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घरोंदा और अन्य कहानिया - स्टंट मैंन

! स्टंट मैंन !

भररर…. आवाज के साथ आज तौफीक ने उसके मोटर साइकिल दौड़ाई, रास्ते पर चल रहे उस्मान चाचा को उसका धक्का लगते लगते बचा ! तौफीक ने जोर से हॉर्न बजा उन्हें एकदम से डरा दिया और वो झट से एक तरफ हो गए वरना आज तो आज उनकी कोई खैरीयत ही नहीं थी !

उस्मान चाचा झल्ला उठे और एक तरफ झटके से सरकते हुए उन्होंने तौफीक को बुरा भला कहा

उस्मान चाचा : आज कल के बच्चे उफ़ ! अल्लाह ही बचाये इन्ह शैतानो से !

मगर तौफीक आज उसकी ही धुन में सड़क पर बेतहशा मोटर साइकिल दौड़ाता जा रहा था ! गौहर उसके पीछे बैठी थी ! और उसके हाथ तौफीक के कंधे पर पड़ते ही जैसे मानो उसने होश ही खो दिया था !

गौहर और तौफीक दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे ! गौहर उसके माँ बाप की एकलौती लाडली बेटी थी ! और तौफीक उसके माँ बाप का !

दोनों दोस्त परिवार से थे इस लिए उन्हें इन दोनों की दोस्ती से कोई ऐतराज नहीं था !

और इसी छूट से दोनों का रिश्ता दोस्ती से बहुत आगे निकल गया था !

आज तौफीक गौहर को उसके स्टंटमैंन दोस्त अज़हर से मिलवाने ले जा रहा था !

अज़हर एक स्टंटमैंन था जिसने कई बॉलीवुड फिल्मो में जाने माने हीरोज के लिए डबल रोले और स्टंट मैंन का काम किया था और तौफीक भी कभी कभी उसके साथ उसके स्टंट्स में काम किया करता था !

जैसे ही तौफीक को अज़हर उनके प्रैक्टिस ग्राउंड पर दिखा, उसने एकदम स्टंट स्टाइल ब्रेक मारा, उसकी मोटर साइकिल चरचर आवाज़ कर एक और घिसटती हुइ उसके सामने रुकी ! गौहर ने एकदम से तौफीक को कस कर पकड़ लिया !

जैसे ही तौफीक को अज़हर उनके प्रैक्टिस ग्राउंड पर दिखा, उसने एकदम स्टंट स्टाइल ब्रेक मारा, उसकी मोटर साइकिल चरचर आवाज़ कर एक और घिसटती हुइ उसके सामने रुकी ! गौहर ने एकदम से तौफीक को कस कर पकड़ लिया वराना वो गिर जाती !

गौहर : तौफीक ये स्टंट बाजी मेरे साथ मत किया करो मुझे डर लगता है !

तौफीक : अरे मेरे जान कुछ नहीं होता ये तो मेरा रोज का काम है ! क्यों अज़हर भाई सही कहा न मैंने !

अज़हर तौफीक का स्टंट देखता है ! और उसके पास जा कर वो उसके सर में एक टपली मारता है !

अज़हर : तौफीक तुझे कितने बार समझाया है के अगर पीछे नया इंसान बैठा हो तो स्टंट कभी नहीं करना चाहिए ! तुझे मैंने ये स्टंट फिल्मो में करने के लिए सिखाया है ना की रोज आजमाने के लिए मगर तू है के मेरा कभी सुनता ही नहीं !

तौफीक : क्या अज़हर भाई ! अपने चेले को इतना काम मत समझो ! टाइम रहा तो में आप को भी हरा दूंगा !

अज़हर : मेरी बिली और मुझ ही से मीयाउ ! अरे दोस्त इतना गुमान ! अरे पूरा बॉलवुड इंडस्ट्री में मुझ जैसा निडर स्टन्टमैन आज तक पैदा ही नहीं हुआ ! तभी तो तुम लोग आज मेरे पास सीखने आते हो !

तौफीक : अज़हर भाई मगर आप मुझ से बाइक रेस में हमेशा से ही हार जाते हो !

अज़हर : अरे यार रेस और स्टंट में बहुत फरक है ! रेस के लिए इंसान को इस मोटरसाइकिल पर आमादा रहना पड़ता है ! मगर स्टंट के लिए चाहिए खुद के काबिलियत और डेयरिंग ! ये बात तू समझ ले !

तौफीक : तो क्यों न आज रेस हो जाये और गौहर भी देख ले के कौन ज्यादा काबिल है !

अज़हर को गौहर के सामने तौफीक का अंदाज़ भरना जैसे खुद की बेईज्जती लगती है !

अज़हर : ठीक है तू मेरा शागिर्द है मगर कोई बात नहीं अगर तू चाहता है के तू आज रेस में हारे तो चल करते है रेस !

तौफीक : तो ठीक है गौहर तुम क्या कहते हो ! रेस हो जाये !

गौहर : तुम लोग भी ना सुधरोगे नहीं ! तुम्हे मैंने कितनी बार कहा है ये मशीन है इसपर इतना भरोसा करना ठीक नहीं ! अगर रेस में तुम्हे कुछ होगया तो !

तौफीक : अरे मुझे क्या होगा ये तो मेरा रोज का काम है ! तुम यही ठहरो हम अभी रेस लगा कर आते है ! तुम इंतजार करना यही ठीक है !

गौहर तौफीक की बाइक से उतर कर एक बाजू खड़ी हो जाते है !

अज़हर भाई उसकी बाइक ले कर आते है !

अब दोनों तौफीक और अज़हर अपने अपने बाइक को रेस करने लगते है किसी प्रोफेशनल के तरह !

तौफीक : तो अज़हर भाई तुम फिर से हारने के लिए तैयार हो !

अज़हर तौफीक की तरफ देखता है

अज़हर : जो उस सामने वाले सिग्नल को छु कर वापस आयेगा वो इस रेस को जीतेगा ठीक है

तौफीक : ठीक है गौहर तुम तीन तक गिनती करो ताकि हम रेस शुरू कर सके

गौहर न चाहते हुए भी एक दो तीन कहती है और

और इसके साथ ही के साथ दोनों अपने बाइक को रेस करते हुए सामने वाले रास्ते पर बेतहाशा दौड़ लगते है !

तौफीक अज़हर के आगे है और वो सिग्नल को छु कर वापस आने वाला है के तभी, अचानक एक ट्रेलर बेतहशा दौड़ता हुआ सिग्नल तोड़ कर आगे जाता है और उसके चपेट में तौफीक आ जाता है !

ट्रेलर ड्राइवर शायद किसी जल्दी में था और इस लिए उसने तौफीक की मोटर साइकिल को नहीं देखा और धड़ाम से उसे टक्कर मार दी और वो सिग्नल पार कर भाग गया !

ये देख अज़हर और गौहर को एक झटका सा लगता है ! अज़हर उसकी बाइक छोड़ तौफीक के तरफ भागता है ! और गौहर सदमे में जोर से तौफीक का नाम ले कर चीखती हुइ नीचे बैठ जाती है !

ये सब इतने जल्दी होता है के तौफीक को सँभालने का मौका भी नहीं मिलता ! उसकी बाइक चिथड़े हो कर सड़क के किनारे गिर गयी ! और दुसरी तरफ तौफीक का लहू लुहान शरीर हवा में उछाल कर एक तरफ गिर गया !

अज़हर उसके तरफ दौड़ता है ! वो देखता है के तौफीक के शरीर से काफी खून बह तहा है और उसके वजह से वो बेहोश हो गया है !

अब वहा लोगो की भीड़ जमा हो जाती है !

अज़हर लोगो की मदद से उसे अस्पताल ले जाता है ! गौहर भी उसके साथ जाती है ! थोड़ी देर बाद दोनों आपातकालीन वार्ड के बाहर खड़े है !

के तभी डॉक्टर साहब वार्ड से बाहर आते है और अज़हर और गौहर से मिलते है !

डॉक्टर : माफ़ करना मगर पेशेंट की हालत बहुत ख़राब है ! हम अभी से कुछ नहीं बोल सकते ! काफी सिरीयस केस है !

अज़हर : डॉक्टर साहब कुछ भी करे मगर तौफीक को बचा ले !

डॉक्टर : हम लोग पूरी कोशिश कर रहे है ! अब सब बस उपरवाले के हाथ में है !

इतना कह कर डॉक्टर वहा से नीकल जाते है !

अज़हर को तौफीक की हालत देख बहुत बुरा लगता है मगर क्या करे उसकी इस हालत के लिए वो खुद ही जिम्मेदार है !

न ही वो अज़हर को रेस के लिए उकसाता और न वो दुर्घटना उसके साथ घटती ! मगर होनी को कौन रूका सकता है भला !

कुछ दिनों के बाद तौफीक को होश आता है ! मगर उसके दोनों पेर उस दुर्घटना में पूरी तरह से टूट जाते है जिसकी वजह वो अब जिंदगी में उसके पैरो पर कभी नहीं चल पायेगा !

एक दिन गौहर उसे मिलने आती है ! उसकी ये हालत देख वो बहुत नाराज़ हो जाती है और बिना ज्यादा कुछ बोले वह से चली जाती है जो बाद में उसे कभी नहीं मिलती !

आज तौफीक को उसकी लापरवाही पर बहुत गुस्सा आता है, बुरा भी लगता है क्यूंकी स्टंटमैंन बनने का उसका ख्वाब अब टूट गया है

मगर अब वो पछताने के सिवा और करे भी तो क्या, उस एक रेस ने उसे सदा के लिए जिंदगी की रेस अलग कर दिया था !

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