ouja board Roshan Jha द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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ouja board

रमेश अपना सारा सामान पैक कर रहा था और दूसरे कमरे में जाते हुए उसने रीना से बोला
तुम भी अपना सारा सामान पैक कर लो हमें कल सुबह ही यहां से निकलना है
यह कहते हुए उसने रीना की ओर देखा रीना का चेहरा उतरा हुआ था उसने कुछ जवाब नहीं दिया रमेश ने पूछा
क्या बात है कोई तो बात है क्या
उसने कुछ नहीं बोला
रमेश ने कहा
देखो मैं समझता हूं तुम्हें इस घर से दूसरे घर में शिफ्ट होने में काफी परेशानियां होगी लेकिन तुम इस बात से काफी खुश होगी कि वह घर भी अच्छा है और वह मेरा ऑफिस से काफी नजदीक है इसलिए मैं वह घर लिया हूं अगर वह घर पसंद ना आए तो हम दूसरा घर कहीं पर ले लेंगे पर तुम एक बार चलकर वहां पर देख लो कैसा घर है और वह काफी शांत वातावरण में है वहां पर काफी अच्छे गार्डन और बगीचे भी हैं जो तुम्हें काफी अच्छी लगेंगे
यह कहकर उसने रीना की ओर देखा लेकिन रीना ने कुछ जवाब नहीं दिया और सामान पैक कर के घर से बाहर निकलकर रमेश ने भी सारा सामान लिया और गाड़ी की डिक्की में समान को रखते हुए कार का दरवाजा खोल कर उसने रीना से कहा
बैठो
और वह भी बैठ गया और वे लोग अपनी कार लेकर उसने घर की ओर चल पड़े कुछ दूर चलने के बाद रास्ते से दाएं तरफ रमेश ने अपनी गाड़ी घुमाई और चल पड़ा और रास्ता काफी ऊपर खबर था और दोनों तरफ जंगल थे रमेश काफी अंदर तक जा चुका था पर कुछ दूर चलने के बाद उसे ऐसा लगा जैसे रास्ते से भटक गया है और फिर उसने सोचा शायद यहां पर कोई होगा जिसमें मदद मांग लो पर काफी दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था और रमेश को काफी चिंता हो रही थी पर उसे दूर से आता हुआ एक आदमी दिखाई पड़ा रमेश ने उसे रोका और पूछा
क्या आप मुझे बैराट हाउस के बारे में बता सकते हैं
उस आदमी ने कहा हां यह रास्ता उसी की तरफ जाता है आगे कुछ दूर चलने के बाद आपको वह हाउस दिखाई पड़ेगा उस आदमी ने कहा वैसे काम क्या है
तो रमेश ने कहा
हम वहां पर रहने जा रहे हैं
तो उस आदमी ने कुछ नहीं कहा और उसका चेहरा काफी खामोश हो गया और उसने फिर कोई जवाब नहीं दिया और तेजी से वहां से निकलकर रमेश उसे काफी अजीब निगाहों से देखने लगा और सोचा
पता नहीं इसे क्या हो गया
और यह सोचकर उसने अपनी गाड़ी में बैठा और कार लेकर उस बैराट हाउस की तरफ बढ चला कुछ दूर चलने के बाद वह बैराट हाउस के नजदीक आ गया उसने गाड़ी को पार्क किया और डिक्की से सामान निकाल रीना से बुला
लो हम पहुंच गए
रीना ने मकान को देखा और कुछ नहीं बोला
रमेश ने कहा
अरे बाबा अब तो मान जाओ
फिर उसने दरवाजे क्यों खोलते हुए अंदर हाउस मे प्रवेश किया और रीना से बोला देखो अंदर का नजारा कितना खूबसूरत है रीना ने जब देखा कि उसे वह काफी अच्छा लगा और इना ने कहा
हां यह काफी कुछ अच्छा है
रमेश ने कहा काफी कुछ नहीं बहुत अच्छा है और यह क्या रीना से बोल जानती हो इसे जब अपने हाथों से सजाओगी तो और अच्छा लगेगा
यह क्या कहकर मुस्कुरा दीया रमेश और रीना अपने सामान लेकर कमरे की तरफ अंदर चले गए और सारा सामान लगाने लगे कुछ देर के बाद रमेश ने रीना से बोला
मैं ऑफिस जा रहा हूं अगर तुम्हें कोई काम की जरूरत हो तो तुम मुझे कॉल कर सकती हो और हां मैंने एक आदमी को बोल दिया है वह आकर हम सारा सामान लगा देगा और एक बाई को भी बोलते हैं जो यहां का सारा काम करेगी यह कहकर रमेश कार लेकर ऑफिस की तरफ चल पड़ा कुछ देर के बाद एक बाई आई और उसने कहा
मैं ही हूं मेरा नाम कमलाबाई है और मैं आपका मकान का काम करने के लिए आई हूं
रिना उसे कहा अंदर आ जाओ
और उसे सारा सामान रखने को बोला उसके बाद वह आदमी भी आ गया और उसने सही जगह लगाया और अपना काम करके मैडम मैं जा रही हूं कल फिर आ जाऊंगी हां कल तुम सही टाइम पर आ जाना यह कहकर कमलाबाई घर से निकल गई और रीना ने दरवाजा बंद कर दिया रात की काफी 9:00 बज रहे थे रीना अपने कमरे में बैठी एक बुक पढ़ रही थी तभी उसे कुछ आहट महसूस हुई वह दूसरे कमरे से आ रही थी रीना उस कमरे की तरफ आगे बढ़ी और उस कमरे के नजदीक जाकर उसने आवाज को सुनने की कोशिश की पर वहां पर कोई आहत महसूस नहीं हुई फिर रीना जैसे ही वहां से मुड़ी तभी फिर एक आहट हुई रीना काफी डर गई फिर उसने धीरे से महसूस किया तो उसे पता चला आवाज तू कमरे से आ रही है उसने कमरे का दरवाजा खोला और अंदर का लाइट जला कर उसे देखा अंदर में कोई नहीं था रीना काफी सोच में पड़ गई आखिरी आवाज कहां से आ गई थी फिर उसने सोचा हो सकता है मेरे मन का भ्रम हो यह कहकर उसने उस घर का दरवाजा के बाहर निकल गई और सीढ़ियों से होती हुई नीचे उतरने लगी कि खिड़की के पास उसे बाहर कोई एक औरत खड़ी नजर आई उसने खिड़की से बाहर झांका उसे वहीं पर खड़ी नजर आई और जैसे ही उसने वहां से उसे आवाज दी
कौन है बाहर
तभी वह औरत वहां से चली गई रीना कभी सोच में पड़ गई औरत कौन थी और वह उस जगह पर क्या कर रही थी मेरी आवाज देने पर उसने मेरी तरफ ना देख कर कहां गायब हो गई यही सब सोचती हुई वह अपने कमरे में चली गई कुछ ही देर के बाद दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी रीना ने आकर दरवाजा खोला सामने रमेश थे उसने कहा
क्या सब हो रहा है आज तो तुम काफी परेशान हो गई होगी ना
कहीं कुछ ऐसी बात नहीं है बस घर का ही छोटा मोटा काम था जिसे करते हुए पूरा दिन निकल गया यह कहकर रीना ने कहा
रमेश अपना सारा सामान वहीं पर रखे हैं फ्रेश हो के खाने के टेबल पर आ गया और खाने की टेबल पर बैठे हुए उसने पूछा
बताओ तो आज क्या सब की हो
रीना सारा सारा दिन का काम उसने रमेश को बताया और
रमेश ने कहा
चलो ठीक है यह कहते रीना ने कहा रमेश ने कहा ठीक है और फिर
रीना ने कहा हां दूसरे कमरे से कुछ आवाजें आ रही थी
रमेश ने कहा कहां से
रीना बोली दूसरे कमरे से
रमेश ने कहा उस तुम्हारे मन का भ्रम हो
रीना ने कहा नहीं कुछ तो है
रमेश ने कहा नहीं यह सब कुछ नहीं है तुम्हें बस मन का भ्रम है कि रमेश ने बोला खाना ठंडा हो रहा है खा लो
और खाना खाने के बाद दोनों सो गए और अगली सुबह रमेश फिर अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा और कमलाबाई आए और अपने कामों में लग गई और यह करते हुए ना जाने कब पूरा दिन गुजर गया फिर रात हुई और रीना अपने कमरे में कुछ जरूरी कपड़ों को रख रही थी और वह उस कमरे से निकल के दूसरे कमरे की तरफ गए तभी उसे लगा कोई दरवाजे पर दस्तक दे रहा है रीना ने घड़ी की तरफ देखा अभी सिर्फ 7:00 बज रहे थे उसने कहा अभी कौन हो सकता है यहां पर पर वह दरवाजे की तरफ बड़ी दरवाजे को खोली और वहां पर कोई नजर नहीं आया रीना काफी डर गई और उसने जल्दी से दरवाजा लगा दिया और जैसे ही मूङी दरवाजे पर दस्तक हुई रीना काफी डर गई और उसने दरवाजा खोला तो वहां पर कोई नजर नहीं आया ना तो और भी डर गई डर के मारे वह पसीने पसीने हो गई और उसने जल्दी से दरवाजा लगाया और वहां से जाने के लिए मुड़ी और सीढ़ियों से होती है घर के दरवाजे की तरफ बढ़ गई और दरवाजे को खोलकर उसने कमरे में बैठ गई और सोचने लगी कौन हो सकता है उस दरवाजे पर दस्तक कौन दे रहा था यह सोच रीना काफी डर लग रहा था और यह सब सोचते-सोचते ना जाने कब रात के 9:00 बज गए और तभी रात दरवाजे पर दस्तक हुई लगता है रमेश आ चुका है यह सोचकर उसने दरवाजा खोला तो सामने रमेश थे उसने कहा
क्या बात है क्या कोई दिक्कत है
रीना ने कुछ नहीं कहा और दरवाजे को वापस लगा के आगे बैठ गए रमेश ने कहा क्या हुआ इतनी परेशान क्यों हो
रीना ने सारी बात बताई तो
रमेश ने कहा कल हम चर्च चलते हैं और वहां पर हम जाके फादर से इसके बारे में पूछ लेंगे
यह कहकर उसने अगली सुबह चलने का आश्वासन दे दिया फिर वह दोनों खाना खाकर सो गए अगली सुबह रमेश और रीना अपनी कार से पास के चर्च में गए और प्रार्थना करने के बाद रमेश ने फादर से कहा
फादर हमारे घर में कुछ परेशानियां हैं कि हम आपसे बताना चाहते हैं फादर ने कहा क्या बात है रमेश ने कहा हमारे घर में अजीब अजीब चीजें होती हैं जिसे रात को कोई दरवाजे पर दस्तक देता है दूसरे कमरे से किसी चीज के गिरने की आवाज आती हैं तो कभी खिड़की के बाहर कोई औरत नजर आते हैं यह समय क्या हो रहा है
फादर ने कहा ठीक है मैं कल तुम्हारे घर पर आता हूं और तब मैं तुम्हें बता दूंगा सारी बात
अगले दिन रमेश के घर पर है और पूरा घर की तरफ घूमने लगे और कुछ देर के बाद आकर बैठ गए और उन्होंने कहा रमेश रमेश इस घर में किसी का साया है यह जिस किसी का भी है वह एक औरत है
रमेश ने कहा ऐसा भी होता है क्या यह घर लेने से पहले मैंने इसके बारे में सोचा नहीं और हम तो यहां पर एक नई जिंदगी शुरुआत करना चाहते थे पर अब यह मुसीबत हम इसे कैसे निकले फादर फादर ने कहा तुम यहां पर भी रह सकते हो तब जब यह सुरक्षित रहें उन्होंने कहा कल हम उस आत्मा को बुलाएंगे कि वह कौन है और हम से क्या चाहती हैं
यह कहते हुए फादर उन्हें आश्वासन देकर चले गए हैं और अगली सुबह फादर आए उनके हाथ में उनके हाथ में एक बोर्ड था auja board फादर्स बोर्ड को लेकर हमारे पास आए और बोले
यह auja बोर्ड जिससे हम आत्मा को बुलाएंगे
और फिर यह कहकर फादर हमें लेकर एक कमरे में गए और एक टेबल पर उस borad को रखकर मोमबत्तियां जला दी और सभी बैठ जाओ और हम सब एक दूसरे का हाथ पकड़ कर बैठ गए और और उस आत्मा को बुलाने लगे और फादर उस आत्मा को बुलाने लगे और थोड़ी देर में सारा कमरा हवाओं के झोंकों से झुमने लगा चारों तरफ खिड़कियां हवा के जोर से जोर जोर से फड़फड़ाने लगी ऐसा लगा जैसे पूरे कमरे में तूफ़ान सा गया हो जिससे वह मोमबत्तियां बुझ गए यह देखकर रमेश और रीना काफी डर गई फादर ने कहा
कुछ नहीं होगा और थोड़ी देर में फादर ने कहा
तुम कौन हो और हमसे क्या चाहती हो
तभी रीना जो वहीं पर थी उसमें कुछ अजीब हरकतें आने लगी और थोड़ी देर में वह आत्मा रीना को अपने कब्जे में ले चुकी थी और उस आत्मा ने बोलना शुरू किया
मैं इस घर में काफी दिनों से रह रही हूं और मुझे रीना की आत्मा चाहिए मैं उसे लेने आई हूं
फादर ने कहा
नहीं हो सकता तुम अपना इरादा बदल दो
लेकिन वह आत्मा नहीं मानी जिससे फादर ने कहा
अगर तुम नहीं मानोगी तो हम अपने शक्ति से तुम्हें बांध देंगे
लेकिन वहां नहीं मानी और रीना को जोर से एक तरफ फेंक दिया और रीना के शरीर में जो आत्मा गई थी वह रीना को यहां वहां पटकने लगी जिससे उसका शरीर काफी लहूलुहान हो गया
फादर ने रमेश से कहा
रमेश अगर हम इस आत्मा को रोकना है तो वह आहूजा borad को तोड़ना होगा
रमेश ने कहा ठीक है
और जैसे ही रमेश ouja बोर्ड को तोड़ने के लिए उसकी तरफ बढ़ा तभी रीना ने जो एक आत्मा की गिरफ्त में थी उसे एक जोरदार धक्का दिया जिससे रमेश मरते मरते बचा लेकिन रमेश भी हार मानने में से नहीं था उसने उठा और उस आहूजा बोर्ड की तरफ भागा लेकिन रीना ने उसे उठाकर दूसरी तरफ रख दिया और रमेश को एक बार फिर जोर से फेंका रमेश काफी चोटिल हो चुका था उसमें काफी कम शक्ति बची थी उसका शरीर पूरा लहूलुहान हो चुका था
फादर ने कहा रमेश तुम एक हो जो अपनी रीना को उस आत्मा की गिरफ्त से बचा सकती है उस ouja borad को तोङ दो रमेश अपनी पूरी शक्ति के साथ दोबारा उठा और ouja borad को लेकर तोड़ दिया borad के टूटने के बाद रीना उस आत्मा की गिरफ्त से बाहर हो गई और और फादर आकर उसके गले में भगवान यीशु का एक लॉकेट डाल दिया और बोला अब तुम्हारी यह लॉकेट रक्षा करेगी और कोई आत्मा तुम्हें गिरफ्त में नहीं लेगी इस तरह से रमेश ने अपने रीना को खतरनाक आत्मा से बचा लिया और फादर का भी शुक्रिया अदा किया जिनके रहते उन्होंने इस मुसीबत से बाहर निकल पाए थे तो दोस्तों अगर आपको यह कहानी अच्छा लगा हो तो इसे लाइक करें शेयर करें और कमेंट करके मुझे बताएं आपको यह कहानी कैसा लगा दोस्तो ऐसा ही कहानी में लेते आता रहता हूं तो इसके लिए मुझे आप लोग follow सकते हैं तो मिलते हैं एक नई कहानी के साथ तब तक के लिए नमस्कार