ड्रेकुला और मौत Devendra Prasad द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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ड्रेकुला और मौत



ब्रिटिश साम्राज्य अठारहवीं सदी से लेकर 20वीं सदी के मध्य तक विश्व का सबसे बड़ा और शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करता था, जो कि महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता।

बात सन 1870 की है। नॉर्थम्पटन शहर लंदन से उतरी छोर पर पड़ता था। नॉर्थम्पटन शहर के एक बंगले के चारदीवारी के पास एक के बाद एक तीन लोग मृत पड़े पाए गए थे।
तीनों की गर्दन पर किसी ख़ौफ़नाक दैत्य ने झपट्टा मार था। तीनों की गर्दन पर नाखूनों के गहरे घाव थे।

डेविड एंडरसन एक बेहद ही उम्दा किस्म के डिटेक्टिव (जासूस) थे। वो घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंचे। उन्होंने उस जगह का सूक्ष्म निरीक्षण किया और कपोल की लकीरों को सिकोड़ते हुए बोले-
"यह बंगला किसका है? कृपया वह मेरे सामने आने का कष्ट करें!"

यह सुनते एक लंबे चौड़े काठी वाला शख्स मुंह मे सिगार को जलाए डिटेक्टिव डेविड के सामने खड़ा हो जाता है और अपने दाएं हाथ को बढ़ाते हुए कहता है-
"हाय! आय एम स्टीव हर्मिसन। आय एम दा ऑनर ऑफ नॉर्थम्पटन पैलेस।"

डिटेक्टिव डेविड- "मौके वारदात पर जो अभी तीन लाशें पाई गई हैं इनका आपसे क्या सम्बंध है?"

स्टीव हर्मिसन- "दे आर माय रिलेटिव्स।"

डिटेक्टिव डेविड- "जरा खुल के बताना चाहेंगे आप?"

स्टीव हर्मिसन- "वॉय नाट! इन तीनों में से 2 मेरे चाचा के बेटे थे और तीसरा मेरी बुआ के बेटे थे।"

डिटेक्टिव डेविड- "आय होप! आपने उनके घर इन्फॉर्म कर दिया होगा?"

स्टीव हर्मिसन- "बचपन मे एक कार दुर्घटना में उनके माता पिता का देहांत हो गया था, तो तब से उनकी देखभाल की ज़िम्मेदारी मेरी ही थी। वो इस नॉर्थम्पटन पैलेस की आधी भागीदारी उन्हीं के नाम पर थी।"

स्टीव की बात सुनते ही डेविड अपने दोनो भौहों को ऊपर की तरफ उठाते हुए कुछ देर तक टकटकी लगाकर देखने की चेष्टा करता है।
लगातार इस तरह से देखे जाने की वजह से स्टीव अपने आप को असहज महसूस करता है। वो कुछ बोलने ही वाला था कि अगली आवाज डेविड की ही आ जाती है।

डिटेक्टिव डेविड-"आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। उम्मीद है जल्द ही गुत्थी सुलझा दूंगा और इस सिलसिले में आपसे मिलना जुलना लगा ही रहगा। लेकिन मेरी आप से एक गुज़ारिश है?"

स्टीव हर्मिसन- "हाँ बोलिए ना?"
डिटेक्टिव डेविड- "नहीं छोड़िए आप जा सकते हैं, फिर कभी मिलना हुआ तो जिक्र होगा? मैं जरूरी जांच और पंचमनामा करने के बाद आपको बुलाता हूँ।"

स्टीव हर्मिसन- "जैसा आप उचित समझे।"
यह कहने के बाद स्टीव अपनी गाड़ी में सवार हो गए और अपने फैक्ट्री की तरफ रुख कर दिया।

डटेक्टिव डेविड अपनी जांच पड़ताल में व्यस्त थे तभी भीड़ से एक शख्स उनके समीप आता है और उनसे कहता है।
"हेलो सर आय एम मिस्टर जोनाथन स्ट्रॉस मैं आपसे कुछ गुफ्तगू करना चाहता हूं।"

डटेक्टिव डेविड-"वॉय नॉट गो अहेड।"

जोनाथन स्ट्रॉस- "साहब मैं यहां 2 साल पहले चौकीदार था। जब मुझे यहां चौकीदारी करते हुए लगभग छः महीने हो गए थे एक रात मैंने कोई अजीब से आवाज सुनी। मैं सावधानी से नॉर्थम्पटन पैलेस के अंदर घूंस गया। वहां ऊपर के माले में मुझे एहसास हुआ कि कुछ बदबू सी आ रही है। मैंने उस बदबू का पीछा किया।
मैं जैसे ही ऊपर पहुँचता हूँ तो देख कर स्तब्ध रह जाता हूँ कि वो बदबू अचानक से बन्द हो जाती है।

मुझे अचनाक पता नहीं ऐसा क्या होता है कि मुझे मदहोशी से छाने लगता है। मैं वहीं पास के बिस्तर में नींद के आगोश में समा जाता हूँ। तकरीबन आधी रात को किसी ने मुझे झिंझोडकर उठाने की कोशिश की। जैसे ही मेरी नींद खुली एक अजीब सी तेज बदबू कमरे में भर गई। मैंने बेहद धीमी रौशनी में देखा कि-
"दो लम्बे-लम्बे दांतों और ख़ौफ़नाक चेहरे वाले दैत्य को अपनी तरफ आता देखा। जब तक मैं कुछ मैं कुछ प्रतिक्रिया देता वो मुझ पर झपट पड़ा था और अगले ही पल उसके दो नुकीले दांत मेरी दाईं गर्दन के अंदर घूंस चुके थे।"

डिटेक्टिव डेविड-"ओह् माय गॉड! आर यू सिरियस? वो सचमुच दैत्य था क्या?"

जोनाथन स्ट्रॉस- " साहब धीमी सी रोशनी थी लेकिन मैं यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि मैंने उस ख़ौफ़नाक चेहरे को काफी करीब से देखा था और उसके नुकीले दांतों को यहां चुभते हुए महसूस भी किया था।
जोनाथन ने अपने कॉलर को हटाते हुए दाहिनी गले पर दो काले निशान को दिखाते हुए कहा। वह देखते ही डेविड चौंक से जाता है और बोलता है-

डिटेक्टिव डेविड- "ओह्ह यह तो काफी गहरा घाव रहा होगा उस वक़्त? उसके बाद क्या हुआ तुम जीवित कैसे बच गए?"

जोनाथन स्ट्रॉस- "सर जैसे ही उसने मेरी गर्दन में अपने दांत चुभाए मेरा खुद से नियंत्रण भी जाता रहा। चप्प-चप्प की ध्वनि से मेरे जिस्म से लहू चुसता रहा। थोड़ी ही देर में उस दैत्य ने रक्त से प्यास बुझाने के बाद मुझे बेरहमी से बंगले के बाहर फेंक दिया।"

सुबह जब मेरी नींद खुली तो मुझे देखकर सभी हस्तप्रबढ थे। जब मैंने सभी को रात वाली घटना सिलसिलेवार सुनाया तो सबको यकीन हो गया। इस वारदात से वहां आस पास सभी जगह दहशत की लहर फैल गयी और सभी के निर्णय से वह भूत बंगला घोषित हो गया। मजबूरन मुझे यह नौकरी छोड़नी पड़ी और यहां किसी के आने जाने के लिए भी पाबंदी लग गई।"

डिटेक्टिव डेविड- "आपके इस अनमोल जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया मिस्टर जोनाथन स्ट्रॉस।"

यह कहकर उसने उस शख्स से अलविदा लिया। डेविड को इस कहानी पर जरा भी यकीन नहीं हुआ। वो हैरान था कि यदि ऐसा कुछ हुआ तो पहले किसी ने रिपोर्ट दर्ज कईं नही करवाई।
वह अंदर नॉर्थम्पटन पैलेस में जाता है। ऊपर माले में बारीक नजरो से अवलोकन करते हुए मामले की तह तक जाने के लिए सोचता है कि कोई आखिर क्यों किसी को इस तरह लोगों को आतंकित कर रहा है। इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है?
यह सोचते सोचते वह आज वहीं रात गुजारने का निर्णय लेता है।

नॉर्थम्पटन के लोग बड़े ही दिल वाले थे। वहां आस पास के लोगो ने डेविड के खाने पीने की व्यवस्था कर दी थी। इस अपनत्व और सादर सत्कार से डेविड बहुत ही प्रफुल्लित हुआ। उसने वहां से जाने की इच्छा व्यक्त की तो इस जगह के एक प्रसिद्ध व्यापारी ने कहा-

"डेविड एंडरसन आप हमारे निवास स्थान पर ही क्यों नहीं रुक जाते। आपको यहां किसी तरह की तकलीफ नहीं होगी?"

डिटेक्टिव डेविड- "इस स्वागत सत्कार के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूँ। मैंने आज की रात उस तथाकथित भूत बंगले में ही रात गुजारने का निश्चय किया है ताकि मैं मामले की तह जा कर पता लगा सकूँ की आखिर उस खूनी ड्रैकुला का क्या राज है?"

डेविड की यह बात सुनकर वह व्यापारी और वहां के कुछ स्थानीय निवासी ने डेविड को उस बंगले में न ठहरने की बात कहने के साथ साथ बहुत सी डरावनी बातें भी बताई लेकिन डेविड नहीं माना।
वो नॉर्थम्पटन पैलेस के तरफ अपने कदमो को बढ़ा देता है। दिन भर की जांच पड़ताल से अब डेविड काफी थक चुका था और उसका शरीर बुरी तरह से टूट रहा था।

उसने चुपके से एक लालटेन को प्रज्ज्वलित किया और उस घोषित भूतिया बंगले के के चारों और चक्कर लगा आया और फिर आस्वस्थ हो कर बिस्तर पर पसर गया।

नॉर्थम्पटन पैलेस वैसे तो सामान्य सुख सुविधा की सभी सुविधा से युक्त था। दिन भर की थकान की वजह से डेविड को नींद ने जल्दी ही धर दबोचा। वह घोड़े बेचकर नींद में खोया हुआ था कि तभी आधी रात को किसी आहट सुनाई देती है जिसकी वजह से उसकी नींद खुल जाती है।

डेविड ने सोचा कि यह एक महज उसका भ्रम है। वह यह सोचते हुए दुबारा सोने की कोशिश करते हुए अपनी आंखें बंद करता है की तभी अचानक अपनी पैरों पर किसी की खुरदुरी उंगलियों के स्पर्श महसूस हुआ।

वह अगले पल हड़बड़ाकर बिजली की फुर्ती से उठ कर बैठ जाता है और अंधेरे में अपनी दोनो आंखें फाड़ फाड़ कर देखने लगता है।
काफी देर तक टकटकी लगाकर देखता रहता है लेकिन वहां उसे कोई भी वहां नहीं दिखता। वो वापिस लेटने की सोच ही रहा था कि तभी अचानक कहीं से एक तेज हवा का झोंका आया और उस कमरे में पूरी तरफ बड़ी तीक्ष्ण अजीब सी बदबू फैल गयी।

उसके बाद अचानक खिड़कियां और दरवाजे अपने आप खड़कने लगे और पर्दे उड़ने लगे। डेविड इस बार थोड़ा सहम गया मगर अपना साहस खोना उसे उचित नहीं समझा और झटके से रिवाल्वर निकाल कर अपनी उंगलियां से तान लिया।

अभी वह रिवाल्वर तान के पर्दे की तरफ देख ही रहा था कि अचानक पीछे से खिड़की से एक खुफ़नक दैत्यनुमा इंसान उस कमरे में दाखिल हुआ। उस दैत्य की शक्ल बिल्कुल ड्रैकुला से हूबहू मिलती जुलती थी। उसके नुकीले दांतो से लहू की बूंदे फर्श पर टपक रही थी।

वह दैत्यनुमा ड्रैकुला खिड़की से अंदर घुसते के साथ ही डेविड पर झपट्टा मारा। डेविड के हाथ से छिटककर रिवाल्वर दूर जा गिरा।
इसके साथ ही कमरे में अट्टहास गूंजने लगा।

डेविड ने धयान से देखा लम्बे-लम्बे बालो और दांतों वाले उस दैत्यरूपी ड्रैकुला की आंखें अंगारों जैसी दहक रही थी। डेविड अपने बचाव के लिए कुछ कर पाता कि उस से पहले ही उस ड्रैकुला अपने पंजे उसकी गर्दन की तरफ बढ़ा दिए।

अगले ही पल डेविड को अपने गले के दाईं तरफ कुछ चुभने का एहसास होता है। गले से खून की धारा टपकने के साथ साथ चप्प-चप्प की आवाज उसके कानों में खौफजदा कर रहे थे।
जैसे जैसे खून की आवाज तेज होती जा रही थी डेविड का शरीर शिथिल पड़ती जा रही थी।

तभी अचनाक डेविड को कहीं से अपनी सारी हिम्मत को एकत्रित करने की कोशिश की और तेज झटके से उसने अपने आप को आज़ाद किया। डेविड को अचानक गर्दन पर असहाय पीड़ा हुई उसने अपनी नजर घुमा कर गले की तरफ देखा तो उसकी आंखें खुली की खुली रह गयी। गले के पास 2 गहरे घाव नजर आता है जिससे रक्त बूंद बूंद कर के बाहर टपक रहा था।

डेविड अपनी चोट देखने मे इतना मोजूद हो गया कि उसको सामने खूंखार ड्रैकुला को ही भूल गया। अगले ही पल उस ड्रैकुला ने अपने नुकीले पंजे से ऐसा बल लगाया कि उसके नाखून चेहरे को खरोंचते हुए उसकी खोपड़ी के बगल से निकल गया।
अचनाक इस हरकत की वजह से डेविड अपना नियंत्रण खो बैठता है और खिड़की से बाहर टकराते हुए नीचे गिरने लग जाता है।
नीचे गिरते ही डेविड का सिर नीचे किसी पत्थर से टकरा गया और वहीं बेहोश हो गया।

होश आने पर डेविड को अपने गर्दन के पास बहुत तेज पीड़ा महसूस होता है। इस ड्रैकुला के दांतों से हुए गले पर वार अब घाव का रूप ले चुके थे और अब वो टीसने लगे थे। डेविड ने इतने पर भी हिम्मत नहीं हारी और उठ खड़ा हुआ। सूर्यास्त होने में अभी 2-3 घण्टे बाकी थे। डेविड लड़खड़ाते हुए नॉर्थम्पटन पैलेस के चारदीवारी को तरफ देखते हुए बोलता है-

"उफ्फ अब अंदर कैसे जाऊँ चारदीवारी तो बहुत ऊँची है। बिना अंदर गए मैं उस ड्रैकुला के राज का पर्दाफाश कैसे कर पाऊंगा।"

तभी उसकी नजर चारदीवारी के पास सटे पेड़ पर नजर पड़ती है औऱ वह फुला नहीं समाता।

"वाह ये रहा रास्ता। मुझे अब किसी भी तरह इस पेड़ से चढ़ कर अंदर जाना ही होगा। मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है। मुझहे सुबह होने से पहले सच्चाई सबके सामने लाना ही होगा।"

यह कहकर डेविड पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करने लग जाता है। थोड़ी देर मश्क्कत करने के पश्चात वो पेड़ पर चढ़ जाता है। उस पेड़ से चढ़ कर अंदर देखने की तरफ देखने का प्रयत्न करता है और देखते हुए बोलता है-
"ओह्ह अंदर तो बहुत ही ज्यादा अंधेरा है और लालटेन भी ऊपर ही रह गया। मैं ऐसे कैसे पता कर पाऊंगा की वह ड्रैकुला किधर गया?"

डेविड अनमना सा उस रहस्यमयी बंगले के अंदर निहारने की कोशिश कर ही रह था कि अचानक 'खुट्-खुट्' की आवाज ने उसे चौकन्ना कर दिया। यह आवाज सुनते ही वो बोला-

"ओह्ह यह आवाज तो इस भूत बंगले के अंदर से ही आ रही है। मुझे अब चल कर देखना चाहिए।"

यह कहकर वो चारदीवारी से अंदर कूद जाता है और दबे पांव अंदर की तरफ चला जाता है और आवाज सुनने की कोशिश करता है कि किधर से आ रही है। अब वह आवाज का पीछा करता हुआ उस भूत बंगला जिसे नॉर्थम्पटन पैलेस के नाम से जाना जाता है उसके तहखाने में पहुंच जाता है। वो जैसे ही तहखाने में पहुंचकर देख कर दंग रह जाता है और उसका शक यकीन में बदल जाता है।
वहां एक दीवार खड़ी थी जिसके पीछे से आवाज आ रही थी। जस दीवार में एक रौशनदान मौजूद था लेकिन वह थोड़ी ऊँचाईं पर स्थित था। सामने ही एक लोहे की सीढ़ी दिखी डेविड भाग के उस सीढ़ी को ले कर आता है और उसे दीवार के सहारे खड़ी कर देता है। धीरे धीरे वो सीढ़ी से ऊपर चढ़ने की कोशिश करता है। थोड़ी देर में ही वो सीढ़ी के ऊपरी सिरे पर पहुँच जाता है।
जैसे ही वो उस रौशनदान से झांकता है उसे अंदर देखने के बाद अचरज की सीमा नहीं रहती।

डेविड ने देखा कि उस कमरे की फर्श जगह जगह से खुदी पड़ी थी और खुदाई का काम अभी भी जारी था। वहीं उसी कमरे में कोने में ओवरकोट पहने एक जेम्स बांड नुमा आदमी खुदाई करने वालो को कुछ दिशा निर्देश दे रहा था। उसके पास में ही वो खूंखार दैत्यनुमा ड्रैकुला खड़ा था। जिसने डेविड को उस भूत बंगले से बाहर फेंक दिया था।

इसी कमरे के मुख्य दरवाजे के पास एक व्यक्ति मशीनगन लिए ऊंघ रहा था। डेविड फुर्ती से नीचे उतर गया ऑयर इस मौके को भुनाने की कोशिश की। जो झट से अन्दर घूंस कर फट से मशीनगन छीनते हुए ढहड़ता है-

"खबरदार! यदि किसी ने अपनी जगह से हिलने की कोशिश भी की तो गोलियों से भून दूंगा।"

डेविड के दहाड़ते ही वहां मौजूद सभी लोग बुरी तरह ठिठक गए। उनलोग को इसका ज़रा सा भी एहसास नहीं था। कोने में खड़े ओवरकोट वाले व्यक्ति की हथेली धीरे धीरे जेब के अंदर जाने लगी कि तभी एक जोरदार धमाका हुआ और वह व्यक्ति बुरी तरह चीख पड़ा। वो शायद अपनी जेब से रिवाल्वर निकलना चाह रहा था कि तभी डेविड ने उसकी बाजू को निशाना बना कर गोली दाग दी थी।

तभी डेविड फिर दहाड़ा- "सभी के सभी अपने बाजू ऊपर कर के एक कोने में चलो।"

सभी ने डेविड के आदेश का तुरंत पालन किया। जब सभी लोग उस कमरे के कोने में चले गए तो डेविड ने कमरे में कुंडी चढ़ा दी और मशीनगन उनकी तरफ तान दी।
थोड़ी देर में उसने ट्रांसमीटर निकाला और पुलिस चौकी से संपर्क किया। बस फिर क्या था अगले आधे घंटे में ही नॉर्थम्पटन पैलेस पुलिस के सर्च लइटों से जगमगा उठा। नॉर्थम्पटन पैलेस को चारों तरफ़ से घेरकर डेविड द्वारा बन्द कमरे में लोगो को गिरफ्तार कर लिया गया।
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अगले दिन पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डेविड ने इस भूत बंगले उर्फ नॉर्थम्पटन पैलेस का रहस्य का पर्दाफाश किया। उसने बताया कि इस बंगले के मालिक स्टीव हर्मिसन गिरफ्तार कर लिया गया है। वो जेम्स बॉन्ड नुमा व्यक्ति और कोई नहीं स्टीव हर्मिसन ही था। इस नॉर्थम्पटन पैलेस में इसकी और इसके चाचा के दोनो बेटे के साथ बुआ की उसकी एक बेटे की बराबर की हिस्सेदारी थी। काफी दिनों तक उसने इसे हथियाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया तो उसने उसने यह उपाय निकाला कि यहां इतना खौफ़ भर दो वह बंगला कौड़ियों के दाम में उसके ही नाम हो जाए। वो इस बंगले के तहखाने में नशे का जैसे अफीम, चरस, गांजा, हीरोइन का कारोबार करता था। यहां से दूर दूर तक इसकी सप्लाई के लिए यहीं सारा काम होता था। कल उस घटना की वजह से सभी डर गए और रातों रात तहखाने में गड्ढे कर के दफनाने की कोशिश कर रहे थे ताकि कुछ दिनों बाद मामला शांत हो जाएगा फिर ड्रैकुला के नाम से दहशत फैला कर फिर अपने मंसूबो को कामयाब करने में लग जाएगा।

इस नॉर्थम्पटन पैलेस को बदनाम करने के लिए सबसे पहले उसने यहां के गार्ड को डराने की कोशिश की ताकि वह बाहर जा कर सभी जगह हल्ला कर दे कि उसने खुद ड्रैकुला को देखा है।
इस बंगले के मालिक स्टीव हर्मिसन ने अपने एक लंबे चौड़े डीलडौल वाले नीग्रो नौकर को ड्रैकुला का मास्क पहनाकर उसमें 2 लंबे लंबे स्टील के दांतों को लगवाकर को असली रूप देने की कोशिश की औऱ यहां नॉर्थम्पटन पैलेस में आने वाले सभी व्यक्ति को आतंकित करने की कोशिश शुरू कर दी थी। तथाकथित ड्रैकुला के नाखूनों पर बेहोश करने वाला एक रसायन लगा दिया जाता था। ज्यों ही ड्रैकुला का मास्क लगाने वाला नीग्रो अपने नाखून किसी शख्स के गर्दन में चुभोता था वह व्यक्ति तुरंत बेहोश होने लग जाता था। इस से पहले उसके गार्ड जोनाथन स्ट्रॉस, स्टीव हर्मिसन के तीनों रिश्तेदारो के बेटे समेत मुझे भी बेहोश किया गया था। मैं तो अपनी किस्मत से बच गया लेकिन नॉर्थम्पटन पैलेस को पूर्णत्या अपने अधिकार में करने की वजह से उन तीनों शराब पिलाई और शराब पी कर सीढ़ियों से लुढ़काकर मार डाला।"

उस दिन नॉर्थम्पटन पैलेस उर्फ भूत बंगले की खबर सुर्खियों में गर्म थी।

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