मोमल : डायरी की गहराई - 24 Aisha Diwan द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोमल : डायरी की गहराई - 24

देर रात हो चुकी थी। जिस तरह आसमान तारों से जगमगा रहा था उसी तरह से शहर भी रंग-बिरंगे बत्तियों से जगमगा रहा था। रात हो या दिन कोई भी समय हो अस्पताल में हमेशा चहल-पहल रहती है। सब अपने-अपने कामों में व्यस्त थे। नर्स, डॉक्टर सब अपने अपने पेशेंट को संभाल रहे थे। मोमल डिनर कर के अब्राहम के बाज़ू में सर रख कर आराम से सो रही थी। अब्राहम ने अंकल हैरी को फोन करके बता दिया था की सिमोन इस अस्पताल में है। वह आ जाए उसके पास तो अच्छा रहेगा।
उसे सिमोन पर शक हो रहा था के उसमे कुछ तो ज़रूर गड़बड़ है। 
उसने मोमल के बालों को सहलाते हुए उसे सुला तो दिया था लेकिन वो खुद सो नही पा रहा था। उसे सिमोन का हुलिया देख कर अजीब महसूस हुआ था इस लिए मन में अलग सी उलझन चलने लगी। लामिया का काला साया तो उनकी ज़िंदगी से हट चुका था लेकिन फिर भी दिल पूरी तरह से इत्मीनान नही हो पा रहा था।
रात के क़रीब दो बज रहे थे लेकिन अब्राहम अब तक नहीं सो पाया। उसने मोमल का सर धीरे धीरे और बहुत संभल कर तकिए में रखा ताकि वो जाग न जाए और दबे पांव कमरे से बाहर निकला, इस इरादे से की एक बार सिमोन से मिलना ही होगा।
बाहर आ कर वो जनरल वार्ड में गया जहां पर सिमोन को एडमिट किया गया था। उसने वहां अंकल हैरी को परेशान परेशान हो कर नर्स से बात करते हुए देखा। अब्राहम आवाज़ लगाते हुए पास गया :" अंकल !.... क्या बात है?

अंकल हैरी उसे देखते ही हाथ पकड़ कर बोलने लगे :" देखिए ना नर्स कह रही है सिमोन यहां से चला गया! उसने बिल के लिए आप का नाम दिया है की आप उसका बिल पे करेंगे!... लेकिन वो ऐसे कैसे जा सकता है? जब उसकी हालत ठीक नहीं थी तो उसे यहां आराम से रहना था, कम से कम मेरे आने तक का तो इंतज़ार कर लेता।"

अंकल हैरी बहुत परेशान हो रहे थे। परेशानी में उन के माथे पर पसीने की बुंदे उभर आई थी। 
अब्राहम ने उन्हें बेड पर बैठाया और नर्स से पानी देने को कहा। नर्स ने उन्हें पानी दिया। उन्होंने एक घूंट पी कर वापस दे दिया । अब्राहम पास बैठ कर उन्हे दिलासा देते हुए बोला  :" आप इतना परेशान न हों! शायद वो यही कहीं रहता है! मैं ने उसे पहले भी आसपास देखा है। आप तो जानते ही हैं वो हमेशा से बदमाश रहा है। घबराने की बात नही है वो जान बूझ कर गया तो मतलब ठीक ही होगा।"

अंकल की आंखों में लालिमा छा गई उनका गला भर आया। उन्होंने मायूस हो कर कहा :" दो ही बच्चे थे मेरे जिस में से एक को बेरहमी से मारा गया और एक ऐसा आवारा हो गया के एक दिन वो भी कहीं न कहीं मारा जायेगा! ओह जीसस !... मेरे साथ ज़िंदगी इतनी बे रूखी क्यों करती है? 

अंकल रो पड़े, अब्राहम ने उनके कंधे पर हाथ फेरते हुए दिलासा दिया :" अंकल संभालिए खुद को! ज़िंदगी किसी की भी परफेक्ट नही होती! खास कर अच्छे लोगों की!... अच्छे लोगों का हमेशा मुसीबतों को झेलने के लिए तैयार रहना होता है। 
मैं हूं ना आप के साथ और हमेशा रहूंगा! आप मेरे पिता समान हैं। मैं आपको अकेला नहीं छोडूंगा।"

अंकल ने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा :" जानता हूं बेटा! अब मैं सिमोन का क्या करूं, कैसे पता चलेगा कि वो कहां जाता है, कहां रहता है?

अब्राहम :" अंकल आप अभी घर जाइए ! बे फिक्र रहिए वो मिल जायेगा! वो जब भी मुझे मिले मैं उसे पकड़ कर रखूंगा don't worry!"

उसने अंकल हैरी को समझा बुझा कर घर भेज दिया लेकिन खुद चिंता में पड़ गया के आखिर सिमोन की नज़रें ऐसी क्यों थीं जैसे वो अपने होश हवास में नही था।

मोमल को कुछ पता ही नहीं हुआ के रात को हॉस्पिटल में क्या हुआ था। दवाई के असर के कारण वो अच्छी नींद सोई थी। सुबह सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसने अब्राहम को अपने पास एक हाथ सर में रखे हुए सोता हुआ पाया। उसे देख कर मुस्कुराई और देखते हुए मन ही मन बोली :" अब मुझे आपको खोने का डर नही सताएगा!"

इतने में अब्राहम जाग गया। आंखे खोलते ही मोमल पर नज़र पड़ी जो उसे ही सूझी सूझी आंखों से देख रही थी। अचानक उसे ऐसे देखते हुए देखा तो चौंक गया और हड़बड़ा कर उठ कर बैठ गया। 
मोमल भी धीरे धीरे उठी और हंसते हुए बोली :" आप मुझे देख कर डर गए क्या ? मैं इतनी डरावनी दिख रही हूं?

अब्राहम भारी आवाज़ में बोला :" नही नही तुम तो हमेशा प्यारी ही लगती हो लेकिन ऐसे घूर रही थी मुझे इस लिए चौंक गया!... सुबह हो गई क्या ? मैं तुम्हारे डिस्चार्ज के लिए कह कर आता हूं।"

मोमल :" हम्म्म!"

अब्राहम ने जा कर सिमोन का भी बिल पे किया और मोमल को लेकर घर जाने लगा। रास्ते में उसे बड़ी भाभी का कॉल आया। उसने फोन स्पीकर में रखा और ड्राइव करते हुए कॉल का जवाब दिया :" गुड मॉर्निंग भाभी!

भाभी ने कहा :" गुड मॉर्निंग!... मोमल कैसी है? तुम लोग घर आ रहे हो क्या?

अब्राहम ने जवाब दिया :" मोमल अब काफी बेहतर है और हम लोग कॉटेज जा रहे हैं!... भाभी आपको मैं ने कहा था ना की पहले आप लोग मोमल के घर रिश्ता लेकर जाइए! शादी की एक तारीख तय कीजिए फिर मैं घर आऊंगा और शादी के बाद एक दो दिन तक हम लोग घर पर ही रहेंगे!"

भाभी ने कहा :" हां ठीक है मैं समझ रही हूं लेकिन शादी जल्दी करनी पड़ेगी तुम्हे ! क्यों के हम लोग वापस जर्मनी चले जायेंगे ! जब तक हम लोग हैं तुम तब तक तुम दोनों हमारे साथ ही रहते तो अच्छा होता!"

अब्राहम :" हां भाभी लेकिन पहले मोमल के घर में शादी की बात कीजिए! और जैसे मैं ने कहा था वैसे ही कीजिएगा।"

भाभी ने ठीक है कह कर फोन रख दिया। मोमल ने कहा :" जैसा कहा था मतलब ? कैसे बात करने को कहा था आप ने ?

अब्राहम  :" मैं ने बस कहा के तुम्हारे घर में शादी की बात करे और ये कहे की हम बहुत सिंपल तरीके से शादी करेंगे! ताकी वे लोग ज़्यादा परेशान न हो और तैयारी करने के लिए ज़्यादा समय की मांग ना करे!"

मोमल :" हम्म!... अब तक रैन ने दीदी और मम्मा को बता दिया होगा हमारे बारे में!... कल दोपहर में दीदी का कॉल आया था! वैसे तो कुछ पूछा नही उन्होंने लेकिन कहा के अब कोई अच्छा सा लड़का देख कर शादी कर लो! मैं उन्हे बता नही पाई के मैं एक अच्छा सा लड़का से शादी कर चुकी हूं।"

अब्राहम हंस कर :" अच्छा ! कोई बात नही तुम्हारे लिए सब खुश होंगे क्यों के मैं तुम्हे खुश रखूंगा। तुम खुश तो सब खुश।"

मोमल :" हां सही कहा आप ने!"

बाते करते हुए वो दोनो घर पहुंचे। मोमल कार से उतर कर खुशी खुशी जा रही थी के घर के ठीक पास वाले गुलमोहर के पेड़ पर उसने किसी को फांसी पर लटकते देखा। अचानक से उसके कदम रुक गए और आंखे फटी की फटी रह गई, उसके होश तब उड़ गए और दिमाग सुन्न पड़ गया जब उसने देखा के वो लटकती हुई लाश सिमोन की है। 
उसे देखते देखते उसे चक्कर आ गया और बेसुध गिरने लगी। कार पार्क कर के पीछे से आ रहे अब्राहम ने उसे पीछे की ओर गिरते देखा तो पूरी तेज़ी के साथ दौड़ा आया और उसे गिरने से थाम लिया। एक पल में खुशियां भंग हो गई ,उसे मालूम नही था के अब मोमल को अचानक क्या हो गया। उसने जल्दी में उसे उठाया और अंदर ले जाकर सोफे पर लिटाया। पानी के छींटे मारें, कुछ देर में उसे होश आया। होश आते ही अब्राहम का हाथ मजबूती से पकड़ कर सहमी हुई बोलने लगी :" सिमोन... सिमोन पेड़ से लटका हुआ है! उसने फांसी लगा ली है! वो मर गया है अब्राहम! उसकी आंखे बाहर निकली हुई थी, जीभ मुंह से बाहर निकला हुआ था। वो वो हमारे घर के बाहर वाले पेड़ में ही लटका हुआ है।"

अब्राहम ने उसे गले लगा कर शांत करते हुए कहा :" शांत हो जाओ मोमो! शांत हो जाओ मैं देखता हूं! तुम घबराओ मत कुछ नहीं होगा मैं देखता हूं ओके, तुम यही रहो।"

अब्राहम ने दौड़ते हुए बाहर निकल कर पेड़ की ओर देखा लेकिन हैरानी की बात ये थी के वहां कोई फांसी पर नहीं लटका था। अब्राहम ने बार बार ठीक से देखने को कोशिश की लेकिन उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। 
वापस घर आ कर बोला  :" मोमो बाहर पेड़ पर तो कुछ भी नहीं है! तुम ने सच में वहीं देखा था?

मोमल हैरानी से बाहर की ओर दौड़ी। पीछे पीछे अब्राहम भी आया। मोमल पेड़ पर अचंभित हो कर देख रही थी। उसे अब वहां कुछ नज़र नही आ रहा था। 
वो बहुत उलझ गई, उसने उंगली से इशारे कर के तेज़ तेज़ सांसे लेते हुए कहा :" मैं ने यही देखा था! मैं ने सच में देखा था वो सिमोन ही था। वो वो यही था आप समझ रहे हैं न?

अब्राहम ने उसे पकड़ कर वापस अंदर ले जाते हुए कहा :" हां मैं समझ रहा हूं! तुम शांत हो जाओ तुम्हे आराम की ज़रूरत है! मैं पता करता हूं के सिमोन कहां है और उसमे आखिर क्या गड़बड़ है! मैं ने भी उसे दो बार देखा जिसमे वो बहुत अजीब दिख रहा था।... तुम फिक्र मत करो, मैं पता लगाता हूं।"

मोमल की सांसे तेज़ थी। उसकी नज़रों से सिमोन के वो बिखरे हुए बाल और भयानक आंख और जीभ बाहर निकला हुआ चहरा हट ही नहीं रहा था। उसका पूरा जिस्म कांप रहा था। 
उसकी खुशियां एक पल में चूर हो गई क्यों के जो इस समय उसने देखा वो कोई नॉर्मल बात नही थी। एक बार दिख कर गायब होने का मतलब वो अच्छी तरह समझ रही थी के ये सिमोन तो है नही लेकिन कोई शैतानी ताक़त ज़रूर है जो पहले से उनके ऊपर मुसीबत बन कर हावी हो चुकी थी। अब सवाल ये था के क्या सिमोन सच में मर चुका है और अगर मरा गया है तो उसकी मौत कैसे हुई और किस ने मारा है ?

(अगला भाग जल्द ही)