Episode 2
अब तक
साहिल दिल्ली से अपनी पढ़ाई खतम करके वापिस कोलकाता में प्रवेश किया और वह एक धाबे में जाकर रुखता है। उस धाबे का मालिक साहिल की चीन पहचान का ही था। कुछ देर के बाद साहिल रेडियो सुनने लगता है।
अब आगे
साहिल ने अपने जेब से फोन निकाला और रेडियो स्टेशन पर कॉल लगा दिया। कुछ सेकंड तक घंटी बजते रही उसके बाद फोन रिसीव करने की आवाज़ आई।
"अरे यह कैसा सवाल है आपका? एकदम एमेच्योर? और प्यार के मैटर में उम्र का क्या लेना देना? आप लोग क्या जानो, प्यार होता क्या है? जब कोई बंदा बावला होजाए ना तोह वह उम्र का हिसाब नहीं रखता ! और एक बात ! जबतक प्यार करने में थोड़ी पागलपन ना हो ना तो प्यार करने में मज़ा ही क्या है? है ना?"...साहिल ने अपनी बात ख़तम किया और फोन कट कर दिया।
जब यहां धाबे पर यह सब बातें हो ही रही थी तोह हावड़ा की दूसरी ओर एक छोटी सी कम्पनी जिसका नाम "अरूषा टेक्सटाइल कम्पनी लिमिटेड" था ! उस कम्पनी में एक रागिनी नाम की लड़की जो टीम लीडर की पोजिशन में थी ! वह अपने सारे टीम मेंबर को लीड करते हुए रेडियो सुन्न रही थी।
"यही तोह प्रॉब्लम है आज कल के कपल्स में ! प्यार के नाम पर सिर्फ मज़े लेते है लेकिन प्यार निभाना नहीं जानते!"....रागिनी ने अपनी मन्न में फस फूसाने लगी।
तभी साहिल उस धाबे में से नाश्ता करके के बाहर निकल जाता है और राजा को अलविदा बोलकर अपनी गाड़ी की डोर खोलकर जैसे ही बैठने जाता है कि इतने में अचानक कोई साहिल को जोरों से उसके नाम लेते हुए पुकारता है
"साहिल ! ओए साहिल अबे रुख ज़रा"....एक लड़के की आवाज़ साहिल के कानों में पड़ती है।साहिल वह आवाज़ सुनकर पीछे मुड़ जाता है और पीछे की ओर ताकने लगता है।कुछ सेकंड के बाद एक मुस्कान साहिल के चेहरे पर आ जाता है मानो वह उस लड़के को पहले से ही जानता हो।
"अबे भाई रौनक ! तू कब आया यहां?"...साहिल ने उस लड़के से कहा।
उस लड़के का नाम रौनक था। रौनक, साहिल का बोहोत करीबी दोस्त और अपने भाई जैसा था। रौनक और साहिल बचपन से एक एक ही स्कूल में पढ़े पर धीरे धीरे वह लोग अलग होने लगे। रौनक यही कोलकाता में ही अपना कॉलेज खतम किया जब की साहिल दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट करके वापिस कोलकाता आया।
"बस मैंने तुझे सामने वाले स्टोरेज से देखा और चल आया तुझसे मिलने? लेकिन तू इतने दिनों बोहोत बदल गया है यार"...रौनक से साहिल से कहा।
कुछ देर तक ऐसे ही बातें चलते रही और उसके बाद दोनो एक साथ गाड़ी के अंदर बैठ गए। साहिल ने अपनी गाड़ी स्टार्ट की और दोनो गाड़ी लेकर रवाना होगए।
"यार साहिल एक बात तोह बताना ज़रा? वह जो रेडियो कोलकाता अभी कुछ देर पहले एयरिंग कर रहा था उसमे तुभी शांभिल था ना उस रेडियो जॉकी गुलशन के साथ? और एक बात बता तू ! तू क्या अनाब शनाब बक्के जा रहा"....रौनक ने साहिल से पूछा।
अब आगे क्या होने वाला है? क्या लगता है आपको? क्या साहिल, अपने दोस्त रौनक के सवाल का जवाब दे पाएगा?
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