ पाए,उन्होंने कहा है वो अगली बार मिलेंगे आपसे,मेंने कहा ठीक है..तभी वेटर आकर हमारा मुंह देखने लगा,मानो जैसे कहना चाह रहा हो यहां फोकट में कुछ नही मिलता है,बैठना है तो कुछ आर्डर करो,लेकिन उसने ज़बान से (सर ऑर्डर प्लीज) ही कहा।

खेर दानिश ने आर्डर करा और हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे,तभी कशफ़ना ने कहा दानिश जी कितना प्यार करते हैं आप लायबा को?

दानिश ने कहा काश कही कोई तराजू होता जिसमे में अपनी मोहब्बत तोल लाता और आपको बता देता के कितने किलो प्यार करता हूं,इसपर में हँसने लगी और कशफ़ना का मुंह बन गया,कशफ़ना ने कहा अच्छा आप बुरा न माने तो क्या में आपका मोबाइल चेक कर सकती हूं?

दानिश ने कहा जी आप चेक करेंगी तो में ज़रूर बुरा मान जाऊंगा,हर किसी के लिए उसका मोबाइल उसकी पर्सनल लाइफ जैसा है और अभी हम और आप इतने अच्छे दोस्त नहीं है कि हम आपको अपनी ज़िंदगी की किताब सौंप दें।

इसपर मेने कहा अच्छा में तो आपकी अपनी हूं न,क्या में चेक कर सकती हूं ?

उसने बिना एक सेकंड गवाए लॉक खोल कर मेरे हाथ में दे दिया,मेंने पहले गैलरी चेक की तो उसमें ग़ज़ल नाम से एक अलग ही फोल्डर बना हुआ था,जिसमे मेरे अब तक के दिये सारे फोटोज उसने सेव कर रखे थे,मुझे बड़ी खुशी हुई ये देख कर,फिर मेने कांटेक्ट लिस्ट चेक की,उसमे भी कुछ चुनिंदा नo ही मौजूद थे और वहां भी मेरे नाम ग़ज़ल सेव था,हद तो तब हुई जब मैने लॉक का पासवर्ड पूछा तो उसमें भी उसने "दानिश ग़ज़ल", डाल रखा था।

चेक करते में ही उसने कहा अगर छान बीन हो गयी हो तो आओ ज़रा बाहर तक चलते हैं,देख कर आये बाहर जो लिफ्ट लगी हुई थी वो अभी भी लगी हुई है या नही,

मेंने कहा पर हम तो फर्स्ट फ्लोर पर हैं, हमे लिफ्ट देखने की क्या ज़रूरत,और फिर लिफ्ट कहाँ जायगी ?

कशफ़ना ने दाँत भीचते हुए हल्के से कहा जा बुध्धु,वो तुझे मुझसे अलग में बुला रहा है।

मेंने कहा ओह,और कह कर में उसके साथ चली गयी।

वो इधर उधर घूमने के बाद सीधा मुझे लिफ्ट में ले गया,न जाने क्या इरादे लेकर आया था वो आज,लेकिन मेरी धड़कने बड़ी तेज़ हो रही थी,उसने 3rd फ्लोर का बटन दबाया और मेरा हाथ पकड़ लिया,और मेरी मेहंदी में अपना नाम ढूंढने लगा,एक एक कर के अक्षर ढूंढता जाता और मेरे हाथ पर उस अक्षर को चूमता जाता,

उसकी हर किस मेरी हार्ट बीट बढ़ा देती,इस तरह किसी लड़के ने होंटो से मुझे पहली बार छूआ था,होंठ ही क्या कहूँ ,,मुझे किसी गैर लड़के ने छुआ ही पहली बार था।

लिफ्ट ऊपर पहुंच गई,उसने फिर ग्राउंड फ्लोर का बटन दबा दिया।अब लिफ्ट नीचे आने लगी।।उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू किये तो मैने कहा ये क्या कर रहे हो आप ?में ऐसी लड़की नही हूँ जैसा आप समझ रहे।

इस पर वो ठहाका लगा कर हँसने लगा और दो बटन खोलने के बाद शर्ट हटा कर बोला मेने तुम्हारे नाम का टैटू बनवाया है।

उसके कांधे पर सीने की साइड में ग़ज़ल लिखा हुआ था,में देख के हैरान रह गयी,मेंने कहा ये तो ज़िन्दगी में कभी भी नही छूटेगा,अम्मी या भाई ने देख लिया तो ?

उसने कहा जब प्यार किया तो डरना क्या।

लिफ्ट फिर से ग्राउंड फ्लोर पर खुल गयी,वहाँ सिवाए गाड़ियों की पार्किंग के कुछ न था,उसने फिर थर्ड फ्लोर का बटन दबाया ओर कहा क्या तुम अपने नाम को चूमना चाहोगी ?

मेने हल्के से ऊँचक कर उसके कांधे को चूम लिया,उसने शर्ट के बटन लगाए,और कहने लगा में तुम्हे हग करना चाहता हूं।

मेंने नज़रे झुकाई ओर मुस्कुरा दी,उसने मुझे अपनी और कर के सीने से लगा लिया,मेरा सिर बस उसके कंधे तक ही पहुँच रहा था,में उस से लगी रही,तभी लिफ्ट फिर थर्ड फ्लोर पहुँच गयी,वहाँ से फिर ग्राउंड फ्लोर का बटन दबा दिया,और मेरे बहुत करीब आ गया,मेरी कमर पर हाथ रख कर मुझे खुद की ओर खींच लिया,उसकी गर्म सांसे मुझे मेरी पलको से होते हुए पूरे चेहरे पर महसूस हो रही थी,उसने ठोड़ी के नीचे उंगलिया रख कर मेरा चेहरा किस करने के लिए ऊपर उठाया तो मैने उसे मना कर दिया कि ये मुझसे नही होगा,उसने मुस्कुरा कर कहा अच्छा चलो जैसा तुम्हे ठीक लगे,तुम्हारी रज़ा में मेरी रज़ा है,और फिर हम दोनों लिफ्ट से बाहर आ गए।

मेरे सिर्फ एक बार मना करने पर उसका रुक जाना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी,हमें ढूंढते हुए कशफ़ना भी आ गयी,आकर कहने लगी अगर तुम लोग घूम लिए हो तो अब घर चलें ? ज़्यादा देर बाहर नही रह सकते।

मेंने कहा हां हां चल चलते है,तो दानिश ने कहा तुम जाकर ज़रा बाहर खम्बे गिनो कितने हैं में लायबा को लेकर आता हूं।

कशफ़ना तिरछी नज़रो से दानिश को घूरती हुई चली गयी,उसे जाता देख दानिश ने कहा इस से अपनी जूती चुरवा कर रहूंगा में।

मैने कहा वो आपकी जूती क्यो चुरायगी ?

कहने लगे बड़ी बुध्धु हो तुम थोड़ी सी तेज़ हो जाओ,फिर मेरा हाथ पकड़ा और झट से अंघुटी मेरी उंगली में पहना दी.. मेरी बड़ी विश थी कि मेरा लवर मुझे रिंग पहनाए,मेंने बस एक बार ज़िक्र किया था और उसे याद था,और आज उसने ये विश भी पूरी कर दी,में भी उसके लिए वॉच ले गयी थी जो मेंने बड़े प्यार से उसे पहना दी,उसके बाद उसने मुझे एक चॉक्लेट दी,एक के बाद एक सरप्राइज मिल रहे थे, में बस उसकी आँखों मे देख कर मुस्कुरा रही थी।



फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बाहर कशफ़ना के पास लाकर छोड़ दिया,और मुस्कुराते हुए बाइक स्टार्ट कर बाय बोलते हुए चला गया।

इधर में और कशफ़ना भी चार्जिंग रिक्शा पकड़ अपने अपने घरों को आ गए,एक अलग सा ही सुरूर मेरे दिल ओ दिमाग मे चल रहा था,दिन पूरा खुशी के आलम में गुजरा।