मोमल : डायरी की गहराई - 22 Aisha Diwan द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोमल : डायरी की गहराई - 22

दोपहर का समय था लेकिन फिर भी अब्राहम और मोमल  को दिन में भी फादर की दी हुई मोमबत्तियां जलानी पड़ रही थी। फादर ने पांच मोमबत्तियां दी थी बहुत एहतियात और बचा बचा कर जलाने के बावजूद भी तीन जल चुके थे अब बस दो ही बचे हैं। 
अब्राहम अपने कमरे में व्हील चेयर पर बैठे कुछ काग़ज़ात देख रहा था और वोही सामने टेबल पर तीन-चार मोटी मोटी किताबें रखी हुई थी। 
मोमल उसके बगल में खड़ी हो कर उन काग़ज़ात पर झांकते हुए बोली :" यह सब क्या है? आज छुट्टी का दिन है फिर भी आप काम कर रहे हैं।"

अब्राहम ने एक किताब खोलते हुए कहा :" पिछले कुछ दिनों में लाइफ इतनी मेस्ड अप हो गई की कई सारे रिसर्च प्रोजेक्ट जो मैं कर रहा था वह सब पेंडिंग पड़े हैं! बस देख रहा हूं कि कब तक इन्हें पूरा कर पाऊंगा।"

मोमल मुंह लटका कर बोली :" मेरी वजह से! है ना?... जब से मैं आपकी जिंदगी में आई हूं तब से आपकी जान पर बन आई है! कभी-कभी यह बातें मुझे अंदर से कुरेदने  लगती है।"

अब्राहम ने किताब बंद करके उसे देखते हुए कहा :" अगर खुद को ही दोषी मानना है तो फिर मैं भी दोषी हूं तुम्हारी जिंदगी का ! क्योंकि जब से मैं तुम्हारी जिंदगी में आया हूं तब से तुम भी मुसीबत में हो! मोमो ऐसी बातें कर के मुझे गुस्सा मत दिलाओ फिर कहीं डांट दूंगा तब रोती रहोगी।.... ये जो भी कुछ हो रहा है उन सब से हम इत्तेफ़ाक से जुड़ गए हैं! अगर कोई मुसीबत है तो वह चुड़ैल लामिया है और वह भी मेरी ही पास्ट की गलती है।"

उसके नाराज़ चहरे को देख कर मोमल चुप हो गई और दबे कदमों से चल कर बाहर जाने लगी। अब्राहम ने झट से उसका हाथ पकड़ा और अपनी गोद में बैठा कर कहा :" कहां जा रही हो? तुम्हे डांट नही रहा हूं बस समझा रहा हुं के दोबारा अपने आप को दोषी मत समझना!"

मोमल मासूमियत से उसे देखते हुए बोली :" लेकिन मैं तो किचन जा रही थी! कुछ लंच बना लूं फिर अंकल हैरी के यहां से होते हुए हम मॉम डैड के घर चलेंगे।"

अब्राहम  :" ओह अच्छा मुझे लगा नाराज़ हो गई!...लेकिन अंकल हैरी के यहां क्यों जाओगी? अगर वहां वो बे गैरत सिमोन हुआ तो उसे देखकर मुझे गुस्सा आ जाएगा और शायद में खुद को रोक ना पाऊं ! अंकल हैरी के सामने मैं उस पर हाथ नहीं उठाना चाहता।"

मोमल उसके गोद से उठते हुए बोली :" मैं बस वह खोया हुआ तीन मोती ढूंढने जाना चाह रही हूं वह हमारे लिए जरूरी है सिमोन को नजर अंदाज कीजिए और वैसे भी अंकल हैरी घर पर ही होंगे तो वह सब संभाल लेंगे।"

ये कह कर वो किचन जाने लगी तो अब्राहम भी उसके पीछे पीछे जलती हुई मोमबत्ती लेकर गया। 

कभी परेशानियों के मसलो पर सोच विचार करते तो कभी खट्टी मीठी प्यार भरी बातें करते हुए उन दोनों की मोहब्बत के रंग और गहरे होते जा रहे थे। 

शाम होने से पहले वे दोनों मॉम डैड के घर जाने के लिए तैयार हो गए, मोमल का दिल घबरा रहा था। उसे समझ नही आ रहा था के वहां वो सब से कैसे मिलेगी , क्या बातें करेगी। बड़ी चिंता सता रही थी। उसने एक कत्थई रंग की घेरदार गाउन पहना। आईने के सामने खड़ी हो कर पतली सी काजल और न के बराबर लिपस्टिक लगाई, बालों को खुला रखा जिसमे वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। 
अब्राहम ने उसके ठीक पीछे खड़े हो कर अपनी ब्लू शर्ट कि बटन लगाते हुए कहा :" वाह क्या बात है! ससुराल जाने की अच्छी तैयारी की है तुम ने ! कहीं मेरी भाभी की नज़र ना लग जाए! बहुत प्यारी लग रही हो।"

मोमल उसकी ओर मुड़ कर बोली :" मैं नर्वस हो रही हूं! पता नहीं वो लोग मुझे पसंद करेंगे भी या नहीं।"

अब्राहम :"  तुम्हे कौन पसंद नही करेगा! तुम ऐसा सोच भी कैसे सकती हो यार!"

मोमल :" सब के पास आपका नज़रिया तो नही है न ! जिन आंखों से आप मुझे देखते हैं वो आंखे सब के चहरे में लगी नही होती! खैर अब पसंद करे या न करे हमारी शादी तो पहले ही हो चुकी है।"

अब्राहम उसका हाथ पकड़ कर ले जाते हुए बोला :" ये हुई न समझदारी की बात! अब चलो हम लेट हो जायेंगे।"

वे दोनों अंकल हैरी के यहां गए, अंकल हैरी अपने लॉन में लगे छोटे छोटे फल सब्जियों के पौधों की देख रख कर रहे थे। उनके घर में एक सन्नाटा था सिर्फ आसपास चिड़ियों की आवाज़ थी। वो अब्राहम और मोमल को कार से उतरते देख कर खुश हो गए और पास जा कर उनका स्वागत किया। अब्राहम ने गले लगा कर कहा :" कैसे हैं अंकल आप?

अंकल उसके पीठ को थपथपा कर बोले :" बस बढ़िया बेटा ! यहां कैसे आना हुआ?

मोमल की नज़रें सहमी हुई सिमोन को ढूंढ रही थी। उसने घर के अंदर झांकते हुए कहा :" वो मोती तलाश करने आई हूं! मैं एक बार गेस्ट रूम में देख कर आती हूं!... अंकल घर में कोई नहीं है न?

अंकल ने हंस कर कहा :" कौन होगा बेटा मैं अकेला ही रहता हुं! जाओ जाओ कोई नहीं है।"

मोमल का दिल हल्का हुआ और वो अंदर चली गई। 

अब्राहम ने सुबह ही सिमोन को होटल के बाहर देखा था। वो घर पर नहीं है ये बात सुन कर शक कर के बोला :" अंकल आपका बेटा आया था न!... वो अब कहां है?

अंकल ने बताया :" वो तो एक दिन के लिए कहीं से चोट लगा कर आ गया था फिर मैं कॉलेज चला गया, जब घर आया तो वो जा चुका था!... अब क्या बताऊं उसका, आप को तो पता ही है वो सरफिरा सा यहां वहां घूमता रहता है।... मुझे तो कोई उम्मीद ही नहीं है बेटे से की वो कभी मेरे बुढ़ापे का सहारा बनेगा! बस चिंता लगी रहती है की वो ठीक है या नहीं! मैं तो बाप हुं न चाहे बेटा जैसा भी हो।"

यह बात सुनकर अब्राहम ने मन ही मन कहा :" घर पर नहीं है मगर इसी शहर में है लेकिन वह होटल के बाहर  सुबह क्या कर रहा था?... उसने मुझे ऐसे देखा जैसे वह पहले से जानता था कि मैं इस होटल में हूं!"

अंकल हैरी ने उसे खोया हुआ देख कर कहा :" क्या बात है बेटा? कोई बात है तो मुझे बताओ!"

अब्राहम ने बात छुपाते हुए कहा :" नहीं नहीं कोई बात नहीं अंकल! एक्चुअली हम मॉम डैड के घर जा रहे हैं! मेरे बड़े भाई जर्मनी से आए हैं शायद भाभी और भतीजी भी आई होगी! उनसे मिलने जाना है और इस बहाने मोमल के बारे में भी उनसे बात हो जाएगी।"

अंकल हैरी :" ओह ये तो बहुत अच्छी बात है।"

इतने में मोमल अंदर से आ गई, अंकल ने पूछा :" क्या मोती मिल गया ? 

मोमल अफसोस करते हुए :" नही अंकल ! पता नहीं कहां गायब हो गया वो तीन मोती!"

उनसे विदा लेकर वह दोनों वहां से चले गए। 
जब घर के बाहर गाड़ी रुकी तो मोमल का दिल जोर से धड़कने लगा। हाथ पैर में कंपन पैदा हो गई। अब्राहम ने कार से बाहर आकर मोमल के कार का डोर खोला । उसे घबराते हुए देख कर उसका हाथ पकड़ कर बोला :" घबराओ मत मैं हूं ना तुम्हारे साथ! यह मॉन्सटर्स का घर नहीं है, मेरे भाई और भाभी रहते हैं।"

सूरज डूबने को चला था। अंधेरे की चादर धीरे धीरे फैलने लगी थी । घर पुराना था लेकिन एकदम आलीशान था बाहर से देखने में किसी महल से कम नहीं लगता था। सुरमई रंग से पेंट किया हुआ और सामने एक पानी का फववारा घर की शान में इज़ाफा कर रहा था। 
अब्राहम मोमल का हाथ पकड़ कर दरवाज़े के पास ले गया। 
बेल बजाई, एक 14 साल की लड़की ने आंखों में चमक और चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान लेकर दरवाजा खोला। अब्राहम को देखते ही खुशी के मारे उछल पड़ी। उसके के गले लग कर बोली :" चाचू आप आ गए ! मैं कब से आपका वेट कर रही थी।" 

अब्राहम ताज्जुब से उसे देखते हुए बोला :" मीनल !... तुम कितनी बड़ी हो गई हो!... गॉड ब्लेस यू बच्चा।"

मीनल ने मोमल को हैरत में देखते हुए कहा :" चाचू यह कौन है? आपकी दोस्त है या....

अब्राहम ने मोमल के हाथ की और अपनी हाथ की अंगूठी दिखाते हुए कहा :" तुम्हारी चाची है ये !.... बाकी सब कहां हैं? भैया भाभी?

मीनल मुंह पर हाथ रख कर बड़ी बड़ी आंखों से मोमल को देखते हुए जोशीले अंदाज़ में बोली  :" ओह माय गॉड!... मेरी छोटी चाची कितनी प्यारी है!... चाची चलिए ना मैं आपको सबसे मिलवाती हूं।"

मीनल की हिंदी थोड़ी टेढ़ी मेढ़ी थी। वो ऐसे बोल रही थी जैसे उसे बोलने में कितनी उलझन हो रही हो। जब वो पांच साल की थी तब से वे लोग जर्मनी में ही रहते हैं। इस लिए उसकी हिंदी साफ सुथरी नही है।

अब्राहम के दोनों भाई और भाभी बड़े से हॉल कमरे मे आए, अब्राहम ने सब से हाथ मिला कर हेलो कहा। बड़े भाई ने उसे गले लगाकर वेलकम कहा। 
मझले भाई के दो छोटे छोटे बच्चे थे। वे दोनों कहीं से खेलते हुए दौड़ते दौड़ते आए, अब्राहम ने उन्हें थोड़ा सा प्यार किया फिर वो लोग खेलने में मगन हो गए। मीनल मोमल का हाथ पकड़ कर बड़ी खुशी से खड़ी थी। 
उसने ऊंची आवाज़ में सब से कहा :" मिलिए हमारे घर की न्यू मेंबर से, हमारी प्यारी सी छोटी चाची से।"

मोमल ने सब को सर झुका कर हेलो कहा। अब्राहम की मझली भाभी को मोमल याद थी जब उसके डैड के फ्यूनरल में उस से बात हुई थी। लेकिन उसका भाई जैकब भूल गया था। 
सभी लोग अब्राहम को हैरानी से देखने लगे जैसे उस से मोमल के बारे में सवाल कर रहे हो और जवाब का इंतजार कर रहे हो।

मीनल ने कहा :" सब बैठ जाइए प्लीज़!"

सभी लोग बैठे , अब्राहम ने मोमल को अपने पास बिठाया और साफ साफ लफ़्ज़ों में कहा :" यह मेरी वाइफ मोमल  मैरी है! हमारी कल ही मैरेज रजिस्टरार में शादी हुई है!... एक्चुअली भैया भाभी, हमारी शादी अनएक्सपेक्टेड थी हमने कोई प्लान नहीं किया था बस जल्दी में शादी हुई है! मैं आप लोगों को बताने ही वाला था और फिर जैकब भैया ने कॉल किया इसलिए मैं मोमल को साथ लेकर आया कि आप लोग इस से मिल भी लेंगे और बता भी देंगे हमारे बारे में !"

बड़े भाई जोसफ ने हंस कर कहा :" यह तो बहुत अच्छी बात हो गई! डैड को तुम्हारी शादी की चिंता लगी रहती थी अब हम तीनों भाई की फैमिली है ,अच्छी बात है। May God bless both of you!"

अब्राहम खुश होता हुआ बोला :" thank you भैया।"

मझली भाभी ने ताना मार कर कहा :" लेकिन आज इतनी चुप क्यों हैं हमारी देवरानी? डैड के फ्यूनरल में तो बहुत बोल रही थी।"

अब्राहम जानता था कि उसकी भाभी बहुत तीखी है और कड़वा बोलती है इसलिए उसने बचाव करते हुए कहा :" क्या है ना भाभी तब हमारी शादी नहीं हुई थी हम बस दोस्त थे!...अब शादी हो गई है अब मोमल का यह ससुराल है, पहली बार आई है इसलिए नर्वस है! वरना बातें बहुत अच्छी करती है!... मीनल एक काम करो, तुम मोमल को घर दिखा दो और फिर मेरे कमरे में ले जाना।"

मीनल :" ओके चाचू।"

मोमल मीनल के साथ चली गई। 
बड़े भाई ने कहा :" वकील साहब आते ही होंगे तब तक चाय कॉफी पिलाओ अब्राहम और घर की छोटी बहू को, पहली बार आई है भई!"

घर में बहुत से नौकर चाकर थे। बड़ी भाभी ने चाय नाश्ते के लिए आवाज़ लगाकर कह दिया।
बड़ी भाभी ने कहा :" देवरानी कहां की है? फेमिली बैकग्राउंड कुछ पता तो है ना तुम्हे? 

अब्राहम ने सब कुछ सच सच बताया के मोमल लाइब्रेरियन है। उसके पापा रिटायर टीचर हैं और उसका बड़ा भाई सरकारी डॉक्टर है। मां हाउस वाइफ और बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और एक छोटा भाई है। 

भाभी ने कहा :" देखो अब्राहम! लड़की लाइब्रेरियन है,प्यारी है और शादी भी हो चुकी है तो अब रिजेक्ट करने का कोई चांस नहीं है लेकिन उसकी फैमिली हमारा स्टेटस मैच नही कर पाएगी! हमे तो तुम्हारी शादी सही ढंग से करनी होगी ना, सारे रिलेटिव और फ्रेंड्स तुम्हारी शादी अटेंड करने का वेट कर रहे हैं! भले ही तुम ने सब से दूरी बना ली हो लेकिन हो तो तुम इस फैमिली के छोटे बेटे!"

अब्राहम ने एक गहरी सांस लेकर नरमी से कहा  :" भाभी आपकी बाते ठीक है लेकिन मोमल मेरी सब से बड़ी दौलत है! मुझे फर्क नहीं पड़ता के उसकी फैमिली हमारी बराबरी की है या नही मुझे बस उसके होने से फर्क पड़ता है। और रही बात शादी की तो आप लोगों को पता ही है मैं सिंपलसिटी में बिलीव करता हूं! मुझे बस एक सिंपल सा वेडिंग रिसेप्शन चाहिए ! आप लोग मेरे लिए इतना तो कर ही सकते हैं।"

बड़े भाई ने कहा :" हां ठीक है! हम कर लेंगे मैनेज।"

मीनल ने मोमल को पूरा घर दिखाया। घर बहुत बड़ा हवेली जैसा था। जितना बाहर से खूबसूरत था अंदर से भी उतना ही सुंदर था। 
अब्राहम के कमरे में लेजाकर मीनल ने कहा :" ओह चाची मैं तो थक गई! दादा जी ने इतना बड़ा घर किस के लिए बनवा दिया था मुझे तो समझ नहीं आता!... आप रेस्ट करो ये आपका ही रूम है।"

मीनल उसे वहां बैठा कर जाने लगी तो मोमल ने कहा :" मीनल! किसी के हाथो पानी भेजवा देना!"

मीनल :" ओके चाची मैं अभी भेजवाती हुं।"
ये कह कर वो चली गई। बाहर हॉल में वकील साहब आ चुके थे। तीनों भाइयों में बाते हो रही थी। 
अंधेरा पूरी तरह छा गया था लेकिन घर बत्तियों से इतना चमक रहा था के मालूम ही नहीं चलता के दिन है या रात। 

मोमल अब्राहम के कमरे में इधर उधर घूम घूम कर देखने लगी। सभी चीज़े वैसे ही रखी हुई थी जैसे अब्राहम छोड़ कर गया था। अलमारियों में किताबे भरी हुई थी। एक बड़ा सा पलंग और एक किनारे बड़ा सा टेबल और व्हील चेयर लगा हुआ था। एक तरफ सोफ़ा पड़ा था। कमरे में कोई रहता तो नही है लेकिन समय समय पर साफ सफाई करवा दी जाती है। 

मोमल खिड़की के परदे हटाने जा ही रही थी के पीछे से एक गहरी आवाज़ आई :" बेबी की मोमो!.... ओ बेबी की मोमो!"

मोमल ने मुड़ कर देखा तो उसकी आंखे फटी रह गई। उसके कदम कुछ देर के लिए सुन्न पड़ गए और वोही खड़ी रह गई। उसके सामने लामिया खड़ी थी। उसी तरह शैतानी मुस्कान लिए काली आंखों की ललचाई नज़रों से देख रही थी। उसके सीने में वो खंजर भी ताज़े खून के साथ लगा हुआ था।

(अगला भाग जल्द ही)