घरोंदा और अन्य कहानिया - बुढ़िया Prashant Vyawhare द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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घरोंदा और अन्य कहानिया - बुढ़िया

! बुढ़िया !

सड़क के किनारे कचरे के ढेर में एक बूढ़ी औरत कचरा चुनने का प्रयास कर रही थी ! मैले कपडे, चिपके और कचरे से सने सफ़ेद बाल और मैले बदबूदार शरीर की वो बुढ़िया ६० से उप्पर की थी मगर फिर भी फुर्ती से उस कूड़े के ढेर से उसके काम की चीज़े उस कूड़े से उठा उसके कंधे पर रखे बोर में भर रही थी !

बीच बेच में उस ढेर पर खाना ढूंढने वाले कुत्तो और सुवरो को उसके हाथ में ली हुए लकड़ी से हकलते हुए उनसे खुद को बचा उसकी भूख का इलाज वो ढूंढ रही थी !

उधर दुसरी तरफ स्कूल के कुछ बच्चे उसकी ये हालात देख कर हस रहे थे ! और उनके पास उनके माये खड़ी थे जो सफ़ेद पॉश कपड़ो में करुणा को भूल कर उसके तरफ मुँह मरोड़ रही थे !

एक औरत : देखो कहा से आ जाते है ऐसे लोग ! इतने बूढ़ी है मगर इतनी भी समझ नहीं के ये सुबह का वकत है और इस वक़्त बच्चे स्कूल जाते है ! और तभी ऐसे लोग इस कचरे को उलट पुलट कर जाते है !

दुसरी औरत : मैंने तो सुना है ऐसे लोग चोरी और बच्चो को किडनैप भी करते है ! इनके गिरोह होते है जो बच्चो से भीख मंगन और कचरा चुनने जैसे काम कराते है !

एक औरत : हां तुम सही कहते हो ! पुलिस में ऐसे लोगो के कंप्लेंट करने चाहिए ! और इन्हे जेल में बंद कर देना चाहिए !

वह खड़े बच्चे उनकी बाते सुन कर सहम कर वही खड़े हो गए और उस बुढ़िया को देखने लगे !

लोगो को कौन समझाए जो खुद भूंखी हो और उस कूड़े से उसके लिए रोटी और भंगार जो उन सफ़ेद पोश लोगो की देंन है जो बची रोटी भी किसे जरुरत मंद को देने के बजाय कचरे में फ़ेंक देते है उन्हें और क्या तकलीफ दे !

तभी वह मिसेस मेहता उसके लक्ज़री गाड़ी को ले कर आती है ! उसमे से उनका पांच साल का लड़का आमोद और उनका कुत्ता टॉमी और मिसेस मेहता बाहर निकलते है और वो अमोद के स्कूल बस का इंतजार करने लगते है !

उनके ठाठ देख कर बाकी औरते जल भून जाती है !

एक औरत मिसेस मेहता को देख कहती है ! क्यों मिसेस मेहता आज ड्राइवर नही क्या ! आप खुद गाड़ी चला कर आइ हो !

मिसेस मेहता : हां अंजली क्या करू आज मेरे पती हमारे ड्राइवर को ऑफिस के काम से कही बाहार ले गए है इसे लिए में आमोद को स्कूल बस तक ड्राप करने आइ हूँ ! सोचा चलो उस बहाने टॉमी को भी बहार घुमा लाउ!

अंजली : अच्छा तो ये बात है !

मगर तभी मिसेस मेहता का टॉमी उन दूसरे आवारा कुत्तो को देख जोर से भोंकने लगा, उसने अचानक रोड के दुसरी तरफ दौड़ लगाई और वो उस कूड़े के ढेर की तरफ भागने लगा ! उन कुत्तो में एक लड़ाई छिड़ने वाली सी देख वो कूड़े वाली बुढ़िया उसके चौकन्नी हो गयी और उस कूड़े से हट कर सड़क के किनारे आ गयी !

मगर तभी अचानक नन्हे आमोद को क्या हुआ वो टॉमी के पीछे पीछे दौड़ता हुआ सड़क के बीच में आ गया !

मिसेस मेहता आमोद को रोकने के लिए पुकारने लगी और तभी एक ट्रक उस रोड पर बेतहाशा दौड़ता हुआ आया !

ट्रक ड्राइवर शायद काफी थकावट या नीद की वजह से शायद आमोद को रोड पर भागते हुए वक़्त पर नहीं देखा पाया! मगर जैसे हे उसका ध्यान गया वो ट्रक को रोकने को कोशिश करने लगा मगर वो ट्रक फुल लोडेड था जो रुकना नहीं जानता था !

अब किसे भी पल वो ट्रक आमोद को रोंद सकता था ! वह खड़े किसे भी औरत या आदमी की ये हिम्मत नहीं हुइ के वो दौड़ लगा कर आमोद को रोक सके मगर वो बुढ़िया अभी भी इंसानियत संभाले थी !

उसने पलक झपकते ही खुद की परवाह किये बिना आमोद की तरफ दौड़ लगाई !

और उसे एक तरफ धक्का दे कर ट्रक के रास्ते से दूर किया मगर दुर्भाग्य से वो खुद उस ट्रक की चपेट में आ गइ!

अब तक हक्की बक्की खड़ी मिसेस मेहता आमोद की तरफ भागी और उन्होंने उसे उठा लिया ! ट्रक वाला ब्रेक लगा चूका था मगर बुढ़िया को धक्का लग नीचे गिरते देख, लोगो की पिटाई के डर से उसने वहा से नौ दो ग्यारह होने में ही भलाई समझी !

पहले से ही भूखी और थकी बुढ़िया उस ट्रक के जोर दार धक्के से सड़क पर चक्कर खा कर गिर गयी !

मिसेस मेहता ने पहले आमोद को देखा तो वो ठीक था , बस सड़क पर गिरकर घिसटने की वजह से उसे थोड़ी खरोंच लगी थी !

मिसेस मेहता आमोद को उनकी गोद उठा कर अब उसके बेटे को बचाने वाली उस बुढ़िये की तरफ बढी !

उन्होंने वह आये लोगो की मदद से उस बेहोश पडी बुढ़िया को उठाया और उनकी गाड़ी से पास के दवाखाने ले गयी, वहा उसपर डॉक्टर्स ने इलाज किया ! बुढ़िया काफी देर तक बेहोश थी, जब उसे होश आया तो उसने अपने आप को एक आलीशान कमरे में पाया उसके बदन पर हॉस्पिटल के साफ सुथरे कपडे थे उसे गरम तौलिये से उन नर्सो ने साफ किया था ! वहा मिसेस मेहता और उनका बेटा आमोद बैठा था उन्होंने बुढ़िया को होश में आते देखा !

मिसेस मेहता : माँ जी आप फिकर न करे आप अस्पताल में हो ! अभी आप को कैसा लग रहा है !

बुढ़िया : बेटी में तो ठीक हूँ, तुम्हारा बेटा कैसा है !

मिसेस मेहता : आप की वजह से वो बिलकुल ठीक है ! बस मामूली खरोच है ! अगर आज आप उसे नही बचाते तो.. और उनके आँखों में आंसू आ गए और वो बुढ़िया से बिलख कर रोने लगी !

बुढ़िया : कोई बात नहीं बेटी ! भगवन सब की रक्षा करते है ! आगे से ख्याल रखना !

बुढ़िया मिसेस मेहता को संभलती है ! कुछ देर के बाद वो बुढ़िये को आराम करने के लिए रूम में छोड़ बाहर लॉबी में बैठते है के तभी वह मिस्टर मेहता की एंट्री होती है ! वो मिसेस मेहता को आमोद के बारे में पहले पूंछते है ! आमोद को ठीक पा कर वो बहुत खुश होते है! मिसेस मेहता उन्हें सारी घटना बताती है !

वो उसे सुन कर उस बुढ़िये के उनके बेटे को बचाने की बात सुन उसके उपकारों से गद गद और उसका शुक्रिया करने के लिए वो उसके कमरे के अंदर दाखिल होते है!

मिसेस मेहता : यही वो माताजी है जिन्होंने हमारे बेटे की जान बचायी !

मिस्टर मेहता उस बुढ़िया को देख कर विस्मय से भर जाते है ! क्यूंकी वो और कोई नहीं उनके हे माँ है जो उसके भाई के साथ रहती है !

मिस्टर मेहता : माँ तुम्हारी ये हालात ऐसे कैसे हो गयी ! और वो उस बुढ़िये के तरफ देख रोने लगते है

बुढ़िया : अरे बेटा मुझे लग इस जनम में में तुझसे कभी न मील पाउंगी !

मिस्टर मेहता : माँ तू तो बड़े भाई और बाबा के साथ रह रहे थी न

बुढ़िया : बेटा, क्या बताऊ तेरे बिज़नेस की जिद के लिए घर छोड़ने के कुछ साल बाद तेरे पिताजी गुजर गए ! और बाद में एक दिन तेरे शादी की खबर आइ सो मैंने तेरे बड़े भाई को तुझे और मेरी बहू से मिलने की जीद की, सो एक दिन उन्होंने मुझे तुझसे मिलाने का बहाना बना ट्रैन में बिठा दिया और वो खुद मुझे नींद लगने के बाद कही उतर गए ! और इस अनजान शहर में न कोई जान पहचान और बीना रुपये में कहा जाती बेटा ! तो बस तभी से बस कूड़ा बेच कर अपना पेट भर रही थे ! और मैंने मान लिया था के भगवान के मन में मेरे लिए बस दुःख हे लिखा है !

मगर अब शायद ऐसा नहीं है ! क्यूंकी उसने मुझे तुझसे मिलना के ये अवसर दिया है ! उसके लिए हमे परमेश्वर का शुक्र गुजर होना चाहिए !

मिस्टर मेहता : माँ अब में तुझे मुझसे कभी दूर नही जाने दूंगा और न में जाऊंगा !

अब तीनो एक दूसरे से लिपट बिलख बिलख कर रोने लगते है !

अब मेहता परिवार को उनकी बुढ़िया वापस मिल गइ थी जो अब मिस्टर और मिसेस मेहता के लिए माँ और उनके बेटे के लिए दादी बन गइ थी !