वक़्त वक़्त की बात - हालात की नज़ाकत Arya Tiwari द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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वक़्त वक़्त की बात - हालात की नज़ाकत

मनुष्य समझता है कि सब अच्छे लोग ओर अच्छा वक्त हमेशा दुख के बाद आता है। पर जब दुख आता है तो लोग सोचते है कि कहीं हम भी कोई आपदा न आजाये इसलिये वो दूरिया बना लेते है।
 अर्थात-सुख में सुमिरन सब करे, दुख में करे न कोय।
जो दुख में शूम रण सब करे  तो दुख काहे को होयय।। मनुश्या की जात ही ऐसी है विस्वास पर जी रही है। मेरा एक दोस्त (आर्यमन) है जो भगवान की देन से उसके साथ हमेशा बुरा ही होता है बल्कि लोगो के लिए लकी है जिसको जो अच्छा बोल दे वही हो जाता है उसकी एक अच्छी दोस्त थी बहुत पसंद करता था पर शरारती बहुत था उसके जैसा निडर बन्दा मुझे आज तक नही मिला।
2014 के अप्रैल के महीने में उसके साथ एक हादसा हुआ जिसे हम नही भूल पाए जिसपे बीती उसका क्या जवाब दु। ट्रैन की पटरी से गुजरते वक़्त उसका एक पेर पटरी में आज्ञा जिससे उसका पैर कट गया। मुझे इस बात का पता शाम को लगा में गया अस्पताल उसके घरवाले बाहर रहते थे तो उनको जब पता लगा वो 48 घण्टे बाद आपाते, मैं पहुच कर करूँगा क्या बोलूंगा क्या समझ नही पा रहा था हिम्मत करके अंदर गया अंदर गया 2 मिनट तक हौसला देकर बाहर आ गया। 
मेरे मन मे सवाल था जिसको कभी भागते देखा आज वो बैशाखी का गुलाम हो गया। मै वापस गया हसाया उसको पर वो भूल जाता था सिर में चोट आने के कारण उसको समझ नही रह था उसको पता भी नही था कि अब वो कभी नही चल पाएगा। अगले दिन उसके घरवाले थे मैं रात में घर गया में रात भर सोया नही सोचता रहा सुबह क्या जवाब दूंगा कैसे बात करूंगा उनके घरवालो से मेरे पर ज्यादा भरोसा करते थे फिर सोचा कि मेरे होते हुए उसे अब भी कोई दिक्कत न होगी। 
सुबह उठा तैयार होकर गया अस्पताल मेने देखा घरवाले पहुच चुके है उसकी हालत फ्लेनोर बिगड़ी हुई है सभी ने जवाब देदिया था कि अब इसका बचना भगवान के हाथ में है। मेने उसकी दोस्त को फोन लगाया सारी बात बताई उसने जवाब दिया -"दोस्त के काबिल नही है वो अब मेरे" मेने कारण जानने की बहुत कोशिश की पर जवाब एक ही था मुझे बात नही करनी मुझे लग रहा था कैसे अपने दोस्त को हौसला दु किस्से बात कराउ जिससे वो कमजोर महसूस न करे खुद से चाहे जीना। 
आर्यमन कभी भी रोया नही सब हँसाया जिन सिखाया बचपन से साथ रह में उसके देखा है मेने उसको मेहनत करते पेपर बांटना, दुकान पर काम करना, कभी घमण्ड न करना सबसे प्यार से मुस्कुराते हुए बात करना पर आज जब उसको जरूरत है दोस्तो की तो सब दूरी बना रहे है। 
वक़्त वक़्त की बात जो सबकी मदद करता था अब वो मदद के  लिए मोहताज है कोई हौसला देने वाला नहीं कोई उसे ये बोलने वाला नहीं कि तू कु डरता है अभी तेरे पीछे दोस्तो की लाइन लगी है यहां तक मेरे अंदर भी वो हौसला नही था कि मैं अकेला जाकर उसके दर्द को बांट सकू। सोचता था कोई आजाये जो मेरे साथ चलकर उसका पास बैठे। उससे बात करे उसका हाल जाने पर मैने हिम्मत की उसके पास गया उसने मुझसे पूछ क्या तेरी बात हुई मेने कहा फ़ोन लगाया बन्द आरहा है फोन जैसे ऑन करेगी में बता दूंगा उसका जवाब आया में सुनकर चोंक गया उसने बोला किसी को बताने की जरूरत की आर्यमन को जरूरत है किसी की जिसको भी पता चलेगा वो यही बोलेगा की 'हमे दुख है' मेने कहा ठीक है तू आराम कर और वो सो गया और में घर आ गया। जैसे में घर आया मुझे कॉल आता है कि ....