मोमल : डायरी की गहराई - 7 Aisha Diwan Naaz द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोमल : डायरी की गहराई - 7

रात के अंधेरे में , जगमगाता हुआ हॉस्टल का बिल्डिंग दूर से दिखाई दे रहा था। नीलम पढ़ाई करने बैठ गई थी। मोमल अपने बिस्तर पर सिकुड़ कर बैठी थी, उसके कान के पास किसी के फिस्फिसा कर हंसने की आवाज़ आ रही थी लेकिन वो ये सुन कर भी पत्थर बन कर बैठी रही ताकि नीलम ना डर जाए , अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो उसके साथ नही रहेगी और फिर से वो अकेली हो जायेगी। 
अब्राहम फादर को लेकर होस्टल आया। उसने हॉस्टल वार्डन से बात कर के मोमल से मिलने की इजाज़त ली फिर उसके कमरे के बाहर जा कर दस्तक दी। मोमल बेसब्री से उसी का इंतज़ार कर रही थी। जैसे ही दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आई, वो उठ कर दरवाज़ा खोलने दौड़ी, अब्राहम को देखते ही उसका हाथ कस कर पकड़ा और डरी सहमी बोलने लगी :" वो वो भूत मेरे साथ साथ ही है! उसके हंसने की गंदी सी आवाज़ आती रहती है जैसे वो मेरे गर्दन पर अपना मुंह सटाए रखता हो। मुझे डर लग रहा है।"

अब्राहम ने परेशान हो कर फादर की ओर देखते हुए मोमल से कहा :" मोमो ! शांत हो जाओ, डरो मत फादर आए हैं!
(फिर उसने फादर से कहा) आप ने सुना ना फादर ! वो बुरी आत्मा मोमल के पीछे पड़ गई है! पहले ये आवाज़ें मुझे सुनाई देती थी लेकिन आज सुबह से मैने कुछ मेहसूस नही किया मतलब उस शैतान ने मेरा पीछा छोड़ कर अब इसके पीछे लग गया है।"

फादर ने पूछा :" आप दोनो के अलावा किसी और ने कुछ देखा या सुना ? 

अब्राहम :" नहीं, बस हम दोनो।"

फादर ने कहा :" मुझे आप दोनो से अकेले में बात करनी है! मेरी बच्ची क्या तुम हॉस्टल कैंपस के ग्राउंड में आ सकती हो?

मोमल सहमी हुई सी बोली :" हां जहां जाना होगा में जाऊंगी पर उस आत्मा से मुझे बचा लीजिए!"

वो तीनों नीचे हरे मैदान में आए, कुछ कुछ दूरी पर लाइट बल्ब के खंभे लगे थे जिसकी रौशनी मैदान में फैली हुई थी। वो तीनों एक जगह खड़े  हुए , फादर ने पूछा :" ये सब कब से शुरू हुआ और आप दोनो का आपस में क्या रिश्ता है? मुझे सब सच सच बताइए, ताकी मैं कुछ पता कर सकूं "

मोमल अब्राहम की ओर जवाब के इतंजार में देख रही थी, अब्राहम ने एक बार उसकी तरफ देखा फिर जवाब दिया :" दरअसल आठ दिन पहले मोमल यहां आई थी और अपनी डायरी भूल कर चली गई थी, वो डायरी मेरे पास रह गई तो मैंने सोचा के ना जाने किस की डायरी है मैं पढ़ कर देखता हूं! मैं पढ़ने लगा और बस पढ़ता ही गया। वो पहला दिन था जब मैने किसी के सांस लेने की आवाज़ सुनी, फिर उसके बाद से हर वक्त मुझे आवाज़ें सुनाई देने लगी, कभी रोने को तो कभी चलने फिरने की ,और आज जब मोमल अपनी डायरी लेने मेरे घर पर आई तो उसने उस आत्मा को मेरे कमरे में देखा। उसके बाद से आपको पता ही है क्या हुआ!"

फादर ने गहराई से सोचते हुए कहा :" मतलब आप दोनो का जुड़ाव उस डायरी से हुआ और उसी से ये सब शुरू हुआ!.... मेरी बच्ची मोमल, मुझे ये बताओ के जिस आत्मा को आप ने देखा था वो किस के जिस्म में थी, मर्द या औरत ?

मोमल ने बताया :" कुछ समझ नही आया के वो मर्द था या औरत थी क्यों के उसका जिस्म काले धुवें से भरा हुआ था बस उसकी लाल लाल बाहर निकली हुई आंखे दिख रही थी!"

फादर ने फिर से सवाल किया :" अच्छा ये बताइए डायरी में आप ने सिर्फ अपने बारे में लिखा है या कुछ और भी है? किसी के बारे में कोई गहरा राज़?
मोमल और अब्राहम ने एक दूसरे की ओर देखा फिर मोमल ने डरते डरते कहा :" एक शख्स के बारे में लिखा है! मार्को, जो बहुत बुरा इंसान है, हैवान से भी बदतर! उसने मेरा किडनैप किया था और मुझे बहुत ज़्यादा टॉर्चर किया था!"

ये कहते कहते मोमल की सांसे तेज़ हो गई और उसके हाथ बुरी तरह कांपने लगे। उसे इस हाल में देख कर अब्राहम ने उसका हाथ पकड़ा और धीमी आवाज़ में कहा :" कोई बात नही वो सब गुज़रा हुआ पल था! उसे याद मत करो।"

फादर ने प्यार से मोमल के सर पर हाथ फेरते हुए कहा :" मेरी बच्ची, इंसान गॉड की सब से अच्छी रचना है लेकिन वो सब से बुरी भी हो सकती है! ज़रूरी नही के हमेशा तुम्हारे साथ अच्छा हो लेकिन हमेशा तुम्हारे साथ बुरा नही होता , हर इंसान को इसी दुनिया में उसके किए का फल ज़रूर मिलता है। मेरी प्रेयर तुम्हारे साथ है, सब ठीक हो जायेगा।... लेकिन हमे एक बात जानना ज़रूरी है! क्या मार्को ज़िंदा है या मर गया है? अगर किसी तरह उसकी मौत हो गई है तो ये आत्म उसी की हो सकती है! हो सकता है बदले की भावना लेकर वो मर गया हो। जब अब्राहम ने उसके बारे में पढ़ा तब अब्राहम को भी मार्को से नफरत हो गई थी और उस नफरत में अब्राहम ने उसे बद्दुआ दी होगी इस लिए वो इसे भी परेशान करने लगा।"

अब्राहम ने कहा :" हां! जब मैं ने उसके बारे में पढ़ा तब मैं ने दिल ही दिल उसे बहुत गालियां दी थी और सोच रहा था के काश हाथ आता तो उसकी हड्डी पसली तोड़ देता!... तो क्या ये मार्को की आत्मा है जो मोमो से बदला लेना चाहता है?

फादर ने गहरी सांस लेते हुए कहा :" यकीन के साथ तो नही कह सकते लेकिन अगर वो मर गया है तो वोही है!....उसके अलावा कोई और मोमल को क्यों परेशान करेगा? 

मोमल का दिल कांप उठा। वो घबराहट में मुरझाई जा रही थी। उसने भरी भरी आवाज़ से कहा :" लेकिन मुझे नही मालूम के वो ज़िंदा है या मर गया!"

अब्राहम ने कहा :" मोमो तुमने अपनी डायरी में लिखा था ना के उसकी लिव इन पार्टनर उसे मारना चाहती थी! शायद उसने मार दिया होगा, मैं पता करता हूं, तुम ये सब मुझ पर छोड़ दो, मैं उसके बारे में सब कुछ ढूंढ निकालूंगा।"

उसे समझा कर अब्राहम ने अपनी कलाई पर बंधी सफेद मोती का माला निकाल कर मोमल के कलाई में पहना दिया और कहा के इसे किसी भी हाल में अपने पास ही रखना।

अब्राहम ने फादर से कहा :" फादर , क्या उस आत्मा को खत्म करने का कोई रास्ता है?

फादर ने बताया :" जो इंसान ज़िंदा रहते हुए बुरा होता है वो मरने के बाद और बुरा हो जाता है क्यों के उसे शैतानी शक्तियां मिल जाती है। ऐसी आत्मा को नष्ट करना मुश्किल तो है पर मुमकिन है! पहले हमे नाम और उसके मरने की वजह मालूम होनी चाहिए, फिर हम उसे नष्ट करने का तरीका ढूंढ सकते हैं।"

फादर ने मोमल के सर पर हाथ फेरते हुए दुवाएं दी और जाने लगे। मोमल सहमी नज़र से अब्राहम को जाते हुए देख रही थी, उसकी आंखों में बेबसी के आंसू झिलमिला रहे थे। 
अब्राहम ने जाते हुए उसकी ओर देखा , उसका दिल गवारा नहीं कर पा रहा था के उसे अकेला छोड़ कर जाए, वो मुड़ कर वापस आया और उसका हाथ पकड़ कर बोला :" मैं समझ सकता हूं तुम्हे इस वक्त कैसा लग रहा है! घबराओ मत मैं तुम्हारे साथ हूं, हम मिल कर उस शैतान को हरा देंगे! तुम इस माला को अपने हाथ से मत उतारना, फादर ने कहा है की इस से कोई बुरी आत्मा तुम्हे चोट नहीं पहुंचा सकती लेकिन तुम्हे घबराना नहीं है, हिम्मत रखना वो तुम्हे डराने की कोशिश करेगा, तुम नज़र अंदाज़ कर देना। तुम्हारा डर उसकी हिम्मत बढ़ाएगी इस लिए be strong, I'm with you!... जाओ जा कर कुछ खाओ पियो , तुम्हे अच्छा महसूस होगा।"

उसे समझा बुझा कर वो फादर के साथ चला गया। 
मोमल उस माला को अपने हाथ में देखते हुए अपने कमरे में चली गई, 
हॉस्टल की कई सारी लड़कियों ने ग्राउंड में उन लोगों को बाते करते देखा। उनके होश तब उड़ गए जब अब्राहम मोमल का हाथ पकड़ कर उसे दिलासे दे रहा था। 
ये देख कर लड़कियां सर पीट रही थी, कोई कह रही थी के मिस लाइब्रेरियन ही अब्राहम सर की गर्लफ्रेंड है, तो कोई कह रही थी के ये उनकी कोई रिश्तेदार भी हो सकती है। 
सब अपने अपने हिसाब से अंदाज़ा लगा रही थी। 

उस सफेद मोतियों की माला के वजह से अब मोमल के मन को काफी शांति मिली थी। जैसा उसे लग रहा था के कोई उसके गर्दन पर लटका है अब उसे ऐसा नहीं लग रहा था। 
उसे देर रात तक नींद नहीं आती इस लिए वो जागती है लेकिन नीलम देर रात तक पढ़ाई करने के लिए जांगती है। 
कमरे में सन्नाटा न छाया रहे इस लिए उसने मोबाइल पर गाना बजाए रखा था, क्यों के अब सन्नाटे से डर लगने लगा था। उसने मोमल से पूछा :" अब तुम्हे कैसा लग रहा है? ठीक तो हो ना?
मोमल ने लेटे हुए ही जवाब दिया :" बहुत बेहतर लग रहा है!"

नीलम :" और अब्राहम सर कैसे हैं? 

मोमल अफसोस के साथ बोली :" वो ठीक तो लग रहे हैं पर ठीक नही है! उनके साथ जो हुआ, कहीं ना कहीं मैं ही उसकी जिम्मेदार हूं! क्योंकि उन्होंने मेरी डायरी पढ़ी फिर भी वह मेरी मदद के लिए तैयार है, फिलहाल उनका एक हाथ लगभग बेकार है! I wish के वो जल्दी ठीक हो जाए, और सब कुछ पहले जैसा हो जाए "

नीलम शरारती होते हुए बोली :" हाय हाय क्या बात है! लगता है उन पर क्रश रखने वाली लड़कियों में से एक संख्या और बढ़ गई है।"

मोमल उकताहट से बोली :" मैं उन लड़कियों में से बिल्कुल भी नहीं हूं मैं बस चाहती हूं कि मेरी वजह से कोई हर्ट ना हो और मिस्टर वाइल्ड की ये हालत है और वह बिल्कुल अकेले हैं इसलिए बस उनके लिए बुरा लग रहा है इंसानियत के नाते और कुछ नहीं! जब सब ठीक हो जाएगा फिर वह अपनी जगह और मैं अपनी जगह!" 

नीलम :" हम्म.... तुम्हे उन पर क्रिश ना हो लेकिन उन्हें तो तुम पर क्रश है!... इस बात को मानो या ना मानो।"

मोमल तिरछी निगाहों से देखते हुए बोली :" और ये उन्होंने तुम से कहा?

नीलम पास आ कर उसके आंखों में आंखें डाल कर बोली :" उनकी आंखों ने कहा है!...कहती है क्या देखो आंखों की जुबां, वो खामोशी से दिल का हाल बयां करती है!....वाह वाह "

मोमल के चहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई और बोली :" मोहतरमा, शायर बनने की जरूरत नहीं है! यह समय इन बातों का नहीं है बस दुआ करो कि सब ठीक हो जाए मैं जैसा सोचकर यहां आई थी वैसे रह पाऊं, खुशी-खुशी।"

अब्राहम के कॉटेज में :_
रात के 11:00 बजे थे, हल्की ठंड घुली हुई हवा चल रही थी। आसमान में कहीं-कहीं बादल छाए हुए थे। ना गर्मी थी ना सर्दी थी। घर के पास वाले तालाब के पानी में चांद की छवि चमक रही थी।हल्की-हल्की पत्तों की सरसराने की आवाज आ रही थी। अब्राहम घर पर अकेला अपनी खिड़की के पास बैठा लैपटॉप में कुछ काम कर रहा था। वह मार्को के बारे में सारी जानकारी निकालने में लगा हुआ था। इतने में उसके पिता का फोन आया। 
उसने काम छोड़ कर फोन उठाया :" हेलो डैड! 

उधर से उसके पिता को भारी सी आवाज़ आई :" हां बेटा कैसे हो? अकेले रह कर मन भरा नही अब तक ?

अब्राहम  :" डैड!... क्या आपने मुझे ताने देने के लिए फोन किया है या आपको सच में मेरी फिक्र है? डैड मैं अकेला नहीं रहना चाहता इसलिए आपको कितनी बार बुलाया लेकिन आप है कि फिजूल की शर्तें मनवाने में लगे हैं!"

पिता जी ने डांट कर कहा :" शादी करने के लिए कहना तुम्हें फिजूल बात लगती है ? तुम्हें क्या लगता है तुम कॉलेज चले जाओगे और मैं दिन भर घर पर अकेला सड़ता रहूं? बहु रहेगी, मेरा ख्याल रखेगी तब ना मैं आकर रह सकता हूं वहां! अब मैं आऊंगा तो तुम्हारी शादी में"

अब्राहम ने लंबी सांस लेते हुए कहा :" ठीक है डैड!.... जब मैं शादी करने लगूंगा तब मैं आपको बता दूंगा आपका दिल गवारा करें तो मेरी शादी में आ जाईएगा।"

ये कह कर उसने फोन रख दिया। सामने रखे अपनी मां को तस्वीर को उदास आंखों से देखते हुए कहा :" मॉम! क्या आप मुझे अकेला छोड़ कर अपने बड़े बेटे के पास चलीं जाती? मुझे पता है आप अपने छोटे बेटे को छोड़ कर नही जाती !....पर कोई बात नहीं मॉम, मैं ठीक हूं, आप उदास मत होना! मैं आपका अच्छा बेटा बन कर दिखाऊंगा। डैड को मुझ पर गर्व हो ना हो आपको ज़रूर होगा।"

अपनी मां की तस्वीर से दिल की बातें करने के बाद वह फिर से अपने काम पर लग गया। कुछ घाटों की मेहनत के बाद उसे कुछ बहुत बड़ी जानकारी मिली और उस जानकारी को देखने के बाद कुछ देर तक उसके होश उड़े रहे उसके दिमाग में सौ तरह की उलझनें पैदा हो गई, नींद आना तो दूर की बात वो अपनी पलके झपकाना भी भूल गया। 

(अगला भाग जल्द ही)