☆ *बाऊजी की बनियान*☆
बाऊजी की सफेद बनियान, जिसे दो साल पहले माँजी मेले से खरीद लाई थी ।
वह जब नई थी तो उजली सफेद और फिट थी पिताजी की बाहों पर फिट बैठती थी लेकिन अब वह सीने और बाहों से लटक गई है ।
उसका रंग कहीं उड़ गया है शायद घर की चिंता में .....
नही घर की चिंता में क्यों ?
कहीं ज्य़ादा धुलने से उड़ गया होगा ।
मेरी बहन पिताजी कहती है, लेकिन मेरे मुँह से बाऊजी ही निकलता है ।
बाऊजी की बनियान में बहुत से छेद हैं ... सीने के सफेद बाल बाहर झांकते हैं ... लेकिन हम लोग क्या इतने ग़रीब हैं कि , बाऊजी खुद के लिए बनियान नही ख़रीद सकते ।
बाऊजी बहुत कंजूस हैं .... बिल्कुल भी परवाह नही है अपने शरीर की ... गाँव में नहाने जाते होंगे तो सब सोचते होंगे कि तन बदन की फिक्र नही है ।
मैं भी तो हूँ जो अच्छी कमीज पहनता हूँ , मेरी बनियान न कहीं से फटी हुई है न कहीं से छेद है ।
और मेरे चप्पल और जूते बाऊजी की तरह टूटे नही हैं ।
बात-बात में मुझ पर बिगड़ पड़ते हैं.... ये कपड़ा वहाँ क्यों फैला दिया ? ये साफ क्यों नही है ? नंबर कम क्यों आए ?
अपने आप को घर का लीडर समझते हैं , सारा रौब मुझ पर ही झाड़ते हैं .. छोटा हूँ तो क्या .... मुझे इस तरह तो नही डाँट सकते न ।
और दीदी को कुछ नही बोलते .... अगले महीने दीदी की शादी है ... अब वो दूसरे घर जाएगी इसलिए नही बोलते होंगे ।
शादी में सबको बुलाऊंगा अजय , गोपाल , विनोद सबको ।
खूब मस्ती करूंगा दीदी का पति बहुत बड़ी जगह काम करता है घर में बता रहे थे ।
मैं भी बहुत बड़ा बनूंगा एक दिन..... फिर बाऊजी को
नए - नए कपड़े दूंगा , माँ के कमर दर्द और खांसी का इलाज कराऊंगा । बाऊजी को कहूंगा अब लोगों के कागज डाक पहुंचाने की ज़रूरत नही है ,
अब मैं कमा रहा हूँ ।
..... पहले से बाऊजी बहुत बदल गए हैं तस्वीर में तो बिल्कुल किसी पुरानी फिल्म के नायक लगते हैं .... लेकिन अब बीड़ी पीने से दांत हल्के काले हो गए गाल की हड्डियाँ और कंधे की हड्डियाँ उभर आई हैं । काश ऐसा होता कि , सबकुछ पहले जैसा हो जाता .... और मैं बाऊजी को जवान देख पाता ..... नही - नही ऐसा नही होना चाहिए , माँजी से सुना है
बड़ी मिन्नत से दीदी का और मेरा जन्म हुआ था
और हमें घर बनाने में बहुत मेहनत भी करनी पड़ी थी ।
दीदी को पीलिया की बीमारी से बड़ी मुश्किल से बचाया था ..... सबकुछ फिर से होगा तो बाऊजी को परेशानी बहुत होगी ...... हाँ लेकिन एक बात तो है बाऊजी की बनियान फिर सफेद हो पड़ेगी और छेद भी नही होंगे ....हीहहीही ।
और बाऊजी की कमीज को तो मैं भूल ही गया उनकी कमीज काॅलर से पूरी उधड़ चुकी है ... स्कूल में फीस भरने आते हैं तो क्लास के बच्चे मज़ाक उड़ाते हैं , मुझे सबसे छुपकर रोना पड़ता है ..... नही विनोद और गोपाल को दीदी की शादी पर नही बुलाऊंगा ये दोनों मेरी पीठ पीछे बाऊजी का मज़ाक उड़ाते हैं । मुझे अच्छा नही लगता
जब कोई बाऊजी के बारे में अनाप-शनाप बोलता है ...... मेरा खून खौलता है ।
लेकिन अभी तो बाऊजी ने मेहमानों की लिस्ट बनाई थी घर में नए - नए पर्दे कंबल आने थे । हम घर का सामान खरीदने बाज़ार जाने वाले थे ।
औरतें पागल हो गई हैं माँजी की चूड़ीयाँ तोड़ी जा रही हैं ये ....
क्या हो गया है इनको .... थोड़ी देर में बाऊजी मंगतराम की दुकान से बीड़ी उधार मंगवायेंगे और वो टोकेगा मुझे ......
नही-नही मैं नही जाऊंगा मैं बाऊजी की तरह नही हूँ
पूरे गाँव वालों का काम करता फिरूं ।
पर गया नही तो बाऊजी कहेंगे कोयला भरकर मेरी कमीज में इस्त्री मार... मुझे कल सुबह डाक पहुंचाने जाना है ।
हाँ -हाँ कोई बात नही मैं बाऊजी की कमीज पर इस्त्री कर लूंगा ।
और माँजी से कहूंगा बाऊजी की कमीज के कंधे पर टांके भी लगा दे , कमीज उधड़ गई है बाऊजी बाज़ार में चलते हैं तो सब घूर कर देखते हैं ।
अरे यार ... ये कुर्सी से बाऊजी की बनियान किसने उठाई होगी और कपड़े ऐसे तितर-बितर क्यों कर दिए .. अभी चिल्लाकर कहेंगे कि कपड़े बिखेर दिए .... झाड़ू नही लगाया पानी का बर्तन खुला है ।
आज रात भर से बाऊजी खाँसे नही .... न गर्म पानी मांगा ।
आज बाऊजी उठ नही रहे ......
न जाने क्या हो गया ?
सब चुपचाप हैं ..... कोई कुछ नही बता रहा ।
मैं तबतक बरगद वाले पेड़ पर झूला झूलने जाऊं क्या ? ? .... बाऊजी टोकेंगे तो नही ...
क्योंकि एक बार उस पेड़ से उनका कोई दोस्त गिर कर मर गया था बचपन में इसलिए मुझे भी नही जाने देते , ये मरना बहुत बुरी बात है सुनने में अच्छा नही लगता ।
और बाऊजी अपने लिए बनियान नही ख़रीद पाए .....
अच्छा- अच्छा दीदी की शादी के लिए पैसे जोड़ रहे हैं .... मुझे लगा कंजूस हो गए ।
वैसे बाऊजी कभी कंजूस हो ही नही सकते ..... उस दिन अपने लिए जूते खरीदने जा ही रहे थे कि,
पीछे से माँजी ने कह दिया "सुमन के लिए सलवार बनवानी है और बिट्टू के लिए जूते लेने हैं " लगता है बाऊजी ने कई जगह अपना मन मारा होगा ।
बाऊजी तब से लेटे हैं उठ नही रहे ...... चाय - पानी कुछ नही मांगा ..... एक भी बार मंगतराम की दुकान पर जाने को नही कहा ।
य नाराज होंगे ???
जब उठेंगे तब कह दूंगा मैं इन्ही जूतों में काम चला लूंगा तुम अपने लिए नई सफेद बनियान खरीद लो कमीज बनवा लो ..... क्योंकि दीदी की शादी में पूरी जिम्मेदारी आपके ऊपर है ।
पुरानी बनियान अब फेंक देनी चाहिए ..... उस पर बहुत छेद हो गए हैं ... वह फेंकनी पड़ेगी ।
बनियान बहुत पुरानी हो चुकी है ..........
☆°५६७७
✍By :- surya rawat