नफ़रत-ए-इश्क - 15 Sony द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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नफ़रत-ए-इश्क - 15

श्लोक जानवी को ताने मारते हुए मुडकर जाने को हुआ के एकदम सामने से विराट से टकरा गया। एक पल के लिए उसे यूं महसूस हुआ जैसे उसकी धड़कने ही रुक गई । विराट उसे सर्द नजरों से अपलक घूर रहा था । विराट उसे वैसे ही घूरते हुए हाथ में पकड़े अपने कोर्ट को श्लोक के कंधे पर रखते हुए गहरी सर्द आवाज में बोला,

" कुछ बोल रहे थे तुम ?"

श्लोक सहमे हुए विराट के दहशत से भरे चेहरे को देखकर जबरदस्ती की मुस्कुराहट अपने चेहरे पर डालें , अपना सिर hmm में हिलाते हुए ज़ुबान से बोला,

"नहीं भाई ।"

कहते हुए वापस हां में सिर हिलता है ।

विराट उसे वैसे ही सर्द अंदाज से देखकर उसके चेहरे के पास आकर धीरे से बोला,

"खुद ही पागलों के जेसे हरकत कर रहा है और उल्टी खोपड़ी उसे बोल रहा है ।"

श्लोक कुछ भी नहीं बोला बस मासूमियत भरी नजरों से आंखें झुका कर वहीं खड़ा रहा। विराट उसके माथे पर बिखरे बाल और टाई के नट को ठीक करते हुए समझाते हुए बोला,

"मुझे पता नहीं तू जान से इतना नफरत क्यों करता है ? लेकीन तेरा भाई अगर आज जिंदा है तो उसके बदौलत है। मेरी ये सांस उसी की अमानत है । और अगर तुम्हारे लिए इतनी वजह काफी है उसको थोड़ा सा भी इज्जत देने के लिए तो प्लीज कोशिश करना।"

विराट की बात सुनकर श्लोक एक नजर विराट को देख आंखें झुका कर बोला ,

"सॉरी भाई लेकिन मैं जानवी से नफरत नहीं करता ,बस आपके साथ उसका रिश्ता मुझे अच्छा नहीं लगता। वो आप केलिए सही

अभी श्लोक इतना ही बोला था कि विराट उसे टोकते हुए बोला ,

"मेरे साथ उसका रिश्ता खुद ऊपर वाला भी नहीं समझ सकता है । तो तू अपने इस छोटे से दिमाग को ज्यादा मत दौड़ा । और ऑफिस जा। मैं जान के पास रहूंगा।"

उसकी बात सुनकर श्लोक उसे सावलिया नजरों से देखकर बोला,

"लेकिन भाई आपको तो रायचंद के पार्टी में जाना है, और जानवी तो कल तक हॉस्पिटल में ही रहेगी । कल तो डिस्चार्ज मिल ही जाएगा । आप को रुकने की क्या ज़रूरत है?"

श्लोक ने पूछा तो विराट उस पर एक नजर डालकर जानवी के पास चल कर गया और उसके माथे पर हाथ चलाते हुए बोला,

"रायचंद की पार्टी में तो मुझे हर हाल में जाना है ।क्योंकि मेरे बगैर उस पार्टी में रौनक कैसे आएगी।"

कहते हुए वो झुक कर जानवी के माथे को चूम लेता है और उसके होठों के कोने में हल्की चोट की निशान जो उसके डैड के थप्पड़ मारने से हुआ था उंगली से टच करते हुए गुस्से और सर्द आवाज में बोला,

"दिलीप आहूजा के जितने भी प्रोजेक्ट हमारे साथ जुड़े हैं, उन सब पर स्टे आर्डर लगा दो।"

"लेकिन भाई इसमें हमारा भी नुकसान

"जितना कहा उतना ही करो । हमेशा बहस मत करो ।"

इससे पहले की श्लोक अपनी बात पूरी कर पाता विराट उसके बात को काटते हुए बोला ।

"जी भाई"

कहते हुए श्लोक चुपचाप वहां से चला गया।

वो बाहर चला गया फिर कुछ सोच कर वापस से अपना सिर टेढ़ा किए कमरे के अंदर डाल कर विराट और जानवी को आंखे छोटी कीए मुं बनाते हुए दिखने लगा।

जहां विराट जानवी के पास थोडा झुक कर उसके बाल सहलाते हुए पुछ राहा था,

"तू ठीक है?"

उसे देखकर मुंह बनाते हुए श्लोक दरवाजा बंद कर देता है। और वापस जाते हुए मन ही मन बड़बड़ाते हुए कड़वा सा मुं बनाकर बोला ,

" ठीक है ????आपको देखकर वो एकदम ही चंगी हो जाती है । अभी रुकिए और देखिए कैसे एक ही झटके में सब दर्द भूल कर आपके ही ऊपर चढ़ जाएगी ।

"खुद से ही बडबडा कर वो हॉस्पिटल से बाहर चला गया।

विराट जानवी के करीब बैठकर उसके बालों को सहलाते हुए लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था ।इस वक्त उसके शर्ट की स्लिप्स फोल्ड हुए कोहनी तक थे ।शर्ट के दो बटंस खुले हुए थे ,और टाई की नट ढीली हुई थी ।बाल थोड़े बिखरे हुए माथे को छू रहे थे। इस हालत में भी वो कयामत ढा रहा था।

जानवी को थोड़ा-थोड़ा होश आया तो वो आधी बेहोशी में ही फिर से विराट का नाम लेने लगी ।विराट जो लैपटॉप में बिजी था, खुद का नाम जानवी के मुंह से सुनकर लैपटॉप साइट में रखकर उसके ऊपर थोड़ा सा झुक कर उसके चेहरे को थामते हुए बोला,

"मैं यही हूं जान । तुम्हारे पास ।"

विराट की आवाज सुनकर जानवी धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलती है ।और विराट को अपने इतने करीब देखकर मुस्कुराने लगती है । मुस्कुराते हुए अपने सनक भरी अंदाज में बोली,

"चलना कहीं चलते-चलते सबसे यूं दूर निकल जाए हम सबसे दूर होकर बस एक दूजे के बनकर रह जाए हम। "

कहते हुए वो विराट के टाई को खींच अपने करीब ले आती है ।और उसके होठों पर अपने होंठ रखकर चूमने लगती है ।विराट उसे खुद से दूर कर उठकर बैठ जाता है। जानवी गुस्से से उसके और देखने लगती है ,और दांत पीसते हुए बोली ,

"उसकी बस एक झलक से ही खुद को मुझसे दूर करने लगा है तू ,और बोलता है के वो अब असर नहीं करती तुझ पर, हम्ममम?

उसकी बात सुनकर और उसका गुस्सा देखकर विराट उसके नाक खींचते हुए बोला,

"पागल लड़की ,कितनी बार बोल चुका हूं कि जिस दिल में वो थीं वो दिल ही 12 साल पहले धड़कना बंद कर चुका है। जिस दिन उनके चौखट पर उनके दादू ने इस दिल पर लात मारी थी उस दिन से ही ये दिल उनके नाम पर धड़कना बंद कर चुका है ।"

कहते हुए उसकी आंखों में जैसे खून उतर आई हो । जानवी उसे यूं देख उठकर बैठ ने लगी ।विराट उसे संभाल कर बिठाते हुए, खुद को संभाल कर बोला,

"उस दिन उस मासूम बच्चे के साथ उसकी मासूमियत और उसकी वो मासूम यादें भी उसके दिल में दफन हो गई ।और अब जो तुम्हारे सामने बैठा है वो बस दिमाग की बात सुनता है ।और अनफॉर्चूनेटली दिमाग प्यार जैसे इमोशंस को नहीं समझता है।"

कहते हुए वो अपने माथे को जानवी के माथे से टच करते हुए बोला,

"समझी पागल ।"

जानवी उसके सीने में खुद को छुपा लेती है। विराट उसके पीठ सहलाते हुए बोला ,

"क्या जरूरत थी ये सब करने की?"

जानवी किसी छोटी बच्ची की तरह मुं बनाते हुए बोली,

"अपने डैड के साथ उस मंदिरा को मैं चैन से जीने नहीं दे सकती ।इसलिए बीच-बीच में उसे परेशान करने चली जाती हूं। मुझे अपने सामने दिखकर जो वो चिढ़ती  है दिखकर बड़ा मजा आता है मुझे।"

क्लैप करके बोलते हुए वो खुद से ही हंसने लगी। विराट उसे खुद से दूर कर गुस्से से देखते हुए ,

बेवकूफ लड़की तू मंदिरा को दर्द दे रही थी या खुद को ।तुझे कुछ हो जाता तो उसे दर्द बिल्कुल नहीं होता बल्कि वो खुश हो जाते ।"

जानवी उसकी और देख उसके बिखरे बालों को सवार ते हुए इंटेंस वॉइस में,

"तु मुझे कुछ होने थोड़े ही देगा ?"

उसकी बात पर विराट हल्का स्माइल कर सिर हिलाते हुए उसे बेड पर सुला देता है ।और उसे ब्लैंकेट से कवर करते हुए बोला ,

"कल सुबह डिस्चार्ज मिल जाएगा तुझे ,आज रात यही रहना होगा । इसलिए चुपचाप रेस्ट कर और कुछ प्रॉब्लम हो तो मुझे कॉल कर लेना ।"

फिर अपनी घड़ी देखते हुए बोला ,

"मैं बस दो-तीन घंटे में वापस आता हूं ।"

कहते हुए विराट जाने लगा ।

"सुन"

जानवी ने पीछे से आवाज दी तो विराट दरवाजे के पास ही रुक गया और मुड़कर उसे देखने लगा । और नजरों के इशारों से पूछने लगा

"क्या ?"

जानवी थोड़ा जलन वाली फेस बनाते हुए मुंह बनाकर बोली

" वो ब्लैक एंड ग्रे कलर कांबिनेशन का सूट पहन कर जाना। और बाल जेल सेट मत करना, बिखरे हुए बाल में तू ज्यादा हैंडसम लगता है ।और हॉट भी ।"

उसकी बात सुनकर विराट उसे आंखें छोटी कर देखते हुए पूछा ,

"क्यों ?"

जानवी उसके क्यों का जवाब उसकी अंदाज में आंखें छोटी कर देते हुए बोलि,

"उसे इंप्रेस करने जा रहा है ना , उसके वेलकम पार्टी में? पता हे मुझे।तो जैसे मैं बोल रही वैसे ही जा।एक ही नजर में वो फ्लैट हो जाएगी।"

उसके बात सुनकर विराट एरोगेंट और अकड़ के साथ बोला,

"मैं वीर कश्यप नहीं हूं , जिसे वो डफर बोलकर अपने आगे पीछे दौड़ाती थीं। मैं विराट अग्निहोत्री हूं ।मैं यूं ही खड़ा होकर जिस लड़की पर नजर डाल दूं वो मेरे बिस्तर तक आने के लिए रेडी रहती है।"

बोलकर ही एक नफरत भरी स्माइल से जानवी के और देख कर रूम से बाहर चला गया।

जानवी उसे जाते हुए कुछ पल देखती रही। आंखों में दर्द और आग लिए नफरत भरी आवाज से बोली ,

"तुझे तुझसे बहतर जानती हूं मैं विराट। तू उसके साथ खुद को एक ऐसे बंधन में बांध चुका है, चाहे जो भी कुछ हो ,तू उस बंधन के गांठ को उलझा तो सकता है लेकिन तोड़ नहीं सकता।"

कहते हुए उसकी आंखों से कुछ आंसुओं के बूंदें छलक जाती है। उन आंसुओं के बूंद को वो उंगलियों से साफ करते हुए नफरत भरी आवाज में बोली,

"लेकिन मैं तोड़ दूंगी ।मैं तोड़ दूंगी उस गांठ को। बहुत जल्द तोड़ दूंगी। क्योंकि विराट बस मेरा है और उस पर बस मेरा ही हक है ।और हमेशा रहेगा ।"

कहते हुए वो एक अजीब तरीके से हंसने लगती है।

To be continued ❤️

जानवी का विराट केलिए सनक कौन सी करवट लेगी जानने केलिए आगे पढ़ते रहें और प्लीज समीक्षाएं देना न भूलें ❤️