"इस शहर मे कुत्तों को कौन सी सहूलियत चाहिए कौन सी नही, इस पर यह मीटिंग बुलाई गई है " मेयर ने कहा
"सीधी सी बात है कि उन्हे घूमने के लिए आज़ादी वाली जगह चाहिए तो पार्क बनाना होगा, उनके लिए " एक मेंबर बोला
बिजली वाले इंजीनियर ज़रा सोच रहे थे, "ऐसा है कि पूरे शहर का कैब्लिकरण का प्लान हमे फिर से सोचना होगा"
मेयर "क्यों क्या हुआ "
"अगर शहर मे एक भी खम्बा न बचा तो सोचिये कि कुत्ते लोग लघु शंका कैसे करेंगे, कार के टायर और दीवारों पर न? "
"हाँ वो तो है, तो ऐसा करेंगे कि पार्क मे ही हम कई सौ खम्बे लगवा देंगे और कुत्तो को सुविधा हो जाएगी " मेयर ने सुझाव दिया।
यह प्रस्ताव पास हो गया। दोनो काम के लिए नौ करोड़ की राशि पास कर दी गई।
अब विस्तार से लिखता हूँ
शहर के कुत्तों की सुविधा के लिए मेयर का अनोखा प्रस्ताव
शहर के मेयर ने एक दिन सोचा, "अगर शहर में एक भी खंबा न बचा तो सोचिए कि कुत्ते लोग लघु शंका कैसे करेंगे? कार के टायर और दीवारों पर न?" यह विचार आते ही मेयर ने तुरंत एक बैठक बुलाई। सभी अधिकारी और नगर निगम के सदस्य एकत्र हुए।
मेयर ने गंभीरता से कहा, "हमारे प्यारे कुत्तों के लिए हमें कुछ करना होगा। अगर खंबे नहीं रहेंगे तो वे बेचारे कहाँ जाएंगे?" सभी ने सहमति में सिर हिलाया। एक अधिकारी ने सुझाव दिया, "तो ऐसा करेंगे कि पार्क में ही हम कई सौ खंबे लगवा देंगे और कुत्तों को सुविधा हो जाएगी।"
यह सुनते ही मेयर की आँखें चमक उठीं। "वाह! क्या सुझाव है! इससे न केवल कुत्तों को सुविधा होगी, बल्कि हमारी कारों और दीवारों की भी रक्षा होगी।" सभी ने तालियाँ बजाईं और प्रस्ताव पास हो गया।
नगर निगम ने तुरंत काम शुरू कर दिया। पार्क में खंबे लगाने के लिए नौ करोड़ की राशि पास कर दी गई। शहर के हर पार्क में खंबे लगने लगे। कुत्ते भी खुश हो गए। अब उन्हें लघु शंका के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता था।
एक दिन, एक कुत्ता दूसरे कुत्ते से बोला, "भाई, ये मेयर तो कमाल का है। हमारे लिए इतना सोचा। अब हमें कार के टायर और दीवारों पर लघु शंका करने की जरूरत नहीं।" दूसरा कुत्ता हंसते हुए बोला, "हाँ, और अब हम आराम से पार्क में खंबों का आनंद ले सकते हैं।"
शहर के लोग भी खुश थे। उनकी कारें और दीवारें साफ-सुथरी रहने लगीं। मेयर को भी शहरवासियों से खूब तारीफ मिली।
इस तरह, मेयर के इस अनोखे प्रस्ताव ने शहर के कुत्तों और लोगों दोनों की समस्याओं का समाधान कर दिया। और शहर में एक नई मिसाल कायम हो गई कि कैसे एक छोटे से विचार से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
2 साल बाद
कुत्ते कहीं भी घूमते है, कहीं भी लघु शंका करते है
बेचारे क्या जाने, मेयर साब ने उनके लिए पार्क मे खम्बे लगवाए है
अगली मीटिंग हो रही है यह निर्णय लेने को कि कुत्तो को कैसे समझाया जाए कि सू सू पार्क वाले खम्बों पर ही करना चाहिए।
( हमारी प्लान करने वाले ऐसे प्लान करते है कि ऐसी मीटिंग चलती ही रहें आगे भी नही तो मेयर साब को कौन पूछेगा?)