मोमल : डायरी की गहराई - 40 Aisha Diwan द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोमल : डायरी की गहराई - 40

अब तक हम ने देखा की डायरी में से फीलिक्स की आवाज़ आती रहती थी। उसी आवाज़ के सहारे मोमल के दिल को तसल्ली रहती और उसकी आवाज़ सुनने के लिए रोज़ इंतज़ार में रहती थी। इसी तरह उनके दिन गुज़र रहे थे। इस दौरान मोमल ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया। वो बहुत खुश थी ये सोच कर के उसने फीलिक्स को वापस पा लिया है। इस बच्ची के आने से अब उन लोगों के दिन खुशी से कट रहे थे। बेटी का नाम उन्होंने फीलिक्स से मिलता जुलता फेलिसिया रखा था।
डायरी से अब भी वो मासूम आवाज़ आती थी। अब बेटी के आने के बाद भी इस आवाज़ को सुन कर मोमल को खाली पन महसूस होने लगा। ऐसा लगा के फीलिक्स अब भी कहीं मौजूद है पर उनके बीच नहीं है। कभी कभी उसका दिल बेचैन हो जाता उसे एक बार सामने देखने को और गले लगाने को। उसे बेचैन देख कर अब्राहम डायरी को खोल कर रख देता ताकी वो आवाज़ न सुन पाए। उसे बस अपने परिवार की फिक्र थी जब की वो भी फीलिक्स को याद कर के उदास हो जाता था। 

अब आगे :__

12 साल बाद........

फेलीसिया बाराह साल की हो चुकी थी और लूना सत्रह साल की एक खूबसूरत लड़की थी। मोमल और अब्राहम में ज़्यादा कुछ बदलाव नहीं था। बस मोमल की आंखों में काले घेरे बढ़ गए थे लेकिन अब भी खूबसूरत ही दिख रही थी। अब्राहम अब अपने कामों में बहुत व्यस्त रहने लगा था। वो देश का जाना माना एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट जो कहालने लगा था। अक्सर यहां वहां अपने प्रोजेक्ट्स के लिए जाता था। कई सारे कांफ्रेंस मीटिंग अटेंड करता था। दो बेटियां उसके आंखों की नूर थी। 


लूना ग्यारहवीं में पढ़ाई कर रही थी लेकिन फेलिसिय सातवी में पढ़ती थी। फेलीसिय को अब तक पता नहीं था के उसकी बहन लूना एडोप्टेड है। उसे फीलिक्स के बारे में मालूम था के उनका कोई भाई था जो अब उनके बीच नहीं है। वो फीलिक्स की तस्वीर देख कर अक्सर पूछने लगती के भाई कहां है? हमारे बीच क्यों नहीं है? 
मोमल और अब्राहम कुछ न कुछ बहाने बनाते रहते जैसे वे लूना को बोला करते थे। 
सब कुछ वैसा ही था बस फर्क इतना था के अब उनके घर दो बेटियां थीं और अब्राहम अक्सर इधर उधर जाया करता था। 
घर वहीं था। लॉन में उसी तरह ढेर सारे अलग अलग तरह के फूलों के पौधे लगे हुए थे। रविवार की सुबह थी लेकिन अब्राहम घर पर नहीं था। वो कल से कहीं बाहर गया हुआ था जो सोमवार को आने वाला है। आज सुबह से मोमल बहुत उदास थी। दोनों लड़कियां हॉल के फर्श पर बैठी कुछ पेंटिंग्स बना रही थी। मोमल कमरे में उसी वेडिंग वाली तस्वीर के सामने बैठी थी जिस में फीलिक्स मुस्कुरा रहा था। कल रात से उसकी आवाज़ सुनने की कोशिश कर रही थी लेकिन डायरी से एक बार भी उसकी आवाज़ नही आई। इस बात से और ज़्यादा मायूस थी।

वो तस्वीर को मायूस आंखों से एक टूक देख रही थी। फेलीसिया कुछ लेने कमरे में आई उसे वहां तस्वीर को निहारते देख कर बोली :" मम्मा!.... आप का मूड सुबह से खराब है क्या हुआ है? क्या आपको भैया की याद आ रही है?

मोमल ने गहरी सांस लेकर कहा :" आज के दिन तुम्हारे भैया का इस घर में आखरी दिन था। तेरह साल हो गए हैं इस बात को लेकिन लगता है वो पल अब भी मेरी आंखों में कैद है।"

फेलिसिया मासूमियत से :" लेकिन मम्मा इन तेरह सालों में भैया एक बार भी क्यों नहीं आए ? अब तक तो वो बड़े हो गए होंगे न?

मोमल :" हां अब तक वो बीस साल का हो गया होगा! लेकिन वो कैसे आएगा अगर उसे हम सब याद ही न रहें तो!"

फेलिसिया :" क्या वो हम सब को भूल गए हैं?

मोमल ने जवाब दिया :" हां शायद!... उसे एक बीमारी थी इस लिए शायद वो हमे भूल गया होगा। खैर तुम्हे क्या चाहिए ? 

फेलिसिया :" ओह हां मैं ने यहां पेंसिल कलर रखे थे।"

ड्रॉअर से पेंसिल कलर लेकर वो बाहर चली गई। बाहर जा कर लूना के कान में धीरे से बोली :" दीदी! मम्मा का मूड खराब है! उन्हे भैया की याद आ रही है।"

लूना ने उदासी से कहा :" हां मैं भी देख रही हूं! पापा भी घर में नहीं है। मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है कुछ"

इतने में किसी ने डोर बेल बजाया। मोमल आवाज़ सुन कर बाहर आई, तब तक लूना उठ कर दरवाज़ा खोलने गई। कोई अनजान आदमी था। वो थोड़ा अजीब दिख रहा था। उसे देख कर बुरे फीलिंग्स आ रहे थे। भद्दा सा चहरा और बढ़े हुए सर के बाल और दाढ़ी मूंछें, उसने लूना को बड़े गौर से देखते हुए कहा :" क्या ये अब्राहम विल्डर का घर है? 

मोमल आगे आई और लूना को अपने पीछे करते हुए बोली :" हां आप कौन है? और क्या काम है उनसे ?

उस आदमी ने मोमल के सवाल का जवाब नही दिया और झांक झांक कर लूना को देखते हुए बोला :" क्या वो लूना है? 

मोमल को गुस्सा भी आ रहा था और डर भी महसूस हो रहा था। उसने दरवाज़ा बंद करने की कोशिश की तो उस आदमी ने हाथ से रोक लिया और लूना को मोमल के पीछे से झपट कर ले जाने लगा। 

लूना डर कर मम्मा मम्मा चिल्लाने लगी। मोमल चीखते हुए उसके पीछे भागी  :" कौन हो तुम छोड़ो मेरी बेटी को! छोड़ दो वरना मैं पुलिस को बुलाऊंगी!"

उस आदमी ने कस कर लूना का हाथ पकड़ा हुआ था। उसने रुक कर कहा :" ये मेरी बेटी है! मेरा पूरा हक है इसे ले जाने का!"

लूना ने रोते हुए कहा :" मैं अब्राहम विल्डर की बेटी हूं। तुम कातिल हो! मैं नफरत करती हूं तुम से ! छोड़ो मुझे नही जाना है। कातिल हो तुम! गंदे इंसान छोड़ो मुझे!"

बिना कुछ सुने वो लूना को खींचते हुए ले कर जाने लगा। मोमल ने उसका हाथ छुड़ाने की कोशिश की तो उसने उसे धक्का मार कर गिरा दिया। फेलिसिया मोमल को संभालने लगी। इतने में अचानक उस आदमी के सामने एक बवंडर उठने लगा। बिन हवा के भी सिर्फ एक जगह एक घिरनी जैसी हवाएं गोल गोल घुमने लगी। ये देख कर वो आदमी रुक गया और हैरत से आंखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। लूना अब भी अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश में थी। इसी दौरान सनसनाते हुए कोई हवा की रफतार से लूना का हाथ छुड़ा कर ले गया। लूना को पता भी नही चला के कब वो मोमल के पास आ कर खड़ी हो गई। 
वो आदमी बवंडर में फंस कर गोल गोल घूमने लगा। 
लूना ने हैरत में इधर उधर देखा तो उसके बगल में कोई खड़ा था जो उस बवंडर को देख रहा था। देखते देखते बवंडर आदमी को उड़ा ले गया। 
जिसने लूना को छुड़ाया वो लड़का कोई और नहीं बल्के फीलिक्स था। उसने मोमल को आंसुओ से झिलमिलाते आंखो से देखते हुए वोही शब्द कहा जो मोमल डायरी में सुनती थी "मॉम"

मोमल हैरानी से उसे देखते हुए मुंह पर रख कर बोली :" फीलिक्स!.... ये तुम हो ? 

लूना भी हैरत में बोली :" भैया ! 

फेलिसिया बस कन्फ्यूज हो कर सब को देख रही थी। उसे लगा जो आदमी लूना को लेकर जा रहा था वो कोई किडनैपर था। वो फीलिक्स को भी पहचानने की कोशिश कर रही थी।

फीलिक्स बीस साल का एक लंबा सा नौजवान हो गया था। उसके बाल लंबे लंबे हो गए थे। उसकी आवाज़ अब गहरी हो गई थी। उसने काला हुडेड जैकेट पहन रखा था। कुछ देर पहले उसकी आंखे वैसी ही लाल थी जैसे आठ साल के फीलिक्स की हो जाती थी। अब उसकी आंखे नॉर्मल हो गई जब उसने सब को एक एक नज़र देखा। 



वो रोते हुए मोमल के गले लग गया और कांपते आवाज़ में बोला :" मॉम मैं आ गया!... मैं तेरह साल से इस दिन के लिए तरस रहा था मॉम !"

मोमल भी उसे गले लगा कर बहुत रोने लगी। उन दोनों को रोते देख दोनो बहने भी रो रही थी लेकिन ये खुशी के आंसू थे। कोई सालों का सपना था जो आज हकीक़त बन कर सामने खड़ा था। 
मोमल ने उसके सर से हुडी उतारा। उसके चहरे को छूते हुए बोली :" कितने बड़े हो गए हो! तुम्हारे बाल कैसे हो गए हैं?

फीलिक्स ने अपने आंसू पोंछ कर कहा :" मॉम वो सब मैं आपको बाद में बता दूंगा पहले मुझे डैड से मिलना है! वो कहां हैं? 

मोमल :" तुम्हारे डैड एक कांफ्रेंस मीटिंग में गए हैं! कल आयेंगे। चलो घर में चलते हैं।"

वो तीनों बच्चे को लेकर घर आई। फेलिसिया फीलिक्स को टकटकी लगा कर देख रही थी। जब फीलिक्स की नज़र उस पर पड़ी तो उसने मोमल से पूछा :" मॉम ये मेरी छोटी बहन है क्या? आप की तरह दिख रही है।"

मोमल ने खुश हो कर बताया :" हां सही पहचाना! तुम्हारे जाने के एक साल बाद ये दुनिया में आई ! फेलिसिया"

फीलिक्स खुशी की नमी आंखों में लिए बोला :" आप ने इसका नाम मेरे नाम से मिला कर रखा!.... इधर आओ फेलिसिया!"

उसने फेलिसिया को अपने क़रीब बुलाया और हाथ पकड़ कर कहा :" मुझे जानती हो? मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूं।"

फेलिसिया ने कहा :"हां मम्मा ने बताया था आप के बारे में ! आप के बाल तो मेरे जैसे हो गए हैं! आप लड़की लग रहें हैं।"

ये कह कर वो हंसने लगी। फीलिक्स ने मुस्कुरा कर कहा :"  कटवाने का मौका नही मिला न इस लिए बढ़ गए हैं अब कटवा लूंगा।"

लूना उसके पास ही बैठी थी। फीलिक्स ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा :" तुम्हे कहीं जाने नही दूंगा अब मैं आ गया हूं ना!.... मैं तुम्हे याद हूं ना?

लूना रोते हुए बोली :" मैं ने आपको बहुत मिस किया भैया!  आपको कोई भी नही भूल पाया, ना मैं न मम्मा न पापा!...अब तो आप नही जाओगे न ? 

मोमल ने कहा :" फीलिक्स! तुम ने एलिस के कातिल को कहां भेज दिया बवंडर में? हमने नही सोचा था के वो आ कर लूना के लिए दावा करेगा!"

फीलिक्स ने बताया :" वो कहीं आसपास गिरा होगा! आप चिंता मत कीजिए मैं उसे आसपास भी भटकने भी नहीं दूंगा।"

लूना उसके पहले पिता को भूल चुकी है। उसे उसकी मरी हुई मां भी याद नहीं ठीक से बस इतना जानती है के उनका कतल उसके पिता ने ही किया था और पांच साल की उमर से मोमल और अब्राहम ने उसकी परवरिश की है। 

आज वो डर गई है ये सोच कर के उसका कातिल पिता जेल से छूट गया है और अब उसे ले जाना चाहता है। अब वो बड़ी हो चुकी है समझदार हो गई है। वो समझ सकती है की किसी भी मासूम का कातिल किसी का सगा नही हो सकता।
मोमल ने दोनो लड़कियों से कमरे में जाने के लिए कहा।
उसने फीलिक्स को पानी लाकर दिया और सोफे पर बैठते हुए बोली :" ये बताओ इतने सालों तक तुम कहां थे। अब कैसे आज़ाद हुए ?

फीलिक्स ने पानी पी कर बताया :" जिस रात मुझे यहां से ले गए थे उस रात को उन लोगों ने मुझ पर काबू करने की बहुत कोशिश की। मेरी यादाश्त भुलाने की कोशिश की लेकिन मैं ने आंखे नहीं खोली। उन्होंने सोचा के वो धीरे धीरे मुझ पर कब्ज़ा ज़रूर कर लेंगे लेकिन मैं ने बार बार भागने की कोशिश की फिर उन्हें लगा के मुझे काबू करना आसान नहीं तो उन्होंने मुझे एक गुफा में कैद कर दिया। मैं हर रोज़ वहां से निकलने की कोशिश करता रहा। पत्थरों को पत्थरों से तोड़ता रहा ताकि कहीं से भी रास्ता बन जाए। मैं इतने सालों तक कोशिश करता रहा और आज सुबह सूरज निकलने से पहले एक छोटा सा रास्ता मुझे दिखा। वहां से निकल कर सीधा चला आया। मुझे ये डर सता रहा था के कहीं आप लोग यहां से चले तो नही गए , बहुत तरह के बुरे खयाल सता रहे थे।"

मोमल ने बताया :" लेकिन मुझे तुम्हारी आवाज़ सुनाई देती थी! क्या ये तुम ने किया था?

फीलिक्स :" वहां मेरा जीना मुश्किल हो रहा था। दम घुटता था। मैं ने गुफा में एक बार सोचा के अपनी जान ले लूं लेकिन मुझे आप की आवाज़ सुनाई दी! शायद आप अपनी डायरी में लिख कर मुझसे बात कर रहीं थीं! इस लिए मुझे जीने की उम्मीद जागी और मैं ने आप तक अपनी आवाज़ पहुंचाने की कोशिश की!... क्या आपको मेरी आवाज़ रोज़ आती थी मॉम?

मोमल ने नम आंखों से कहा :" हां मैं हर रोज़ डायरी से तुम्हारी आवाज़ सुन सकती थी! मैं ने उम्मीद नहीं छोड़ी मुझे लगता था के तुम एक दिन वापस ज़रूर आओगे!"

फीलिक्स :" मैं एक अच्छा इंसान बनूंगा मॉम! आप दोनों को मेरी चिंता करने की ज़रूरत नही है! मैं वहां से लौट आया हूं जहां से आना नामुमकिन था।"

मोमल ने कहा :" ऑल थैंक्स टू गॉड!.... चलो मैं तुम्हारे बाल काट देती हूं! कल तुम्हारे डैड आयेंगे तो हम शॉपिंग करने जायेंगे।"

फीलिक्स ने मुस्कुरा कर कहा :" मॉम मैं अब बड़ा हो गया हूं! मैं खुद काट लूंगा अपने बाल आप परेशान न हों!"

मोमल :" ठीक है तो मैं तुम्हारे लिए कुछ अच्छा खाना बनाती हूं! पता नहीं तुम ने कैद में क्या खाया!.... आज मैं बहुत खुश हूं के तुम सही सलामत आ गए, तुम्हारे डैड भी बहुत खुश होंगे!...मैं किचन जाती हूं तुम नहा कर तैयार हो जाओ!.... अब तो तुम्हे अब्राहम के कपड़े भी आ जायेंगे उन्ही के जितने लंबे हो गए हो!.... कुछ चाहिए होगा तो उनकी अलमारी से ले लेना।"

फीलिक्स ओके मॉम कह कर मोमल के कमरे में चला गया। कमरे में जाते ही पहले तो अपनी तस्वीर को देख कर मुस्कुराया फिर अलमारी खोल कर अब्राहम के कुछ कपड़े निकाले और बाथरूम चला गया। 

उधर अब्राहम एक मुसीबत में फंसा था। जिस से मोमल अंजान थी। 

To be continued........