सुनने में बड़ा ही साधारण सा लगता है ना कि 'कर्म 'पर
यह भी सत्य है कि इस दुनिया में कौन क्या बनकर रह
जाएगा, यह उसके कर्म निर्धारित करते हैं। इस संसार
में हर कोई आता है और चला भी जाता है बस पीछे रह जाती है तो उनकी यादें, पर वह यादें कैसी है, लोग उन्हें किस तरह याद करते हैं, वह बुरे इंसान थे या अच्छे इंसान थे, यह तय करते हैं उनके कर्म। जाने के बाद चर्चा सबकी होती है कोई ऐसा नहीं जो बगैर चर्चा के हो पर कहते हैं ना कि कुछ बातें ऐसी होती है जिनको याद करते वक्त आप खुश होते हैं, जो इंसान चला गया उसे याद करते समय आपकी आंखें नम होती है। क्यों ? क्योंकि दुनिया में उन्होंने अपना नाम कमाया था। न कुछ बुरा करके बल्कि अच्छा करके। चर्चाएं तो बुरे इंसानों की भी होती है पर उन्हें याद करते वक्त लोग उन लोगों को धिक्कारते हैं और यह कहते हैं कि कुछ भी हो लेकिन उनके जैसा नहीं बना है। इसके लिए जरूरी है कि आपके कर्म अच्छे हो, सत्कर्म करें। पर ये कर्म भी परिस्थितियों के अनुसार ही होते हैं कुछ कार्य आपके ऐसे हैं जो इस समय सही है पर अगले ही क्षण वही कार्य आपके गलत माने जाएंगे तो जरूरी है कि समय का ध्यान रखकर जो कर्म करें वह अच्छे ही करें क्योंकि यहां दुनिया में कुछ भी नहीं रह जा सब कुछ आपके कम पर निर्भर है और उसमें + जरूरी है कि आपके कर्म ऐसे हो कि आपको गए चाहे
सालों साल बीत जाए पर आप आज भी लोगों की यादों में जिंदा रहे और जैसे आप देखते हैं कि दुनिया के लिए कुछ अच्छा करने वाले लोगों की सूची जो है वह ज्यादा लंबी नहीं होती लेकिन आपको इस सूची में अपना नाम लिखना है। कर्म का एक और महत्व भी है हमारे जीवन में वैसे तो कर्म हर रोज हम देखते हैं यह कार्य है वह कार्य है, पर एक और कर्म है जो हमारे जीवन को नियंत्रित करता है। उसके बारे में कहा जाता है कि मनुष्य के वर्तमान में जो कर्म है यानी आपके आज के कर्म आपका अगला जन्म निश्चित करेंगे। बहुत कुछ लोगों को यह बात ऐसी लगती है की जैसी कोई अंधविश्वास हो पर मुझे ऐसा नहीं लगता। मेरा मानना यह है कि यह सही है आपका आज के कर्म ही आपका अगला जन्म देखते हैं तभी तो बुरे कर्म राजा को रंक बना भी सकते हैं और वही अच्छे कर्म एक रंक को राजा बना भी सकते हैं। तो राजा बनकर जो ठाठ बाठ उस इंसान ने लिए थे तो रंक बनकर उन सभी को त्यागना होगा तो क्या वह उसका नया जन्म नहीं हुआ तो यह कहीं पर भी गलत नहीं है कि आप आज जो कर्म करोगे वह कैसे हैं अच्छे हैं या बुरे हैं कर्म के अनुसार ही आपको फल भी मिलेगा और उन्हें कर्म के अनुसार ही आपको सजा भी मिलेगी तो बेहतर कि जीवन में जो भी करें सब अच्छा ही करें बु त्यागना जरूरी है
तभी तो कहते हैं ना कि" कर्मा है जो आपका जीवन चलाता है, राजा को रंक और रंक को राजा कर्मा बनाता है'