बेखबर इश्क! - भाग 15 Sahnila Firdosh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेखबर इश्क! - भाग 15

दूसरी सुबह इशांक अपने होटल के रूम नंबर 1001 में बैठा,लड़की का इंतजार करता हुआ ब्लैक कॉफी पी रहा था,उसी पल कमरे का दरवाजा खुला और एक पांच इंच की हील्स पहनी हुई लड़की अंदर आई,उसने सफेद स्लीवलेस फ्रॉक के ऊपर एक जैकेट डाल रखा था,जिसे अंदर आते ही उसने उतार कर अपनी बाह पर लटका लिया।।

"हेलो मिस्टर देवसिंह"..... इशांक को ग्रिड करते हुए उसने अपने कंधे पर लटके बालों को पीछे की ओर उछाला और चलते हुए आ कर इशांक के बिल्कुल सामने खड़ी हो गई....

ईशांक जो उसकी ओर देख तक नही रहा था,अपने कॉफी को टेबल पर रख गंभीरता से बोला...."सबसे पहले अपने जैकेट को पहनो और बैठ जाओ!"

विवेक से उसने कई दफा सुना था की इशांक काफी सख्त  मिजाज लड़का है,इसलिए एक साल के लिए उसकी दुल्हन बनने की बात सुन उसने पहले साफ इंकार कर दिया था,पर काफी सोचने और अपनी गरीबी को देखते हुए,अमीर और फिल्म इंडस्ट्री की क्वीन बनने का उसके लिए ये एक अच्छा मौका साबित हो सकता था,रात भर इसी बारे में सोचते रहने के बाद,उसने ये भी तय कर लिया की वो इस एक साल के भीतर किसी तरह इशांक जैसे मिलिनियर के बच्चे को जन्म देगी,ताकि इशांक को मजबूरन उसे ताउम्र अपने साथ रखना पड़े,यही कारण था को वो इतना सज संवर कर उससे मिलने आई थी,लेकिन इशांक ने उसकी ओर देखा तक नहीं और यूं ही कह दिया कि वो अपना जैकेट पहन कर उसके सामने बैठे।।

हालांकि एक मिलनियर की पत्नी बनने के आगे उसे इशांक की रुडनेस बड़ी नही लगी,और जैसा की इशांक ने  कहा,वो जैकेट पहन कर उसके सामने बैठ गई.....

"जैसा की तुम्हे विवेक ने सब कुछ समझा दिया है,तो क्या एड करवाना चाहती हो कॉन्ट्रैक्ट में,मेरे पास वक्त नहीं तो जल्दी बोलो"...... इशांक ने पूछा।।

"मुझे लगा पहले नाम पूछोगे,पर तुम तो काफी स्ट्रेट जाते हो,शादी के लिए एक दूसरे को उतना तो जाना ही सकते हैं ना.......

"ये सिर्फ नाम के लिए होगा,मुझे अपने पति के रूप में कभी मत देखना और उम्मीद तो लगाना ही मत की मैं तुम्हारे दुख सुख में साथ दूंगा,तुम्हे वो सब कुछ मिलेगा जो तुम्हे अच्छी जिंदगी जीने के मदद करेगा".....


"हाउ रुड...खैर मैं नताशा हूं,तुम्हारी तरह सीधे प्वाइंट पर आती हूं....शादी होने के अंत तक नही मुझे छः महीने के अंदर ही पैसे चाहिए,और तुम मुझे फिल्मों में लीड एक्ट्रेस के लिए रिकमेंड करोगे,मुझ पर शादी की वजह से कोई पाबंदी नही लगनी चाहिए.....

"मेरे लिए सबसे पहले मेरे डैड आते हैं और उसके बाद मेरे खानदान की इज्जत, और तुम सोचती की तुम पर कोई पाबंदी नही लगेगी,एक साल तक जैसा मैं कहूं तुम्हे करना होगा,अपने दिमाग में ये बात फिट कर लो!"....

"जैसा मैने सुना था,तुम बहुत ज्यादा रूड हो,ठीक है... मैं ऐसा कोई काम नही करूंगी,जिससे तुम्हारे परिवार के इज्जत पर बात आए,,और इस बात को लेकर बिल्कुल चिंता करने की जरूरत नही है,क्योंकि मैं बहुत ही शरीफ और सिंपल लड़की हूं, अतीत में भी मेरा किसी लड़के से कोई चक्कर नही था,और ना ही अभी होगा,मेरे दोस्त कहते है की जिससे भी मेरी शादी होगी,वो किस्मत वाला होगा".....कहते हुए नताशा ने टेबल पर रखे पानी से भरे गिलास को उठाया और उसे होंठो से लगा कर दो घुट पानी पी लिया......"पता है मुझे लगता है,मेरे जैसे अच्छे जींस वाले बच्चे को इस दुनिया में ला कर बड़ा करना,तुम्हारे वंश को आगे बढ़ाने के लिए यूजफुल होगा।।"

बच्चे की बात सुन इशांक ने अपनी नजरे उसकी ओर घुमाई और भौंहैं उछलते हुए कुछ कहने के लिए अपने होंठ खोलने लगा,इससे पहले ही नताशा फिर से बोली....."तुम्हारे बारे में बहुत सुना था, इस तरह मेरी ओर देखते हुए तुम और भी हैंडसम लगते हो,बहुत लंबे हो,मेरे घर पर सभी को तुम बहुत पसंद आओगे, सच कहूं तो मेरे टाइप के हो,मुझे ऐसे मत देखो...कुछ कुछ हो रहा है,दिल में गुदगुदी हो रहा है,कब से मैं ही बोलती जा रही हूं,तुम भी कुछ बोलो"......

"बकवास,तुम मेरी बीवी बनने के लायक नही हो,बहुत बोलती और कुछ ज्यादा ही सपने सजा रखे है!".....उसकी बकबक से ऊब चुके इशांक ने अंत में कहा और सोफे से उठ खड़ा हुआ,पीछे रखे अपने जैकेट को उठाते हुए उसने नताशा के उतरे चेहरे को और एक नजर देखा और बिना कुछ कहे ही वहां से दरवाजा की बढ़ गया।।

दरवाजा खोलते ही बाहर कान लगाए खड़ा विवेक नीचे गिर गया,जिसे एक पल तक घूरने के बाद इशांक अपने लंबे लंबे कदमों से चलते हुए लिफ्ट की ओर बढ़ गया, इशांक की मूड में तंगी महसूस कर विवेक फर्श से उठा और तेजी से उसकी ओर दौड़ा,लिफ्ट तक पहुंचते हुए उसने इशांक से पूछा....."कैसे रही बात चीत,क्या आपको लड़की पसंद आई???कहीं आपने उसे रुड़ली बात तो नही की??"

इशांक की ओर से कोई जवाब आता,इससे पहले ही लिफ्ट खुला और इशांक अंदर चला गया,विवेक भी अंदर दाखिल हुआ और ग्राउंड फ्लोर का बटन प्रेस कर दिया, इशांक के मुंह पर ताकते हुए जवाब का इंतजार कर रहे विवेक के एक्सप्रेशन तक बदले जब इशांक ने कहा......"अजीब सी थी,बहुत बोल रही थी,उसके दिल में कुछ कुछ हो रहा था,उसने बच्चे तक की प्लानिंग कर रखी थी, शाम तक किसी और को ढूंढो!"

उसकी बात सुन विवेक ने उबाऊ तरीके से अपनी आंखो को घुमाया और बोला....."क्या मैं किसी और को ले आऊंगा तो उसे आप पसंद कर लेंगे,दुनिया के किसी कोने से लड़की लाऊंगा,आप उसे रिजेक्ट कर देंगे,,एक काम करिए अपने बनाए एक रॉबर्ट से शादी कर लीजिए परफेक्ट तो वही होते हैं!"

विवेक के ताने पर इशांक ने उसे ऐसी निगाहों से घूरा जैसे उसे खड़े खड़े ही निगल जाएगा,जिस पर विवेक ने नजरे नीचे की और किसी और लड़की के इंतजाम के बारे में सोचते हुए बोला....."अब तो भगवान ही किसी को उतरेंगे,आप के लिए,जो आपको हैंडल करेगी!"