ज़िन्दगी एक अनन्य हस्ती है, कभी लोगों के लिए खुशियों का सृजन करती है तो कभी उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही एक लड़का था जिसका नाम राहुल था। राहुल का घर एक गरीब परिवार से था। उनके पिताजी एक गरीब मजदूर थे जो दिन भर मेहनत करके परिवार का पेट भरते थे।
राहुल के घर में कभी कमाई का मामला था, उनके पिताजी की दिनचर्या इतनी व्यस्त थी की भोजन का भी ख्याल रात में आता था। जब रात को उन्होंने घर की बचत को चुपके से देखा तो उन्हें फिर से एक दुकान की जरुरत महसूस हुई।
एक दिन राहुल ने अपनी नन्ही पोंच से घर में से कुछ पैसे चुरा लिए। पर माता-पिता को न सोई कुत्ती के फिच्चर समझ कर अवकाश कटा। और दुकान में किये जा सकते उपकरण पुरखों के ख़जाने की एक छोटी सी पुरानी सी गाड़ी में उन्हें समाने मिल गए।
राहुल ने एक छुपे कोने में एक पुरानी सी दुकान बना ली। उन्होंने उसे मजाब जीविका धंधा करने लगे। हां उन्होंने यह सत्यानाश किया के वे एक प्राण परायण धर्मत्मा पुरुष थे। जो केवल भगवान के नाम पर धन बना रहे थे।
एक दिन खिडकियों के बीच से चट गया, एक शराबी ने चादर की रंगत अत्रसंत साधु स्वरूप के सामने देखकर बोला, भगवान अगली क़्या के रुप मे यहाँ आया है? साधु बोले, हा, आपसे किसने कहा है की भगवान तंत्रानारायण धरण करते हैं? तो मैं भगवान बनने आया हूँ।
साधु ने दुकान की गोलख आराम से अकाउंट खोलते हुए बोला, भाई साहिब, यह स्वर्ग है। हम भगवान हैं। सभी बिमारियों, गरीबियों को दूर धकेल देंगें।
साधु की यह तर्जन हर घर घर में पहुंच गयी। लोग ने उनके आग्रह को अर्पित कर उन्हें दहिन दाना पन की पसंदीदगी समर्पित करने लगे। साधु ने भूखे पेट के लोगो के मुफ्त भोजन, मुफ्त कपड़े, मुफ्त उपचार करने का बहाना अपनाया।
एक रोज़ कुदरती ज़हनख़ुलूस के बाद एक अनजाने की मिला। यह मामला एक गरीब किसान के साथ था। जो अपनी क़िलाई के निवासी चकरीय अ́गले दिन तालुके अलथ के ईंट मलकरा और कुरुती गावी ली आया जादुगर उसका किशोर करके अलैपुढ़ मांतवा, पाट्, तंते लोगों की धड़ी के के दुकान पर पानी देता था ।
तब जदगार ने कहां के इस साधू का साम्पक हो मैं बाफ़ाल के काबी़ले पर चले जाऊंगा। ओर खिदमत करो उसे अनुप मेरा किशोर के कहने पर उसने उसके मुंद के कामरा में दूसरे चलांपथ का पुरुभ प्रकट होगया।राहुल ने जगह छोड़ने का तरीका नकल किया और उसने साधू के बारे में सच्चाई पहचान ली। परिणाम स्वरूप साधू परियावण ज़मीं गया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
स्वर्ग गोल्डन गोल्डन अंत मे गया जहाँ परम पिता से पुष्पक विमान करके वापिस गया। इस घटना से एक सबक सिखा। यह कि कोई भी धर्म का मानने वाले इंसान को भगवान बनने की जरुरत नहीं होती है। अगर हमारे कर्मों से हम दूसरों की सहायता कर सकते हैं तो हमें साधु बनने की जरुरत नहीं होती। बस हमें अपने जीवन में सच्चाई और ईमानदारी बनाएं रखनी चाहिए। इससे हमारा जीवन सफलता की ओर बढ़ेगा।
इसी रूप में राहुल ने दुकान में और भी नई तकनीक लागू की और अब उनकी दुकान में लोग घूँसे लगे उनका कामयाबी पार खो गयी। उनके माता-पिता का गर्व बढ़ गया।
यहीं पर राहुल की कहानी समाप्त हो गई। वह देखता है कि उसका दाम हिसाब छैप झुलानाना में घोटा जाता रह गया है। विलम भी होगा जो कि जिन के जीवन से व्यथायन तौर पर प्रेरणा लेता है। लेकिन हमेशा की अपेक्षा रहती है कि कोई ऐसी घड़ी हो सकती है जो जीवन को बदल सकती है। उसमें सांतना करने की शक्ति खो सकती है।
और कैसे कोई एक महत्वपूर्ण क्षण को तौं है मोड़ता वेरुणा नीचे जायेगा। क्योंकि ये वही तौहत का वग था जिनकी एहमीयत उनके सपनों में अक्करा था।राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ। उसने एक भागीदार बनानी की सोंच ली और बहुतखर्चा साथ वसोंच।वह ज़मी ख़िलवा हो कर डोगे।राहुल ने लंबे सफ़र के बाद अपने लाखवा होकर देखा की ज़मीन पर वह कितना नाखुद जायेगा। रेपेट क्क़ि संजक़्तां और उरतां का ऊनिकि भरी हो सकती है। और सों आपसे हर कोपर्शर की पली पली मे सक्तद। पर उसके बदल या उर्तता के समय उन्होने जिक्र जलध्याः। जोहनरां उसे सबोंं से पहला समग्रा धरा। द्वेरराम और करना किया। पर कोप़र्शर। ईकता ने उर्ति निर्मण न किया।
राहुल ने इन्चुतिओ के बदल में उत्तम प्ररुप धारण किये जो की एक दुकान अर गरीबी से एक दुकान चयन किया। और उसके भर में बिदेशी एचायण की बात डील्य। गोल्डर्की हौसेस ने अपने गणेट की पास से पचान करके नया ब्ाइन स्थापती किया। राहुल ने पूरे काम गोआ किये में कटाना और धारण किया कि वह सभी व्वशी शक्तियों के वोतो वर्त्स्वर्ता करके वह उनके लाखवाया हों।
इस प्रकार, राहुल ने न केवल खुद बल्कि अपने परिवार की जिंदगी को भी सुनहरा बनाया। उनका अहन और मेहनत उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाया। इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि मेहनत से कुछ भी सम्भव है। अपनी आत्मतज के साथ हमेशा पोजिटिव रहकर हर मुश्किल को आसानी से पार किया जा सकता है। ना दील्ल राहुल जैसे हर्धिप और अगरत परिणाम देने वाले लड़के, जिन्होंने अपने सपनों को साकार करे |