अब तक
रागिनी की मां ने जब रागिनी को स्कूल छोड़कर घर वापिस लौटी और अपने कमरे में गई तो उन्होंने देखा कि उसका हसबैंड उसके इंतज़ार में बैठा हुआ था। उसके हसबैंड ने उसे किस करके बेड पर लेटा दिया और एक चादर निकालने लगा जिसे देखकर उसके पत्नी उसे दूर जाने लगती है लेकिन उसके हसबैंड ने उसकी पैरों को पकड़ा और अपने तरफ तानने लगा।
अब आगे
"यह आप क्या करने की सोच रहे हो? मुझे यह सब नहीं करना है! मै यह सब नहीं करना चाहती"....रागिनी की मां ने अपने हसबैंड से कहने लगी।
उसके हसबैंड ने उसकी पैरों को पकड़ा और एक ज़ोर की झटके से अपनी ओर खीच लिया के तभी अचानक ज़ोर से ज़मीन में कुछ गिरने के एक आवाज़ आई जिसे देख कर उसका हसबैंड एक खतरनाक मुस्कान दे दिया फिर ज़ोर ज़ोर से हसने लगा।
"तुम्हे क्या लगा था के मैं तुम्हारे साथ वह सब करूंगा? ऐसा सोच भी कैसे सकती तुम घटिया औरत".... उसने रागिनी की मां से कहा और अचानक से उसने वह सफेद चादर लिया और रागिनी के मां के चेहरे को धांक दिया। उसके बाद उसने अपना पैंट का बेल्ट उतारा और अपनी वाइफ की गले पर लपेट दिया और दबाने लगा।
"पहले मै तुझे मारूंगा उसके बाद तेरी बेटी को! मैंने तुझे एक बेटा मांगा था लेकिन तूने के एक बेटी को जन्म दिया?"... उसके हसबैंड ने उसके गले को दबाते हुए कहा।
रागिनी की मां अपनी हाथ और पैर दोनों चलाए जा रही थी। उसकी सांसें फूल रही थी। लेकिन तभी उसकी हाथ कोई चीज पर जा पड़ी। उसने उस चीज़ को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया और अपने हसबैंड को दे मारा जिससे उसकी हसबैंड की मूह से एक ज़ोर की चीखें निकल गई और वह पीछे दीवार पर जा बैठा।
तभी रागिनी की मां ने जल्दी से अपने चेहरे पर से चादर हटाया और उसने पहले थोड़ी सांस ली और सामने बेड के पास एक पानी की बॉटल से पानी पीने लगी। ठीक उसके दो मिनट उसने अपने हाथों पर एक कांच का फ्लॉवर वास पकड़ी और अपने हसबैंड की ओर बढ़ने लगी।
तेरी इतनी हिम्मत के तू मेरी बेटी को मारने चला? तू के निहाती कुत्ते से भी बिगड़ा हुआ इंसान है! तुझे तोह इंसान भी नहीं कहा जा सकता ! क्यूंकि तू एक राक्षस है"....रागिनी की मां ने कहा और अपने हसबैंड के सीर पर उस फ्लॉवर वास से दे मारा जिससे उसका हसबैंड की ज़ोर से एक और चीख निकली और देखते ही देखते वह वहीं बेहोश हो गया। उसके सीर से खून निकलना स्टार्ट होगया था और लगातार बहे जा रहा था
रागिनी की मां ने जब देखा कि उसका हसबैंड बेहोश पड़ा है तोह उसने जल्दी से रूम का दरवाज़ा खोली और वहा से निकल गई और सीधे main प्रवेश द्वार में जाने लगी।रागिनी को ऐसा देख घर वाले सोच में पढ़ गए और समझ चुके थे कि कुछ तोह ज़रूर हुआ है।
रागिनी की मां ने आओ ना ताओ देखा ! सीधे घर से बाहर निकल गई और सामने खड़ी कार में बैठ गई।वह गाड़ी रागिनी की मां की प्राइवेट थी।
दरअसल रागिनी की मां ने शादी से पहले बोहोत सारे स्पोर्ट्स और मर्टियल आर्ट्स सीखी हुई थी और उसके साथ साथ ड्राइविंग भी लेकिन शादी के बाद उसकी लाइफ का मज़ाक बन गया। सारे घर वालों की ताने सुनने मिलती और यह तक की उसकी हसबैंड की दोस्त भी उसे गंदी नियत से देखते थे।
"मुझे जल्दी करनी होगी! मेरी बेटी की जान खतरे में है और मैं यहां? भला मै आज मर जाऊ लेकिन अपनी बेटी को किसिके हाथ से मरने नहीं दूंगी"....यह कह कर उसने अपनी कार स्टार्ट किया और वहा से निकल लिया।
यहां जब रागिनी की मां रागिनी को लेने निकल चुकी थी तोह वहीं रागिनी अपने स्कूल में अपनी दूसरी क्लास अटेंड कर रही थी। उसके क्लास ख़तम होने के बाद रागिनी वॉशरूम के लिए चली गई थी के ठीक इतने में ही रागिनी को एहसास हुआ के कोई उसे फॉलो कर रहा है।रागिनी ने पीछे मुड़कर देखा तोह पाया कोई नहीं है और पूरा कॉरिडोर खाली पड़ा हुआ है लेकिन तभी अचानक उसकी नज़र सामने कॉरिडोर के दरवाज़े पर पड़ती है जहा उसने देखा एक आदमी उसे घुर रहा था।रागिनी जल्दी से वॉशरूम की ओर भागने लगी लेकिन तभी पीछे से एक हाथ उसकी कलर को दबोच लिया।
"छोड़हिए मुझे! मैंने कहा छोड़हिए"....रागिनी चिल्ला-चिल्ला कर कहती रही।
"मैं तुझे नहीं छोड़ सकता क्यूंकि आज सुबह से रात तू मुझे सेटिस्फाई करेगी"....यह कह कर वह आदमी ने एक घिनौनी मुस्कान दिया और रागिनी का शर्ट फारने की कोशिश करने लगा के ठीक इतने में किसीने उस आदमी को शूट कर दिया और वह आदमी नीचे ज़मीन पर गिर गया।गोली सीधे उस आदमी के पाऊ में जा लगे थी।
"आह मेरा पैर!"....उस आदमी ने दर्द से चिल्ला उठा।
उसने देखा कि 30 या 35 साल की औरत अपने हाथों में बंदूक लेकर खड़ी हुई थी और निशाने सीधे उस आदमी के माथे पर थी।
"तेरी इतनी हिम्मत के तू मेरी बेटी के साथ गलत हरकत करेगा और मै तुझे छोड़ दूंगी? वह आशा मेहरा की बेटी है समझा"... जैसे ही उस आदमी ने मेहरा नाम सुना उसके पाओ तले ज़मीन घिसक गए।
"मुझे माफ़ कर दीजिए प्लीज ! मुझे माफ़ कर दीजिए".... उस आदमी ने गिर गिराते हुए कहा लेकिन आशा ने उसकी एक भी नहीं सुनी और सीधे गोली उसके माथे पर मारदी। Woh आदमी अब मर चुका था और अब पूरा कॉरिडोर पर सन्नाटा छा गया था।
आशा ने उसके बाद अपनी बेटी को स्कूल से बाहर लाया और अपने गाड़ी में बैठकर रवाना हो गई।
"रागिनी आज हम चलेंगे आनत आश्रम जहा bohot सारे बच्चे रहते बिल्कुल तुम्हारी तरह! बोहोत मज़ा आएगा तुम्हे क्यूंकि आज हम दोनों वहीं रहेंगे! ओके बेटा?"..... आशा ने रागिनी से कहा और सीधे कोलकाता की फेमस आनात आश्रम पर लेकर चली गई।
"मम्मी यह आनात आश्रम सच में अच्छी होती हैं क्या? क्या मै वहां खेल सकती हूं जैसे घर पर खेला करती".... रागिनी ने अपनी मां से पूछा।यह बातें सुनकर उसकी मां के आंखों से आसूं आने लगे और वह रागिनी को अपने कंधे पर उसकी सीर रख दिया।
अब आगे क्या होने वाला है? क्या लगता है आपको? क्या होंगे इन सारे सवालों के जवाब?
जानने के लिए पढ़ते रहे "Aapke Aa Jaane Se"