नफ़रत-ए-इश्क - 4 Sony द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

श्रेणी
शेयर करे

नफ़रत-ए-इश्क - 4

तपस्या के बारेमे सोच कर विराट एक डेवल स्माइल लिऐ बालकनी से निकल कर चेंजिंग रूम के तरफ चला गया। कुछ 10 मिनट में वो रेडी होकर बाहर आया तो जानवी बाथरोब पहने मिरर के सामने खड़ी थी।"मुझे कुछ जरूरी काम आ गया है ,तू रेडी हो जा ड्राइवर आएगा तुझे पिक करने ।"बिना जानवी की तरफ देखे कहते हुए विराट रूम से बाहर निकल गया।



विराट को जाते हुए जानवी खामोशी से मिरर में से देख रही थी ।विराट के जाने के बाद वो खुद को मिरर में देखने लगी। और खुद को देखते हुए ही वो बाथरोब के लेस खोलकर उसे खुद से अलग कर देती है और अपने पूरे बॉडी को मिरर में ऊपर से नीचे तक निहारने लगती है। पूरी जिसमें विराट के दिए हुए  बाइटिंग मार्क्स को अपने उंगलियों से छू कर महसूस करती है। और विराट के साथ बिताए पलों को याद कर गहरी सिसकियां भरने लगी। इस वक्त उसके एहसास विराट केलिए सनक से भरी हुई थी।



"आई लव यू विराट। तुम्हारे दिल, दिमाग , जिस्म,तुम्हारे रग रग पर, तुम्हारे हर एक सांस पर बस मेरा ही हक है । किसि की याद में तेरे जहन में हावी नहीं होने दूंगी। अपने जिस्म के नशे में तूझे इस कदर डुबाकर रखूंगी के तेरे ऊपर किसी और का नशा चढ़ेगा ही नहीं।"सनक भरी आवाज में खुद से बडबडाते हुए वो  नजर घुमा कर अपनी नजर कनवास के उस जले हुए पेंटिंग पर टिका देती है ।



चार कदम चलकर उस जले हुए पेंटिंग के राख को अपने हाथों में भरकर वो कुछ पल उसे गौर से घूर ने लगती है ।जैसे वो उस जले हुए राख को नहीं बल्कि खुद तपस्या रायचंद को ही घुर रही हो। फिर उस राख को एक फूंक के साथ हवा में उड़ाते हुए नफरत से भरी हुई आवाज में बोली,"बस एक बार ,बस एक बार तुझसे और तेरी फैमिली से विराट का बदला पूरा हो जाए ,फिर बस इसी तरह से ही तुझे विराट के जिंदगी से और जेहन से भी राख बनाकर हवा में उड़ा दूंगी।"कहते हुए वो एक मिस्टीरियस स्माइल देती है ।

दूसरे और मुंबई एयरपोर्ट में......



मुम्बई  एयरपोर्टएक लड़की एयरपोर्ट से बाहर आकर एग्जिट डोर के पास खड़ी हो जाती है। और नजर घुमाकर सुकून से चारों ओर दिखने हुए गहरी सांस लेने लगती हे। जेसे किसी अपने को महसूस कर रही हो।उसकी खूबसूरत काली आंखों में गुरुर के साथ-साथ मासूमियत भी थी। उसके लंबे शाइनी हल्के ब्राउन बाल हवाओं से उड़कर उसके चेहरे पर बिखर रहे थे ।और वो  उसे blew करते हुए चेहरे से  हटाने की नाकाम कोशिश कर रही थी।



ऑफ शोल्डर के वो ब्लैक knee लेंथ ड्रेस उसके दूध जैसे सफेद और खूबसूरत बॉडी को और भी अट्रैक्टिव बना रही थी । जिस को उसने पतले हल्के रेड कलर के नेटेड ओवरकोट से आधे ढक रखा था।  हल्के पिंक लिपस्टिक से लिपटे उसके गुलाब के पंखुड़ी जेसे होंठ। और उन  पर वो हल्की सी मुस्कान, उसके खूबसूरत चेहरे पर चार चांद लगा रहे थे। वो अपने ही धुन में खड़ी इधर-उधर देखे जा रही थी ।लेकिन आते जाते हर किसी की नजर एक पल के लिए उसके उस बेदाग खूबसूरती पर ठहर रहीं थी।



वो लड़की वही एग्जिट डोर के पास खड़ी आते जाते लोगों को एक नजर देखते हुए मुंह बनाकर खुद में ही बड़बड़ाने लगी ,"हमें तो  लगा के इतने सालों के बाद हम इंडिया आए हैं तो दादू एयरपोर्ट पर हमारा एक ग्रैंड वेलकम तो करेंगे ही ।"कहते हुए ही वो थोड़ा रुक गई। और कुछ सोच कर फिर से बोली,"चलो ठीक है सिक्योरिटी रीजन और व्हाट एवर,वेलकम ना सही ड्राइवर को तो टाइम पर भेज ही सकते थे ना।"बोलकर वो पर्स से फोन निकाल कर किसी को कॉल लगाने लगी ।




वो लड़की कॉल पर बात करते हुए ,"दिस इज नॉट फेयर भाई। हमें आए हुए पूरे 15 मिनट हो गए हैं ,खुद आना तो दूर, दादू ने तो ड्राइवर भी नहीं भेजा।"कहते हुए गुस्से से उस लड़की के गाल लाल हुए जा रहे थे। फोन के दूसरे ओर से अभय फिक्र भरी आवाज में,"सॉरी तपस्या हम बस रास्ते में ही हैं। वो अचानक गाड़ी खराब हो गई दूसरी गाड़ी मंगवा कर आने में थोड़ा लेट हो गया ।प्लीज हिटलर रायचंद को कुछ मत बताना वरना मेरा कोर्ट मार्शल तो पक्का ही है ।



"तपस्या मुस्कुराते हुए,"नहीं बोलेंगे भाई ,आप बस जल्दी आ जाइए।""आप बस पलक झपकाइये,और हमारा इंतजार कीजिए हम बस 5 मिनट में आए।"अभय ने प्यार से लिकिन जल्दी जल्दी से कहा और फोन कट कर दिया।



तपस्या फोन के तरफ घूरते हुए मासूमियत भरी शक्ल बनाकर ,"अभी तो बोले 5 मिनट में पहुंचेंगे ,और अभी फिर बोल रहे हैं कि पलक झपकते हुए आएंगे। हमें क्या पलक झपका ने में 5 मिनट लगते है?"खुद से ही बडबडाते हुए वो दो तीन बार अपनी पलकें झपका देती हे। उसकी लम्बी गहरी पलकें एक दूसरे से टकराकर उसके चहरे की मासूमियत को कई गुना और बढ़ा देती हैं।तपस्या खुद से ही मुस्कुराते हुए अपने फोन चेक करने लगी ।



वही तपस्या के बस 10 कदम के दूरी पर विराट पिलर से टिक्कर खड़ा हुआ न जाने कब से उसे अपलक देखे जा रहा था। तपस्या को देखते हुए उसके चेहरे के भाव पल-पल बदल रहे थे। कभी दर्द ,कभी नफरत ,कभी गहरी मोहब्बत  कभी बेताबी तो कभी मासूमियत और कभी तबाह कर देने वाली नजरे।एयरपोर्ट के आते-जाते लोगों के चहल पहल, गाड़ी के हॉर्न की आवाज प्लेन की अनाउंसमेंट के शोर के बीच भी  विराट को बस कुछ दर्द भरे चीख ,किसी की खिलखिलाती हंसी और किसी की गिड़गिड़ाने की और रोने की आवाज ही सुनाई पड़ रही थी ।इतनी भीड़ के बीच भी वो बिल्कुल अकेला था। मोबाइल के बीप की आवाज से एक पल के लिए विराट तपस्या के ऊपर से नजरे हटाकर अपने मोबाइल के स्क्रीन पर फ्लैश हुए मैसेज को नफरत भरी आवाज से लाउडली पढ़ने लगा ।



"मिस तपस्या रायचंद एशिया के टॉप मोस्ट बिजनेस टाइकून यशवर्धन रायचंद की पोती बहुत जल्द इंडिया आ रही है। अपनी चाइल्डहुड लव mr सिद्धार्थ ओबेरॉय के साथ हमेशा के लिए एक अटूट बंधन में बंध ने के लिए ।"आखरी के लाइन पढ़कर वो थोडा रुक गया। और फिर दुबारा से उसी लाइन को दांत पीस कर दबे लफ्ज़ों में दहराने लगा।"चाइल्डजुड फ्रैंड सिद्धार्थ ओब्रॉय के साथ हमेशा केलिए एक अटूट बंधन में बंधने केलिए!!!"लेकिन इस बार उसके आवाज और अंदाज में सौ गुना ज़्यादा नफ़रत छलक रही थी।



न्यूज़ के हैडलाइन को पढ़ते हुए विराट के आंखें लाल होने लगती है ।जैसे उसमें खून उतर आई हो। चेहरे पर गुस्सा नफरत दर्द जिसकी कोई सीमा नहीं हो ।वो वैसे ही तपस्या को देखते हुए  अपना सिर पिलर पर टिका देता हैं। उसके आंखों के कोने में ठहरी हुई एक आंसू कि बूंद तेजाब जेसी दहक रही थी। मानो अगर छलके तो सब तब्हा करदे।कुछ दर्द और कुछ नफरत भरे कांप ती आवाज में विराट तपस्या को गहरी नजर से देख कर  बोला


,"मेरी शायरी के खजाने से आपके लिए आज का हिस्सा प्रिंसेस



,"अर्ज किया हे,

छोटी सी इस कहानी को,एक और फसाना मिल गया ।हमें उनसे नफरत का ,एक और बहाना मिल गया। ।"


कहते हुए विराट सीधे खड़े होकर एक डेविल अंदाज में तपस्या को देखते हुए एक नफरत और सनक भरी आवाज में बोला ,"be ready Miss तपस्या रायचंद जिस तेजी से आपके दादाजी ने आपको अपने अतीत से दूर भेजा था, आप का अतीत अभी उतनी ही तेजी से आपके ओर बढ़ने लगा है। अब बस 10 कदम की दूरी । फिर यशवर्धन के दिल के टुकड़े के हाथों से ही उसके रिश्ते,ज़िंदगी, गुरूर , भरोसा सबके टुकड़े टुकड़े होंगे।"बोलकर वह आगे कदम बढ़ाने लगा ।


फिर कुछ सोच कर अपने कदम रोकते हुए एक डेविल स्माइल लिए बोला,"कभी आपका बेस्ट फ्रेंड हुआ करता था प्रिंसेस ।हमारी दोस्ती के तो मिसाले दिए जाते थे । उसी दोस्ती के लिए आपको एक मौका देना तो बनता ही है ।"बोलकर वो अपने दोनों हाथ अपने पैंट की पॉकेट में रखकर  नजरे तपस्या पर टिका ते हुए, कॉन्फिडेंस से भरी आवाज  में बोला,"मैं आपसे नहीं टकराऊंगा। और अगर आज आप मूझसे  नहीं टकराएंगी तो ये बदला , ये नफरत सब खत्म। और में इतनी दूर चला जाऊंगा आपसे कि फ़िर कभी आप के दादू को मुझसे आपको छुपाने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।"बोलकर वो अपने सिर टेढ़ा किए तपस्या को देख एक अजीब ढंग से स्माइल करते हुए बोला,"लेकिन कहीं अगर आप मूझसे टकरा गई तो.....

कहकर वो अचानक अपने चेहरे के भाव बदलते हुए, दांत पीसकर अपने  एक-एक शब्द पर दबाव देते हुए बोला,"अगर आप मुझसे टकराई तो यूं बिखरेंगी के इस जनम में तो क्या अगले 7 जन्मों तक खुद को समेट नहीं पाएंगी।"बोलकर वो सर्द अंदाज में काउंटिंग शुरू करने लगा,"1,2,3,4,5,6,7 "और हर एक काउंट के साथ आंखों में अपने ग्लासेस चढ़ा कर चलते हुए तपस्या के ओर एक-एक कदम बढ़ा ने लगा।


तपस्या की नजर अब तक अपने मोबाइल स्क्रीन पर ही टिकी हुई थीं। वो लगातार मोबाइल पर नजर टिकाए किसी से मैसेज पर बात करने में बिजी थी ।विराट कदम बढ़ाते हुए उसके मोबाइल स्क्रीन पर एक तिरछी नजर डालकर उसके साइड से गुजरने लगा । (वादे के मुताबिक बिना  उससे टकराया और बिना उसके साथ उलझे )लेकिन मोबाइल की स्क्रीन पर नजर पड़ते ही उसकी मुठिया कश गई और नशे तन गए थे। आंखों के भाव सनग्लासेस के पीछे छुप गए थे ।लेकिन चेहरे के भाव कुछ इस कदर थे जैसे कोई तूफान आने वाला हो।



तपस्या के साइड से गुजरते हुए वो अपने काउंटिंग जारी रखते हुए ,8,9 ,10 कहने से पहले ही एक फोन कॉल के साथ उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। ब्लूटूथ ऑन करके वो अपने काउंटिंग जारी रखते हुए कहता है ,"10 and boom."बोलकर वो एक अजीब सी मुस्कान लिए फोन पर,"आई लव यू प्रिंसेस । यू मेड माय डे।"थोड़ा तेज आवाज में बोलकर आगे बढ़ने लगा ।तपस्या जो उसके बस दो कम ही पीछे खड़ी थी जब उसके कानों में वो शब्द और आवाज पड़ी तो वो पीछे मुड़कर विराट को पीछे से देखने लगी। आगे बढते हुए विराट  के चेहरे पर अभी भी एक डेविल स्माइल कायम थी । और वो तपस्या की नजरें खुद पर महसूस कर पा राहा था।



वो दबे लफ्जों में किसी से बहत ही प्यार से बात कर रहा था। तपस्या उसे आवाज देते हुए,"एक्सक्यूज मी ?"विराट अपने बढ़ते कदम रोक लेता है और धीमे से बोला,"आई विल कॉल यू बैक प्रिंसेस।"बोलकर वह ब्लूटूथ ऑफ कर देता है ।और अपने चेहरे के भाव बदलकर एक शांत चेहरा लिए , तपस्या की ओर पलटा ।जहां तपस्या उसे सवालिया नजरों से पहले से ही देख रही थी।"आपने हमसे कुछ कहा ?"पूछते हुए तपस्या के लफ्ज लड़खड़ा रहे थे। जैसे कुछ असमंजस में हो ।और बोलते हुए ही आदतन अपने चेहरे पर बिखरे बालों को फूंक से हटाने की नाकाम कोशिश कर रही थी।विराट उन दोनों के बीच के वो दो कदम के फासले दूर करते हुए बिल्कुल उसके सामने खड़ा हो गया ।और अपनी आंखों से ग्लासेस निकालकर एक गहरी नजर से तपस्या को देखने लगा ।



तपस्या जो इस वक्त उसे ही देख रही थी ,उसकी नजर विराट के गहरी नीली आंखों से टकरा गई।और वो विराट के उन आंखों में कुछ फलों के लिए गुम हो गई ।विराट अपनी उंगलियों के हल्के टच से तपस्या के चेहरे पर बिखरे बालों को कानों के पीछे करते हुए ,उसके और हल्के से झुकने लगा। और दबे और सेड्यूजिंग अंदाज में बोला ,"No मिस तपस्या रायचंद,आपसे नहीं मैं अपनी प्रिंसेस से बात कर रहा था that आई लव हर सो मच ।"

             

 पढ़ना जारी रखें.......❤️

तपस्या रायचंद से किस बात का बदला लेना चाहता है विराट?जानने केलिए पढ़ना जारी रखें।

प्लीज कमेंट रिव्यू और फॉलो करना न भूलें.... वैसे भी में भूलने दूंगी ही नहीं हर चैप्टर के बाद रिमांड तो करूंगी ही।❤️❤️