नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी - 3 shama parveen द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेरक कथा किताबें नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी - 3 नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी - 3 shama parveen द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 390 1k घर जा कर रोहित बहुत परेशान हो जाता है उसे कुछ भी समझ में नही आता है कि वो क्या करे। उसे बहुत ही ज्यादा डर भी लगता है कि कहीं अगर घर में किसी को पता चल गया ...और पढ़ेमें ड्रग्स लेता हूं तो पता नही मेरा क्या हाल होगा।यही सोचते सोचते रोहित सो जाता है। शाम हो जाती है। रोहित की मां उसके कमरे मे आती है और देखती है कि रोहित सो रहा है। तभी वो उसे उठाती है।बेटा क्या हुआ तेरी तबियत ठीक नहीं है क्या जो अभी तक सो रहा है।नही मां मेरी तबियत ठीक कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी - 3 नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी - उपन्यास shama parveen द्वारा हिंदी - प्रेरक कथा 1.7k 4.7k Free Novels by shama parveen अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी shama parveen फॉलो