नफ़रत-ए-इश्क - 12 Sony द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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नफ़रत-ए-इश्क - 12

नवी मुम्बई

रात का वक्त,

एक डुप्लेक्स बिल्डिंग के सामने एक रेड फॉर्च्यूनर आकार रुकती है। ब्लैक थाई लेंथ तक ऑफ शोल्डर ड्रेस पहनी हुई एक लडकी लड़खड़ाते कदमों से गाड़ी से बाहर निकलती है। उसकी लड़खड़ाते हुए कदमों को देखकर साफ पता चल रहा था कि, वो किस कदर नशे में थी। वो लड़की गाड़ी से उतरकर सीधे घर के तरफ चली जाती है और बेल तब तक दबाती है जब तक घर के अंदर का सख्त आकर दरवाजा ना खोल दे।

40 /45 साल की एक औरत गुस्से से दरवाजा खोलती है ,और चिल्लाते हुए बोली,

"पागल हो गई हो क्या जानवी? बहरे नहीं है हम लोग।"

वो औरत दांत पीसते हुए बोली और नफरत भरी नजरों से सामने खड़ी जानवी को देखने लगी। जानवी व्यंग्य भरे अंदाज में एक फूल फेस स्माइल करते हुए उस औरत को देखती हैं ।और उस औरत के फेस को फूंकते हुए नशीली आवाज में बोलती है,

"मजा आता है आपकी नींद हराम करने में सौतली मां।"

कहते हुए वो उस औरत को धक्का देकर घर के अंदर एंटर करती है। और सीधे चलते हुए अपने कमरे की ओर बढ़ जाती है।

दिलीप आहूजा जानवी के डैड जो वहीं खड़े जानवी को घुर रहे थें सख्त आवाज  से बोले,

"जानवी"

जानवी रुक जाती है। और बोरियत से शक्ल बनाकर पीछे मुड़कर उसके डैड मिस्टर दिलीप आहूजा को देखकर बोली,

"येस डैड,व्हाट हैपेंड ?अब मेने क्या किया?"

इससे पहले की दिलीप जी कुछ बोलते उनकी पत्नी मंदिरा जो अभी दरवाजे के पास ही खड़ी थी गुस्से से दरवाज़ा पटक कर जानवी के पास आकर खड़ी हो गई। और बोली,

"क्या किया? पिछले दो दिनों से जवान लड़की घर से गायब है। न जाने कहां-कहां गुलछर्रे उड़ा कर आती है ।और पूछने पर शर्मिंदा होने के वजह बेफिक्र होकर पूछती है कि मेने क्या किया ?"

कहते हुए एक नफरत भरी नजर से जानवी को देखने लगती है ।जानवी सीढ़ियों से उतरकर मंदिरा के नजदीक जाकर सामने खड़ी होकर उसकी ही अंदाज में बोली,

"मंदिरा ,मंदिरा, मंदिरा एक जवान लड़की दो दिनों तक घर से गायब है तो ओबवियस सी बात है कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ होगी ।या फिर तुम्हारी लफ्जों में गुलचर्रे उड़ा रही होगी ।इसमें इतना मेलोड्रामा करने की क्या जरूरत है?"

कहकर वो एक आई ब्लिंक करके पलट जाती है।

जानवी की बात सुनकर दिलीप जी गुस्से से,

"क्या बत्तमीजी है ये जानवी? मां है तुम्हारी माफी मांगो?"

दिलीप जी गुस्से से उसके बाहें खींचते हुए बोले।

जानवी एक नजर दिलीप जी के ऊपर डालकर फिर अपनी बाहों के तरफ देखती है, जो दिलीप जी ने कसकर थामे हुए थे ।जानवी एक झटके से अपनी बाहों को दिलीप जी से छुड़ाकर गुस्से से दांत पीसते हुए बोली,

"मां नहीं है मेरी । आपकी बीवी है ।"

उसकी बात सुनकर मंदिरा इविल स्माइल करते हुए बोली,

"सही कहा तुमने। तुम्हारी मां तो तुम्हें और तुम्हारे बाप को छोड़कर अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई थी। और अब तुम भी उसके नक्शे कदम पर चल रही हो । ये बेढंग कपड़े ,शराब और वो रईस ज्यादा लड़का ,जिसके साथ तुम रात रात भर गायब रहती हो ।रंग ढंग बिल्कुल अपने मां की तरह ही है ।"

मंदिर की बात सुनकर जानवी बिलकुल बेफिक्र अंदाज़ से बोलि,

"सही कहा हुं में अपनी मां की तरह। उन्हीं की तरह ही बचलन हुं। घूमती हूं उस रईसज्यादे लडके के साथ। जिस रइसज्यादे लडके के मेहरबानी से ही आप लोग ये एसोआरम की ज़िन्दगी जी रहे हैं।"

कहते हुए जानवी आकर मंदिरा के एकदम सामने खडी हो गई। और सर से लेकर पांव तक उसके पहनी हुए गहनों के ओर नजर डाल कर बोलि,

"ये जो सिर से लेकर पांव तक बप्पी लहरी बनकर घूम रहीं हो ना ये भी उसी रईसज्यादे के पैसों से खरीदा हुआ है।"

व्यंग भरें अंदाज़ में कहते हुए वो एक नजर दिलीप जी के ऊपर डालती है। जो उसे गुस्से से देख रहे थें।

वो दिलीप जी के नजरों मे ही नजर डालकर बेफिक्र अंदाज़ में बोलि,

"अगर विराट के आफिस के छोटे मोटे प्रोजेक्ट्स आप को ना मिल रहे होते तो नाहीं आपके सिर पर ये छत होता और नाही आप की ये सो कॉल्ड बीवी होती आपके पास।"

जानवी दिलीप जी से नज़रें हटाकर एक नजर पुरे घर पर डाल फिर मंदिरा के ओर देखकर बोलि।

दिलीप जी जानवी के गाल पर खिंच कर एक थप्पड कसते हुए बोले,

बत्तमिज कहीं की। जेसी मां वैसी ही बेटी। वो मेरे मुं पर कालिक पोत कर किसी आवारा लडके के साथ भाग गई और बेटी....,

कहते कहते वो रूक गए। और गुस्से से कांपते हुए जानवी को दिखने लगें।

जानवी उन्हे चुप होता देख बेपरवा अंदाज़ में बोलि ,

"रूक क्यों गए डैड? पुरी कीजिए अपनी बात। यहीं ना के बेटी एक अमीरज्यादे की मिस्ट्रेस, केप्ट और वो क्या कहते हैं सुध हिंदी में......

कहते हुए वो सोचने का एक्टिंग करते हुई अपने गाल पर टैप करने लगी। और कुछ सोच कर बोलि,

"Hmmmm....., रखैल

जानवी अपनी बात पुरी करती उससे पहले ही एक और कसकर थप्पड उसके गाल पर पड़ती है।

और मंदिरा के होठों पर खुलकर एक डेविल हसी खिल जाती है।

जानवी के होठों के एक कोने से खून निकलने लगती है । वो अपनी आस्तीन से अपने खून साफ कर एक गहरी नजर दिलीप जी के ऊपर डालकर वापस से अपनी नजर हटाकर मंदिरा को अपने गाल और खून बहते होठों को दिखाकर मजाकिया अंदाज़ में बोलि,

"देखो सौतेली मां ,आज का कोटा पूरा हो गया है । आशा करती हुं आज आपको अच्छी नींद आनेवाली है।तो आज की नौटंकी यहीं खत्म करते हैं ।एक और एंटरटेनिंग एपिसोड के लिए कल तक का वेट करना पड़ेगा ।"

कहते हुए वो सीढ़ियों से हो कर अपने कमरे के ओर जाने लगी फ़िर कुछ सोचे कर कदम रोक कर बीना मुड़े बोली ,

"भागी नहीं थी मेरी मां, उनके पास दो ऑप्शंस थे, या तो जिंदगी भर अपने शराबी पति के टॉर्चर सहते हुए मर जाति या फ़िर उस लडके के साथ कुछ सासें जी लेती, जो उनके हर सांस का कदर करता था।"

फिर मुड़ते हुए दिलीप जी को खाली आंखों से देख बोली,

"भागी नहीं थी वो डैड। बस मौत और जिंदगी में से जिंदगी चुनी उन्होंने।"

कहते हुए वो बेफिक्री से मुसकुराते हुए अपने कमरे के ओर चली गई।

सुबह का वक्त

अग्निहोत्री इंडस्ट्रीज

विराट अपने केबिन में एक ब्लैक कलर का बिजनेस सूट पहनकर सामने टेबल पर रखे अपने लैपटॉप पर कुछ काम करने में बिजी था ।वैसे तो विराट हमेशा अपने स्टाइल, लुक और इमेज को लेकर कुछ ज्यादा ही सीरियस था, लेकिन आज वो कुछ जरूरत से ज्यादा ही हैंडसम लग रहा था।

उसके केबिन का डोर नॉक होता है। विराट बिना दरवाजे के और दिखे सर्द आवाज में बोला,

"कितनी बार कहा है श्लोक knock मत किया कर ।"

श्लोक दरवाजा खोलकर हमेशा की तरह एकदम से भागते हुए जाकर उसके सामने खड़ा हो जाता है ।विराट उस पर कोई ध्यान नहीं देकर शिद्दत से अपनी लैपटॉप में ही बिजी था ।श्लोक कुछ पल खड़ा होकर अपना गला साफ करने लगा।

विराट एक गहरी सांस लेते हुए हमेशा की तरह अपनी सर्द आवाज में बोला,

"श्लोक नाउ यू आर इरिटेटिंग मि ।जो कहना है मुंह से बोलो वरना दफा हो जाओ।"

श्लोक चीड़ कर मुंह बनाते हुए विराट के हाथों से लैपटॉप खींचकर एक साइड कर देता है ।और विराट के और गुस्से से देखता है।

लिकिन जब विराट की आग उगलती नजर उस पर पड़ती है तो वो सहम जाता है।और लैपटॉप लिए वापस से अपनी जगह रख देता है।

विराट उसे सावलिया नजरों से घूरते हुए ,

" क्या हुआ है तुझे ?"

श्लोक मुंह बनाकर टेबल के ऊपर ही चढ़कर बैठ जाता है ।विराट उसे एसा करता देखकर गुस्से से दांत पीस ने लगता है।

श्लोक किसी जिद्दी बच्चे की तरह शक्ल बनाकर बोला ,

"पूरे 5 लाख खर्च करके मैंने ये डिजाइनर सूट बनाया है। बस आपके आज के अवार्ड फंक्शन के लिए। और आप है कि एक नजर देख तारीफ भी नहीं कर रहे हैं ।"

श्लोक की बात सुनकर विराट आंखें छोटी करते हुए अपने ही अंदाज में बोला ,

"तू क्या मेरी गर्लफ्रेंड है ,जो तेरी खूबसूरती की तारीफ करूं ।"

विराट की बात सुनकर श्लोक मुंह बनाते हुए

"आपकी गर्लफ्रेंड नहीं हुं तो क्या ,आपका छोटा भाई तो हूं। ये औदा क्या कम है? मीडिया की नजर आपके साथ-साथ मेरे ऊपर भी तो रहेगी। हो सकता है आप के नाम पर एक दो लड़कियां मुझ पर भी फिदा हो जाए ।आपके छोटे भाई को गर्लफ्रेंड मिल जाए तो आपको क्या ही दिक्कत है ।"

श्लोक ने कहा और हसरत भरी नजरों से उसे देखने लगा। जैसे बोल रहा हो की,

"अपनी शायरी के पिटारे से एक शायरी मेरे ऊपर भी फेंक दो भाई।"

विराट उसे एक हॉपलेस नजर से देखते हुए , पॉकेट से सिगरेट निकालकर मुंह में दबाकर बालकनी की तरफ चला गया ।श्लोक टेबल से कूद कर नीचे आता हैं, और कुछ सोच ते हुए बालकनी के ओर जाते हुए बोला,

"भाई गर्लफ्रेंड से याद आया आपकी जान है कहां? आज ऑफिस नहीं आई ? वो भी आज के दिन जब आपके लिए इतनी बड़ी अचीवमेंट है ।"

कहते हुए वो चलकर बालकनी में विराट के पास खड़ा हो गया।

श्लोक की बात सुनकर विराट सिगरेट के कस भरकर धुआं हवा में छोड़ शॉक्ड होकर,

"जान अभि तक ऑफिस नहीं आई है ?"

विराट सवाल पूछकर जवाब के इंतजार में श्लोक के और देखता है ,जो एक अजीब तरह से इस वक्त विराट को ही देखे जा रहा था ।

विराट उसकी आंखों के सामने चुटकी बजाकर

"कहां खो गया है ?कुछ सवाल पूछा मैंने ।"

श्लोक बत्तीसी दिखाते हुए,

"अब समझा मैं कि आप के बस एक नजर पर लड़कियां क्यों घायल हो जाते हैं ।"

विराट अजीब नजरों से उसे देखते हुए पूछा ,

"क्यों ?"

श्लोक बड़े ही प्राउड वे में बोला,

"आपके तो सिगरेट स्मोक करके धुंआ छोड़ने की अंदाज में भी किसी हॉलीवुड हीरो के जैसा टसन है भाई।"

विराट उसपर एक होपलैस नजर डालकर, अपना सिर हिलाते हुए सिगरेट पैरों की तले मसल कर सर्द आवाज़ में बोला,

"आज का तेरा बकवास का कोटा खत्म और मेरे बर्दाश्त की भी ।इसके आगे एक और लव्स भी बेमतलब बोला तो मैं भूल जाऊंगा तू मेरा छोटा भाई है ।"

बोलकर वो जानवी को कॉल लगाते हुए केबिन से बाहर निकल गया। श्लोक भी भागते हुए उसके ही पीछे पीछे चलने लगा।





कहानी आगे जारी है ❤️ 


कुछ शब्द रीडर्स के नाम 💗

मातृभारती में ये मेरी पहली कहानी है । इस फैमिली में शामिल होने की कोशिश कर रही हूं । नाहीं में एक प्रोफेशनल राइटर हूं और नाहीं हिन्दी मेरी मातृभाषा है तो और ऑफिस  फिर घर के बाद रात के दो बजे तक बैठ कर कहानी लिखती हूं प्लीज मेरी कोशिश को एप्रिशिएट कीजिए रेटिंग कम दे कर मेरे मेहनत को फीका न करें तो   खुशी होगी मुझे..... स्टोरी अच्छी लगे तो आगे पढ़ें और न लगे तो छोड़ दें 🙏