मोमल : डायरी की गहराई - 14 Aisha Diwan द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोमल : डायरी की गहराई - 14

दिन के उजाले में कुछ तो सुकून का सांस लेने मिल जाता था लेकिन रात के अंधेरे में हर पल दिल में दहशत लगी रहती, अब तो रात से डर लगने लगा था। अब्राहम ने सफ़ेद मोतियों का माला मोमल के कलाई में फिर से डाल दिया था और कसम दे दी थी के वो फिर से इसे अपनी कलाई से न निकाले इस लिए मोमल उसके साथ ही हुआ करती। एक ही कमरे में रहते लेकिन अब्राहम अब भी सोफे पर सो रहा था। 
आज संडे की सुबह धूप खिली खिली हुई थी। अब्राहम कहीं जाने लगा तो मोमल उसके पीछे दौड़ी। उसे पीछे आते देख उसने रुक कर पूछा :" तुम कहां भागी जा रही हो?

मोमल :" आप कहां जा रहे हैं? जहां भी जा रहे हैं ,मैं भी जाऊंगी।"

अब्राहम :" मैं तो फादर से मिलने जा रहा हूं! तुम लुना के साथ रहो। मैं आता हूं।"

अंकल हैरी वोही लुना के साथ तालाब के किनारे कुछ पौधे लगा रहे थे। उन्होंने उन की बात सुन कर कहा :" आप दोनो जाइए तब तक मैं लुना को आसपास से घुमा कर ले आता हूं!"

लुना उछल उछल कर बोलने लगी :" हां हां मैं घूमने जाऊंगी नानू के साथ। आप दोनों मेरे लिए चॉकलेट ले आना।"

अब्राहम :" ओके प्रिंसेस लुना! जो आपका हुक्म"

दोनों कार में सवार होकर चर्च की ओर जाने लगे। रास्ते में अब्राहम ने कहा :" मोमो तुम्हे डर लग रहा है ना के कहीं तुम्हे मुझसे प्यार ना हो जाए ? I know तुम डरती हो इस बात से के फिर से तुम्हारे साथ कोई धोखा न हो जाए , कहीं प्यार में फिर से तुम्हारा दिल न टूट जाए, तुम्हे ये भी लगता है की तुम मुझ पर सिर्फ तरस खा कर मेरे साथ हो और मेरी परवाह करती हो! तुम्हे सच में लगता है की तुम्हे मुझ पर सिर्फ तरस आता है और कुछ नहीं? ठीक से सोचा है तुम ने ? 
मोमल उसकी ओर बिना देखे ही बोली :" आप सही कह रहे हैं! मुझे डर लगता है, मैं आप पर ट्रस्ट करना चाहती हूं लेकिन फिर डर लगने लगता है की कहीं कोई गलती तो नही कर बैठूंगी!... मैंने ये प्लान भी बना लिया था के एक बेटा और एक बेटी एडॉप्ट कर लूंगी और सिंगल मॉम बन जाऊंगी ताकी वो मेरे बुढ़ापे का सहारे बने! लेकिन किस्मत में क्या लिखा है ये तो ईश्वर ही जानता है। हम प्लांस बनाते रहते हैं लेकिन होता वोही है जो वो चाहता है।"

अब्राहम ने नर्म आवाज़ में कहा :" मैं भी उस दौर से गुजरा हूं! मेरे अंदर हर लड़की के लिए नफरत भर गया था, जिसे भी देखता था उस में उस लामिया का धोखेबाज चहरा नज़र आता। लेकिन जब तुम्हारी डायरी पढ़ी तो तुम से मिलने का मन करने लगा। तुम ने ही उसमे लिखा था के सियाही दिलों पर गहरा असर करती है, तो तुम्हारी लिखी हुई एक एक बात मेरे दिल पर गहरी असर डालती गई!...तुम वो लड़की हो जिसे देख कर सुकून मिलता है! अगर कोई आकर कहे की मोमल धोखेबाज़ है तब भी मैं एक बार भी तुम पर शक नहीं करूंगा! क्यों के धोखा खाए हुए लोग दूसरों को धोखा नहीं देते, वो जानते हैं की एक इंसान भरोसा तोड़ता है तो पूरी इंसानियत से भरोसा टूट जाता है!.... मोमो , मैं तुम्हे बहुत ज़्यादा पसंद करने लगा हूं! लेकिन मुझे डर नही लग रहा है की इस बार मेरे साथ गलत तो नहीं हो जायेगा क्यों के मुझे यकीन है के इस बार मैंने गलत लड़की नही चुनी है! मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगा जब तक ज़िंदा हूं।"

मोमल खामोश थी। उसने एक नज़र उसकी ओर डाली जिसके चहरे पर कोई खौफ नहीं था। बल्के अपने दिल की बात कह कर उसका चहरा और भी खिला हुआ लग रहा था। 
चर्च के सामने पहुंच कर दोनो गाड़ी से उतरे, कुछ देर बाहर इतंजार करने के बाद फादर ने उन्हे मिलने के लिए बुलाया। 
फादर उनके सामने बैठते हुए बोले :" क्या कुछ पता चला?

अब्राहम ने बताया :" फादर ! लामिया की लाश नही मिली क्यों के उसे पानी में फेंका गया था इस लिए उसके सीने से चाकू निकालना तो मुमकिन नहीं है लेकिन मुझे ये समझ नही आ रहा है की वो हम दोनों के पीछे क्यों पड़ी है? और उस से कैसे पीछा छूटेगा?

फादर ने एक गहरी सांस ली फिर अब्राहम और मोमल को एक एक नज़र देखते हुए कहा :" आप के दिल में उसके लिए नफरत भरी हुई है! आपने उसे माफ नहीं किया जिस वजह से मरने के बाद उसे मुक्ति नहीं मिली! वह एक शैतानी ख्याल की लड़की थी और मरने के बाद उसे शैतानी शक्तियों मिल गई अब वह नहीं चाहती है कि उसे मुक्ति मिले अगर आपने उसे दिल से माफ कर दिया तो शायद उसे मुक्ति मिल जाएगी इसलिए वह आपको मार देना चाहती है ताकि आप दिल में नफरत लेकर मर जाए!

अब्राहम :" अच्छा ठीक है अगर यह बात है तो वह मोमल के पीछे क्यों पड़ी है, इससे तो कोई वास्ता नहीं है तो फिर क्यों?

फादर ने उसके कंधे पर हाथ फेरते हुए कहा :" देखो बेटा ! जब किसी इंसान को अपने बीते हुए कल से बेहतर अपना आज लगने लगता है तो वो अपने कल की सारी परेशानी, दुख तकलीफ भूलने लगता है, अगर कोई किसी को दुख देता है फिर उस इंसान के जगह कोई उसे बहुत प्यार देता है तो उसके दिल से धीरे धीरे नफरत खत्म हो जाती है!... जब लामिया ने आपकी जिंदगी में मोमल को देखा तो उसे इस बात से डर लगने लगा कि आपके दिल से उसके लिए नफरत खत्म हो जाएगी क्योंकि अब आप फिर से किसी से मोहब्बत करने लगे हैं! यह बात जाहिर है कि अगर वह आपकी मोहब्बत को चोट पहुंचाएगी तो आपको गुस्सा आएगा, आपके दिल में और नफरत बढ़ जाएगी और वह यही चाहती है! आप को मारने में नाकाम हो रही है इस लिए मोमल को निशाना बना रही है। उसे शैतान बनकर खुशी मिल रही है। अगर मुक्ति मिल गई तो वह नरक के आग में जलेगी इसलिए वह यही रहना चाहती है शैतान बनकर"

अब्राहम ने पूछा :" तो अब मुझे क्या करना चाहिए फादर! मैं उसे माफ कर दूं?

फादर  :" हां उसे माफ कर दीजिए लेकिन इस बात का ध्यान रहे की सिर्फ जुबान से कहने से कुछ नहीं होता आप को उसे दिल से माफ करना होगा! जब लगे की वो आसपास है तो उसे सुना कर कहना है के मैने तुम्हे माफ किया ! उसके कानों तक ये आवाज़ पहुंचनी चाहिए!"

मोमल ने अब्राहम से कहा :" आप उसे माफ करने की कोशिश कीजिए! वरना वो आपको मारने की कोशिश करते रहेगी।"

फादर से ब्लेसिंग्स लेकर वो दोनों वापस जाने लगे। वो सोच में डूबा हुआ गाड़ी चला रहा था। मोमल उसकी ओर देखते हुए बोली :" ना जाने क्यों जब से हम मिले हैं सब हमे कपल समझ रहें हैं! यहां तक के फादर भी ! उस भूतनी को भी गलत फहमी हो गई और उसने हमे love birds समझ लिया।"

अब्राहम मायूस हो कर बोला :" उसे गलत फहमी नही हुई है! मेरी आंखे देख कर एक बच्चा भी कह सकता है की मुझे तुम पर प्यार है! बस एक तुम्हे ही हो जिसे दिखाई नहीं दे रहा है। कोई बात नही! लामिया से तुम्हे बचाने के लिए मैं तुम्हे खुद से दूर कर दूंगा! मेरे प्यार को तुम पर मुसीबत बनने नही दूंगा! मैं नही चाहता मेरा love और care तुम पर बोझ बने! तुम्हारी खुशी ही मेरी पहली प्रायरिटी है।....तुम लुना को लेकर अंकल हैरी के घर में रहो मैं लामिया को माफ करने की कोशिश करूंगा।"

मोमल का दिल कांप रहा था। वो बहुत ज़्यादा उलझी हुई थी। समझ नही आ रहा था के उसे क्या जवाब दे और क्या करे , वो भी अच्छे से समझ सकती थी के अब्राहम उसे चाहता है लेकिन बस न समझने का दिखावा कर रही थी। वो बस खामोश हो कर उसे देखती रही।  

घर आने के बाद अब्राहम ने नम आंखों से लुना को गोद में लेकर प्यार करते हुए कहा :" बेटा कुछ दिन आप मम्मा के साथ नाना जी के घर में रहो फिर मैं आप को स्कूल लेकर जाऊंगा ठीक है!"

लुना अपनी मासूम आवाज़ में बोली :" लेकिन आप यहां अकेली रहोगे पापा? 

अब्राहम का दिल फट रहा था , उसके मुंह से पापा सुन कर ऐसा लग रहा था के वो उसकी सगी बेटी है। मन में बाप जैसे जज़्बात पनपने लगे थे, दिल में टीस उठी थी लेकिन फिर भी होंठों पर मुस्कान लेकर बोला :" नही मुझे काम से टीम के साथ बाहर जाना होगा इस लिए!"

लुना उसके गले लग कर बोले :" ओके पापा! जब काम खत्म हो जाएगा फिर आप मुझे और मम्मा को लेने आ जाना।"

अब्राहम के मुस्कान में अफसोस और दर्द साफ झलक रहा था। मोमल कमरे से अपना बैग ले आई, आकर उसने लुना से कहा :" लुना जाओ गाड़ी में बैठो, नाना जी इंतज़ार कर रहे हैं! मैं आ रही हूं।"

लुना अब्राहम के गोद से उतर कर फुदकती हुई चली गई, मोमल उस के सामने खड़ी हो कर आंसू भरे आंखों से उसे देखते हुए बोली :" अपना खयाल रखना! और माफ कर दीजिए उस चुड़ैल को ताकी वो जहन्नुम की आग में जले!"

अब्राहम ने नज़रे झुका ली, उसे बिना देखे ये बोलते हुए अंदर आ गया की " तुम जाओ, मेरी फिक्र मत करना और ख्याल रखना।"

वो चला गया तो मोमल आवाज़ लगा कर बोली :" मैं कॉलेज में मिलूंगी आप से! मुझे उस भूतनी से डर नही लगता जो समझना है समझने दीजिए उसे!" (फिर रोते हुए धीरे से बोली) आप बस मरना मत!"

कार का हॉर्न बजा तो वो तेज़ तेज़ चलते हुए जा कर गाड़ी में बैठ गई, अब्राहम अपने दरवाज़े के पास फर्श पर बैठ गया। टूटा हुआ सा थका हरा दिख रहा था। दिल रो रहा था लेकिन ज़ुबान खामोश थी। कुछ पल यूं ही बेसुध बैठा रहा फिर उठ कर पूरे घर में घूमते हुए ये जानने की कोशिश करने लगा के लामिया यहां है या नही लेकिन उसे उसके मौजुद होने का आभास नही हुआ। 

वो इंतज़ार करता रहा और इसी तरह दिन गुज़र गया। शाम को वो तन्हा घर के बरामदे में बैठा था। एक लाल गाड़ी आ कर रुकी। उसने देखा के उसके डैड कार से उतर रहें हैं। 
अपने डैड को देखते ही उसकी सुनी आंखों में चमक आ गई और खुश हो कर पास दौड़ा। 
क़रीब साठ इकसठ साल के लंबे चौड़े कद काठी के बुज़ुर्ग थे। उनके बाल सफेद हो गए थे लेकिन फिर भी काफी फिट लग रहे थे। ओवर कोट पहने हुए हाथ में एक बड़ा सूटकेस लेकर आए, अब्राहम को गले लगा कर कहा :" लो मैं आ गया! अब तो खुश हो ना?

अब्राहम बहुत खुश था। उसके आंखों में हल्की सी लालिमा छा गई, उसकी आंखों में जो पानी झिलमिला रहे थे वो गम के नही बल्के खुशी की लहरे थी। 
उसने उनके हाथ से सूटकेस लेकर कहा :" वेलकम डैड! मैंने आपको बहुत मिस किया! आप ने मुझे बताया नही के आप आ रहे हैं?

डैड ने हंसते हुए चलते चलते कहा :" बता देता तो तुम्हारे आंखों में इतनी खुशी नही देख पाता! मैं जर्मनी से सीधा तुम्हारे पास आया हूं! तुम्हारे मझले भाई को पता भी नही है की मैं इंडिया आ गया हूं।"

अब्राहम :" आप ने कैसे आने का सोचा, और भैया ने आने दे दिया?

डैड :" बस दिल किया के तुम्हारे साथ कुछ दिन रह लूं!...जब तुम्हारी मर्ज़ी होगी तब तुम शादी कर लोगे लेकिन मैं अपने बुढ़ापे में छोटे बेटे के साथ भी कुछ समय बिताना चाहता हूं, इस लिए आ गया।....ये सर पर चोट कैसे आई तुम्हे?"
अब्राहम :" ओह ये ! एक छोटा सा कट लग गया था, फोटो फ्रेम के कांच से।"

फिर वो सोफे पर बैठते हुए बोले :"मेरी फोटो की कांच टूटी है क्या ? खैर ये बताओ ,कोई लड़की पसंद आई तुम्हे ? या अब भी किसी पर भरोसा नहीं होता?

ये बात पूछते ही अब्राहम के आंखो के सामने मोमल का चहरा आ गया। उसने साफ साफ कह दिया :" हां एक लड़की पसंद है लेकिन उसने अभी हां नही कहा है! जब वो तैयार हो जायेगी तब शादी कर लूंगा।"

डैड बड़े ताज्जुब से बोले :" क्या अभी तक उसने हां नही किया? कोई लड़की तुम्हे जवाब न दे ये तो बड़े ताज्जुब की बात है!... चलो कोई बात नही तुम्हे ढंग से बोलना नही आया होगा। मुझसे मिलवा देना उस से मैं बात करूंगा।"

अब्राहम मुस्कुरा कर बोला :" डैड आप अभी तो आए हैं और आते ही किन बातों को लेकर बैठ गए हैं! आप फ्रेश हो जाइए मैं आपके लिए कॉफी बना कर लाता हूं।"

डैड उसी कमरे में गए जहां मोमल रह रही थी। जाते ही उनकी नज़र तकिए के पास पड़े स्कार्फ पर पड़ी। उन्होंने ताज्जुब से उसे उठा कर देखा जिसमे से खुशबू भी आ रही थी। 
कपड़े बदल कर वो स्कार्फ हाथ में लिए बाहर आ कर बोले :" बेटा ये स्कार्फ किसका है? 

उनके हाथ में मोमल का स्कार्फ देख कर अब्राहम चौंक गया और बड़ी बड़ी आंखों से देखते हुए बोला :" ओह डैड ये तो लुना का है! अंकल हैरी की नवासी!"

डैड ने शाकीय अंदाज़ में पूछा :" कितनी बड़ी है वो? 
उन्हे लगा की लुना कोई बड़ी लड़की है।

अब्राहम :" वो तो पांच साल की बच्ची है! बहुत प्यारी है।"

डैड :" ओह पांच साल की है! तो जिस लड़की को तुम पसंद करते हो उसका नाम क्या है?

अब्राहम :" उसका नाम मोमल मैरी है। वो एक लाइब्रेरियन है।"

डैड काफी पीते हुए :" अच्छा अच्छा! उम्मीद है की अच्छी होगी। लेकिन ये स्कार्फ मुझे किसी बड़ी लड़की की लगती है।"

अब्राहम ने झट से उनके हाथ से स्कार्फ ले लिया और उसे अपने पीछे छुपाते हुए कहा :" लुना का ही है! कल मैं अंकल हैरी को दे दूंगा।"

दोनों बाप बेटे ने बहुत सारी बातें की, देर रात तक उनके दरमियान इधर उधर की बाते होती रही। कुछ पल के लिए अब्राहम भूल ही गया था के उस पर कोई मुसीबत भी है। सब अच्छा लग रहा था। 
जब सोने गया तो उसने फिर ध्यान लगाया के शायद लामिया आई हो लेकिन अब भी कुछ समझ नही आ रहा था के वो वहां है या नहीं, लगता था के वो नही है। उनसे मोमल से मैसेज कर के पूछा के वो वहां है या नही लेकिन मोमल को भी कुछ आभास नही हो रहा था। शायद वो जान गई है की अब अब्राहम उसे माफ कर देना चाहता है। 

सुबह उठ कर उसने जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार किया फिर खुद कॉलेज के लिए तैयार हो गया लेकिन उसके डैड अब तक नहीं उठे, उसने आवाज़ लगाया :" डैड!... डैड उठ जाइए!... डैड"

बार बार आवाज़ लगाने के बाद भी वो नही उठ रहे थे। कुछ देर इतंजार करने के बाद अब्राहम उनके कमरे में गया। कमरे में जा कर देखा तो उसकी दुनिया एक पल में सुन्न पड़ गई। डैड के मुंह से खून निकल कर गले से होते हुए बिस्तर पर गिरा हुआ है और वो सुख भी गया है। उनका जिस्म मुर्दा पड़ा है। आंखे फटी हुई है और चहरा फीका पड़ा है। 
अपने डैड को इस तरह देख कर उसके कदम जैसे एक जगह जम गए हों। कुछ देर तो वो सांस लेना भी भूल गया था और हिम्मत नहीं कर पा रहा था के उन्हे छू कर देखे। आगे बढ़ने की कोशिश की तो पैर लड़खड़ा गए और उनके सिरहाने बैठ कर एक बार ज़ोर से चिल्लाया " डैड"

उसकी आवाज़ से पूरा जंगल जैसे गूंज गया। यक बारगी बेसुध उन्हे उठाते हुए रोने लगा :" डैड क्या हो गया आपको! एक बार बात कीजिए मुझसे! डैड प्लीज़ उठ जाइए, प्लीज़ डैड!"

एक अकेला रोता बिलखता अपने मरे हुए बाप को उठाने की नाकाम कोशिश करते करते थक गया और उनके सिरहाने सर रख कर रोता रहा। 

(अगला भाग जल्द ही)