रीता के मना करने पर विशाल नाराज हो गया औऱ मुँह फेरकर सो गया।
सुबह वह उठा लेकिन अनमना सा रहा।वह घुमने के लिए गए थे।दिन में घूमने के बाद रात को लौटे तब रीता बोली
जब मुझसे बोलना ही नही था तो मुझे साथ क्यो लाये
"तुम्हे मुझ पर विश्वास नही है
"अगर विश्वास न होता तो तुम्हारे साथ क्यो आती।मैं तो सगाई हुई उसी दिन अपना पति तुम्हे मान चुकी हूँ
"मुझे तुम पसन्द हो तभी तो तुम्हे जीवन साथी बनाना चाहता हूँ
रीता नही चाहती थी उसका प्यार जीवन की शुरुआत होने से पहले ही उससे रुठ जाए।इसलिए समर्पित होते हुए बोली
मैं तुम्हारी हूं।तुम्हे रोकूंगी नही
औऱ दो शरीर मिलकर एक हो गए थे
पहले हनीमून कमरे के अंदर मनाया जाता था।शादी के बाद जब एकांत में पति पत्नी का मिलन होता था।उसे हनीमून या सुहागरात कहते है।समय के साथ और पश्चिमी सभ्यता के सम्पर्क में आने पर हमारे समाज मे भी बदलाव आए।सम्पन्न लोग शादी के बाद हनिमून के लिए हिल स्टेशन पर जाने लगे।फिर जब आमजन या माध्यम वर्ग के लोग भी हिल स्टेशन जाने लगे तो बडे और धनी लोग विदेश में जाकर हनीमून मनाने लगे।
अब एक ट्रेंड से बन गया है।अब एक नया ट्रेंड चला है।यह है अर्लिमून
युवक युवती का रिश्ता हो जाने पर वे अर्लिमून को जाने लगें है।इसका मकसद है कि शादी से पहले युवक युवती एक दूसरे को समझ सके।रीता अपने मंगेतर के साथ अर्लिमून को गयी थी।लेकिन हनीमून ही मना डाला।इसमें बुराई भी क्या थी।जब रीता की शादी विशाल से ही होनी थी तो क्या फर्क पड़ता है उनके शारीरिक सम्बन्ध शादी से पहले बने या बाद मे
औऱ रीता व विशाल वापस पुणे लौट आये थे।जब विशाल अगले दिन ऑफिस पहुंचा तो सी ई ओ मल्होत्रा ने उसे बुलाया था।उसे लेटर देते हुए बोला
तुम्हे छः महीने के लिए अमेरिका भेजा जा रहा है
विशाल यह बात रीता को बताते हुए बोला
तुम भी चलो
कम्पनी तुमको भेज रही है फिर मैं कैसे चालू
मैं कोशिश करता हूँ शायद बात बन जाये
करके देख लो
विशाल ,रीता को अपने साथ ले जाना चाहता था।उसने कम्पनी मैनेजमेंट से बात कि लेकिन बात नही बनी थी।जब वह जाने लगा तब रीता एयर पोर्ट गई थी।विशाल बोला
तुम भी साथ होती तो कितना अच्छा रहता
अब कम्पनी नही चाहती
इतना समय भी नही था कि शादी कर लेते
फिर तो नौकरी छोड़कर जाना पड़ता"रीता बोली,"छः महीने निकलने में टाइम नही लगेगा।लेकिन टाइम मिले तब फोन करते रहना
औऱ विशाल अमेरिका चला गया था।न्युरोर्क पहुचने पर विशाल ने फोन करके रीता को बताया था।
समय मिलने पर विशाल,रीता को फोन करना नही भूलता था।फोन पर वे एक दूसरे से हर छोटी बड़ी बात शेयर करना नही भूलते थे।विशाल रीता को अमेरिका के बारे में बहुत कुछ जानकारी देता रहता था।और पता ही नही चला कब धीरे धीरे करके पांच महीने गुजर गए उधर विशाल के आने का समय हो रहा था।इधर कम्पनी ने उसे छ महीने के लिए अमेरिका जाने के आदेश दे दिए।पहले रीता के मन मे आया वह विशाल को अपने आने के बारे में बता दे
लेकिन फिर उसने सोचा।वह विशाल को सरप्राइज देगी।अचानक बिना बताए उसके सामने पहुंचेगी
और रीता ने उसे नही बताया था