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वास्तुशास्त्र

वास्तुशाश्त्र

पति-पत्नी में यदि रोज विवाद हो तो इसका कारण सिर्फ आपसी मतभेद ही नहीं बल्कि वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु अनुसार, कुछ उपाय कर पति-पत्नी के बीच रोज होने वाले झगड़े समाप्त किए जा सकते हैं। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

1. दक्षिणी नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण), उत्तरी वायव्य (उत्तर-पश्चिम) या पश्चिमी नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) का निर्माण यदि ठीक न हो तो पति के संबंध अन्य महिलाओं से होते है, जिसके कारण घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं। अगर इन दोषों को दूर कर दिया जाए तो पति के अन्य महिलाओं से संबंध खुद-ब-खुद समाप्त हो जाते हैं।

2. प्लॉट पर निर्माण करवाते समय ईशान कोण में खाली स्थान अवश्य छोड़ें तथा नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) की तुलना में अधिक छोड़े तो पति-पत्नी के बीच सामंजस्य बना रहेगा।

3. पति-पत्नी को आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में कभी नहीं सोना चाहिए। इससे मन-मस्तिष्क में अशांति रहती है और रोज विवाद होते हैं।

4. घर के मालिक को ईशान कोण में तथा पुत्र व पुत्र वधू को नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में नहीं सोना चाहिए। इससे घर में क्लेश होने की संभावना रहती है।

5. विवाहित व्यक्ति को घर के वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में नहीं सोना चाहिए, इससे दांपत्य जीवन में नीरसता आती है।

6. यदि घर के पश्चिम में रसोई हो और दक्षिण में मुख्य दरवाजा हो तो उस घर में आपसी मतभेद रहेंगे।

7. यदि ईशान कोण में रसोई व शौचालय हो तो गृह क्लेश होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।

8. यदि दक्षिण में उत्तर की अपेक्षा अधिक रिक्त स्थान छोड़ा गया हो तो घर की महिलाओं में अशांति रहती है।

किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके घर के साथ ही बेडरूम भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बेडरूम में यदि कोई वास्तु दोष हो तो उसका प्रभाव व्यक्ति के निजी जीवन पर भी पड़ता है। बेडरूम में वास्तु दोष हो तो पति-पत्नी के बीच मतभेद हो सकते हैं, आपसी तालमेल की कमी हो सकती है, धन संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं। व्यक्ति विवाहित हो या अविवाहित, स्त्री हो या पुरुष बेडरूम में कौन-कौन सी बातें ध्यान रखनी चाहिए, जानिए…

नींद हमारे जीवन की महत्वपूर्ण क्रिया है इसीलिए हम शयनकक्ष की महत्ता को अस्वीकृत नहीं कर सकते। वैसे भी हम अपने जीवन का 35 प्रतिशत भाग शयनकक्ष में ही बिताते हैं। शयनकक्ष का निर्माण करवाते समय ही कुछ वास्तु नियमों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए।शयनकक्ष में खिड़की अवश्य होना चाहिए। सुबह की किरणें शयनकक्ष में प्रवेश करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है। सुबह-सुबह सूर्य की किरणें यदि घर में आती हैं तो कई प्रकार के वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढऩे लगता है।ध्यान रखें कभी भी मुख्य द्वार की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार मुख्य द्वार की ओर पैर करके मृत्यु की पश्चात शव को रखा जाता है। अत: ऐसे सोना अशुभ माना जाता है। इस प्रकार सोने पर व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।पति-पत्नी को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पलंग के ठीक सामने दर्पण नहीं होना चाहिए। यदि सोते समय दर्पण में पलंग पर सोए हुए पति-पत्नी दिखाई देते हैं तो यह वास्तु के अनुसार एक बड़ा दोष है। इसके कारण पति-पत्नी के जीवन में मानसिक तनाव बढ़ता है। दोनों का ही मन व्याकुल रहता है और वैवाहिक जीवन में परेशानियां बढऩे का खतरा रहता है। यदि पलंग के ठीक सामने दर्पण हो तो रात को सोते समय पर कपड़ा या पर्दा डालकर ढंक देना चाहिए।शयनकक्ष में फर्नीचर धनुषाकार, अर्धचन्द्राकार या वृत्ताकार नहीं होने चाहिए इससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बिगड़ा रहेगा।शनयकक्ष में ड्रेसिंग टेबल कभी भी खिड़की के सामने न रखें क्योंकि खिड़की से आने वाला प्रकाश परावर्तित होने के कारण परेशानी उत्पन्न करेगा।

वास्तु पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी के सिद्धांत पर काम करता है। यदि घर में कोई वस्तु गलत जगह पर रखी है तो उससे घर में नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है और परिवार के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तु के नियमों का पालन करते हुए दिशाओं और वस्तुओं का ध्यान रखा जाए तो घर का वातावरण अच्छा बना रहता है।

जानें घर से नेगेटिविटी खत्म करने के लिए 11 आसान बातें-

1.घर में खिड़की-दरवाजों की संख्या सम हो तो शुभ रहता है, सम यानी 2, 4, 6, 8 या 10 । घर के दरवाजे और खिड़कियां अंदर की तरफ ही खुलने वाले हो तो अच्छा माना जाता है। संख्या सम न होने पर खिड़की-दरवाजों पर विंड चाइम लगा दें।

2.घर में फालतू और बेकार सामान नहीं होना चाहिए। ऐसी चीजें घर में रखना से सदस्यों के बीच तनाव बना रहता है।

3.धन संबंधी लाभ चाहते हैं तो तिजोरी का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। धन के स्थान को खुशबूदार बनाए रखना चाहिए। इसके लिए अगरबत्ती, इत्र, परफ्यूम आदि का उपयोग किया जा सकता है।

4. तिजोरी के दरवाजे पर कमल के आसन पर बैठी हुई महालक्ष्मी की तस्वीर लगानी चाहिए। ऐसा करना बहुत ही शुभ होता है।

5. घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर कांच नहीं लगाना चाहिए। कांच को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाने से घर में नेगेटिविटी नहीं बढ़ती है।

6.घर का मेन गेट पूर्व या उत्तर दिशा में हो तो बहुत अच्छा रहता है, लेकिन ऐसा न हो तो घर के मेन गेट पर स्वास्तिक,श्रीगणेश का चिह्न लगाना चाहिए।

7.घर के मेन गेट पर तुलसी का पौधा रखना चाहिए। सुबह-सुबह तुलसी को जल अर्पित करें। शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं। पूर्व या उत्तर दिशा में तुलसी लगाने से आत्म विश्वास में बढ़ोतरी होती है।

8.दीवार या छत पर दरार हो तो उन्हें जल्दी ठीक करवा लेना चाहिए। दरारें दरिद्रता को बढ़ाती हैं।

9. शाम के समय कुछ देर के लिए पूरे घर में रोशनी अवश्य करनी चाहिए। शाम के समय घर में अंधेरा रखने से लक्ष्मी रूठ जाती हैं।

10.घर में मकड़ी के जाले नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर राहु ग्रह से अशुभ फल प्राप्त होते हैं।

11. कोशिश करें कि खाना टेबल-कुर्सी पर न खाते हुए जमीन पर बैठकर खाएं। ध्यान रखें थाली तो सीधे जमीन पर न रखें, थाली के नीचे कपड़ा या लकड़ी का पटिया जरूर रखें।

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