Swabhiman - Laghukatha - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

स्वाभिमान - लघुकथा - 3

1) स्वाभिमान

तो भाइयों और बहनों आप बिलकुल बेफिकर हो जाइये। आपका प्रिय नेता आपकी सरकार है न जन्म से लेकर मृत्यु तक हर चीज का जिम्मा मेरा। कहते हुए तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रदेश के सर्व प्रिय नेता ने सिर के ऊपर ले जाकर अपने हाथ जोड़ लिये और अपना भाषण समाप्त किया।

इधर लाउडस्पीकर पर पंजीयन करवाने का अनुरोध किया जाने लगा। रखडिया भील धक्के देते खाते बाहर आया और घर की तरफ रुख किया।

"ओय रखडिया कहां जा रहा है रुक जा पंजीन करवा लें फिर चलें " उसके बड़े भाई ने उसे पुकारा।

उसने एक बार बड़े भाई को देखा फिर उसके साथ खड़े उम्र भर मेहनत मजदूरी कर थके अपने पिता को और धीरे से बोला" मुझे नहीं करवाना पंजीन।"

"अरे लेकिन क्यों? पंजीन करवा लेंगे तो गेंहू चावल बिजली दवा सब मुफ्त मिलेगी। सुना नहीं जनम से मरण तक सब मुफ्त।"

रखडिया ने खाली नजरों से बाप और भाई को देखा फिर अपना बांया हाथ गाल पर रखा और धीरे से बोला "बापू याद है जब एक बार घर में रोटी नहीं थी मैंने मेरे दोस्त से मक्की की आधी रोटी ले ली थी और तूने मुझे जोर से थप्पड़ मार कर वह रोटी फेंक दी थी और कहा था जब तक मैं जिंदा हूँ मैं तुझे कमा कर खिलाऊंगा। जिस दिन नहीं खिला पाऊं भूखे रहना। फिर आज मेरे बच्चों को कोई और कैसे?"

बाप ने एक नजर बड़े बेटे पर डाली और तीनों बाप बेटे घर की ओर चल पड़े।

***

2 - सिलेबस

सिलेबस कमेटी की बैठक थी पाठ्यक्रम के विवेचन विश्लेषण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। पाठ्यक्रम में जरूरी जोड़ घटाव के कुछ सुझाव भी थे तो कुछ नये लेखकों की कविताएँ कहानी जोड़ने की सिफारिशें भी थीं।

"सर एक सिफारिश आई है कि पाठ्यक्रम में देश के महान नेता स्वतंत्रता सेनानी की जीवनी भी जोडी जाये जिससे बच्चों को प्रेरणा मिले।"

"कहना आसान है लेकिन ऐसा करने के पहले देखना होगा किस राज्य के किस कक्षा के पाठ्यक्रम में? वहां सरकार किसकी है? इसे शामिल करने से कितना राजनैतिक लाभ मिलेगा? कितने वोट हैं वहां उस महान हस्ती के पक्ष में?

बात तो सही थी सब एक पल को चुप लगा गये लेकिन अच्छे विचार को इस तरह खारिज करना भी तो ठीक नहीं है।

"सर क्यों न सेनानियों के स्वाभिमान की ऐसी छोटी-छोटी कहानियाँ किस्से के रूप में दी जायें। उसमें सभी दलों के नेताओं सेनानियों की कहानी हों। " कमरे के कोने से एक स्वर आया।

" बात तो यह भी ठीक है लेकिन जिन बच्चों को टेंट स्टेज सजा कर मुफ्त चीजें बांटी जाती हैं उन पर इस छोटे से पाठ का क्या असर होगा?"

कविता वर्मा

अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED