Cinderella R B Chavda द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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Cinderella

मुझे पता है कि आप सबको सिंड्रेला की कहानी पहले से ही मालूम होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंड्रेला की कहानी में एक गहरा संदेश भी छिपा हुआ है? आज मैं आपके साथ एक नई सिंड्रेला की कहानी साझा करने जा रही हूँ, जिसमें पुराने तत्व तो हैं, लेकिन नए बदलाव भी हैं, जो इसे और भी खास बना देंगे।

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम सिंड्रेला था। वह न केवल सुंदर थी, बल्कि उसका दिल भी बहुत बड़ा था। वह अपने माता-पिता से बहुत प्यार करती थी, लेकिन जब उसकी मां का देहांत हो गया, तब उसके पिता ने एक और महिला से शादी की। उस महिला के साथ दो बेटियाँ थीं, जो बिल्कुल भी सिंड्रेला के जैसी दयालु और सच्ची नहीं थीं।

सौतेली माँ और बहनें सिंड्रेला से बहुत जलतीं थीं और उसे घर के सारे काम करने के लिए मजबूर करतीं। लेकिन सिंड्रेला हमेशा मुस्कुराती रहती, क्योंकि उसे पता था कि उसका दिल अच्छा है और उसे किसी से कुछ साबित करने की जरूरत नहीं।

एक दिन गाँव में एक बड़ा उत्सव हुआ, जिसमें राज्य के राजकुमार ने दुल्हन चुनने के लिए सब लड़कियों को बुलाया। जब सिंड्रेला ने यह सुना, तो वह भी इस आयोजन में शामिल होना चाहती थी। लेकिन सौतेली मां ने उसे मना कर दिया। सिंड्रेला की आँखों में सपने थे, लेकिन वह जानती थी कि किसी जादू की छड़ी से ये सपने सच नहीं हो सकते—बल्कि उसे अपने हौसले और मेहनत पर विश्वास था।

तभी अचानक एक अजनबी महिला उसके पास आई। वह कोई और नहीं, बल्कि उसकी परी गॉडमदर थी, जो सिंड्रेला के हौसले को देख चुपके से उसकी मदद करने आई थी। परी गॉडमदर ने सिंड्रेला को उसके पुराने कपड़ों से निकालकर एक शानदार गाउन पहनाया, लेकिन उसने सिंड्रेला को एक जरूरी सलाह दी: "तुम जिस दिन अपने सपनों के पीछे चलोगी, उस दिन सचमुच अपनी मंजिल तक पहुँच सकोगी, चाहे तुम महल में हो या किसी साधारण घर में।"

सिंड्रेला जब महल पहुँची, तो राजकुमार को उसकी आत्मविश्वास और उसकी सादगी में कुछ खास नजर आया। राजकुमार ने उसे तुरंत अपने नृत्य के लिए आमंत्रित किया। यह रात कुछ अलग थी, क्योंकि सिंड्रेला ने सिर्फ बाहरी सुंदरता ही नहीं, बल्कि अपनी अंदर की सुंदरता से भी राजकुमार का दिल जीत लिया।

लेकिन आधी रात के बाद सिंड्रेला ने तुरंत महल छोड़ दिया, क्योंकि वह जानती थी कि जादू एक दिन खत्म हो सकता है। जब वह भाग रही थी, उसका एक कांच का जूता महल की सीढ़ी पर गिर गया। राजकुमार ने जूते को उठाया, लेकिन उसने यह भी समझ लिया कि यह सिर्फ एक जूता नहीं, बल्कि एक सफर था। एक यात्रा, जहाँ उसे सिर्फ बाहरी सुंदरता से नहीं, बल्कि असली आत्मा और आत्मविश्वास से प्यार करना था।

राजकुमार ने पूरे राज्य में उस जूते को लेकर सभी लड़कियों को तलाश किया। जब वह सिंड्रेला के घर पहुँचा और उसे जूता पहनने को कहा, तो सिंड्रेला ने न केवल जूता पहना, बल्कि यह भी दिखाया कि उसके आत्मविश्वास ने उसे जादू से कहीं ज्यादा ताकत दी थी।

राजकुमार ने तुरंत सिंड्रेला को पहचान लिया और कहा, "तुम वही हो, जिसे मैंने नहीं, बल्कि दिल से चुना है। तुम सिर्फ एक सुंदर लड़की नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हो, जो हमें सिखाती है कि असली सुंदरता अंदर से होती है।"

सिंड्रेला और राजकुमार ने एक साथ अपने जीवन की नई शुरुआत की। उनके जीवन में अब न केवल प्यार था, बल्कि आत्मविश्वास, मेहनत और विश्वास भी था। सिंड्रेला ने अपने सपनों का पीछा किया और उन्हें साकार किया, क्योंकि उसने कभी भी खुद को छोटा नहीं समझा।

अंत में, यह कहानी हमें यह सिखाती है कि असली शक्ति बाहर नहीं, बल्कि अंदर होती है। हमारे आत्मविश्वास, मेहनत और अच्छे दिल की वजह से ही हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। सिंड्रेला ने कभी हार नहीं मानी, और यही उसकी असली जीत थी। जीवन में कई बार हमें चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन अगर हम खुद पर विश्वास रखें और अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाते जाएं, तो कोई भी जादू हमारी मदद से कम नहीं हो सकता।

सिंड्रेला की तरह, हम सब के अंदर एक शक्ति है—सिर्फ हमें उसे पहचानने की जरूरत है।