आशा निराशा Rinkal Raja द्वारा पत्रिका में हिंदी पीडीएफ

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आशा निराशा

“आशा = निराशा”

हम हमारे ही शुभचिंतक.. अच्छा सोचने.. समजने वाले है. इस दुनिया में कोई किसी के लिए नहीं जीता.! सब स्वार्थ और मतलब के लिए होते है.! जिंदगी हमे किस मोड़ पे ले जाती है उस पर ये मतलबी लोग हमारे साथ बोलते.. चलते... फिरते है.! सिर्फ अपने बारे में ही सोचते है..! कोई किसी का हो ही नहीं सकता. सिर्फ और सिर्फ अपने माँ – और बाप को छोडके..! और इस दुनिया में सच्चा दोस्त मिलना बहोत मुश्किल है.! इस लिए ही हमे खुद पर इतना विश्वास होना चाहिए की कोई हमे निराश न कर सके.!

अगर हम सोचते है की इस जहा में कोई किसी का हो ही नहीं सकता तो हमारे काम में हम हमेशा चुस्त ही रहेंगे.! हमारी मंजिल तक हमे कोई नहीं पोहचा सकता.! तो हमे किसी और किसी पर भी भरोषा रखना ही नहीं चाहिए.! हमारा दुःख का समय जब हो तब हमें अहेसास हो ही जाता है की कौन अपना है और कौन पराया..! हमे किसी और पर आशा रखके हमे जब निराशा मिलती है तब हम बहोत निराश होते है तो फिर हम किसी और से आशा ही क्यों रखते है.??????

हमे पहले बहोत दुसरो पर आशा होती है हम सोचते है की हमारे लिए कई सारे इन्सान , दोस्त अच्छे है पर समय आने पर पता चलता है.! हमारी ज़रूरत पर कोई हमारा साथ नहीं देता..! वक़्त आने पर सब पराये हो जाते है.! जब हमारा वक़्त हो तो सब लोग अच्छे से पेश आते है.! पर वक़्त सब कुछ दिखा देता है.! हम दुसरो पर आशा रखते है इसका मतलब है की हमारी मंजिल या राह सफल हो उसकी कोई भी गेरेन्टी नहीं है.! यह कलियुग है तो हमे किसी को ऊपर बिलकुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए..! किसके मन में क्या हो वो कोई भी नहीं जान सकता है..! और जो इन्सान हमारा साथ दे तो फिर उनके मन में ज़रूर हमारे लिए कुछ स्वार्थ होता है..!

जिंदगी में कभी हमे आगे बढ़ना हो तो सिर्फ और सिर्फ हमे अपने आप की सुन नी चाहिए..! दुसरो पर हम फैसला रखते है तो फिर एक न एक दिन तो वो आपको ज़रूर सुनायेंगे..! हर हल में हमे खुद पर भरोसा होना चाहिए..! ज़रूरत पड़ने पर हमारे अपने भी हमारा साथ नहीं देते.!!! अगर हम भगवान को साथ में रख के खुद नयी और अच्छी राह बनाये तो हमारा काम सफल हो सकता है.!

जिंदगी में हमे इतना तो याद रखना चाहिए की कोई नहीं है हमारे अलावा जो हमारा अच्छा कर सके.. हमे खुद चुन के अपनी जिंदगी अच्छी करनी चाहिए..! लोग तो सिर्फ और सिर्फ हमारी बुराइया ही देख सकते है..! सब काम हमे खुद सोच समजकर करने चाहिए..! अगर हमारी सोच अच्छी है तो सब अच्छा है..!

जिंदगी कई इन्तेहान लेती है..! पर हमे हमारी इच्छाओ को पूरा करना चाहिए क्यों की जिंदगी एक बार मिलती है.. और जिंदगी में टूटने के बहाने बहोत है पर खुश करने के बहाने तो हमे खोजने चाहिए..!

हमे बहोत चाहत होती है.. अपनों से , अपनी फैमिली से , अपने दोस्तों से , पर यक़ीनन वो सब दिखावे के होते है..! असली जिंदगी का हीरो तो वो है जो सुख में भी हमारे साथ हो और दुःख में भी हमारे साथ हो..! और हमारी हसी को भी देख के हमारे गम को पहेचान सके..!

आशा अपनों से की जाती है दुसरो से नहीं...! और कई लोग होते है जो अपने कहलाते है पर अपने होते नहीं..! हमारे बारे में अच्छा तो सिर्फ हम और कुछ कुछ लोग ही सोच सकते है पर हर कोई हमारा नहीं होता.. इसीलिए हमे आशा किसी पर भी नहीं रखनी चाहिए.. आशा का अर्थ ही है निराशा ..........

  • रिंकल राजा