शापित आईना Roshan Jha द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • Devil I Hate You - 7

     जानवी की भी अब उठ कर वहां से जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,...

  • दरिंदा - भाग - 12

    इस तरह अचानक अशोक अंकल को अपने सामने खड़ा देखकर अल्पा समझ ही...

  • द्वारावती - 74

    74उत्सव काशी में बस गया था। काशी को अत्यंत निकट से उसने देखा...

  • दादीमा की कहानियाँ - 4

     *!! लालच बुरी बला है !!*~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~*एक बार...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 54

    अब आगे रूही रूद्र को गुस्से में देख रही थी रूद्र ‌रूही के इस...

श्रेणी
शेयर करे

शापित आईना

जेनर= हॉरर
राईटर= रोशन झा






क्या आप भूत प्रेत को मानते हैं शायद आप मानते भी हो और नहीं भी मानते हो पहले भी मैं इन सब चीजों को नहीं मानता था पर जब मेरे साथ यह घटनाएं हुई तब मैं भी इन सब बातों पर यकीन करने लगा और उसी की घटना को मैं आप सब से कहने जा रहा हूं यह बात आज से करीब 6 साल पहले की है मेरा नाम दीपक है और मैं एक प्रोफेसर हूं और मेरी फैमिली में मैं और मेरी पत्नी अमीषा और मेरा एक बेटा निखिल है मेरा ट्रांसफर दिल्ली में हुआ था मे सुबह-सुबह अपने जाने की तैयारी कर रहा था और सामान को पैक करते हुए मैंने अपनी पत्नी को आवाज लगाया
अमीषा जल्दी करो ड्राइवर आ चुका है और हमें जल्द से जल्द यहां से दिल्ली के लिए रवाना होना है जल्दी करो
तभी अमीषा बोली
हां बस हो गया मेरे कुछ सामान पैक कर रही हूं आप सामान सब तब तक गाड़ी में रखीये मैं अभी आती हूं
और अमीषा ने निखिल को आवाज लगाई
निखिल बेटा कहां पर हो अपना सामान लेकर मेरे पास आओ मेरे पास मै बैग में रख देती हूं
तभी निखिल बोला
हां मामा मैं अभी आया
यह कहकर व अमीषा के पास आया बोला
मामा यह लो यह मेरा सामान है आप इसे बैग में पैक कर दो और मैं गाड़ी में बैठने जा रहा हूं आप आ जाओ
यह कहकर निखिल कार में जाकर बैठ गया
मैं घर के अंदर आया अमीषा से बोला
अरे बाबा भी तो तुम्हारा हुआ नहीं क्या
अमीषा बोली
हां बस हो गया
और उसने बैग मेरी तरफ बढ़ा दिया मैंने बोला
चलो वैसे मैं ले लेता हूं कार में तुम बैठो
यह कह कर हम घर से बाहर निकले और मैंने घर का दरवाजा लगा दिया और कार की डिक्की में बैग को रखा और अमीषा से बोला
तुम कुछ भूली तो नहीं अमीषा ने मुझे बोला
नहीं मैं कुछ नहीं भुली हूं सब बैग में रख दिया
मैंने फिर कार का दरवाजा खोला और कार में बैठा और बोला
ड्राइवर गाड़ी चालू करो और ड्राइवर ने गाड़ी चालू किया और हम दिल्ली की और रवाना हो गए हालांकि हम लोग गुड़गांव में रहते थे इसलिए कुछ ज्यादा टाइम नहीं लगा हमें दिल्ली पहुंचने में और कुछ ही देर के बाद हम अपने बंगले के पास थे मैंने गाड़ी से उतरते हुए अमीषा से कहा
लो हम आ गए
अमीषा कार से उतरते हुए बोली यह बंगला तो काफी अच्छा है
और तभी निखिल भी गाड़ी से उतर गया और बोला
पापा यह तो बहुत अच्छा है देखो कितना बड़ा गार्डन है और झूले भी लगे हैं मुझे यहां काफी अच्छा लगेगा
मैंने कहा चलो तुम लोगों को यह जगह पसंद आ गई मेरे लिए काफी है
और यह कहते हुए मैंने बंगले का दरवाजा खोला और हम अंदर गये और भी काफी अच्छा नजारा था अमीषा मन ही मन खुश नजर आ रही थी मै ने कहा
क्यों जैसा तुम चाहती थी बिल्कुल वैसा ही है घर
उसने कहा
बहुत अच्छा है
और निखिल चहकते हुए सोफे ऊपर बैठ गया और बोला
यह सोफा काफी अच्छा है
और मैंने कहा निखिल से कहा
चलो निखिल अपना सारा सामान निकालते हैं और सब जगह पर रख देते हैं
यह कहते हैं मैंने अमीषा से कहा
अमीषा सारा सामान निकाल लो और हर जगह जहां रखना है वहां रख दो मैं अपने कॉलेज में कुछ बात कर रहा हूं फोन पर
यह कह कर मै फोन पर बात करने लगा और कुछ देर बाद मैं अमीषा के पास आया और बोला
अमीषा मुझे आज ही से कॉलेज ज्वाइन करना है मैं बाहर खा लूंगा और तुम घर पर कुछ बना लेना और हां एक बाई आएगी वह सारा काम घर का काम कर देगी और हो सके तो आज तुम मार्केट चले जाना और जो सामान तुम्हें जरूरी हो वहां से ले आना
यह कहते हुए मैं वहां से कार लेकर अपने कॉलेज की और निकल गया
अमीषा अपने काम में व्यस्त हो गई कुछ देर बाद अमीषा मार्केट के लिए निकलने वाली थी उसे निखिल को आवाज लगाई
निखिल बेटा कहां हो चलो मार्केट में घूम आते हैं
निखिल बोला अभी आया मामा
और अमीषा और निखिल मार्केट के लिए निकल पड़े अमीषा को पुरानी वस्तुएं खरीदने का काफी शौक था और पता नहीं कैसे मार्केट में घूमते घूमते शॉप पर पहुंच गई जहां इस तरह की चीजें रहती हैं और वहां से वह एक पुराना आईना खरीद के लिए आई जब मैं शाम को वापस कॉलेज से आया तो वह मुझे बोली
आ गए
मैंने कहा
हां आ गया हूं कुछ नाश्ता है
उसने बोला
हां मैं भी लगाती हूं आप बैठो
मैं हाथ मुंह धो कर टेबल पर बैठा तभी मेरी नजर उस आईने पर पडी मैंने पूछा
यह क्या लेकर आ गई
तो उसने कहा हां आज मार्केट गई थी वो मुझे यह एक दुकान पर मिल गई और यह मुझे काफी पसंद आ गया और ये आजकल मिलती नहीं है इसे हम अपने घर में लगाएंगे यह काफी दिखने में अच्छा है
मैंने क्या
अरे यार तुम्हें तो बस इन्हीं सब चीजों से लगाव रहता है चलो ठीक है तुम्हें जो पसंद हो
यह कहते हुए मैंने नाश्ता किया और बोला
मैं कुछ अपनी फाइल देखने जा रहा हूं
यह कहकर मैं कमरे की ओर चला गया तो मुझे बाहर से कुछ आवाज सुनाई पडी जैसे कुछ गिरा हो मैं बाहर आकर देखा तो अमीषा निखिल को डांट रही थी मैंने पूछा
क्या हुआ
अमीषा बोली कि
देखो अभी यह आईना गिरने वाला था और यह सब इसकी गलती है
निखिल ने कहा
मामा में कुछ नहीं किया मैं तो बस उसे देख रहा था वह आईना तो खुद ब खुद गिरने वाला था
अमीषा ने कहा
झूठ मत बोलो तुम्हें मार खाने की आदत पड़ गई है जब तक मार नहीं पड़ता तब तक तुम कोई बात समझते नहीं हो
मैंने अमीषा से कहा
छोड़ दो बच्चा है आगे से नही करेगा
और मैंने निखिल को कहा
ऐसा नहीं करते गंदी आदत
और यह कहकर मैने निखिल से कहा
मेरे साथ चलो
वह मेरे साथ वह मेरे कमरे में चला गया
रात को हम लोगों ने खाना खाया और सोने चले गए रात को अचानक मेरी नींद खुल गई और मैं उठा और मेरी नजर घड़ी पर पड़ी है रात के करीब 12:00 बज रहे थे और मुझे प्यास लगी थी और मैंने पास में देखा तो पानी का बोतल नहीं था मैं मन ही मन बोला
अमीषा भी ना पानी का बोतल में बोल देता हूं रखने के लिए पास में वह रखती नहीं है
और मैं किचन की और बढा जहां पर फ्रीज में पानी का बॉटल रखा था मैं किचन में गया और पानी का बोतल निकाल कर एक दो घूट जैसे ही पिया तभी मुझे दूसरे कमरे से कुछ गिरने की आवाज है मैं चौका की
यह आवाज कहां से आ रही है
और मैंने बोतल को फ्रिज में रखा और उस कमरे मे गया मैंने कमरे की लाइट जलाई इधर-उधर देखा कोई भी सामान मुझे गिरा हुवा नजर नहीं आया और तभी मेरी नजर उस आईने पर पडी उस आईने का जो कवर जो कपड़े का था गिर चुका था और आईना वैसे की वैसे दिख रहा था मैंने सोचा
अरे यार फिर कोई कुछ गिरेगा और यह फूट जाएगा और फिर अमीषा पूरा घर को सिर पे उठा लेगी
यह सोचते हुए मैंने सोचा चलो इस कवर लगा देते हैं और मैं उस आईने के पास गया और कवर जैसे ही लगाने लगा कि मुझे जैसे लगा कि उस आईने में मेरे सिवा किसी और का चेहरा मुझे नजर आया और वो चेहरा किसी औरत का था और वह काफी भयानक था यह देखकर मैं काफी डर गया और पीछे घुमा पर पीछे मुझे कुछ नजर नहीं आया और तभी लाइट घर के जलने बुझने लगे और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है अभी अचानक लाइट ठीक हो गई फिर मैंने सोचा
हो सकता है कुछ बिजली का प्रॉब्लम हो
यह कहते हुए मैने उस आईने को ढक दिया और वापस आकर सो गया सुबह हुई फिर मैं कॉलेज के लिए चला गया और शाम हुई और मैं वापस आया और नाश्ता करके मैं वापस अपने कमरे में चला गया और कुछ फाइल को देखने लगा और खाना खाकर हम सोने चले गए फिर दूसरी रात मेरी नींद अचानक खुल गई और मैने पास देखा तो अमीषा बिस्तर पर नहीं थी मैंने सोचा
यह कहां गई होगी
और मैं उठा और कमरे से बाहर आया और मैंने इधर-उधर देखने लगा और अमीषा को ढूंढने लगा तभी मुझे वह कमरा दिखाई पड़ा जिसमें आईना रखा था उसका दरवाजा खुला था मैं उस कमरे के अंदर गया तो मैंने देखा अमीषा उस आईने की तरफ देख रही है मैं पीछे से गया और उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा क्या देख रही हो अमीषा जोर से मेरी तरफ घूमी और बोली
दीपक अभी-अभी मुझे कुछ इसमें दिखाई पड़ा एक औरत थी जिसका चेहरा काफी भयानक था और मुझे वह आईने में नजर आई दीपक मैं काफी डर गई हूं
मैंने उससे कहा यह सब तुम्हारा भ्रम है तुम आओ मेरे साथ
और यह कहकर मैंने उस दरवाजे को बंद किया और अमीषा को वापस लेकर आया और बोला
देखो यह सब मन का भ्रम है तुम आराम से सो जाओ
यह कहकर मैंने उसे समझाया अगली सुबह मैं कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था तभी मुझे बाहर से अमिषा की चीखने की आवाज आई मैं दौड़ के बाहर आया और अमीषा को बोला
क्या बात है
वह आईने की तरफ इशारा कर रही थी मैं मैंने आईने की तरफ देखा और आईना टूट चुका था और उसमें खून से लिखा हुआ कुछ था जो मुझे साफ नजर नहीं आ रहा था मैंने पास जाकर देखा तो उसमें लिखा था
मैं तुमसे बदला लूंगी
यह देखकर मैं भी चौक गया और मैंने पूछा
यह कब हुआ
अमीषा ने बोला
अभी मैं इसे दीवार पर लगा रही थी और यह अपने आप टूट गया और इसमें ऐसा लिखा हुआ मुझे नजर आया
मैंने कहा मुझे भी रात में इसमें कुछ दिखा था
और मैंने कहा हमें से जल्द से जल्द कुछ करना पड़ेगा और मैं अपने कॉलेज में फोन लगाया और अपने एक साथी को जो मेरे साथ उस कॉलेज में पढ़ाते से उनसे मैंने सारी बात बताई
उसने कहा यह काफी बुरी खबर है और हमें जल्द से जल्द इसके बारे में सोचना पड़ेगा नहीं तो यह तुम्हारे लिए और तुम्हारे परिवार के लिए काफी खतरनाक होगा उसने कहां मैं जहां तुम्हें बुलाता हूं तुम वहां पर आ जाओ यह कहकर उसने मुझे एक एड्रेस दिया
मैं जब वहा पर पहुंचा तो वह एक मंदिर था वहीं पास में मेरा साथी नजर आया मैं उसके करीब के और बोला भाई मेरी मदद करो नहीं तो मैं काफी मुश्किल में पड़ जाऊंगा उसने कहा तुम चिंता मत करो मैंने तुम्हें इसीलिए यहां पर बुलाया और तभी एक बाबा है उन्होंने कहा मुझे आपके घर जाना पड़ेगा और वही जाकर मुझे पता चलेगा कि यह क्या बला है मैं मेरा साथी और मैं उस बाबा को लेकर अपने घर पर आया बाबा जैसे ही मेरे घर में प्रवेश की तभी अचानक ऐसा लगा जैसे एक जोर का हवा का झोंका उस घर में प्रवेश किया बाबा ने इधर उधर देखा और फिर उस आईने को देखा और फिर अपने पास रखें जल को उन्होंने उस आईने पर छिड़का और कुछ मंत्र का उच्चारण किया और उन्होंने आंख बंद कर ली और कुछ देर बाद उन्होंने आंख खोले और बोले
यह आईना तुम कहां से लेकर आए हो
तब मैंने उन्हें सारी बात बताएं वह बोले
यह एक शापित आईना है और इसमें टोना टोटका किया गया है और इस आईने में एक आत्मा कैद है जो अपने बदले की आग से जल रही है तुम इसे अपने घर में लेकर आए हो शुक्र करो की अभी तक तुम सुरक्षित हो नहीं तो यह जानलेवा साया किसी को नहीं छोड़ती है
मैंने कहा
बाबा गलती हो गई अब आप ही हमें इस मुसीबत से उबार सकते हैं
उन्होंने कहा ठीक है और उन्होंने जल लेकर उस आईने पर छिड़कना शुरू किया और साथ ही साथ मंत्र का उच्चारण कर रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे आईने से कोई चीख चिल्ला रहा हो बाबा ने फिर एक धागा लिया और उस आईने के चारों तरफ से बांधा और बोले इसे मैं अपने साथ ले जाता हूं और अब तुम सुरक्षित हो लेकिन कभी भी भूल कर कोई ऐसी चीज घर ना ले आया करो जो काफी पुरानी वह शापित भी हो सकती हैं और शुक्र करो जो तुम इससे बच गए वरना यह एक ऐसा शापित आईना था जिसमें खतरनाक साया कैद था और वह जहां भी जाती है सब को मार डालती हैं
मैंने बाबा को प्रणाम किया और मदद के लिए उनका शुक्रगुजार किया और साथ ही अपने साथी का जो उन्होंने मेरे इस मुसीबत की घड़ी में साथ दिया था दोस्तों यह थी मैंने जीवन से जुड़ी वह घटना जो मैंने आपसे कहा हम तब तक कोई चीज पर विश्वास नहीं करते जब तक वह हमारे साथ ना होती मैं भी पहले सब चीजों पर नहीं विश्वास करता था लेकिन जब मेरे साथ हो तब मुझे इन सब चीजों पर विश्वास हो गया कि भूत प्रेत भी होते हैं