Episode 3
अब तक
जब साहिल ने रेडियो जॉकी से बात खतम की थी तोह हावड़ा में दूसरी ओर एक चिती सी कम्पनी में एक लड़की जिसका नाम रागिनी था वह मन ही मन कुछ कहे जा रही थी और जब साहिल धाबे से बाहर निकला ही था उतने में अचानक एक लड़का साहिल से मिलने आया जो साहिल का दोस्त था जिसका नाम रौनक था।
अब आगे
जब साहिल ने रौनक का सवाल सुना तोह उसने अचानक से रास्ते के बीच में ही गाड़ी रोक दिया और रौनक को गौर से ताकने लगा और मुस्कुराते हुए रौनक के सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया।
"अबे ओह! ज़ुबान संभाल कर बात बोलना, समझा ? और मैंने ऐसा क्या गलत बोल दाला जिससे तू इतना भड़कदा ? जो सच है वही तोह मैंने कहा?"....साहिल ने रौनक के सीर पर मज़ाकिया अंदाज़ में एक मुक्के मारते हुए कहा।
"चल मैं मान लिया तूने सही कहा लेकिन भाई ! यह सारे सोसायटी वाले क्या कहेंगे?...भाई साहिल तेरे में दिमाग है की नहीं? तूने तोह पूरे कोलकाता शहर वासियों को ही सुना दिया। वह लोग क्या सोचेंगे तेरे और तेरे परिवार के बारे में?"....रौनक ने साहिल से पूछा।
"अबे ओए? तुझे क्या लगता है मुझे इन सोसायटी वालों के बारे में पता नहीं ! इनके बारे में रत्ती रत्ती पता है मुझे! यह कैसे टाइप के लोग है? यह सोसायटी के लोगों को सिर्फ कोई ना कोई नई टॉपिक चाहिए ताकि वह उस टॉपिक में जितने हो सके घी में नीमक चीड़के".....साहिल ने रौनक को जवाब देते हुए कहा और फिर से अपनी गाड़ी स्टार्ट किया और रौनक से चल दिया।
दोपहर के 12:00 बज चुके थे और अब रागिनी की ऑफिस ड्यूटी टाइमिंग ख़तम हो चुका था। रागिनी की जॉब सुभें 7:00 बजे से लेकर दोपहर के 12:00 बजे तक का था।रागिनी एक शादी-शुदा लड़की थी और उसकी ज़्यादा उम्र भी नहीं थी। रागिनी 30 साल की थी। रागिनी की शादी 25 वर्ष में ही हो चुकी थी। रागिनी की ज़िन्दगी बोहोत अच्छी चल रही थी और उसके घर पर खुशियां भी आने वाली थी और आ भी चुकी थी के अचानक ठीक उस दिन रागिनी की हसबैंड का एक्सिडेंट हो जाता है और वह वहीं अपना दम तोड़ देता है। रागिनी को जब यह बात पता चलती है तोह वह पूरी तरह से टूट जाती हैं क्यूंकि उसका अब इस दुनिया में और कोई भी नहीं था।दरअसल रागिनी एक अनात लड़की थी पर पूरी तरह से नहीं क्यूंकि जब रागिनी का जन्म हुआ था तोह रागिनी के बाबा खुश नहीं थे क्यूंकि उन्हें एक बेटा चाहिए था लेकिन रागिनी की मां ने रागिनी को अपने दिल से अपना लिया था। रागिनी के इस दुनिया में आने से घर वाले में से कोई खुश नहीं था सिवाई उसकी मां की। आए दिन रोज़ घर पर रोज रागिनी के मां और बाबा के बीच झगड़े होते रहते थे। रागिनी के बाबा रोज़ उसके मां यानी अपनी वाइफ को मारते रहते थे लेकिन कोई रोकने नहीं आता था। उसकी मां चिक्ते चिल्लाए जाती थी लेकिन कोई सुनने वाला नहीं होता क्यूंकि उसका पति रूम बांध करके उसे टॉर्चर करता था।
एक दिन रागिनी अपने स्कूल के लिए निकली हुई थी। उसकी मां ने ही अपने पैसों से उसे स्कूल में दाखिला करवाया था और बचपन से उन्होंने ही रागिनी को स्कूल पहुंचने और ले आने की ज़िम्मेदारी अपने हाथों लेली क्यूंकि उन्हें इस बात का दर था कहीं उसकी बेटी को उसके घर वाले कुछ कर ना दे।जब वह वापिस अपने घर आई और अपने बेडरूम में गई तोह उसने देखा उसकी हसबैंड बैठे उसके इंतज़ार में था।
"आप यहां मेरे कमरे में? कुछ बात है क्या ?"...रागिनी के मां ने अपने हसबैंड से डरते हुए पूछा।
"मैं तुम्हारा पति हूं ! क्या मेरा कोई हक नहीं बनता तुम्हारे साथ थोड़ी बोहोत वक़्त बीताने का?"....उसके हसबैंड ने मीठी सुर में कहा।
उसके बाद उसने रागिनी की मां को पलंग पर गिरा दिया और दरवाज़ा को अंदर बंद कर दिया और रागिनी के मां के पास जाकर बैठ गया। उसके बाद उसने दोबारा से रागिनी के मां को उठाया और उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसने अपनी वाइफ को बेड पर अपने साथ लेकर लेट गया।उसके बाद उसने एक सफेद रंग का चादर निकाला जिसे देखकर रागिनी की मां पीछे की ओर घिसकने लगी।
"आप ! आप यह क्या करने जा रहे हो? दूर हो जाइए आप! निकल जाइए मेरे कमरे से प्लीज?"....रागिनी के मां ने डरते हुए कहा।
उसके हसबैंड ने एक शैतानी मुस्कान दी और अपनी वाइफ की पैरों को पकड़ लिया और अपने तरफ तानने लगा।
अब आगे क्या होने वाला है? क्या लगता है आपको? क्या होंगे इन सारे सवालों के जवाब?
जानने के लिए पढ़ते रहे "Aapke Aa Jaane Se"