Mahatma Gandhi Sonu Rj द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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Mahatma Gandhi

महात्मा गांधी – जीवनी

पूरा नाम: मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म: 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर, गुजरात
पिता: करमचंद गांधी (दीवान – पोरबंदर रियासत)
माता: पुतलीबाई गांधी (धार्मिक प्रवृत्ति वाली महिला)
पत्नी: कस्तूरबा गांधी (विवाह 1883 में, जब गांधीजी 13 वर्ष के थे)
शिक्षा:

प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर और राजकोट में

1888 में इंग्लैंड गए और लंदन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की

1891 में वकालत के लिए भारत लौटे


दक्षिण अफ्रीका प्रवास (1893-1915):

एक मुकदमे के काम के लिए दक्षिण अफ्रीका गए

वहां भारतीयों के साथ हो रहे नस्लभेद का सामना किया

1894 में "नटाल इंडियन कांग्रेस" की स्थापना की

सत्याग्रह और अहिंसा का प्रयोग पहली बार यहीं से शुरू किया


भारत में स्वतंत्रता आंदोलन (1915-1947):

1915 में भारत लौटकर सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में सक्रिय हुए

1917: चंपारण सत्याग्रह

1918: खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद मिल हड़ताल

1920: असहयोग आंदोलन

1930: दांडी मार्च और नमक सत्याग्रह

1942: भारत छोड़ो आंदोलन


महत्वपूर्ण सिद्धांत:

अहिंसा

सत्य

आत्मनिर्भरता (स्वदेशी)

धार्मिक सहिष्णुता


मृत्यु:

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी

उनकी अंतिम शब्द थे – "हे राम"


सम्मान:

राष्ट्रपिता (Father of the Nation) के रूप में सम्मानित

2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर "गांधी जयंती" और "अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस" मनाया जाता है
                                                                                     महात्मा गांधी की सोच और सिद्धांत

1. अहिंसा (Non-Violence)

उनका मानना था कि हिंसा से स्थायी समाधान नहीं निकलता।

किसी भी प्रकार का विरोध शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए, ताकि दुश्मन भी आपका सम्मान करे।

उनके अनुसार, "अहिंसा वीरों का आभूषण है, कायरों का नहीं"।


2. सत्य (Truth)

जीवन के हर क्षेत्र में सत्य बोलना और सत्य का पालन करना ही सर्वोच्च कर्तव्य है।

"सत्य ही ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है" – यह उनका विश्वास था।


3. सत्याग्रह (Satyagraha)

अन्याय के खिलाफ अहिंसक लेकिन दृढ़ प्रतिरोध।

किसी गलत कानून या शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करना, लेकिन डरना नहीं।


4. स्वदेशी और आत्मनिर्भरता

विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और देश में बनी चीज़ों का प्रयोग।

चरखा और खादी को आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बनाया।


5. धार्मिक सहिष्णुता

हर धर्म का सम्मान करना।

उनका मानना था कि सभी धर्म एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं।


6. सरल जीवन, उच्च विचार

सादगी से रहना, दिखावे से दूर रहना और नैतिक मूल्यों को अपनाना।

विलासिता छोड़कर साधारण कपड़े पहनना और साधारण भोजन करना।


7. सर्वोदय (Welfare of All)

सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए भलाई करना।

उनका सपना था एक ऐसा भारत जहाँ अमीर-गरीब, जाति-धर्म का कोई भेदभाव न हो।

दुनिया की नज़र में गांधी

🌍 सम्मान और प्रेरणा

1. मार्टिन लूथर किंग जूनियर (अमेरिका) – अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता ने कहा:
“गांधीजी ने मुझे दिखाया कि अहिंसा ही सबसे शक्तिशाली हथियार है।”


2. नेल्सन मंडेला (दक्षिण अफ्रीका) – रंगभेद के खिलाफ लड़ाई में गांधी की राह से प्रेरित हुए।


3. अल्बर्ट आइंस्टाइन – “आने वाली पीढ़ियाँ शायद ही विश्वास करेंगी कि ऐसा व्यक्ति हड्डी और मांस से बना था।”


4. कई देशों में उनकी मूर्तियाँ और सड़कों के नाम उनके नाम पर हैं (अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, आदि)।




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⚖️ आलोचना और विवाद

1. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि उनकी नीतियाँ बहुत अधिक समझौता करने वाली थीं, जिससे आज़ादी देर से मिली।


2. कुछ लोग कहते हैं कि उनका अत्यधिक अहिंसा पर जोर कई बार कमजोर रणनीति साबित हुआ।


3. दक्षिण अफ्रीका में शुरुआती वर्षों में उनके कुछ जाति और नस्ल को लेकर विचारों पर भी बहस होती है।




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निष्कर्ष

दुनिया में अधिकतर लोग गांधी को अहिंसा, नैतिकता और सादगी के प्रतीक के रूप में देखते हैं।

वे न सिर्फ भारत, बल्कि वैश्विक शांति और मानवाधिकार आंदोलनों के लिए प्रेरणा बने।
     3. नेल्सन मंडेला
"गांधी की शिक्षा ने मुझे जेल में भी आज़ाद महसूस कराया।"


4. बराक ओबामा
"गांधी की तरह जीना मुश्किल है, लेकिन अगर दुनिया उनके सिद्धांतों पर चले तो युद्ध खत्म हो जाए।"


5. दलाई लामा
"गांधीजी की अहिंसा आज भी दुनिया के लिए प्रकाशस्तंभ है।"


6. जॉन लेनन (गायक)
"गांधी मेरे सबसे बड़े हीरो हैं — उन्होंने बिना हथियार के दुनिया बदल दी।"