आज मैं नाई की दुकान पर बाल-दाढ़ी बनवाने गया था।तब मुझे चाटर्ड एकाउंटन्ट फहीम भाई का कॉल आया।"क्या हुआ, मुनव्वर तूने पेरिस जाने के बारे में क्या सोचा?""ठीक है, एक बार मेरी बैचलर्स पढाई खत्म होते ही तैयारी शुरू कर दूंगा।" "अरे अभी से तुझे तैयारी करनी होगी, रियाज़ को मैंने पूछा तो उसने बताया कि जुलाई में it रिटर्न निकलता है।" "ठीक है, तब तक मेरा cibil स्कोर भी अच्छा हो जाएगा, फिर अपने प्लानिंग शुरू कर देंगे"ऐसे हमने बात की।तब वाहिद भाई ने पूछा, "कब जा रहे हो, पेरिस?"मै बोला, 'वाहिद भाई अभी पैसा जोड़ रहा हु, सुना है 15 लाख रुपये लगेंगे।"वाहिद, "हा ठीक है, कोई बात नही!"वाहिद अभी सकलेन की दाढ़ी बना रहा कि सकलेन कहने लगा, "क्या बाप का धंधा बेटे को विरासत में देना सही है?""ऐसा हो पाए तो बहेतर रहता है, क्योंकि पिता अपनी औलाद की परवरिश अच्छे से अपनी मर्ज़ी से कर सकता है। बाद में रंजिश होने का खतरा टल जाता है।" वाहिद ने मशवरा दिया।"क्या वाकई, कोई मिसाल देकर बताओ?" सकलेन फिर से पूछने लगा।"हमीद अहमद मुल्क का जाना माना हेयर ड्रेसर है। एक स्टाइलिस्ट के तौर पर वोह सिर्फ सलाह देने के डेढ़ लाख लागत लेता है। उसके कारीगर जब काम करते है 50 से 60 हजार तक की हेयरकट करते है। बालों का पूरा लुक बदल जाता है।" वाहिद ने कहा।"तो फिर उसके बेटे की क्या भूमिका है इसमें? ये सब तो हमीद एहमद का साम्राज्य है ना?" सकलेन ने तसल्ली देते हुए कहा।"ला सकलेन भाई, उसका बेटा अभी सिर्फ 10 साल का है, उसकी स्कूल की पढ़ाई घर स होती है और उसके पापा यानी हमीद साहब ने उसे 6 साल का था तब से कंघी और केंची दे दिए थे। अब वह कम से कम छोटे बच्चों की हेयर कट कर सकता है।" वाहिद ने विस्तृत से बताया।"काबिल-ए-तारीफ! हमीद भाई ने तो यह बहुत अच्छा फैसला लिया।" सकलेन ने इस प्रकार हामी भरी।"कितने मा बाप तो ऐसा करते है, की देखा-देखी में अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में पढ़ने डाल देते है। हालांकि वे खुद अंग्रेजी पढ़ नही पाते है। जब वे नही पढ़ पाते है तो अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे?" वाहिद ने कहा।"वे ऐसा इस लिए करते है ताकि आने वाले भविष्य में उन्हें कॉलेज की पढ़ाई में आसानी हो, क्योंकि अंग्रेजी में पढ़ाई कॉलेज में लाज़मी है।" सकलेन ने वाहिद को समजाया।"अरे भई! क्या वे लोग ये भूल जाते है, उनका बेटा 10वी में फेल भी हो सकता है?" वाहिद ने पूछा।"नही इसमे ऐसा है की 10 वी में 2 या 3 ट्रायल में पास तो हो जाएगा तो लगेगा ना समाज मे की पढ़ाई तो की हुई है। और आगे के फैसले वह खुश कर सकता है। हो सकता है वह खुद का बिजनेस शुरू कर दे? पढ़ाई तो फिर भी ठीक है बिज़नेस के लिए स्किल्स होना लाज़मी है!" सकलेन ने फिर समजाया।"मैंने तो मेरे दोंनो बेटों को जेनिथ स्कूल में डाले है। अब वे वहीं पर पढ रहे है। लेकिन..." वाहिद सहम गया।"लेकिन क्या?" सकलेन ने पूछा।"यही कि मै उनकी प्राथमिक शिक्षा ही वहाँ से कराउंगा बाद में 5वीं से पब्लिक स्कूल खरोड में डाल दूंगा।" वाहिद ने कहा।"लेकिन, जेनिथ तो गुजराती माध्यम स्कूल है और पब्लिक स्कूल अक्सर अंग्रेजी माध्यम होते है! तो कैसे कर लोगे?" सकलेन से आश्चर्य से पूछा।"जब वे 4थी क्लास की पढ़ाई मुक़म्मल कर लेंगे तब वेकेशन में फ़ारिग रहेंगे तब में उन्हें SELT टेस्ट करा लूंगा। उससे 5वीं कक्षा से ही दाखला पब्लिक स्कूल में मिल जाएगा!" वाहिद ने कहा।इस प्रकार दो फिकरमन्द पिता ने वार्तालाप किया।