नाम : मुकेश कुमार सिन्हा
जन्म : 4 सितम्बर 1971 (बेगुसराय, बिहार)
शिक्षा : बी.एस.सी. (गणित) (बैद्यनाथधाम, झारखण्ड)
इ-मेल: mukeshsaheb@gmail.com
ब्लॉग: "जिंदगी की राहें" (http://jindagikeerahen.blogspot.in/ )
“मन के पंख” (http://mankepankh.blogspot.in/ )
फेसबुक पेज: मुकेश कुमार सिन्हा(https://www.facebook.com/mukeshjindagikeerahen)
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मोबाइल: +91-9971379996
निवास: लक्ष्मी बाई नगर, नई दिल्ली 110023
वर्तमान: सम्प्रति कृषि राज्य मंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली के साथ सम्बद्ध I
संग्रह : “हमिंग बर्ड” कविता संग्रह (सभी ई-स्टोर पर उपलब्ध)
सह- संपादन: "कस्तूरी", "पगडंडियाँ", “गुलमोहर”, “तुहिन” एवं “गूँज” (साझा कविता संग्रह)
प्रकाशित साझा काव्य संग्रह:
1.अनमोल संचयन, 2.अनुगूँज, 3.खामोश, ख़ामोशी और हम, 4.प्रतिभाओं की कमी नहीं (अवलोकन 2011), 5.शब्दों के अरण्य में , 6.अरुणिमा, 7.शब्दो की चहलकदमी, 8.पुष्प पांखुड़ी 9. मुट्ठी भर अक्षर (साझा लघु कथा संग्रह)
सम्मान: 1. तस्लीम परिकल्पना ब्लोगोत्सव (अंतर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स एसोसिएशन) द्वारा वर्ष 2011 के लिए सर्वश्रेष्ठ युवा कवि का पुरुस्कार.
2. शोभना वेलफेयर सोसाइटी द्वारा वर्ष 2012 के लिए "शोभना काव्य सृजन सम्मान"
3. परिकल्पना (अंतर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स एसोसिएशन) द्वारा ‘ब्लॉग गौरव युवा सम्मान’ वर्ष
2013 के लिए
4. विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ से हिंदी सेवा के लिए ‘विद्या वाचस्पति’ 2014 में
लव-सव ...प्रेम-व्रेम
एनएसयूआई द्वारा कॉलेज में आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप !
पतले दुबले एनीमिक से विज्ञानं के एक छात्र ने भी जोश जोश में अपना नाम रजिस्टर किया ! आखिर इतनी सारी कॉलेज की लड़कियों से पीछे कैसे रहे !
धडकते दिल के साथ लम्बी झुकी हुई कुर्सी पर आँख बंद करके लेटा ही था कि
एक नर्स ने उसके बायीं बांह में टुर्निकेट (एक पतली प्लास्टिक की रस्सी) बाँधी ताकि नस उभर कर दिख जाए !
स्पर्श और सुगंध से चिंहुका - इस्सस !! इतनी खुबसूरत नर्स!! बेचारा उसके एप्रन व मुस्कराहट में ही खो गया! कहीं नर्स भी लिपिस्टिक लगाती है !!
कमीने हॉस्पिटल वालों और छात्र संघ वालों ने जानबूझ कर कॉलेज बॉयज का रक्त इकठ्ठा करने हेतु शायद खुबसुरती का सहारा लिया था !!
उफ़ ! उस सींकिया पहलवान की नस (वेन) भी नर्स की खुबसुरती में फड़क उठी !!
नर्स ने मोटी सी सुई चुभो दी !!
"उफ़! सिस्टर!!"
नहीं नहीं! सिस्टर कैसे कह सकता हूँ
दर्द को पीते हुए लड़का बुदबुदाया !
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एक बोतल खून निकल चुका था बिना किसी दर्द के!!
अब लड़का दूर रखे कुर्सी पर बैठ, ऑरेंज जूस पीते हुए निहार रहा था !! सिस्टर .... नही नहीं उसी नर्स को !!
2
सुनो !
मुझे तुमसे प्यार है, लव यू, लव यू, लव यू !!
धत्त यार!! प्यार व्यार कुछ नहीं ! ओनली फ्रेंडशिप समझे न बुद्धू !!
क्यों? अरे, हद है न!! मेरा दिल तुम्हे चाहने लगा है, मेरी क्या गलती !!
न न ! ! माँ ने कॉलेज पढने भेजा है, प्यार करने नहीं !! चुप रहो तुम !!
चलो छोडो, बेवकूफ !! चलो चाय पियोगी, कैंटीन में? बिल मैं पेय कर दूंगा, बस तुम "लव यू" कह देना !!
हुंह!! माय फूट, तुम पीटोगे, तभी चैन आएगा !! चुप चाप चाय आर्डर करो !
कैंटीन में अब दोनों कोने वाले टेबल के एक ही और बैठ कर चाय पी रहे थे, एक ने चाय का ग्लास बाएं हाथ से पकड़ा था, दुसरे ने दायें हाथ से !!
दोनों ने एक दुसरे का हाथ थामा हुआ था !!
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कालांतर में दोनों अलग अलग विवाहित हुए !!
दो जोड़ी, अलग अलग सफल दाम्पत्य जीवन बिताते हुए ............!!
3..
कक्षा -9, सेक्शन - बी, छठी घंटी !
बायोलोजी के क्लास में रेड स्केच से मैथ्स वाली सोच के साथ उलटी खोपड़ी के तरह डेस्क पर उसने दूर सामने बैठी लम्बे बालों वाली गौरवर्ण नकचढ़ी को देखकर अपने और सिरा रखते हुए पुरे प्यार से नम्बर तीन लिखा !
फिर उसने तीन के दोनों सिरे को स्वयं और वो सोच कर प्रेमसिक्त मन में बसाते हुए मिला दिया!!
उफ़ धड़कता हुआ दिल बन चूका था !!
ब्लैक बोर्ड पर भी मैडम हर्ट की एनाटोमी बता रही थी !!
तभी उस लड़की से झटके से बाल लहराया !!
लड़के ने भी प्रत्त्युत्तर में उस डेस्क पर बने दिल में फटाक से एक लम्बा झुका हुआ तीर बना दिया !! दिल को चीरते हुए !!
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प्यार क्यूँ बैगैरत होती है
लड़की ने अपनों से कह कर लड़के को स्कूल से बाहर पिटवा कर आउट ऑफ़ कोर्ट सेटलमेंट करने की कोशिश की !!
आह :-D
4..
आल इंडिया रडियो के ऑडिटोरियम से बिहार क्विज चैम्पियनशिप के रनर्स अप का अवार्ड लेकर लड़का मंच से अपने पेयर के साथ उतर रहा था यह सोचते हुए की - प्रिलिमीनरी से अब तक, करीबन 250 पेयर्स में दुसरे स्थान पर रहना !! बेहतर ही है !! काश वो बेहतरीन होता तो उसकी टीम "बोम्बशेल" विनर होती !!
साला! बजर राउंड में नीचे सामने बैठी उस लड़की पर नजर न अटकी होती तो बजर समय पर बजता !! काश, हाथ न कांपा होता !!
तभी, एकदम सामने से आती वही लड़की हाथ बढ़ाते हुए चहकी - व्हाट ए सुपर्ब जॉब डन बाय यू ! मार्वेलस!! वेल डन!!! कांग्रेट्स!!!!
(बाप रे! इत्ती सारी अंग्रेजी!! लड़का हकबकाया)
थैंक्स!!!! - इतना ही जबाब दे पाया वो भी हकलाते हुए ! नजर फिर अटकी! ऐसे लगा जैसे किसी ने खेल खेल में कहा हो - स्टेचू !!
उसे कहाँ इतनी समझ थी की फैन/फोलोवेर्स भी कुछ होते हैं !
छूटते ही, अपने क्विज पेअर को बता रहा था - देख यार ! वो तो मेरे पर मर मिटी !! मैं तो आज का चेम्पियन !!
आखिर लड़की जा रही थी
लड़के ने पीछे से धीरे से कहा -
यू आर सो ब्यूटी फुल !
दो ठिठकती नजर फिर से टकराई !!
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लड़का अपने पेयर को छोड़ कर लड़की के साथ फ्रेजर रोड के एक छोटे से रेस्टुरेंट में चाट और गुलाबजामुन खा रहा था !! :)